21/02/2020
गले में खिचखिच को मामूली एलर्जी 🤧 न समझों । तुरंत संपर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से करें मो0☎: 09639192016
👉 गले में खिचखिच की समस्या कई बार मौसमी होती है, लेकिन कई बार यह बैक्टीरिया और वायरस की देन भी होती है। ऐसे में सही समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो काफी कष्टदायी हो जाती है। इसलिए आप अपने गले की खिचखिच और खराश को हल्के में न लें।
गले की खिच-खिच और खराश हमारी आवाज तो खराब करती ही है, दिनचर्या को भी कष्टकारी बना देती है। फिर भी इस समस्या को मौसमी बीमारी समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस समस्या की जड़ तक पहुंचने की कोशिश बहुत कम ही की जाती है। वास्तविकता यह है कि गले की यह बीमारी हमेशा मौसमी नहीं होती, बल्कि कई बार बैक्टीरिया और वायरस भी इसका कारण होते हैं।
साधारण-सी दिखने वाली इस बीमारी को कुछ सावधानियां बरत कर और बचाव के उपाय अपनाकर असाध्य बनने से पहले ही अलविदा कह दें। मथुरा के हीरा प्रेम हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. अभिषेक जोशी(ENT) बताते हैं कि यह बीमारी जब मौसम बदलने के कारण होती है तो वह केवल एलजिर्क होती है। इसलिए जिन लोगों को किसी चीज जैसे धूल, मिट्टी आदि से एलर्जी हो तो वे इनसे बचें। लेकिन हर गले की खराश को मामूली सी एलर्जी न समझों।
लक्षण को पहचानें
कहीं आपको ठंड के साथ बुखार तो नहीं। गले में दर्द, गले का सूखना, बार-बार छींकना, खांसी, सांस लेने में परेशानी होना, निगलने में परेशानी भी इसके लक्षण हो सकते हैं। टॉन्सिल का बढ़ना, आवाज का कर्कश होना, शरीर दर्द, बिना दर्द के साथ मुंह से खून आना आदि भी गंभीर बीमारी का सूचक हो सकता है। अचानक जीभ और गले में सूजन आ जाए या तेज बुखार हो जाए तो भी लापरवाही बिल्कुल न बरतें।
सबसे बड़ा इलाज है बचाव
गले के संक्रमण का सबसे बेहतर इलाज है बचाव। लेकिन जब समस्या सामने आ जाए तो लापरवाही न बरतें। जैसे ही गले में खिचखिच या खराश की शिकायत आए, डॉक्टर के निर्देशानुसार पूरा इलाज कराएं, न कि खुद ही
डॉक्टर बनें।
और अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें डॉ. अभिषेक जोशी से हीरा प्रेम हॉस्पिटल में :- दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक। अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें मो0☎: 09639192016