10/12/2021
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से डायबिटीज अनेक प्रकार के होते हैं, पर व्यवहारिक रूप से इसके दो ही प्रकार हैं - नियंत्रित और अनियंत्रित। जब भी डायबिटीज की बात होती है तो तुरंत इसके गंभीर परिणामों के बारे में चर्चा होने लगती है। यह अनियंत्रित डायबिटीज की समस्या है जो आयु भी घटाता है और कई वर्षों के बाद बीमारियाँ होने लगती हैं जो उन लोगों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से अशक्त कर देती हैं। लेकिन नियंत्रित डायबिटीज एक साधारण अवस्था है और ठीक तरीके से रहने वाले अन्य लोगों की तरह स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं। डायबिटीज किसी को भी और कभी भी हो सकता है। डायबिटीज होने पर लोग भोजन में अत्यधिक परहेज और अत्यधिक व्यायाम करने लगते हैं। साथ ही साइड इफेक्ट के डर से नियमित रूप से दवा लेने में आनाकानी करते हैं। ये सब सही नहीं हैं। सबकुछ सामान्य तरीके से होना चाहिए। डायबिटीज को भार समझना गलत है। पहले की तुलना में सिर्फ अपनी जीवन शैली में थोड़ा परिवर्तन कर देना है। लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं कि खुद अनियंत्रित डायबिटीज का ही साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा है और इसे नियंत्रण में रखने वाली किसी भी दवा का साइड इफेक्ट उससे काफी कम है। दवा लेने में आनाकानी ज्यादा महंगा पड़ सकता है। किन्हें दवा की जरूरत है और कितनी - यह पहले से नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आवश्यकताएँ भिन्न होती हैं। अतः अपने अनियंत्रित डायबिटीज को नियंत्रित करते हुए स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।