25/02/2025
🌺🏵️🌺महाशिवरात्रि के उपाय और टोटके🌺🏵️🌺
🌺इस दिन अपनी यथाशक्ति अनुसार दान अवश्य करे| शिवरात्रि की एक रात पहले किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को चीनी, चावल, घी, सफ़ेद वस्त्र, तिल, और धन का दान करे| शास्त्रो में ऐसा माना गया है कि इस दिन किए गए दान से सभी जन्मो के पापो का नाश होता है, पितरो का उद्धार होता है और अक्षय पुण्यो की प्राप्ति होती है| 🌺इस दिन किये गए अनाज के दान से सुख समृद्धि, चीनी और घी के दान से मान सम्मान, ऐश्वर्य और पारिवारिक सुख, तिल के दान से आरोग्य, दीर्घायु एवं धन के दान से आकस्मिक आपदाओ से रक्षा होती है|
1.🏵️ अगर आप बाबा भोले से अपनी मनवांछित इच्छा पूरी करवाना चाहते है तो इस दिन बिल्व पत्र के वृक्ष की पूजा करे| उन्हें जल चढ़ाये और उन्हें धुप और अगरबत्ती भी अवश्य करे| इससे भोले बाबा आपकी हर इच्छा पूर्ण करेगे क्योंकि भगवान शिव को बिल्व बहुत ही प्रिय है|
2. 🏵️घर में हर कोई बीमार है या एक ठीक होता है तो दूसरा बीमार हो जाता है तो इस उपाय को अवश्य इस्तेमाल करे| महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोले नाथ की पुरे विधि विधान से पूजा करे और पूजा उपरांत महामृत्युंजय मंत्र का जप 11 माला करे और हर रोज एक माला का पाठ करे| अगर आप शिव मंदिर जा कर मंत्र का जाप करेगे तो बहुत अच्छा होगा|
3.🏵️ वैवाहिक जीवन सुखमय चले इसके लिए शिवरात्रि के दिन इस उपाय को अवश्य करे| भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना के बाद किसी भी सुहागिन को सुहाग का सारा सामान जैसे कि लाल बिंदिया, लाल चुड़िया और लाल साड़ी आदि उपहार स्वरूप दे| इस उपाय के करने से भगवान भोले नाथ और माँ गौरा की असीम कृपा से आपका वैवाहिक जीवन लम्बा और सुखमय चलेगा|
4.🏵️महाशिवरात्रि का दिन अपने शत्रुओ से छुटकारा पाने का सब से बढ़िया दिन है| अगर आप किसी भी तरह के कोर्ट कचहरी और मुकदमो में फंसे हुए है तो इस दिन ज्यादा से ज्यादा रुद्राष्टक का पाठ करे| इसके करने से शत्रु का नाश होगा और मुकदमो में जीत हासिल होगी|
5.🏵️ अगर आपके मन में कोई विशेष कामना है जो आप चाहते है कि पूरी हो तो महाशिवरात्रि के दिन २१ बिल्व पत्र ले और उन पर सफ़ेद या पीले चन्दन से ॐ नमः शिवाय लिखकर भोगवान भोले नाथ को अर्पित करदे और साथ ही उनको एकमुखी रुद्राक्ष भी अर्पित करे| आपकी हर मनोकामना पूरी होगी और सुख और शांति मिलेगी|
🏵️🌺🏵️मनोकामना पूर्ति के लिए करे शिवलिंग से सम्बंधित ये उपाय आप नित्य पुजन में भी कर सकते हैं और शिव वास में करने पर अनंत फलदायक है
कहते है की भगवान शिव की यदि लिंग स्वरुप में यानी की शिवलिंग की पूजा की जाए तो भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते है। हम आपको यहां पर शिवलिंग की पूजा से सम्बंधित कुछ उपाय बता रहे है जिनको करने से आप अभीष्ट फल प्राप्त कर सकते है।
1. 🌺जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हथेलियों से रगड़ना चाहिए। इस उपाय से किसी की भी किस्मत बदल सकती है।
2. 🌺जल में केसर मिलाएं और ये जल शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस उपाय से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुडी समस्याएं खत्म होती है।
3. 🌺यदि आप बहुत जल्दी सफलता पाना चाहते हैं तो रोज़ पारे से बने छोटे से शिवलिंग की पूजा करें। पारद शिवलिंग बहुत चमत्कारी होता है।
4. 🌺यदि आप लंबी उम्र चाहते है तो शिवलिंग पर रोज़ दूर्वा चढ़ाएं। इससे शिवजी और गणेशजी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।
5.🌺 चावल पकाएं औरठंडा होने के उपरांत, उन चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें। इसके बाद पूजा करें। इससे मंगलदोष शांत होते हैं।
6.🌺 समय-समय पर शिवजी के निमित सवा किलो, सवा पांच किलो, ग्यारह किलो या इक्कीस किलों गेहूं या चावल का दान करें।
7. 🌺शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय काले तिल मिलाएं। इस उपाय से शनि दोष और रोग दूर होते हैं।
8. 🌺बीमारियों के कारण परेशानियां खत्म ही नहीं हो रही हैं तो पानी में दूध और काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। ये उपाय रोज़ करें।
9.🌺 मनचाही गाडी चाहते हैं तो शिवलिंग पर रोज़ चमेली के फूल चढ़ाएं और शिव मन्त्र (ॐ नमः शिवाय) का जप 108 बार रोज़ करें।
10.🌺 लक्ष्मी की स्थाई कृपा चाहते हैं तो शिवलिंग पर रोज़ चावल चढ़ाएं। चावल पुरे यानी अखंडित होने चाहिए।
11🌺. बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नमः शिवाय लिखें। इसके बाद इन पत्तों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
12.🌺 शिवलिंग पर रोज़ धतूरा चढाने से घर और संतान से जुडी समस्याएं दूर होती है। ये उपाय संतान को सभी कार्यों में सफलता दिलवाता है।
13.🌺 नियमित रूप से आंकड़े के फूलों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाते है तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
14. नियमित रूप से ऐसे शिव मंदिर में दीपक जलाएं जो सुनसान स्थान पर हो।
15.🌺 कच्चे दूध में शक्कर मिलाएं और तांबें के लोटे से शिवलिंग पर रोज़ चढ़ाएं। इस उपाय से दिमाग तेज चलेगा और ज्ञान बढ़ेगा। 🌺🔥🌺हरहर_महादेव घर घर महादेव 🌺🔥🌺
🌺🔱🌺{महाशिवरात्रि विशेष}🌺🔱🌺
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌺🔥🌺महाशिवरात्रि पूजन विधि और सामिग्री🔥🌺
फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक मानी जाती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर जल से भरे कलश की स्थापना करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें. फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें.
महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं.फिर शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और वस्त्र आदि अर्पित करें. शिव जी के समुख दीप जलाएं और केसर युक्त खीर का भोग लगाएं. ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय, रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें..शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें.शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें.होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें.पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.दीप और कर्पूर जलाएं.साथ ही पजून करें और अंत में आरती करें.
🌺🔥प्रहर के अनुसार शिवलिंग स्नान विधि;🌺🔥🌺
सनातन धर्म के अनुसार शिवलिंग स्नान के लिये रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घृत और चौथे प्रहर में मधु, यानी शहद से स्नान कराने का विधान है. इतना ही नहीं चारों प्रहर में शिवलिंग स्नान के लिये मंत्र भी अलग हैं जानें...
🌺🔥🌺प्रथम प्रहर में- ‘ह्रीं ईशानाय नमः’
🌺🔥🌺दूसरे प्रहर में- ‘ह्रीं अघोराय नमः’
🌺🔥🌺तीसरे प्रहर में- ‘ह्रीं वामदेवाय नमः’
🌺🔥🌺चौथे प्रहर में- ‘ह्रीं सद्योजाताय नमः’।। मंत्र का जाप करना चाहिए.
इसके साथ ही व्रती को पूजा, अर्घ्य, जप और कथा सुननी, करनी चाहिए और स्तोत्र पाठ करना चाहिए. अंत में भगवान शिव से भूलों के लिए क्षमा जरूर मांगनी चाहिए.
अस्तु भोलेनाथ और माँ गौरी आप सभी का कल्याण करें🌺🏵️,🌺 रावण कृत शिव तांडवस्रोत 🌺 🏵️🌺
जटाटवीगलज्जल प्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमनिनादवड्डमर्वयं
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम ॥1॥
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी ।
विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥
धरा धरेंद्र नंदिनी विलास बंधुवंधुर-
स्फुरदृगंत संतति प्रमोद मानमानसे ।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि
कवचिद्विगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥
जटा भुजं गपिंगल स्फुरत्फणामणिप्रभा-
कदंबकुंकुम द्रवप्रलिप्त दिग्वधूमुखे ।
मदांध सिंधु रस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदद्भुतं बिंभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥
सहस्र लोचन प्रभृत्य शेषलेखशेखर-
प्रसून धूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।
भुजंगराज मालया निबद्धजाटजूटकः
श्रिये चिराय जायतां चकोर बंधुशेखरः ॥5॥
ललाट चत्वरज्वलद्धनंजयस्फुरिगभा-
निपीतपंचसायकं निमन्निलिंपनायम् ।
सुधा मयुख लेखया विराजमानशेखरं
महा कपालि संपदे शिरोजयालमस्तू नः ॥6॥
कराल भाल पट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-
द्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके ।
धराधरेंद्र नंदिनी कुचाग्रचित्रपत्रक-
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने मतिर्मम ॥7॥
नवीन मेघ मंडली निरुद्धदुर्धरस्फुर-
त्कुहु निशीथिनीतमः प्रबंधबंधुकंधरः ।
निलिम्पनिर्झरि धरस्तनोतु कृत्ति सिंधुरः
कलानिधानबंधुरः श्रियं जगंद्धुरंधरः ॥8॥
प्रफुल्ल नील पंकज प्रपंचकालिमच्छटा-
विडंबि कंठकंध रारुचि प्रबंधकंधरम्
स्मरच्छिदं पुरच्छिंद भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमंतकच्छिदं भजे ॥9॥
अगर्वसर्वमंगला कलाकदम्बमंजरी-
रसप्रवाह माधुरी विजृंभणा मधुव्रतम् ।
स्मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥
जयत्वदभ्रविभ्रम भ्रमद्भुजंगमस्फुर-
द्धगद्धगद्वि निर्गमत्कराल भाल हव्यवाट्-
धिमिद्धिमिद्धिमि नन्मृदंगतुंगमंगल-
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्ड ताण्डवः शिवः ॥11॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजंग मौक्तिकमस्रजो-
र्गरिष्ठरत्नलोष्टयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविंदचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रवर्तयन्मनः कदा सदाशिवं भजे ॥12॥
कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम्॥13॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदंगजत्विषां चयः ॥14॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥
इमं हि नित्यमेव मुक्तमुक्तमोत्तम स्तवं
पठन्स्मरन् ब्रुवन्नरो विशुद्धमेति संततम्।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नांयथा गतिं
विमोहनं हि देहना तु शंकरस्य चिंतनम ॥16॥
पूजाऽवसानसमये दशवक्रत्रगीतं
यः शम्भूपूजनमिदं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेंद्रतुरंगयुक्तां
लक्ष्मी सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥17॥
🔱🔱🔱🔱🔱🔱💥💥💥🔱🔱🔱🔱🔱🌺🏵️उमांग शिव शक्ति तंत्र मंत्र यंत्र, ज्योतिष,वास्तु शोध व विकास संस्थान: 🌺🏵️🌺🏵️ विस्तृत जन्मपत्रिका विश्लेषण, वास्तु दोष निवारण हेतु , किसी भी समस्या निवारण हेतु या शास्त्रोक्त विधि विधान से सिद्ध विविध यंत्र, कवच प्राप्त करने हेतु संपर्क करे🌺🌺 मिलने का समय सुबह 8 से 10, मिलने का समय फोन कर पहल ले ले। 🌺जय महामाया 🔱 जय महाकाल 🔱 जय गुरु दातार 🌸सिद्ध प्राण प्रतिष्ठित पितृ दोष, काल सर्प दोष निवारन यंत्र उपल्ब्ध है🌸 सभी प्रकार के लेब टेस्टेड रत्न,रूद्राक्ष, रूद्राक्ष माला,रत्न, उपरत्न,नव ग्रह अंगूठी, ब्रेसलेट उपल्ब्ध है🏵️✋🏵️कुंडली, हस्त रेखा, फेस रीडिंग,फ़ोटो,अंक ज्योतिष द्वारा प्रत्येक समस्या का समाधान🌺✋🌺अमिताभ उपाध्याय7976068053 🍁 फोन,व्हाट्स एप पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं! परामर्श शुल्क 250 रुपिये 🌺 परामर्श समय सुबह 8 से 10बजे, शाम 6से7 बजे 🙏 इस समय के अलावा फोन न करे 🙏🌺🌸🌺 सिद्ध अभिमंत्रित ,लेब टेस्टेड, सभी राशी, रत्न,उपरत्न, मूंगा, जरकिन, पुखराज,नीलम, मोती, सीप, माणिक,पन्ना, हकीक,लहसुनिया, लाजवर्त, नीली, सुलेमानी हकीक, नवग्रह अंगूठी, सभी प्रकार के रूद्राक्ष, पारद शिवलिंग, पारद लक्ष्मी, पारद गणपति, समस्त यंत्र, रूद्राक्ष माला, मूंगा माला, हकीक माला, रक्तचंदन माला, वैजयंती माला स्फीतिक माला ,कड़े ,कवच ,ताबीज़ उपलब्ध है 🌺
जय महामाया 🔥जय महाकाल 🔥 जय गुरुदातार