06/11/2020
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण को लेकर कई जानकार यह आशंका जता चुके हैं कि अगर यह बढ़ा तो सीधा असर कोरोना (Corona) के केस पर पड़ेगा. इसी के चलते राजस्थान, दिल्ली (Delhi), ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पटाखे बैन हो चुके हैं। पटाखा बैन करने के मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी सुनवाई कर रहा है। 18 राज्यों को एनजीटी की ओर से नोटिस भेजे गए हैं। महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने भी एसओपी जारी करते हुए पटाखे न चलाने की अपील की है. आज शाम 4 बजे तक सभी राज्यों को अपना जवाब दाखिल करना है।
मंगलवार को एनजीटी ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली, यूपी, राजस्थान और हरियाणा को अगली सुनवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। लेकिन अब इस सुनवाई में 14 और राज्य शामिल किए हैं जहां हवा की गुणवत्ता कमतर है। यह राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल। अब 6 नवंबर को होने वाली सुनवाई में यह राज्य भी अपना पक्ष रखेंगे।
पटाखों पर बैन को लेकर गुरुवार को एनजीटी में सुनवाई थी। इस दौरान पटाखा कंपनियों की एसोसिएशन ने कहा कि पटाखा कंपनियों से 10 हज़ार लोग जुड़े हुए हैं। बैन लगने से यह सब बेरोजगार हो जाएंगे। इस पर एनजीटी ने कहा कि हम जीवन का जश्न मना सकते हैं मौत का नहीं. इसके कुछ देर बात ही दिल्ली सरकार ने दिल्ली में किसी भी तरह के पटाखे खरीदने-बेचने और चलाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया. राजस्थान सरकार भी करीब 8 दिन पहले पटाखों पर बैन लगा चुकी है।