श्री धन्वंतरी चिकित्सा shri dhanvantari chikitsa

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कृप्या इसपर दिये गये नुस्खों को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह ल

16/10/2021

29/04/2021

1950 के दशक में हावर्ड यूनिवर्सिटी के विख्यात साइंटिस्ट कर्ट ने चूहों पर एक अजीबोगरीब शोध किया था

कर्ट ने एक जार को पानी से भर दिया और उसमें एक चूहे को फेंक दिया

पानी से भरे जार में गिरते ही चूहा हड़बड़ाने लगा

जार से बाहर निकलने के लिये ज़ोर लगाने लगा

चंद मिनट फड़फड़ाने के पश्चात चूहे ने हथियार डाल दिये और वह उस जार में डूब गया

कर्ट ने उस समय अपने शोध में थोड़ा सा बदलाव किया

उन्होंने एक चूहे को पानी से भरे जार में डाला, चूहा जार से बाहर आने के लिये ज़ोर लगाने लगा, जिस समय चूहे ने ज़ोर लगाना बन्द कर दिया और वह डूबने को था उसी समय कर्ड ने उस चूहे को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया

कर्ट ने चूहे को ठीक उसी क्षण जार से बाहर निकाल लिया जब वह डूबने की कगार पर था, चूहे को बाहर निकाल कर कर्ट ने उसे सहलाया

कुछ समय तक उसे जार से दूर रखा और फिर एक दम से उसे पुनः जार में फेंक दिया

पानी से भरे जार में दोबारा फेंके गये चूहे ने फिर जार से बाहर निकलने की जद्दोजेहद शुरू कर दी लेकिन पानी में पुनः फेंके जाने के पश्चात उस चूहे में कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिले जिन्हें देख कर स्वयं कर्ट भी हैरान रह गये

कर्ट सोच रहे थे के चूहा बमुश्किल 15 - 20 मिनट संघर्ष करेगा और फिर उसकी शारीरिक क्षमता जवाब दे देगी और वह जार में डूब जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ

चूहा जार में तैरता रहा, जीवन बचाने के लिये सँघर्ष करता रहा

60 घँटे, जी हाँ 60 घँटे तक चूहा पानी के जार में अपने जीवन को बचाने के लिये सँघर्ष करता रहा

कर्ट यह देख कर आश्चर्यचकित रह गये

जो चूहा 15 मिनट में परिस्थितियों के समक्ष हथियार डाल चुका था वही चूहा 60 घँटे से परिस्थितियों से जूझ रहा था और हार मानने को तैयार नहीं था

कर्ट ने अपने इस शोध को एक नाम दिया और वह नाम था "The HOPE Experiment"

Hope यानि आशा

कर्ट ने शोध का निष्कर्ष बताते हुये कहा के जब चूहे को पहली बार जार में फेंका गया वह डूबने की कगार पर पहुंच गया

उसी समय उसे मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया गया, उसे नवजीवन प्रदान किया गया

उस समय चूहे के मन मस्तिष्क में "आशा" का संचार हो गया, उसे महसूस हुआ के एक हाथ है जो विकटतम परिस्थिति से उसे निकाल सकता है

जब पुनः उसे जार में फेंका गया तो चूहा 60 घँटे तक सँघर्ष करता रहा, वजह था वह हाथ, वजह थी वह आशा, वजह थी वह उम्मीद

इस परीक्षा की घड़ी में उम्मीद बनाये रखिये

सँघर्षरत रहिये, सांसे टूटने मत दीजिये, मन को हारने मत दीजिये

जिसने हाथ ने हमें इस जार में फेंका है वो ही हाथ हमें इससे बाहर भी निकाल लेगा

उस हाथ पर विश्वास रखिये

 #खरबूजा खाने के फायदे============1. पथरी:  खरबूजा या फूट की जड़ को ठंडे पानी के साथ पीसकर 7 दिनों तक सुबह के समय पीने से...
17/04/2021

#खरबूजा खाने के फायदे
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1. पथरी: खरबूजा या फूट की जड़ को ठंडे पानी के साथ पीसकर 7 दिनों तक सुबह के समय पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
1 चम्मच खरबूजे का छीला हुआ बीज, 15 दाने बड़ी इलायची तथा 2 चम्मच मिश्री के साथ पीस लें और इसे 1 कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीएं। इससे गुर्दे की पथरी गल जाती है।

2. मूत्रकृच्छ्र (पेशाब करने में परेशानी): खरबूजा या फूट के बीजों को खाने से मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है।

3. गैस्ट्रिक (अल्सर): खरबूजे का रस निकालकर खाली पेट पीने से गैस्ट्रिक रोग समाप्त होता है।

4. कब्ज: कब्ज से पीड़ित रोगी को पक्का खरबूजा खाना चाहिए। इससे कब्ज नष्ट होती है।

5. गुर्दे का रोग: खरबूजे के बीजों को छीलकर पीस लें और पानी में मिलाकर हल्का सा गर्म करके पीएं। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक करने से गुर्दों का रोग ठीक हो जाता है।s

6. जिगर का रोग: खरबूजा सेवन करने से यकृत की सूजन दूर होती है।

7. रक्तपित्त: खरबूजे के बीजों को कूटकर पानी में 12 घंटे तक भिगोएं और फिर इसमें सौंफ की जड़, कासनी की जड़ व मिश्री मिलाकर शर्बत बना लें। इस शर्बत का सेवन करने से रक्तपित्त का रोग ठीक होता है।

8. आग से जल जाना: खरबूजे के बीज को पीसकर सिर पर लगाने और शरीर पर मालिश करने से आग की जलन दूर होती है।

9. सिर का दर्द: खरबूजे के बीजों को गाय के घी व मिश्री में मिला लें और इसे बर्फी की तरह जमाकर सुबह-शाम लगभग 50-50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसके बाद गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीएं। इससे सिर का दर्द ठीक होता है।

10. शरीर की कमजोरी: खरबूजा 250 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से एक किलो पानी का शर्बत बनाकर पीने से शरीर शक्तिशाली बनता है।

11. गर्दन में दर्द: खरबूजे के पत्ते को गर्म करके उस पर थोड़ा सा तेल लगा कर गर्दन पर लपेटकर ऊपर से पट्टी बांधने से गर्दन का दर्द दूर होता है।

मटके का पानी पीना शुरू करें।
17/04/2021

मटके का पानी पीना शुरू करें।

डाबर, पतंजलि, एपिल हिमालय, बैधनाथ, झंडू,, इंडिजिसियस, हाय व सोसायटी, नेचुरेले, इन बड़ी बड़ी कंपनियों का शहद खाने से बचें...
04/12/2020

डाबर, पतंजलि, एपिल हिमालय, बैधनाथ, झंडू,, इंडिजिसियस, हाय व सोसायटी, नेचुरेले, इन बड़ी बड़ी कंपनियों का शहद खाने से बचें | ये शहद नहीं शहद के नाम के पर सीरप रूपी जहर खिला रही है आपको | शुद्ध प्राकृतिक शहद खाने के लिए अपने लोकल के मधु मक्खी पालक किसान के पास से ही खरीदे |

बच्चा पैदा करने के लिए क्या आवश्यक है..?पुरुष का वीर्य और औरत का गर्भ...!लेकिन रुकिए ...सिर्फ गर्भ...?नहीं... नहीं...!!!...
03/12/2020

बच्चा पैदा करने के लिए क्या आवश्यक है..?

पुरुष का वीर्य और औरत का गर्भ...!

लेकिन रुकिए ...सिर्फ गर्भ...?

नहीं... नहीं...!!!

एक ऐसा शरीर जो इस क्रिया के लिए तैयार हो।
जबकि वीर्य के लिए 13 साल और 70 साल का
वीर्य भी चलेगा।

लेकिन गर्भाशय का मजबूत होना अति आवश्यक है,
इसलिए सेहत भी अच्छी होनी चाहिए।
एक ऐसी स्त्री का गर्भाशय
जिसको बाकायदा हर महीने समयानुसार
माहवारी (Period) आती हो।

जी हाँ !
वही माहवारी जिसको सभी स्त्रियाँ
हर महीने बर्दाश्त करती हैं।
बर्दाश्त इसलिए क्योंकि
महावारी (Period) उनका Choice नहीं है।
यह कुदरत के द्वारा दिया गया एक नियम है।
वही महावारी जिसमें शरीर पूरा अकड़ जाता है,
कमर लगता है टूट गयी हो,
पैरों की पिण्डलियाँ फटने लगती हैं,
लगता है पेड़ू में किसी ने पत्थर ठूँस दिये हों,
दर्द की हिलोरें सिहरन पैदा करती हैं।
ऊपर से लोगों की घटिया मानसिकता की वजह से
इसको छुपा छुपा के रखना अपने आप में
किसी जँग से कम नहीं।

बच्चे को जन्म देते समय
असहनीय दर्द को बर्दाश्त करने के लिए
मानसिक और शारीरिक दोनो रूप से तैयार हों।
बीस हड्डियाँ एक साथ टूटने जैसा दर्द
सहन करने की क्षमता से परिपूर्ण हों।

गर्भधारण करने के बाद शुरू के 3 से 4 महीने
जबरदस्त शारीरिक और हार्मोनल बदलाव के चलते
उल्टियाँ, थकान, अवसाद के लिए
मानसिक रूप से तैयार हों।
5वें से 9वें महीने तक अपने बढ़े हुए पेट और
शरीर के साथ सभी काम यथावत करने की शक्ति हो।

गर्भधारण के बाद कुछ
विशेष परिस्थितियों में तरह तरह के
हर दूसरे तीसरे दिन इंजेक्शन लगवानें की
हिम्मत रखती हों।
(जो कभी एक इंजेक्शन लगने पर भी
घर को अपने सिर पर उठा लेती थी।)
प्रसव पीड़ा को दो-चार, छः घंटे के अलावा,
दो दिन, तीन दिन तक बर्दाश्त कर सकने की क्षमता हो। और अगर फिर भी बच्चे का आगमन ना हो तो
गर्भ को चीर कर बच्चे को बाहर निकलवाने की
हिम्मत रखती हों।

अपने खूबसूरत शरीर में Stretch Marks और
Operation का निशान ताउम्र अपने साथ ढोने को तैयार हों। कभी कभी प्रसव के बाद दूध कम उतरने या ना उतरने की दशा में तरह-तरह के काढ़े और दवाई पीने का साहस
रखती हों।

जो अपनी नीन्द को दाँव पर लगा कर
दिन और रात में कोई फर्क ना करती हो।
3 साल तक सिर्फ बच्चे के लिए ही जीने की शर्त पर गर्भधारण के लिए राजी होती हैं।

एक गर्भ में आने के बाद
एक स्त्री की यही मनोदशा होती है
जिसे एक पुरुष शायद ही कभी समझ पाये।
औरत तो स्वयं अपने आप में एक शक्ति है,
बलिदान है।

इतना कुछ सहन करतें हुए भी वह
तुम्हारें अच्छे-बुरे, पसन्द-नापसन्द का ख्याल रखती है।
अरे जो पूजा करनें योग्य है जो पूजनीय है
उसे हम बस अपनी उपभोग समझते हैं।

याद रखें...
जो औरतों की इज्ज़त करना नहीं जानतें
वो कभी मर्द हो ही नहीं सकतें।,जय हिंद

ज्ञान वर्धक उपाय आजमाने योग्य उपयोगी   #आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स1👉 दांतों में कीडे लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाक...
03/12/2020

ज्ञान वर्धक उपाय आजमाने योग्य उपयोगी
#आयुर्वेदिक हेल्थ टिप्स
1👉 दांतों में कीडे लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे।

2👉 यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा।

3👉 हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है।

4👉 हींग का लेप #बवासीर, तिल्ली में लाभप्रद है।

5👉 कब्जियत की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें, सबेरे शौच साफ होगा।

6👉 पेट के दर्द, अफारे, ऐंठन आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा।

7👉 पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर एनिमा लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं।

8👉 जख्म यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।

9👉 प्रतिदिन के भोजन में दाल, कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।

10👉 #मासिक धर्म के दौरान होने वाली परेशानियां जैसे पेट में दर्द और मरोड़ या अनियमित मासिक धर्म में हींग का सेवन करने से फायदे होते हैं। यह औषधि कैंडिडा संक्रमण और ल्यूकोरहोइया से भी छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होता है।

11👉 सूखी खांसी, अस्थमा, काली खांसी के लिए हींग और अदरक में शहद मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है।

12👉 #हींग की मदद से शरीर में ज्यादा #इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड #शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए।

13👉 हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।

14👉 यह औषधि विचार शक्ति को बढ़ाती है और इसलिए उन्माद, ऐंठन और दिमाग में खून की कमी से बेहोशी जैसे लक्षण से बचने के लिए भी हींग खाने की सलाह दी जाती है।

15👉 #अफीम के असर को कम करने में हींग मदद करता है। इसलिए इसे विषहरण औषधि भी कहा जाता है।

16👉 शोध के अनुसार हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क ( #कैंसर) रोग को बढ़ावा देने वाले सेल को पनपने से रोकता है।

आइये घर पर बनायें कफ सिरप। ठंड के मौसम ने हलकी हलकी दस्तक देनी शुरू कर दी है,इस मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है,...
24/11/2020

आइये घर पर बनायें कफ सिरप।

ठंड के मौसम ने हलकी हलकी दस्तक देनी शुरू कर दी है,इस मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है,क्योकि इस मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश आदि समस्याएँ होने का खतरा बना रहता है.बहुत लोग सर्दी जुकाम हो जाने पर एंटी एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करते है पर हम आपको बता दे की ये आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर डालती है, इसलिए इन दवाओं को लेने से अच्छा है की आप घर पर सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक सिरप का इस्तेमाल करे.आप इसे घर पर ही बना सकते है. आज हम आपको घर पर ही कफ सिरप बनाने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैँ.

जरूरत की चीजें

10-12 #तुलसी के पत्ते,3-4 #लौंग,2 #चम्मच शहद ,चुटकीभर सेंधा #नमक ,सोंठ 1 टुकड़ा ,,,,,,1 छोटी चम्मच दालचीनी पाउडर,2-3 काली मिर्च

बनाने का तरीका

कफ सिरप बनाने के लिए सबसे पहले तुलसी के थोड़े से पत्तो को लेकर धो ले,अब इसमें लौंग, सेंधा नमक, काली मिर्च, सोंठ और दालचीनी पाउडर मिला दे,अब इन सभी को एक साथ मिलाकर अच्छे से पीस लें. अब गैस पर एक बर्तन में एक गिलास पानी डालकर चढ़ा दे,जब ये पानी उबलने लगे तो इसमें तुलसी के पेस्ट डाल दे.जब पानी उबलते उबलते आधा रह जाएं तो इसे आंच से उतार ले.जब ये पानी ठंडा हो जाये तो इसमें शहद मिला दे. सिरप तैयार है. अब इसे एक कांच की शीशी में भरकर रख लें. #सर्दी-जुकाम, गले में खराश होने पर इसका सेवन करें।

कच्चा  #पपीता खाने के  #एक नहीं बल्कि होते हैं कई फायदे... पके पपीते के फायदे तो आप सब जानते हैं लेकिन क्या आपको कच्चे प...
24/11/2020

कच्चा #पपीता खाने के #एक नहीं बल्कि होते हैं कई फायदे...

पके पपीते के फायदे तो आप सब जानते हैं लेकिन क्या आपको कच्चे पपीते के फायदे के बारे में बता है। कच्चा पपीता आपके पूरे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक फल है। इसमें मौजूद विटामिन हमें कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करते हैं। कच्चा पपीता लीवर को मजबूत बनाता है। जानें इससे होने वाले फायदों के बारे में...

#डायबिटीज में फायदेमंद
डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए कच्चा पपीता रामबाण इलाज का काम करता है। इसका सेवन खून में शुगर की मात्रा को कम करता है और इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाता है। डायबिटीज पेशेंट कच्चे पपीते को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।

#कैंसर से बचाव
कई रिसर्च में पाया गया है कि कच्चे पपीते का नियमित तौर पर सेवन करने से कोलन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, फीटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लेवोनॉयड्स हमारे शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को बनने से रोकते हैं। तो सोच क्या रहे हैं कल से पपीते के पराठे से लेकर सब्जी बनाकर खाएं।

वजन कम करने में फायदेमंद
आज हर तीसरा शख्स वजन कम करने की कोशिश में लगा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कच्चा पपीता वजन कम करने में भी कारगर है। इसके सेवन से शरीर में जमा अतिरिक्त फैट निकल जाता है। इसके लिए आप कच्चे पपीते को कदूकस कर के दही के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं।अगर आप कच्चे पपीते को सलाद के तौर पर खाना चाहते हैं तो वो भी बहुत फायदेमंद है।

यूरिन इंफेक्शन
अक्सर महिलाओं को यूरिन इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। कच्चा पपीता इससे राहत दिलाने में भी मदद करता है। यह इंफेक्शन की परेशानी को खत्म करके बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।

गठिया में फायदेमंद
कच्चे पपीते का सेवन जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी बहुत फायदेमंद है। इसके लिए आप 2 लीटर पानी उबाल लें। इसके बाद पपीते को धोकर और इसके बीज निकालकर पानी में 5 मिनट तक उबालें। अब 2 चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालें और थोड़ी देर तक उबलने दें। अब इसे छानकर बोटल में भर लें। दिनभर इस पानी को पीतें रहें।

लीवर रहेगा स्वस्थ
कच्चे पपीते का सेवन हमारे लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह लीवर को मजबूती देता है। जब कभी लीवर में कुछ शिकायत हो तो कच्चा पपीता को अपनी डाइट में शामिल करें। यह लीवर को काफी फायदा पहुंचता है।

ब्रैस्ट फीडिंग में फायदेमंद
जो महिलाएं अपने बच्चे को ब्रैस्ट फीडिंग कराती हैं उन्हें ज्यादा न्यूट्रिशंस की जरूरत पड़ती है। ऐसे में उनके लिए कच्चे पपीते का सेवन बहुत अच्छा रहता है, क्योंकि यह शरीर में सभी एंजाइम की कमी को पूरा करके दूध बढ़ाने में मदद करता है।

कई तरह के इंफेक्शन में लाभदायक
कच्चे पपीते और उसके बीज में बहुत सारा विटामिन ए, सी और ई होता है, जो कि शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। कच्चा पपीता सर्दी और जुखाम के साथ इंफेक्शन से भी लड़ता है।

22/11/2020

* #एक #पलक के कारणे,युं ना #कलंक लगाय।"*

एक #राजा को राज करते काफी समय हो गया था।बाल भी सफ़ेद होने लगे थे।एक दिन उसने अपने दरबार में उत्सव रखा और अपने मित्र देश के राजाओं को भी सादर आमन्त्रित किया व अपने गुरुदेव को भी बुलाया। उत्सव को रोचक बनाने के लिए राज्य की सुप्रसिद्ध नर्तकी को भी बुलाया गया।
राजा ने कुछ स्वर्ण मुद्रायें अपने गुरु जी को भी दी, ताकि नर्तकी के अच्छे गीत व नृत्य पर वे भी उसे पुरस्कृत कर सकें। सारी रात नृत्य चलता रहा। ब्रह्म मुहूर्त की बेला आई, नर्तकी ने देखा कि मेरा तबले वाला ऊँघ रहा है और तबले वाले को सावधान करना ज़रूरी है, वरना राजा का क्या भरोसा दंड दे दे।
तो उसको जगाने के लिए नर्तकी ने एक दोहा पढ़ा -

*"घणी गई थोड़ी रही,या में पल पल जाय।*
*एक पलक के कारणे,युं ना कलंक लगाय।"*

अब इस दोहे का अलग-अलग व्यक्तियों ने अपने अनुरुप अर्थ निकाला।
तबले वाला सतर्क होकर बजाने लगा।

जब यह दोहा *गुरु जी* ने सुना, तो गुरुजी ने सारी मोहरें उस नर्तकी को अर्पण कर दी।
दोहा सुनते ही राजकुमारीने भी अपना नौलखा हार नर्तकी को भेंट कर दिया।
दोहासुनते ही युवराज ने भी अपना मुकुट उतारकर नर्तकी को समर्पित कर दिया ।
राजा बहुत ही अचम्भित हो गया सोचने लगा रात भर से नृत्य चल रहा है पर यह क्या!
अचानक एक दोहे से सब अपनी मूल्यवान वस्तु बहुत ही ख़ुश हो कर नर्तकी को समर्पित कर रहें हैं ?

राजा सिंहासन से उठा और नर्तकी को बोला *एक दोहे* द्वारा एक नीच या सामान्य नर्तकी होकर तुमने सबको लूट लिया।

जब यह बात राजा के गुरु ने सुनी तो गुरु के नेत्रों में आँसू आ गए और गुरुजी कहने लगे - "राजा ! इसको नीच नर्तकी मत कह, ये अब मेरी गुरु बन गयी है, क्योंकि इसके दोहे ने मेरी आँखें खोल दी हैं। दोहे से यह कह रही है कि मैं सारी उम्र जंगलों में भक्ति करता रहा और आखिरी समय में नर्तकी का मुज़रा देखकर अपनी साधना नष्ट करने यहाँ चला आया हूँ, भाई ! मैं तो चला ।" यह कहकर गुरुजी तो अपना कमण्डल उठाकर जंगल की ओर चल पड़े।

राजा की लड़की ने कहा - "पिता जी ! मैं जवान हो गयी हूँ। आप आँखें बन्द किए बैठे हैं, मेरा विवाह नहीं कर रहे थे। आज रात मैं आपके महावत के साथ भागकर अपना जीवन बर्बाद करने वाली थी। लेकिन इस नर्तकी के दोहे ने मुझे सुमति दी, कि जल्दबाज़ी न कर, हो सकता है तेरा विवाह कल हो जाए, क्यों अपने पिता को कलंकित करने पर तुली है ?"

युवराज ने कहा - महाराज ! आप वृद्ध हो चले हैं, फिर भी मुझे राज नहीं दे रहे थे। मैं आज रात ही आपके सिपाहियों से मिलकर आपको मारने वाला था। लेकिन इस दोहे ने समझाया कि पगले ! आज नहीं तो कल आखिर राज तो तुम्हें ही मिलना है, क्यों अपने पिता के खून का कलंक अपने सिर पर लेता है! थोड़ा धैर्य रख।"

जब ये सब बातें राजा ने सुनी तो राजा को भी आत्म ज्ञान हो गया ।राजा के मन में वैराग्य आ गया। राजा ने तुरन्त फैंसला लिया -"क्यों न मैं अभी युवराज का राजतिलक कर दूँ।" फिर क्या था, उसी समय राजा ने युवराज का राजतिलक किया और अपनी पुत्री को कहा - "पुत्री ! दरबार में एक से एक राजकुमार आये हुए हैं। तुम अपनी इच्छा से किसी भी राजकुमार के गले में वरमाला डालकर पति रुप में चुन सकती हो।"

राजकुमारी ने ऐसा ही किया और राजा सब त्याग कर जंगल में गुरु की शरण में चला गया ।

यह सब देखकर नर्तकी ने सोचा -"मेरे एक दोहे से इतने लोग सुधर गए, लेकिन मैं क्यूँ नहीं सुधर पायी ?"
उसी समय नर्तकी में भी वैराग्य आ गया । उसने उसी समय निर्णय लिया कि आज से मैं अपना नृत्य बन्द करती हूँ।
"हे प्रभु ! मेरे पापों से मुझे क्षमा करना। बस, आज से मैं सिर्फ तेरा नाम सुमिरन करुँगी ।"
संक्रमण काल काफ़ी निकल चुका है, बस ! थोड़ा ही बचा है
---- आज हम इस दोहे को कोरोना को लेकर अपनी समीक्षा करके देखे , तो हमने पिछले 22 मार्च से जो संयम बरता, परेशानियां झेली, ऐसा न हो कि अंतिम क्षण में एक छोटी सी भूल, हमारी लापरवाही, हमारे साथ पूरे समाज/गाँव/शहर/राज्य को न ले बैठे।
आओ हम सब मिलकर कोरोना से संघर्ष करें।
घणीगई _थोड़ी रही, _या _में _पल_पल _जाय।
एक _पलक _रे _कारणे, _युं _ना _कलंक _लगाय।"
घर पर रहें, सुरक्षित रहें व सावधानियों का विशेष ध्यान रखें।

अगर आप भी नहीं खाते हैं मूली, तो जरूर पढ़िए इसके फायदे सर्दियों में सलाद के बहुत सारे ऑपशन होते हैं. लेकिन ज्यदातर लोग म...
20/11/2020

अगर आप भी नहीं खाते हैं मूली, तो जरूर पढ़िए इसके फायदे

सर्दियों में सलाद के बहुत सारे ऑपशन होते हैं. लेकिन ज्यदातर लोग मूली खाना ज्यादा पसंद करते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मूली का सलाद खाना या यू कहें कि मूली कच्चा खाना पसंद नहीं करते हैं, तो ऐसे में वो लोग मूली के पराठे या फिर मूली को आचार रूप खाते हैं. हालांकि बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो मूली की शक्‍ल देखकर ही मुंह बनाने लगते हैं. अगर आप भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं तो आपके लिए मूली के फायदों को जानना बेहद जरूरी है.

1. #कैंसर की छुट्टी
#मूली में भरपूर मात्रा में फॉलिक एसिड, विटामिन C और एंथोकाइनिन पाए जाते हैं. ये तत्‍व शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं. मुंह, पेट, आंत और किडनी के कैंसर से लड़ने में यह बहुत सहायक होती है.

2. #डायबिटीज से छुटकारा
मूली कम ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स के लिए जानी जाती है. यानी कि इसे खाने से ब्‍लड शुगर पर असर नहीं होता है. रोजाना सुबह खाने में मूली का सेवन करने से डायबिटीज से जल्द छुटकारा मिल सकता है.

3. सर्दी- #जुकाम में राहत
मूली खाने से जुकाम भी नही होता है. कुछ नहीं तो मूली को कम से कम सलाद में तो जरूर खाना चाहिए.

4. दूर भगाए $बीमारियां
बवासीर में कच्ची मूली या मूली के पत्तों की सब्जी बनाकर खाना फायदेमंद होता है. हर रोज सुबह उठते ही एक कच्ची मूली खाने से पीलीया रोग में आराम मिलता है. अगर पेशाब का बनना बंद हो जाए तो मूली का रस पीने से पेशाब दोबारा बनने लगती है. आधा गिलास मूली का रस पीने से पेशाब के साथ होने वाली जलन और दर्द मिट जाता है. खट्टी डकारें आती है तो मूली के एक कप रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ मिलता है.

5. #पायरिया से राहत
पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में 2-3 बार कुल्ले करें और इसका रस पिएं तो बहुत फायदा होगा. मूली के रस से कुल्ला करना, मसूड़ों-दांतों पर मलना और पीना दांतों के लिये बहुत लाभकारी है. मूली को चबा-चबा कर खाने से दांतों और मसूड़ों की बीमारियां दूर होती हैं.

6. मिटेगी थकान, दूर होगा मोटापा
थकान मिटाने और नींद लाने में मूली बेहद फायदेमंद है. वहीं, अगर आपको मोटापे से छुटकारा पाना है तो मूली के रस में नींबू और नमक मिलाकर खाने से बहुत लाभ मिलता है. दरअसल, मूली खाने से आपकी भूख शांत होती है.

7. #मुंहासों से मुक्ति
मूली में विटामिन C, जिंक, B कांप्‍लेक्‍स और फॉस्‍फोरस होता है. मुंहासों के लिए मूली का टुकड़ा गोल काट कर मुंहासों पर लगाएं और तब तक लगाए रखें जब तक यह खुश्क न हो जाए. थोड़ी देर बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. कुछ ही दिनों में चेहरा साफ हो जाएगा.

20/11/2020

पानी पीने का सही तरीका क्या है? जानिये

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