Shri Vishwa Ayurved Reasearch Institute

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कौमार्यभृत्य - असिमित संभावना.. उज्वल भविष्य की..... हर आयुर्वेद प्रॅक्टीशनर ने जरूर अटेंड करना चाहिए..
29/10/2024

कौमार्यभृत्य - असिमित संभावना.. उज्वल भविष्य की..... हर आयुर्वेद प्रॅक्टीशनर ने जरूर अटेंड करना चाहिए..

06/09/2023
14/04/2023

कुछ दिन पहले एक परिचित के घर गया था। जिस वक्त घर में मैं बैठा था, उनकी मेड घर की सफाई कर रही थी। मैं ड्राइंग रूम में बैठा था, मेरे परिचित फोन पर किसी से बात कर रहे थे। उनकी पत्नी चाय बना रही थीं। मेरी नज़र सामने वाले कमरे तक गई, जहां मेड फर्श पर पोछा लगा रही थी।

अचानक मेरे कानों में आवाज़ आई।

“बुढ़िया अभी ज़मीन पर पोछा लगा है, नीचे पांव मत उतारना। मैं बार-बार यही नहीं करती रहूंगी।”

मैंने अपने परिचित से पूछा, “मां कमरे में हैं क्या?

“हां।”

“जब तक चाय बन रही है, मैं मां से मिल लेता हूं।”

“हां, हां। लेकिन रुकिए, अभी-अभी शायद पोछा लगा है, सूख जाए,फिर जाइएगा।”

"क्यों? गीला है तो मेड दुबारा लगाएगी। नहीं लगाएगी तो थोड़े निशान रह जाएंगे फर्श पर। क्या फर्क पड़ेगा?"

परिचित थोड़ा हैरान हुए । भैया ऐसा क्यों कह रहे हैं?

तब तक मैं कमरे में चला गया था। गीले पर्श पर पांव के खूब निशान उकेरता हुआ।

मैं मां के पास गया। मैंने उनके पांव छुए और फिर उनसे कहा कि चलिए आप भी ड्राइंग रूम में, वहां साथ बैठ कर चाय पीते हैं। चाय बन रही है। भाभी रसोई में चाय बना रही हैं।

मैंने इतना ही कहा था। मां एकदम घबरा गईं।

“अरे नहीं , अभी फर्श पर पांव नहीं रखना है। फर्श गीला है न, मेरे पांव के निशान पड़ जाएंगे।”

“पांव के निशान पड़ जाएंगे? वाह! फिर तो मैं उनकी तस्वीर उतार कर बड़ा करवा कर फ्रेम में लगाऊंगा। आप चलिए तो सही।”

पर मां बिस्तर से नीचे नहीं उतर रही थीं। उन्होंने कहा कि तुम चाय पी लो बेटा।

तब तक मेरे परिचित भी मां के कमरे तक आ गए थे।

उन्होंने मुझसे कहा कि मां सुबह चाय पी चुकी है। आप आइए भैया ।

"नहीं। मां के साथ मैं यहीं कमरे में चाय लूंगा।"

चमकते हुए टाइल्स पर मेरे जूते के निशान बयां कर रहे थे कि मैंने जानबूझ कर कुछ निशान छोड़े हैं। वो समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर मैंने ऐसा किया ही क्यों?

उन्होंने मुझसे तो कुछ नहीं कहा, लेकिन मेड को उन्होंने आवाज़ दी। "बबिता, जरा इधर आना। इधर भैया के पांव के निशान पड़ गए हैं, उन्हें साफ कर देना।"

बबीता ने गीला पोछा फर्श पर लगाया। जैसे ही फर्श की दुबारा सफाई हुई मैं फिर खड़ा होकर उस पर चल पड़ा। दुबारा निशान पड़ गए।

अब बबिता हैरान थी। मेरे परिचित भी। तब तक उनकी पत्नी भी कमरे में आ चुकी थीं।

उन्होंने कहा, " भैया, आइए चाय रखी है।"

मैंने परिचित की पत्नी से कहा कि ‘बुढ़िया’ के लिए चाय यहीं दे दीजिए।

मेरे परिचित ने मेरी ओर देखा।

मैंने कहा कि हैरान मत होइए।

वो चुप थे।

मैंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि आप लोग मां को प्यार से बुढ़िया बुलाते हैं।

मेड वहीं खड़ी थी। सन्न। परिचित की पत्नी वहीं खड़ी थी, सन्न।

परिचित ने पूछा, "क्या हुआ भैया ?"

हुआ कुछ नहीं। मैंने खुद सुना है कि आपकी बबिता मां को बुढ़िया कह कर बुला रही थी। उसने मां को बिस्तर से उतरने से धमकाया भी था। यकीनन काम वाली ने मां को बुढ़िया पहली बार नहीं कहा होगा। बल्कि वो कह भी नहीं सकती उन्हें बुढ़िया। उसने सुना होगा। बेटे के मुंह से। बहू के मुंह से। बिना सुने वो नहीं कह सकती थी।

जाहिर है आप लोग प्यार से मां को इसी नाम से बुलाते होगे, तभी तो उनसे कहा।

पल भर के लिए धरती हिलने लगी थी। गीले फर्श पर हज़ारों निशान उभर आए थे।

मेरे परिचित के छोटे-छोटे पांव के निशान वहां उभरे हुए हैं। बच्चा भाग रहा है। मां खेल रही है बच्चे के साथ-साथ। एक निशान, दो निशान, निशान ही निशान। मां खुश रही है। बेटे के पांव देख कर कह रही है, देखो तो इसके पांव के निशान। बेटा इधर से उधर दौड़ रहा था। दौड़ता जा रहा था, पूरे घर में।

बुढ़िया रो रही थी। बहू की आंखें झुकी हुई थीं। बबिता चुप थी।

“भैया, गलती हो गई। अब नहीं होगा ऐसा। भैया बहुत बड़ी भूल थी मेरी।”

मेरे परिचित अपनी आंखें पोंछ रहे थे।

मैं चल पड़ा। सिर्फ इतना कह कर कि आँखें ही पोंछनी चाहिए। उस फर्श को तो चूम लेना चाहिए जहां मां के पांव के निशान पड़े हों।

साभार
इस कहानी के लिए इससे उपयुक्त चित्र कोई और नहीं लगा।✍️✍️💐💐

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"दुर्जनांचा नाश करुन
कुशल प्रशासनाचा
आदर्श प्रस्थापित
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22/03/2023

🚩😍समतेचे बांधू तोरण, गुढी उभारू ऐक्याची !
स्वप्न आपुले साकारण्यासाठी
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दिवसाचा पूर्ण आनंद घ्या.
होळीच्या शुभेच्छा.

Freedom is indeed the most expensive as it came after the sacrifices of our freedom fighters, so never take it for grant...
26/01/2023

Freedom is indeed the most expensive as it came after the sacrifices of our freedom fighters, so never take it for granted. Happy Republic Day 2023!

नमस्कार, डॉ.अविनाश अमृतवाड , आयुर्वेद तज्ञ असून अनेक वर्षे रुग्णचिकित्सा करत आहेत.मेंदू व मज्जातंतू वरील उपचार आयुर्वेदा...
30/12/2022

नमस्कार,
डॉ.अविनाश अमृतवाड , आयुर्वेद तज्ञ असून अनेक वर्षे रुग्णचिकित्सा करत आहेत.
मेंदू व मज्जातंतू वरील उपचार आयुर्वेदात उपलब्ध आहेत. ३१/१२/२०२२ आणि ०१/०१/२०२३ ला नागपुर येथे भेट आयोजित करण्यात आली आहे.
डॉक्टरांची मुख्य शाखा,नांदेड येथे आहे. तसेच, डॉक्टर मुंबई, पुणे, नागपूर, आणि लातूर येथे प्रत्येक महिन्यात विशेष भेट देतात.
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