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मेरे गुरुवर ने मेरा यह जीवन बनाया है! तप सेवा सुमिरन का मुझे पाठ पढ़ाया है !!पूज्य गुरुदेव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामन...
21/08/2020

मेरे गुरुवर ने मेरा यह जीवन बनाया है!
तप सेवा सुमिरन का मुझे पाठ पढ़ाया है !!
पूज्य गुरुदेव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!!👏👏👏👏 पूज्य गुरुदेव का अवतरण हम सबके लिए मंगलमय हो सके इसका सार्थक प्रयास हम सबको करना चाहिए !

*पूज्य ब्रह्मर्षि योगी जी के निर्वाण दिवस पर विशेष* शाब्दिक रूप से जब भी निर्वाण शब्द की बात होती है तो इसका अर्थ होता ह...
01/08/2020

*पूज्य ब्रह्मर्षि योगी जी के निर्वाण दिवस पर विशेष*

शाब्दिक रूप से जब भी निर्वाण शब्द की बात होती है तो इसका अर्थ होता है बुझा हुआ दीपक!
प्राय: हम महापुरुषों के धरा धाम को छोड़कर जाने की स्थिति को 'निर्वाण 'शब्द से संबोधित करते हैं और यह शब्द सही भी है, क्योंकि जिस प्रकार दीपक अपना सम्पूर्ण जीवन लोगों को प्रकाश देने में, उन्हें रास्ता दिखाने में लगा देता है ,वैसे ही सन्त अपना संपूर्ण जीवन पर सेवा पर उपकार में ही लगा देते हैं ।
सन्त हमारे सच्चे मार्गदर्शक बनकर सही रूप में जीवन का पथ प्रदर्शित करते हैं , तभी तो कहा गया है- महाजनो येन गतः स पन्थ: अर्थात महान लोग जिस मार्ग पर चले हों वही मार्ग है !
अगर संत ना होते तो मनुष्य विषय भोगों में फंसकर कभी भी भगवान की और न लग पाता ।
मनुष्य भौतिकता की अंधी दौड़ में संलिप्त होकर हताश निराश जीवन को शांतिमय बनाने के लिए पुनः विषयों की ओर ही भागता है लेकिन *"वस्तु कहीं ढूंढे कहीं ,कहो कहा विधि पाय"* के कथनानुसार बारम्बार दुःखी होता रहता है । " *मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा करते गये "* की स्थिति होती चली जाती है ।
कालान्तर में कभी पूर्व जन्मों के सञ्चित पुण्यों के उदय होने से जीवन में सन्त -सद्गुरूदेव का आगमन होता है ,जो उसके जीवन की दिशा को बदल देते हैं ।
" *स्वाति की एक बूंद सीपी का मर्म वेध जाती है फिर बरसों में मोती पकता है "* सत्संग का कोई भी एक आध्यात्मिक सूत्र जीवन में उतर गया तो उसका कल्याण हो जाता है ।
जिसने थोड़ी सी भी अपनी मस्ती की झलक पा ली फिर उसकी भौतिक विषयों मे लिप्सा नहीं रह जाती ,वह वास्तविक शान्ति का अनुभव करता है । ऐसा मनुष्य ही अपनी अनुभूतियों में कह उठता है-

*"लगी आग आकाश में झर झर गिरे अंगार !*
*संत ना होते जगत में तो जल मरता संसार !!*

पुनश्च दीपक की भांति संतों का शरीर भी एक निश्चित अवधि के लिए ही मिलता है लेकिन वह अपने छोटे से जीवन को भी अपने महत्तम कार्यों से सदा -सदा के लिये आलोकित प्रकाशित कर जाते है- किसी कवि ने पूज्य योगी जी सदृश सन्त के लिये ही दीपक को निमित्त बनाकर लिखा है-

" *दीपक बुझने को जलता है मरण सदा से ही जीवन के आंचल में पलता है !
दीप दान देता सुदृष्टि को जब तक होता नहीं उजाला, अंधकार को कर प्रकाश में मिट जाता है जलने वाला!
बनकर मिटना विधि विधान है कभी नहीं यह टलता है, दीपक बुझने को जलता है ।।

सोचा समीर ने इसे बुझा दूँ बुझा नहीं पर जलने वाला, विघ्न आए पर रुका नहीं कर्तव्य मार्ग पर चलने वाला !बुझा पूर्ण कर्तव्य निभा कर रुक जाना ही तो निर्बलता है!
दीपक बुझने को जलता है!!

राजेश पूर्ण निष्काम भाव युत सेवा ही सच्चा साधन है ,
परहित ही प्रभु की पूजा है यही दीप का जीवन धन है !
प्रकृति नियम अनुसार दीप क्या सूरज भी तो ढ़लता है दीपक बुझने को जलता है !!

मेरे विचार से पूज्य योगी जी अपने दिव्य शरीर से
स्व प्रदत्त दिव्य साधना के रूप में, तप -सेवा- सुमिरन के रूप में व पूज्य गुरुदेव के रूप में मार्गदर्शक बनकर हम सभी के सदैव साथ हैं तथा हम सब की साधना पर पल-पल नजर रखते हैं।
" *जाता नहीं है कोई दुनिया से दूर चलकर।*
*मिलते हैं सब यहीं पर कपड़े बदल बदल कर !!*

आज निर्वाण दिवस के अवसर पर परमपूज्य गुरूदेव ब्रह्मर्षि श्री हृदय योगी जी के चरणों में कोटिश: प्रणाम व भावात्मक श्रद्धासुमन !
" *अपनी दशा बनाने भटका जहाँ में दर दर !*
*तूने दशा बना दी पल में दिशा दिखाकर !!*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
*आचार्य गोपाल कृष्ण*

जो डस रहे हैं हमको मुहब्बत के नाम परवो सांप आस्तीन से बाहर निकालिए !
25/07/2020

जो डस रहे हैं हमको मुहब्बत के नाम पर
वो सांप आस्तीन से बाहर निकालिए !

https://youtu.be/oBDQRv1MBD4 इस विधि से आप घर पर ही रहकर कर सकते हैं नवरात्रि  हवन । कृपया चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें ।
31/03/2020

https://youtu.be/oBDQRv1MBD4 इस विधि से आप घर पर ही रहकर कर सकते हैं नवरात्रि हवन ।
कृपया चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें ।

इस संक्षिप्त नवरात्रि हवन विधि की सहायता से आपात स्थिति में बिना किसी वैदिक आचार्य के घर पर स्वयं ही सुगमतापूर्वक ...

https://youtu.be/Y-PlnmdhIKY plz subscribe and share my chainal Bhakti piyush
17/03/2020

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श्री योगी जी शिक्षा निकेतन गाजीपुर फैजुल्लागंज में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान गाया गया यह भजन

08/03/2020

नारी दिवस के इस शुभ अवसर पर मेरे द्वारा लिखी यह कविता जिसमें मैंने कुछ उन महिला पात्रों का नाम दिया है जो मेरे जीवन में कहीं न कहीं एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और जीवन में उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है उन सभी को समर्पित यह कविता महिला दिवस की शुभकामनाओं के साथ 🙏

बहुत उत्कर्ष है तेरे नाम के पीछे,
सामगों की मधुर 'अर्चना' है तू
'गरिमा' हो आर्ष ग्रंथों की वेद की 'ऋचा' ,
शास्त्र की 'आरती ' 'वंदना' है तू
नारी तेरा शुभ्र यश है जग में
तू प्रकृति भी है आत्मा है तू ।

'सृष्टि' की आदि हो अंत की रात्रि भी ,
मुक्ति का मार्ग हो त्रास की दात्रि भी
भक्ति के रूप में पूज्य तू हो रही
तो कहीं वासना बन के तू बह रही
'प्राची' अधिक 'दिशा' भानु कि तू 'किरण'
चंद्र की 'रश्मि' हो और उडुगनों का गगन
'कीर्ति' हो नाम की भावों की मूर्ति हो जग में उपलब्धियों का आसमां है तू
तू प्रकृति भी है आत्मा है तू ।

है विविध रूप से जग में तू बस रही
मृत्यु जैसी कहीं 'कामिनी' लग रही
कुछ तेरे रूप के पीछे हवसी बने
पूजा करके तुम्हें लाखों तपसी बने
भ्रातृ के हाथ का तू है 'रक्षा' कवच
सात जन्मों की है 'प्रीति' की तू शपथ
'प्रगति' की 'भूमि'में 'विधि' की तू है 'कृति'
और तू ही तो है 'भारती' संस्कृति
उस विधाता के जीवन की मां है तू।
तू प्रकृति भी है आत्मा है तू ।

बनके तू 'सौम्या' पथ पर रहना अटल
गंगा जमुना की भांति सदा अविचल
तूने यदि जो रखी मन में सांची लगन
एक दिन जग भी तुझको करेगा नमन
लक्ष्य 'आशा' की 'ज्योति' तेरे सुर में है
'गीता' गोपाल की भी तेरे सुर में है
जग के रण की है भेरी ,है तू गर्जना
एक दुःखित द्रोपदी की करूण क्रन्दना
कितना भी घोर हो कौरवों का समर
रिपु के तूणीर में चाहे कितने हो शर
जय का उद्घोष होगा तेरे नाम से
तू विजय श्री भी है स्वाभिमा है तू
तू प्रकृति भी है आत्मा है तू।।

रचयिता आचार्य गोपाल कृष्ण

24/02/2020
https://youtu.be/crp_mekc4XQ भक्त ध्रुव की कथा कृपया चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें
13/01/2020

https://youtu.be/crp_mekc4XQ भक्त ध्रुव की कथा कृपया चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें

यह ध्रुवचरित्र की पावन कथा आचार्य गोपाल कृष्ण जी ने योगी जी शिक्षा निकेतन में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान सुनाई ।

सुन्दर भजन- प्रभु अपने दर से मुझको ना टालो (कृपया चैनल सब्सक्राइब अवश्य करें)
12/01/2020

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