S Rohit Kumar Scientific Spiritual Astrologer

S Rohit Kumar Scientific Spiritual Astrologer Scientific Spiritual Astrologer, Astro Teacher , Psychic Reader , Vastu Reader,Color Therapy Expert

21/05/2024

ज़्यादा नज़दीकियां
और ज़्यादा दूरियाँ दोनों ही प्रेम को
मार डालती हैं..........
ॐ नमः शिवाय 🌹🙏

Pranic Universe

योग योग्तया लाता है
21/06/2023

योग योग्तया लाता है


18/02/2023

महाशिवरात्रि है ..रात भर जागो रे.....
नाचो गायो , शिव भक्तो से मिलने आयो रे....

#भोलेनाथ

08/11/2022

गुरुपर्व की शुभकामनाएं 🙏🌹

हम जपुजी को समझने की कोशिश करें।
इक ओंकार सतिनाम
करता पुरखु निरभउ निरवैर।
अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरु प्रसादि।।
'वह एक है, ओंकार स्वरूप है, सत नाम है, कर्ता पुरुष है, भय से रहित है, वैर से रहित है, कालातीत-मूर्ति है, अयोनि है, स्वयंभू है, गुरु की कृपा से प्राप्त होता है।'
एक है--इक ओंकार सतिनाम।
जो भी हमें दिखाई पड़ता है वह अनेक है। जहां भी तुम देखते हो, भेद दिखाई पड़ता है। जहां तुम्हारी आंख पड़ती है, अनेक दिखाई पड़ता है। सागर के किनारे जाते हो, लहरें दिखाई पड़ती हैं। सागर दिखाई नहीं पड़ता। हालांकि सागर ही है। लहरें तो ऊपर-ऊपर हैं- ओशो


Some journal prompts to work through the energies of the month.
04/11/2022

Some journal prompts to work through the energies of the month.

25/10/2022

24/10/2022

शुभकामनाएं 🌹 *दीपोत्सव* के पावन व मंगल पर्व की शुभकामनाएं🌹
ईश्वर आपको सुख समृद्धि शक्ति, स्वास्थ्य,संयम, सादगी, सफलता, साधना और संस्कार में वृद्धि प्रदान करें ❇️दीपावली का पर्व ज्योति का पर्व है.... दीपावली का पर्व पुरुषार्थ का पर्व है... यह आत्म साक्षात्कार का पर्व है.... यह हमारे आभामंडल को विशुद्ध और पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश देने का पर्व है..... Merge yourself in Supreme Light and enjoy the Supreme Deepavali
🙏
*Best Wishes
*S Rohit kumar
Scientific Spiritual Astrologer*
www.SRohitKumar.com

आज धन्वंतरि त्रयोदशी है 'धन'तेरस नहीं आज धन्वंतरि त्रयोदशी है। सोशल मीडिया पर सब एक दूसरे के लिए 'धन'तेरस की बधाई देते ह...
22/10/2022

आज धन्वंतरि त्रयोदशी है 'धन'तेरस नहीं
आज धन्वंतरि त्रयोदशी है। सोशल मीडिया पर सब एक दूसरे के लिए 'धन'तेरस की बधाई देते हुए एक दूसरे की सुख समृद्धि व धन ऐश्वर्य की कामना कर रहे हैं। जबकि 'धन'तेरस या धन ऐश्वर्य के आने से इस पर्व का कोई संबंध नहीं है। क्योंकि यह आयुर्वेद के महान प्रकांड पंडित ऋषि धनवंतरि की जयंती है। ऋषि धन्वंतरी क्योंकि आयुर्वेद के महान पंडित थे , इसलिए उन्होंने संसार में नीरोगता पैदा करने के लिए जीवन भर कार्य किया।
कितना अच्छा हो कि हम आज एक दूसरे के निरोग -स्वस्थ रहने की कामना करते हुए धनवंतरि ऋषि के महान पुरुषार्थ को नमन करें और आयुर्वेद के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए उस के साथ जुड़ने का संकल्प लें।
धन्वंतरि त्रयोदशी से बिगड़ कर यह शब्द 'धन'तेरस हो गया। जिससे हमारे ऋषि की जयंती पीछे छूट गई और हम रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाकर इसे 'धन'तेरस के रूप में मनाने लगे।
हमारे द्वारा इसे धन्वंतरि त्रयोदशी के रूप में मनाने में ही इस पर्व की सार्थकता और वैज्ञानिकता है। इससे न केवल हम अपने ऋषि को विनम्र भावांजलि अर्पित कर सकेंगे बल्कि अपनी महान सांस्कृतिक विरासत के साथ अपने आप को समर्पित होता हुआ भी देखेंगे।
इस पवित्र अवसर पर मैं आप सबके निरोग व स्वस्थ रहने की कामना करता हूं।

Your Twelve Planetary SensesAccording to astrology we have twelve main senses with which to experience the fullness of o...
12/10/2022

Your Twelve Planetary Senses

According to astrology we have twelve main senses with which to experience the fullness of our reality -one for every planet or sign of the zodiac.

1-- Aries/Mars - our sense of Life/Being/Self/Movement

2 -Taurus/Venus - our sense of Touch/Substance/Ownership/Worth

3- Gemini/Mercury - our sense of Thought/Perception/Speech/Communication

4 -Cancer/Moon - our sense of Security/Home/Fullness/Belonging/Memory

5 --Leo/Sun - our sense of Ego/Centeredness/Warmth/Love/Playfulness/Creativity

6 --Virgo/Mercury - our sense of Order/Duty/Service/Discipline/Purity/Correctness

7 --Libra/Earth - our sense of Balance/Harmony/Justice/Beauty/Co-Operation

8-- Scorpio/Pluto - our sense of Smell/Taste/Desire/Possession/Death/Reform

9 --Sagittarius/Jupiter - our sense of Hope/Faith/Growth/Abundance/Clarity/Righteousness

10 -- Capricorn/Saturn - our sense of Sound/Hardness/Weight/Definiton/Limitation/Purpose

11 Aquarius/Uranus - our sense of Truth/Freedom/Independance/Originality

12 Pisces/Neptune - our sense of Sleep/Imagination/Intuition/Collectivity/Forgiveness
www.YourAstroFriend.com
+91-9501610165

🚩 *शरद पूर्णिमा पर यह काम करेंगे तो सालभर रहेगे स्वस्थ्य और होगी धनप्राप्ति*🚩 *आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘...
09/10/2022

🚩 *शरद पूर्णिमा पर यह काम करेंगे तो सालभर रहेगे स्वस्थ्य और होगी धनप्राप्ति*
🚩 *आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ‘शरद पूर्णिमा’ बोलते हैं । शरद पूर्णिमा की रात्रि पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है और अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस रात्रि में चंद्रमा का ओज सबसे तेजवान और ऊर्जावान होता है। पृथ्वी पर शीतलता, पोषक शक्ति एवं शांतिरूपी अमृतवर्षा करता है । इस साल 9 अक्टूबर की रात में खीर बनाकर खानी है व 10 अक्टूबर को व्रत-पूजन करना है।*
🚩 *इस दिन रास-उत्सव और कोजागर व्रत किया जाता है । गोपियों को शरद पूर्णिमा की रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण ने बंसी बजाकर अपने पास बुलाया और ईश्वरीय अमृत का पान कराया था ।*
🚩 *यूं तो हर माह में पूर्णिमा आती है, लेकिन शरद पूर्णिमा का महत्व उन सभी से कहीं अधिक है। हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इस पूर्णिमा को विशेष बताया गया है।*

🚩 *शरद पूर्णिमा से जुड़ी बातें....*

*इसदिन चंद्रमा की किरणें विशेष अमृतमयी गुणों से युक्त रहती हैं, जो कई बीमारियों का नाश कर देती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात को लोग अपने घरों की छतों पर खीर रखते हैं, जिससे चंद्रमा की किरणें उस खीर के संपर्क में आती है, इसके बाद उसे खाया जाता है।*

🚩 *नारद पुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर अपने कर-कमलों में वर और अभय लिए निशिद काल में पृथ्वी पर भ्रमण करती है। माता यह देखती है कि कौन जाग रहा है? यानी अपने कर्तव्‍यों को लेकर कौन जागृत है? जो इस रात में जागकर मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं, मां उन पर असीम कृपा करती है।*

🚩 *वैज्ञानिक भी मानते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात स्वास्थ्य व सकारात्मकता देने वाली मानी जाती है क्योंकि चंद्रमा धरती के बहुत समीप होता है। शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणों में खास तरह के लवण व विटामिन आ जाते हैं। पृथ्वी के पास होने पर इसकी किरणें सीधे जब खाद्य पदार्थों पर पड़ती हैं तो उनकी क्वालिटी में बढ़ोतरी हो जाती है।*

🚩 *शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सुबह उठकर व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी का दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए। ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए।*

🚩 *लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।*

🚩 *शरद पूनम की रात को क्या करें, क्या न करें ?*

🚩 *अश्विनी कुमार देवताओं के वैद्य हैं । जो भी इन्द्रियाँ शिथिल हो गयी हों, उनको पुष्ट करने के लिए चन्द्रमा की चाँदनी में खीर रखना और भगवान को भोग लगाकर अश्विनी कुमारों से प्रार्थना करना कि ‘हमारी इन्द्रियों का बल-ओज बढ़ायें ।’ फिर वह खीर खा लेना ।*

🚩 *इस रात सूई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।*

🚩 *शरद पूर्णिमा की चन्द्रमा की चाँदनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है ।*

🚩 *अमावस्या और पूर्णिमा को चन्द्रमा के विशेष प्रभाव से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है । जब चन्द्रमा इतने बड़े दिगम्बर समुद्र में उथल-पुथल कर विशेष कम्पायमान कर देता है तो हमारे शरीर में जो जलीय अंश है, सप्तधातुएँ हैं, सप्त रंग हैं, उन पर भी चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है । इन दिनों में अगर काम-विकार भोगा तो विकलांग संतान अथवा जानलेवा बीमारी हो जाती है और यदि उपवास, व्रत तथा सत्संग किया तो तन तंदुरुस्त, मन प्रसन्न होता है।*

🚩 *खीर को बनायें अमृतमय प्रसाद...*

🚩 *खीर को रसराज कहते हैं । सीताजी को अशोक वाटिका में रखा गया था । रावण के घर का क्या खायेंगी सीताजी ! तो इन्द्रदेव उन्हें खीर भेजते थे ।*

🚩 *खीर बनाते समय घर में चाँदी का गिलास आदि जो बर्तन हो, आजकल जो मेटल (धातु) का बनाकर चाँदी के नाम से देते हैं वह नहीं, असली चाँदी के बर्तन अथवा असली सोना धोकर खीर में डाल दो तो उसमें रजतक्षार या सुवर्णक्षार आयेंगे । लोहे की कड़ाही अथवा पतीली में खीर बनाओ तो लौह तत्त्व भी उसमें आ जायेगा । खीर में इलायची, खजूर या छुहारा डाल सकते हो लेकिन बादाम, काजू, पिस्ता, चारोली ये रात को पचने में भारी पड़ेंगे । रात्रि 8 बजे महीन कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में रखी हुई खीर 11 बजे के बाद भगवान को भोग लगा के प्रसादरूप में खा लेनी चाहिए । लेकिन देर रात को खाते हैं इसलिए थोड़ी कम खाना । सुबह गर्म करके भी खा सकते हो ।*
(खीर दूध, चावल, मिश्री, चाँदी, चन्द्रमा की चाँदनी - इन पंचश्वेतों से युक्त होती है, अतः सुबह बासी नहीं मानी जाती ।) यह खीर खाने से सालभर मनुष्य स्वथ्य रहता है ।

🚩 *स्वास्थ्य प्रयोग...*

*इस रात्रि में 3-4 घंटे तक बदन पर चन्द्रमा की किरणों को अच्छी तरह पड़ने दें ।*

🚩 *दो पके सेवफल के टुकड़े करके शरद पूर्णिमा को रातभर चाँदनी में रखने से उनमें चन्द्रकिरणें और ओज के कण समा जाते हैं । सुबह खाली पेट सेवन करने से कुछ दिनों में स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक लाभकारी परिवर्तन होते हैं ।*

🚩 *250 ग्राम दूध में 1-2 बादाम व 2-3 छुहारों के टुकड़े करके उबालें । फिर इस दूध को पतले सूती कपड़े से ढँककर चन्द्रमा की चाँदनी में 2-3 घंटे तक रख दें । यह दूध औषधीय गुणों से पुष्ट हो जायेगा । सुबह इस दूध को पी लें ।*

🚩 *सोंठ, काली मिर्च और लौंग डालकर उबाला हुआ दूध चाँदनी रात में 2-3 घंटे रखकर पीने से बार-बार जुकाम नहीं होता, सिरदर्द में लाभ होता है ।*

🚩 *तुलसी के 10-12 पत्ते एक कटोरी पानी में भिगोकर चाँदनी रात में 2-3 घंटे के लिए रख दें । फिर इन पत्तों को चबाकर खा लें व थोड़ा पानी पियें । बचे हुए पानी को छानकर एक-एक बूँद आँखों में डालें, नाभि में मलें तथा पैरों के तलुओं पर भी मलें । आँखों से धुँधला दिखना, बार-बार पानी आना आदि में इससे लाभ होता है । तुलसी के पानी की बूँदें चन्द्रकिरणों के संग मिलकर प्राकृतिक अमृत बन जाती हैं ।*

*नोट : दूध व तुलसी के सेवन में दो घंटे का अंतर रखें ।*

🚩 *भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं, 'पुष्णामि चौषधीः सर्वाः सोमो भूत्वा रसात्मकः।।'*
*अर्थात रसस्वरूप अमृतमय चन्द्रमा होकर सम्पूर्ण औषधियों को अर्थात वनस्पतियों को पुष्ट करता हूं*।(गीताः15.13)

हे राम !!! हम सब को मर्यादा में रहने की सद्बुद्धि दे 🙏Ram is your soul. Sita is your heart. Raavan is your mind that ste...
05/10/2022

हे राम !!! हम सब को मर्यादा में रहने की सद्बुद्धि दे 🙏
Ram is your soul. Sita is your heart. Raavan is your mind that steals your heart from your soul. Lakshman is your consciousness, always with you and active on your behalf. Hanuman is your intuition and courage that help retrieve your heart to re-animate your soul!!
🕉🌹🙏🏻 Happy Dusshera to all

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