Hira Prem Hospital

Hira Prem Hospital Dr. Abhishek Joshi is a ENT Specialist in Hira Prem Hospital, Mathura.

He has been active practice as a Consultant at various hospitals in Mathura and other Cities.

होली के रंग भरे उत्सव पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं😃💦🔫
09/03/2020

होली के रंग भरे उत्सव पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं😃💦🔫

09/03/2020
कोरोना वायरस लोगों के लिए सिरदर्द इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि अभी तक किसी भी देश के पास इसका इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में...
06/03/2020

कोरोना वायरस लोगों के लिए सिरदर्द इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि अभी तक किसी भी देश के पास इसका इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में कुछ सावधानी बरतकर हम इस संक्रमण से खुद को दूर रख सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर कैसे।

1- बीमार व्यक्ति के पास ना कुछ खाएं नहीं-
बीमार व्यक्ति के पास कुछ खाएं नहीं, यह संक्रमण आँख, नाक एवं मुँह से तेजी से फैलता है।
2-लोगों से उचित दूरी बनाकर रखें-
अपने आसपास के लोगों के साथ कम से कम 3 फीट का फासला बनाए रखें। जिन लोगों को खांसी या जुकाम हो उनसे भी दूर रहें।
3-बीमार व्यक्ति को मास्क पेहनने को दें-
अगर किसी व्यक्ति को सर्दी झुखाम या भुखार के लक्षण हों तो
उसे मास्क पेहनने को बोले या दें।
4-भीड़ भाड़ वाली जगह जाने से बचें-
दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि लोगों को भीड़ वाले इलाकों या सार्वजनिक सभाओं से दूर रहना चाहिए।
5-नियमित तौर पर हाथ धोएं-
दिन में कई बार हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। इसके अलावा हाथों से बैक्टीरिया साफ करने के लिए एक अच्छे सेनेटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
6- नाक, मुंह और आंखों को बार-बार न छुएं-
कई लोग अक्सर अपनी नाक, मुंह और आंखों को बार-बार हाथ लगाते रहते हैं। इस वायरस से बचना चाहते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसा इसलिए आपके हाथ कई चीजों को छूते हैं। ऐसे में उन पर कई तरह के वायरस लगे हो सकते हैं। हथेली पर लगे वायरस नाक, मुंह या आंखों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
7. बुखार, खांसी-जुकाम को हल्के में न लें-
अगर आपको बुखार, खांसी है या सांस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। कोशिश करें कि घर पर ही रहें। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करने से बीमारी को शुरुआत में ही पकड़ा जा सकता है।

- डॉ. अभिषेक जोशी | हीरा प्रेम हॉस्पिटल
09639192016

कोरोना वायरस लोगों के लिए सिरदर्द इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि अभी तक किसी भी देश के पास इसका इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में...
06/03/2020

कोरोना वायरस लोगों के लिए सिरदर्द इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि अभी तक किसी भी देश के पास इसका इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में कुछ सावधानी बरतकर हम इस संक्रमण से खुद को दूर रख सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर कैसे।

1-नियमित तौर पर हाथ धोएं-
दिन में कई बार हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। इसके अलावा हाथों से बैक्टीरिया साफ करने के लिए एक अच्छे सेनेटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
2-लोगों से उचित दूरी बनाकर रखें-
अपने आसपास के लोगों के साथ कम से कम 3 फीट का फासला बनाए रखें। जिन लोगों को खांसी या जुकाम हो उनसे भी दूर रहें।
3. नाक, मुंह और आंखों को बार-बार न छुएं-
कई लोग अक्सर अपनी नाक, मुंह और आंखों को बार-बार हाथ लगाते रहते हैं। इस वायरस से बचना चाहते हैं तो ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसा इसलिए आपके हाथ कई चीजों को छूते हैं। ऐसे में उन पर कई तरह के वायरस लगे हो सकते हैं। हथेली पर लगे वायरस नाक, मुंह या आंखों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
4. छींकते वक्त टिशू का इस्तेमाल करें-
अपने आसपास सफाई का ख्याल रखें। ध्यान रहे कि छींकते या खांसते वक्त नाक और मुंह को टिशू से ढंक लें और तुरंत बाद इस टिशू को डस्टबीन में फेंक दें।
5. मोबाइल की स्क्रीन को साफ रखें-
हमारे हाथ में 24 घंटे रहने वाले स्मार्टफोन की स्क्रीन वायरस का बड़ा अड्डा है। स्क्रीन पर मेथिसिलिन रसिस्टेंट स्टेफाय्लोकोक्स औरीयास (एमआरएसए) नाम के जीवाणु होते हैं। अपने स्मार्टफोन को हफ्ते में एक बार डिसइंफेटिंग वाइप्स से साफ जरूर करें। ये वाइप्स फोन में ऊपरी भाग में रहने वाले सभी कीटाणुओं को खत्म कर देते हैं।
6. बुखार, खांसी-जुकाम को हल्के में न लें-
अगर आपको बुखार, खांसी है या सांस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। कोशिश करें कि घर पर ही रहें। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करने से बीमारी को शुरुआत में ही पकड़ा जा सकता है।

- डॉ. अभिषेक जोशी | हीरा प्रेम हॉस्पिटल
09639192016

साइनस से अपनी ज़िन्दगी को ना बनने दें बेरंग😢😢।👉साइनस के लक्षण - नाक, मस्तिष्क व आंखों के अंदरूनी भाग मे जो थोड़ी-सी खोखली...
27/02/2020

साइनस से अपनी ज़िन्दगी को ना बनने दें बेरंग😢😢।

👉साइनस के लक्षण - नाक, मस्तिष्क व आंखों के अंदरूनी भाग मे जो थोड़ी-सी खोखली जगह होती है, उसे ही साइनस कहते हैं। साइनस का मार्ग जब रुक जाता है तब जब बलगम निकलने में परेशानी होती है, इसे 'साइनोसाइटिस' कहते हैं। आमतौर पर साइनस की समस्या का मुख्य कारण धूल और प्रदूषण हैं। लेकिन बदलते मौसम से भी साइनस की समस्‍या काफी बढ़ जाती है। जरूरी सावधानियों को अपनाकर आप इस समस्‍या से बच सकते हैं। इसके लिए आपको साइनस के लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए। इसके लक्षणों के आधार पर इस समस्‍या का निदान होने पर उपचार कर सकते हैं।
👉साइनस के कई लक्षण एक्‍यूट और क्रोनिक दोनों में आम होते हैं। संक्रमण के सही कारणों का पता लगाने के लिए और सही इलाज के लिए आपको डॉक्‍टर अभिषेक जोशी से संपर्क करना चाहिए।
👉 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से हीरा प्रेम हॉस्पिटल में :- दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक। अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क☎ करें मो0: 9639192016

गले में खिचखिच को मामूली एलर्जी 🤧 न समझों । तुरंत संपर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से करें मो0☎: 09639192016👉 गले में खिचखिच ...
21/02/2020

गले में खिचखिच को मामूली एलर्जी 🤧 न समझों । तुरंत संपर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से करें मो0☎: 09639192016

👉 गले में खिचखिच की समस्या कई बार मौसमी होती है, लेकिन कई बार यह बैक्टीरिया और वायरस की देन भी होती है। ऐसे में सही समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो काफी कष्टदायी हो जाती है। इसलिए आप अपने गले की खिचखिच और खराश को हल्के में न लें।
गले की खिच-खिच और खराश हमारी आवाज तो खराब करती ही है, दिनचर्या को भी कष्टकारी बना देती है। फिर भी इस समस्या को मौसमी बीमारी समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस समस्या की जड़ तक पहुंचने की कोशिश बहुत कम ही की जाती है। वास्तविकता यह है कि गले की यह बीमारी हमेशा मौसमी नहीं होती, बल्कि कई बार बैक्टीरिया और वायरस भी इसका कारण होते हैं।
साधारण-सी दिखने वाली इस बीमारी को कुछ सावधानियां बरत कर और बचाव के उपाय अपनाकर असाध्य बनने से पहले ही अलविदा कह दें। मथुरा के हीरा प्रेम हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. अभिषेक जोशी(ENT) बताते हैं कि यह बीमारी जब मौसम बदलने के कारण होती है तो वह केवल एलजिर्क होती है। इसलिए जिन लोगों को किसी चीज जैसे धूल, मिट्टी आदि से एलर्जी हो तो वे इनसे बचें। लेकिन हर गले की खराश को मामूली सी एलर्जी न समझों।
लक्षण को पहचानें
कहीं आपको ठंड के साथ बुखार तो नहीं। गले में दर्द, गले का सूखना, बार-बार छींकना, खांसी, सांस लेने में परेशानी होना, निगलने में परेशानी भी इसके लक्षण हो सकते हैं। टॉन्सिल का बढ़ना, आवाज का कर्कश होना, शरीर दर्द, बिना दर्द के साथ मुंह से खून आना आदि भी गंभीर बीमारी का सूचक हो सकता है। अचानक जीभ और गले में सूजन आ जाए या तेज बुखार हो जाए तो भी लापरवाही बिल्कुल न बरतें।
सबसे बड़ा इलाज है बचाव
गले के संक्रमण का सबसे बेहतर इलाज है बचाव। लेकिन जब समस्या सामने आ जाए तो लापरवाही न बरतें। जैसे ही गले में खिचखिच या खराश की शिकायत आए, डॉक्टर के निर्देशानुसार पूरा इलाज कराएं, न कि खुद ही
डॉक्टर बनें।
और अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से हीरा प्रेम हॉस्पिटल में :- दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक। अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें मो0☎: 09639192016

कान की समस्या🤕 को ना करें अनदेखा। भारी पढ़ सकता है घरेलू इलाज😨😨 कान के दर्द में तुरंत संपर्क☎️ करें डॉ. अभिषेक जोशी👨🏻‍⚕️ ...
16/02/2020

कान की समस्या🤕 को ना करें अनदेखा। भारी पढ़ सकता है घरेलू इलाज😨😨 कान के दर्द में तुरंत संपर्क☎️ करें डॉ. अभिषेक जोशी👨🏻‍⚕️ से (मो0: 9411052743)

👉 कई बार घरेलू उपचार से ठीक करने की कोशिशों में कान से जुड़ी समस्याएं बहरेपन का कारण बन जाती हैं। ज्यादा दिन तक कान दर्द की अनदेखी करना सही नहीं। दो या तीन दिन से ज्यादा कान दर्द रहने पर डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर है।कान के मध्य से लेकर गले के पीछे मौजूद यूस्टेकियन ट्यूब के अवरुद्ध होने से अकसर कान में दर्द होने लगता है। कान के मध्य में सूजन या संक्रमण होने लगता है, जिससे दर्द होता है। कान में फुंसी होना, वैक्स का बहुत ज्यादा या कम बनना आदि सामान्य समस्याएं लापरवाही करने पर बहरेपन तक ले जा सकती है।
कैसे बचाव करें
1. कानों को बार-बार न धोएं। पिन, तिल्ली, चाबी आदि कान में ना डालें।
2. अच्छी क्वालिटी का हेड फोन इस्तेमाल करें। लगातार तेज आवाज में हेड फोन लगाकर सुनने से बचें।
3. त्वचा व बालों के उत्पाद अच्छी क्वालिटी के इस्तेमाल करें।
4. तैराकी करते हुए कान में पानी न जाने दें। कान दर्द है तो तैराकी न करें।
5. मांसपेशियों को सक्रिय रखने के लिए नियमित प्राणायाम आदि व्यायाम करें।
6. कान में वैक्स बहुत बनती है तो हर चार माह बाद डॉक्टर से सफाई करवाएं।
7. कान में हल्का दर्द है तो शुरुआती उपचार के तौर पर ठंडे पानी के कपड़े से कान के बाहरी हिस्से पर सेंक दें।
8. दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें।

और अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से हीरा प्रेम हॉस्पिटल में :- दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक।
अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क☎️ करें मो0: 9411052743

हीरा प्रेम अस्पताल👉💥आयुष्मान लाभार्थीयों के लिए निशुल्क ऑपरेशन की सुभिधाएँ उपलब्ध हैं।💥यदि आपको या आपके परिवार में :-१. ...
10/02/2020

हीरा प्रेम अस्पताल
👉💥आयुष्मान लाभार्थीयों के लिए निशुल्क ऑपरेशन की सुभिधाएँ उपलब्ध हैं।💥

यदि आपको या आपके परिवार में :-
१. कान का बहना, कान का पर्दा फटा हुआ।
२. नाक बंद, बार बार जुकाम, लगातार जुकाम बना रहता हैं।
३. श्वांस, एलर्जी, आवाज़ का भारीपन।
४. श्वांस फूलती हो, सांस लेने में परेशानी।
५. कान, नाक गले का कैंसर व् उसके लक्षण हों।
६. आँखों में नासूर का इलाज।

सुभिधाएँ :-
दूरबीन द्वारा बिना चीरे का कान के परदे का ऑपरेशन।
दूरबीन द्वारा नाक की टेडी हड्डी, साइनु साइटिका का ऑपरेशन।
दूरबीन द्वारा गले की जांच व् गले का ऑपरेशन।
टॉन्सिल का ऑपरेशन, थाइरोइड, लार ग्रंथि की सर्जरी।
नाक, कान, गले के कैंसर का ऑपरेशन द्वारा निदान।
नाक, कान, गले में फंसी चीजों को दूरबीन से निकालना ।


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