22/08/2018
ओटाइटिस मीडिया कान के बीच वाले हिस्से यानी मध्य कर्ण ( मिडिल इयर ) का संक्रमण है। मध्य कर्ण और नाक के पिछले हिस्से नेज़ोफैरिंक्स को एक नली जोड़ा करती है , जिसे यूस्टेचियन ट्यूब के नाम से जाना जाता है। एलर्जी-रोगों एवं वायरल बुखारों में यह यूस्टेचियन ट्यूब सूज कर कई बार बन्द हो जाती है , जिससे मध्य कर्ण के भीतर एक नेगेटिव दबाव बनने से उसमें द्रव जमा हो जाता है। फिर इस द्रव में कीटाणुओं की वृद्धि हो जाने से रोगी में वैसे ही लक्षण पैदा हो जाते हैं , जैसे गोपिका में हुए हैं।
गोपिका कक्षा दो में पढ़ती है लेकिन पिछले चार दिनों से बीमार होने के कारण स्कूल नहीं जा सकी है। उसे तेज़ बुख़ार के साथ कान में दर्द की शिकायत हुई और पापा उसे नाक-कान-गले के विशेषज्ञ के पास ले गये। वहाँ कान को जाँचने के बाद उन्होंने बताया कि गोपिका को एक्यूट ओटाइटिस मीडिया नामक संक्रमण हो गया है।
मनुष्य के कान हमें जितने दिखायी देते हैं , इतने ही नहीं होते। जितना हिस्सा बाहर नज़र आता है , उसे बाह्य कर्ण या पिन्ना कहा जाता है जिसका काम ध्वनि-तरंगों को समेटकर भीतर भेजना है। पिन्ना द्वारा समेटी गयी ध्वनि-तरंगें इयर-कैनाल से होती हुई कान के परदे से टकराती हैं। इस परदे के पीछे का हिस्सा मध्य कर्ण कहलाता है , जिसमें तीन नन्हीं हड्डियों की झंकार से ध्वनि-तरंगों का सन्देश आगे आन्तरिक कर्ण से होते हुए फिर मस्तिष्क को चला जाता है।
ओटाइटिस मीडिया कान के बीच वाले हिस्से यानी मध्य कर्ण ( मिडिल इयर ) का संक्रमण है। मध्य कर्ण और नाक के पिछले हिस्से नेज़ोफैरिंक्स को एक नली जोड़ा करती है , जिसे यूस्टेचियन ट्यूब के नाम से जाना जाता है। एलर्जी-रोगों एवं वायरल बुखारों में यह यूस्टेचियन ट्यूब सूज कर कई बार बन्द हो जाती है , जिससे मध्य कर्ण के भीतर एक नेगेटिव दबाव बनने से उसमें द्रव जमा हो जाता है। फिर इस द्रव में कीटाणुओं की वृद्धि हो जाने से रोगी में वैसे ही लक्षण पैदा हो जाते हैं , जैसे गोपिका में हुए हैं।
एक्यूट ओटाइटिस मीडिया अमूमन शिशुओं एवं छोटे बच्चों में देखने को मिलता है , जहाँ कान में तेज़ दर्द के साथ बुख़ार , नींद न आना या रोते रहना जैसे लक्षण भी ( शिशुओं में ) देखने को मिलते हैं। जिन घरों में धूमपान किया जाता है या जहाँ बच्चों को धुएँ के बीच रहना पड़ता है , वहाँ भी यह रोग अधिक देखने को मिलता है। आधुनिक रहन-सहन में डेकेयर में बच्चों को छोड़ने से भी इस रोग की प्रचलन-दर में वृद्धि देखी जाती है।
कान में अचानक उठा तेज़ दर्द , बुख़ार , अनिद्रा व चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण मिलने पर ईएनटी-विशेषज्ञ से तुरन्त सम्पर्क करना चाहिए। कई बार एक्यूट ओटाइटिस मीडिया में समय से उपचार न मिलने पर कान में कुछ समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। आगे हम ओटाइटिस मीडिया के सन्दर्भ में कई अन्य बातों पर चर्चा जारी रखेंगे।
- स्कंद शुक्ला की फेसबुक वाल से