18/07/2018
Amway Gilister Jaisa Koi Nahi*
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कोलगेट,पैप्सूडेंट,क्लोजप,सेंसोडाइन और ओरल बी, बनता कैसे है, आपको मालूम है? किसी को नहीं मालूम, क्योंकि ये कंपनीयां कभी बताती नहीं है कि उसने इस पेस्ट को बनाया कैसे? ये पेस्ट दुनिया के सबसे घटिया पेस्ट है, क्यों? क्योंकि ये जानवरों की हड्डियों के चूरे से बनते है। जानवरों की हड्डियों के चूरे के साथ-साथ इनमें एक और खतरनाक चीज मिलाई जाती है, वो है फ्लोराइड। फ्लोराइड नाम उस ज़हर का है, जो शरीर में फ्लोरोसिस नाम की बीमारी पैदा करता है। भारत के पानी में पहले से ही ज्यादा फ्लोराइड है। तीसरी एक और खतरनाक चीज होती है उसमे, ये है Sodium Lauryl Sulphate। मैं जब लोगों से पूछता हूँ कि "आप कोलगेट क्यों इस्तेमाल करते हैं" तो सभी लोगों का कहना होता है कि "इसमें क्वालिटी है।" फिर मैं पूछता हूँ कि "क्या क्वालिटी है?" तो कहते हैं कि "इसमें झाग बहुत बनता है", ये पढ़े-लिखे लोगों का उत्तर होता है।
रसायन शास्त्र में एक रसायन होता है "Sodium Lauryl Sulphate" और रसायन शास्त्र के शब्दकोष (dictionary) में जब आप देखेंगे तो इस "Sodium Lauryl Sulphate" के नाम के आगे लिखा होता है "ज़हर"/"poison" और .05mg मात्रा शरीर में चली जाए तो कैंसर कर देता है। यही केमिकल कोलगेट में मिलाया जाता है, क्योंकि "Sodium Lauryl Sulphate" डाले बिना किसी टूथपेस्ट में झाग नहीं बन सकता। टूथपेस्ट और सेविंग क्रीम दोनों में ये "Sodium Lauryl Sulphate " डाला जाता है, बस थोडा प्रोसेस में अंतर होता है। ये झाग इसी केमिकल से बनता है, तकनीकी भाषा में जिसे सिंथेटिक डिटर्जेंट कहा जाता है, वही इन पेस्टों में मिलाया जाता है। यही सिंथेटिक डिटर्जेंट "Sodium Lauryl Sulphate" कपड़ा धोने वाले वाशिंग पावडर और डिटर्जेंट केक में, शैंपू में और दाढ़ी बनाने वाले सेविंग क्रीम में भी मिलाया जाता है।
दुनिया के सबसे रद्दी पेस्ट हम इस्तेमाल कर रहे हैं। धर्म के हिसाब से भी पेस्ट सबसे ख़राब है। सभी पेस्टों में मरे हुए जानवरों की हड्डियाँ मिलाई जाती हैं। ये कोई भी जानवर हो सकता है, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रमाण से। जरा बताइए कि कब इस संगठन ने कोई बैठक की और कोलगेट के ऊपर प्रस्ताव पारित किया कि "हम कोलगेट को प्रमाणित करते हैं कि ये भारत में बिकना चाहिए" लेकिन कोलगेट भारत में बिक रहा है IDA का नाम बेच कर। "IDA" लिखा रहता है Upper Case में और मोटे अक्षरों में, और "Accepted" लिखा होता है छोटे अक्षर में। यहां भी धोखा है, ये "accepted" लिखते हैं ना कि "certified"। आश्चर्य होता है कि भारत में दाँतों के डॉक्टर इसका विरोध क्यों नहीं करते, कोई डेंटिस्ट खड़ा हो कर इस झूठ को झूठ क्यों नहीं कहता, क्यों नहीं वो कोर्ट में केस करता। कोई भी डेंटिस्ट इस बात को सिद्ध कर सकता है, और वो ये भी बता सकता है कि "कोई भी टूथपेस्ट जिसमे 1000 PPM से ज्यादा फ्लोराइड होता है तो सारे के सारे टूथपेस्ट ज़हर हो जाते हैं, टूथपेस्ट नहीं रहते।" अगर ये बात मैं कोर्ट में को तो कोर्ट मेरी बात नहीं मानेगा, कहेगा कि "आपके पास कोई डिग्री है इससे संबंधित?" दुर्भाग्य से, जिनके पास डिग्री है, वो कोर्ट में जा नहीं रहे हैं और मेरे जैसे लोग, जिनके पास डिग्री नहीं है तो कोर्ट में जा नहीं सकते और खिसिया कर (गुस्सा करके) रह जाते हैं।
आपको एक और जानकारी। अमेरिका और यूरोप में जब कोलगेट बेचा जाता है तो उसपर चेतावनी लिखी होती है। लिखते अंग्रेजी में हैं, मैं आपको हिंदी में बताता हूँ, उसपर लिखते हैं "please keep out this Colgate from the reach of the children below 6 years" मतलब "छः साल से छोटे बच्चों के पहुंच से इसको दूर रखिये/उसको मत दीजिये", क्यों? क्योंकि बच्चे उसको चाट लेते हैं, और उसमे कैंसर करने वाला केमिकल है, इसलिए कहते हैं कि बच्चों को मत देना ये पेस्ट और आगे लिखते हैं-" In case of accidental ingestion, please contact nearest poison control center immediately, मतलब "अगर बच्चे ने गलती से चाट लिया तो जल्दी से डॉक्टर के पास ले जाइए" इतना खतरनाक है और तीसरी बात वो लिखते हैं "If you are an adult then take this paste on your brush in pea size " मतलब क्या है कि "अगर आप व्यस्क हैं /उम्र में बड़े हैं तो इस पेस्ट को अपने ब्रश पर मटर के दाने के बराबर की मात्रा में लीजिये।" आपने देखा होगा कि हमारे यहां जो प्रचार टेलीविजन पर आता है, उसमे ब्रश भर के इस्तेमाल करते दिखाते हैं और जानबूझ कर बच्चों से विज्ञापन करवाया जाता है! ये अमेरीकन कंपनियों की चालबाज़ी है।
1991 में ये टीवी पर विज्ञापन दिखाते थे। आम toothpaste में होता है नमक! लीजिये colgate saltfree और अब बोलते है क्या आपके toothpaste में नमक है? 2-फ़िर लेकर आ गए! colgate max fresh! 2-3 महीने ये बेच कर लोगों को बेवकूफ बनाया! फिर नाम बदल कर ले आये colgate sensitive! इसे अपने sensitive दाँतो और मसाज करें! और विज्ञापन ऐसा दिखाते हैं, जैसे ये कोई सच में सर्वे कर रहे हैं। हमारे दिमाग मे एक मिनट के लिए भी नहीं आता कि कंपनी ने विज्ञापन देने के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं तो वो तो अपने ज़हर को बढ़िया ही बताने वाले हैं। 2-3 महीने इस नाम से बेचा अब नाम बदल कर रख दिया है colgate anti cavity। थोड़े दिन इसको बेचेंगे फिर नाम बदल देंगे। हमारे देश में बिकने वाले पेस्ट पर ये "warning" नहीं होती जो ये कंपनी अपने देश अमेरिका मे लिखती है। हमारे देश मे उसके जगह "Directions for use" लिखा होता है, और वो बात जो वो अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर लिखते हैं, वो यहां भारत के पेस्ट पर नहीं लिखते। कोलगेट के डिब्बे पर ISI का निशान भी नहीं होता, इसको Agmark भी नहीं मिला है, क्योंकि ये सबसे रद्दी क्वालिटी का होता है। जो वो अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर लिखते हैं, वो यहाँ भारत के पेस्ट पर नहीं लिखते। अब क्यों होता है ऐसा ये आपके मंथन के लिए छोड़ता हूं और निर्णय भी आप ही को करना है। यहां भारत में कार्यरत कोलगेट कंपनी का एक पत्र भी है-"अमेरिका और यूरोप के पेस्ट पर जो चेतावनी कंपनी छापती है, वो भारत में उपलब्ध अपने पेस्ट के ऊपर क्यों नहीं छापती"।
आप जिस भी पेस्ट के INGREDIENT में इस केमिकल का नाम देखिये तो उसे इस्तेमाल करने से पहले सोचिए।यहा मैं विकल्प के रूप में महर्षि वाग्भट (3000 साल पहले भारत मे हुए एक संत जो 135 वर्ष की उम्र तक जिए) के अष्टांग हृदयम का कुछ हिस्सा जोड़ता हूं, जिसमे वो कहते हैं कि दातून कीजिए। दातून कैसा? तो जो स्वाद में कसाय हो, कसाय मतलब कड़वा। नीम का दातून कड़वा ही होता है और इसीलिए उन्होंने नीम के दातून की बड़ाई की है। उन्होंने नीम से भी अच्छा एक दूसरा दातून बताया है, वो है मदार का, उसके बाद अन्य दातून के बारे में उन्होंने बताया है जिसमे बबूल है, अर्जुन है, आम है, अमरुद है, जामुन है, ऐसे 12 वृक्षों का नाम, उन्होंने बताया है, जिनके दातून आप कर सकते हैं। चैत्र माह से शुरू कर के गर्मी भर नीम, मदार या बबूल का दातून करने के लिए उन्होंने बताया है, सर्दियों में उन्होंने अमरुद या जामुन का दातून करने को बताया है, बरसात के लिए उन्होंने आम या अर्जुन का दातून करने को बताया है। आप चाहें तो साल भर नीम का दातून इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उसमे ध्यान इस बात का रखे कि तीन महीने लगातार करने के बाद इस नीम के दातून को कुछ दिन का विश्राम दें। इस अवधि में मंजन कर लें। दंत मंजन बनाने की आसान विधि उन्होंने बताई है, वो कहते हैं कि आपके स्थान पर उपलब्ध खाने का तेल (सरसों का तेल. नारियल का तेल, या जो भी तेल आप खाने में इस्तेमाल करते हों, रिफाइन छोड़ कर), उपलब्ध लवण मतलब साधारण नमक और हल्दी मिलाकर आप मंजन बनाएं और उसका प्रयोग करें। दातून जब भारत के सबसे बड़े शहर मुंबई में मिल जाता है तो भारत का ऐसा कोई भी शहर नहीं होगा जहां ये नहीं मिले।
इसके इलावा आप अच्छी गुणवत्ता वाले Amway Gilister का प्रयोग भी कर सकते हैं जो सुरक्षित हैं.