Supplement Hub At Narnaul

Supplement Hub At Narnaul India's one stop shop for bodybuilding. supplements. supplement hub is one of the most vastly and rapidly expanding Sport Supplements company in the India.

"Authenticity Guaranteed" is our commitment to our customers with outstanding Customer Service. At Vitamin Planet, we aim to satisfy each and every customer by providing them Genuine Quality Brands at everyday low prices delivered to your doorstep. We stock our products so we can ship most orders within 24 hours of receiving payment. Remember, you can just order online at supplementhub.in or over the phone by calling (+91)9812903666 where our customer service is always ready to answer any of your questions. To all of you, from all of us at the supplement hub - Thank you and Happy shopping!

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क्या है L - कार्निटाईन ------------ अल -कार्निटाईन वैसे तो एक अमीनो एसिड है लेकिन यह विटामिन के तो पर विटामिन बी में भी ...
28/05/2016

क्या है L - कार्निटाईन ------------ अल -कार्निटाईन वैसे तो एक अमीनो एसिड है लेकिन यह विटामिन के तो पर विटामिन बी में भी काउंट होता है ! L-कार्निटाईन हमारे शरीर में दो अमीनो एसिड लायसिन और मिथीओनाइन से मिलकर बनता है ! यदि आपका उदेश्य फैट लोस करना या लीन मसल मास गेन करना है ! तो यकीं मानिए L-कार्निटाईन के इस्तेमाल से आपकी सफलता के चांस काफी हद तक बढ़ जाते है !https://www.facebook.com/SupplementHubNarnaul/

L-कार्निटाईन इस्तेमाल करने के फायदे ---

1.... फैट लोस -- यदि आपका उदेश्य फैट बर्न करना है तो आपके लिए ये सबसे कारगर हथियार है , यह आपके शरीर की फैट बर्न करने की कैपेसिटी को बढाने के लिए सबसे जरुरी या कहे की प्रधानमंत्री पोषक तत्व है ! अब यदि साधारण भाषा के फैट बर्निंग में इश्के रोल की बात करे तो L-कार्निटाईन आपके फैट सेल्स से फैट को बाहर निकाल कर फैटी एसिड के रूप में ब्लड स्ट्रीम में फेंक देता है जहा से इन फैटी एसिड्स का ऑक्सीकरण कर एनर्जी के रूप में बॉडी द्वारा इस्तेमाल कर लिया जाता है ! साथ ही L-कार्निटाईन शरीर को लम्बे समय तक वर्क आउट करने लायक बांये रखता है और थकान का अहसास नहीं होने देता ! और आप एक लम्बे वर्कआउट से ज्यादा क्लोरिस बर्न कर पाते है !

2....ऊर्जा,पावर और स्टैमिना --
यदि आप नियमित एक्सरसाइज करते है और ज्यादा पॉवर और उर्जा से एक्सरसाइज करना चाहते हो तो L-कार्निटाईन आपके लिए बेहतर विकल्प है रिसर्च में ये साबित हो चूका है की L-कार्निटाईन आपके शारीर को ज्यादा एनर्जेटिक बनाये रखने में मददगार है ! साथ ही यह एक्सरसाइज के कारण उत्पन दर्द को कंट्रोल करता है ! यदि आप endurance athlete है तो L-कार्निटाईन को बतौर सप्लीमेंट लेकर आप आपने प्रदर्शन को बेहतर बना सकते है , क्योकि यह आपकी की स्पीड तो बढ़ा ही सकता है साथ ही यह आपकी बढ़ी हुई स्पीड को लम्बे समय तक बरकरार बनाये रखने का मादा रखता है ! जिम में लम्बे समय तक एक्सरसाइज करने वालो में भी L-कार्निटाईन एनर्जी लेवल को लम्बे समय तक बनाये रखने में सहायक है ! क्यों की यह एक्सरसाइज के दोरान मसल में लैक्टिक एसिड को बढ़ने नहीं देता जो की एक्सरसाइज के दोरान थकान का मुख्य कारण है !https://www.facebook.com/SupplementHubNarnaul/

3......मसल और मास --
L-कार्निटाईन मसल गेन में भी काफी मददगारक्यों की L-कार्निटाईन का इस्तेमाल आपकी ताकत बढ़ा देता है और आप ज्यादा हैवी वेट उठा पाते है और आप जानते है की हैवी वेट का मतलब ज्यादा मसल गेन !

4......टाइप टू डायबिटीज ---
जिन लोगो को डायबिटीज है उनके लिए भी यह बहतरीन है क्यों की L-कार्निटाईन ब्लड से ग्लूकोस ऑक्सीडेशन और ग्लूकोस का मसल में स्टोरेज को काफी हद तक बढ़ा देता है !https://www.facebook.com/SupplementHubNarnaul/

5.....रोग प्रतिरोधक छमता ----
L-कार्निटाईन एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और हमारे शारीर से फ्री रेडिकल्स को भार निकालता है ! यही कारण है के यह कोल्ड और वायरल से रिकवरी में हारी मदद करता है और हमें स्वस्थ बनाए रखता है !

6.....दिमाग के लिए --
यह बढती उमर और चिंता के कारण होने वाले नुकसान से दिमाग को बचता है और दिमाग को तन्दुरुस्त बांये रखता है ताकि दिमाग बढती उमर के बावजूद लम्बे समय तक बेहतर काम कर सके !

7......हार्ट के लिए ---
कुछ शोध बताते है की एक हार्ट अटैक आने के बाद L-कार्निटाईन का सेवन करने से दुसरे अटैक का खतरा काफी कम होजाता है ! डोक्टरो के द्वारा हार्ट के मरीजो को यह बतौर सप्लीमेंट दिया जाता है !https://www.facebook.com/SupplementHubNarnaul/

कितना और कैसे लिया जाये ---
वैसे तो 1 से 2 ग्राम की खुराख रोजाना काफी है आपकी हेल्थ और फिटनेस गोल को प्राप्त करने के लिए ! लेकिन काफी लोग 4 ग्राम रोजाना तक की खुराख लेते है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है के ये पैसे की वेस्टेज है ! यह टेबलेट्स ,कैप्सूल और पाउडर तीनो फोम में मिलता है !
आप बेहतर परिणाम के लिए इसे दिन की किसी भी कार्बोहायड्रेट डाइट के साथ ले सकते है ! ताकि शारीर इशे आसानी से अपटेक कर सके ! यदि हम नेचुरल सोर्स की बात करे तो यह सबसे ज्यादा रेड मीट व इसके अलावा डेरी प्रोडक्ट्स नट्स ,सीड्सआदि से मिलता है !

क्या है इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग ------- यदि आपका उदेश्य फैट लूज़ करना और वो भी मसल वेट को बरकरार रखते हुए , तो यकीन मानिये ...
05/05/2016

क्या है इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग ------- यदि आपका उदेश्य फैट लूज़ करना और वो भी मसल वेट को बरकरार रखते हुए , तो यकीन मानिये ये एक बहतरीन विकल्प है ! इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग कोई डाइट नहीं है , यह एक तरीका है खाना खाने का ,इसमें आपको खाने में बदलाव नहीं करना सिर्फ खाने के टाइम में बदलाव करना है !......... इस का सीधा तरीका ये है की आपको 8 घन्टे खाना है और 16 घन्टे बिना खाने के रहना है ! 16 घन्टे फास्टिंग का अर्थ है के इन घंटो में आपने कुछ भी नहीं लेना यानि छोटी से छोटी डाइट कुछ नहीं ,सिर्फ कॉफ़ी और ग्रीन टी और वो भी बिना चीनी और बिना दूध के ! यहाँ आप आपनी फास्टिंग विंडो को बढ़ा भी सकते है ,लेकिन ज्यादा तर बॉडी बिल्डरो की पसन्द 16/8 ही है और मेरी भी !
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जैसे -- यदि आप फास्टिंग शाम 7 बजे शुरु करते है तो आपके 16 घन्टे सुबह 11 बजे पुरे होते है यानि आपका फीडिंग टाइम सुबह 11 से शाम 7 बजे का होगा और शाम 7 बजे से दोपहर 11 बजे तक आप का फास्टिंग जोन होगा ! यह जरूरी नहीं की ईशी निर्धरित समय पर ही आप फास्टिंग करे इशे आप आपनी सुविधा अनुसार बना सकते है, यदि आप आपना लास्ट डाइट रात 9 बजे लेना चाहते है तो ठीक है आपकी फास्टिंग विंडो रात 9 से दोपहर 1 बजे की होगी ! ईशी तरह आप जरूरी बदलाव कर सकते है !
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आइये देखते है की ये कैसे काम करती है --------
यह जानने के लिए की इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग फैट लूज़ में कैसे मदद करती है इसके लिए पहले आपको फीडिंग जोन और फास्टिंग जोन का अंतर समझना पड़ेगा !

आपकी बॉडी फीडिंग जोन में होती है जब शारीर भोजन को पचाने और ग्रहण (absorb) कर रहा होता है ! आमतोर पर ,जैसे ही आप कुछ खाते है आपकी फीडिंग जोन शुरु हो जाती है और अगले तीन से पांच घन्टे जब तक आपका शारीर इशे पचता और ग्रहण करता है,आप फीडिंग जोन में ही होते है ! और जब तक आपका शारीर फीडिंग जोन में होता है तब तक आके लिए फैट बर्न करना बेहद मुस्किल होता है ,क्यों की इस समय आपका इन्सुलिन लेवल काफी हाई होता है !

जैसे जैसे समय बीतता है आपका शरीर पोस्ट अब्ज़ॉर्प्शन स्टेट में पहुच जाता है जो की केवल एक आधुनिक नाम है यह बताने का की आपका शारीर अब भोजन की प्रासेसिंग नहीं कर रहा है या कहे की पचाने और ग्रहण करने का कार्य नहीं कर रहा है !और यह स्तिथि लगभग 8 से 12 घन्टे के बाद शुरु होती है ! और यही वह समय है जब आप फास्टिंग जोन में एंट्री कर जाते है ! क्यों की इस समय आपका इन्सुलिन लेवल बिलकुल कम होता है !

और जब आप फास्टिंग जोन में होते है तो आपकी बॉडी फैट बर्न करती है जो की फीडिंग जोन में होना ना मुमकिन के बराबर था !

हमारा शरीर 12 घंटो से पहले फास्टिंग जोन में प्रवेश नहीं कर सकता और साधारनतया हम 12 घण्टे बिना खाये नहीं रहते है ! यही वो मोटा कारण है जिससे की इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग करने वाले लोग आसानी से फैट लूज़ कर पाते है वो भी लगभग उतना ही खाते हुवे जीतना की वे पहले से खा रहे थे या कहे की बिना डाइटिंग के और बिना वर्कआउट में ज्यादा बदलाव किये बगर ! इन्टर्मिटन्ट फास्टिंग आके शारीर को फैट बर्निंग जोन में डाल देती है जो की साधारण डाइट प्लान को फॉलो करते हुए नहीं हो सकता !

इसका सीधा सा अर्थ ये हुआ की आपको ना आपकी डाइट बदलनी है और ना ही वर्कआउट प्लान , बस बदलना है तो आके भोजन का समय !

और हाँ इसकी सबसे बड़ा प्लस पॉइंट ये है की इससे महिला और पुरुष दोना ही फॉलो कर सकते है ! इसके लिए कोई खास मसकत भी नहीं करनी !
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क्‍या है गाइनेकोमेस्टिया --पुरुषों में जब स्‍तन के ऊतकों में सूजन आती है तब उस स्थिति को गाइनेकोमेस्टिया कहते हैं। यह पु...
24/04/2016

क्‍या है गाइनेकोमेस्टिया --

पुरुषों में जब स्‍तन के ऊतकों में सूजन आती है तब उस स्थिति को गाइनेकोमेस्टिया कहते हैं। यह पुरुषों की सामान्‍य बीमारी है जो टेस्‍टोस्‍टेरॉन और एस्ट्रोजेन हार्मोन( फीमेल हार्मोन ) में गड़बड़ी होने की वजह से होता है।ज्यादा तर बॉडी बिल्डरो में यह हारमोंस के बेजा इस्तेमाल के कारण होती है !
स्टेरॉयड के इस्तेमाल से बॉडी में एस्ट्रोजन लेवल बढ़ जाता है जो की गाइनेकोमेस्टिया का मुख्य कारण है ! हालकी यह कोई गम्भीर बीमारी नहीं है!
और बहुत से लोग इस से पीड़ित है !

उपचार के तो पर हलाकि सर्जरी ही कारगर ईलाज है लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है के शुरवाती दोर में इसे दवाओ से भी कंट्रोल किया जा सकता है!

कॉस्मेटिक सर्जरी --

इसके ईलाज के लिए liposuction एक कारगर कॉस्मेटिक सर्जरी है। इसमें स्तन से वसा ऊतकों को निकाल दिया जाता हैं लेकिन चेस्ट के मसल्स यो के यो बरकरार रहते है !यह पूरी तरह कामयाब है हलाकी इन फैट सेल्स को एक दफा निकालने के बाद ये दोबारा रिबिल्ट नहीं होते ! लेकिन कुछ केस में कुछ फैट सेल्स छुट जाते है जिस कारण दोबारा सर्जरी से गुजरना पड सकता है!.......और हाँ साथ ही आपको उस ही दिन कुछ घन्टो बाद हॉस्पिटल से छुटी मील जाती है !लगभग एक हफ्ते में आप आपनी साधरण दिन चर्या पर आ जाते है वेट ट्रेनिंग के लिए आपको 6 हफ्तों तक इंतजार करना होगा ! साथ ही एक बल्ट जिससे की आपकी चेस्ट की स्किन वापस से सुकड सके या कहे की टाईट हो सके आपको 2 से 3 हफ्तों के लिए चेस्ट पर बाधनी होगी ! पहले 2 से 4 हफ्ते आपको चेस्ट पर सुजन रहेगी !

खर्चा ---
हा हा हा...... ये सबसे जरूरी टॉपिक है ,कोई नहीं ये ज्यादा खर्चीला नहीं है दोनों चेस्ट के लिए 25000 से 30000 रुपय का खर्चा आता है ! सभी दवाओ व बेड चार्ज समेत !

दवाएं ---
Tamoxifen एक anti-estrogen दवा है। यह दो बार दैनिक 10 से 20 मिलीग्राम गोलियों के रूप में बताया जाता है ! डोक्टर की सलाह से 6 से 10 हफ्तों के लिए चला सकते है ! ज्यादा तर अनुभवी बॉडी बिल्डर पोस्ट साइकिल थरपी में इनका इस्तेमाल करते है !यह फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन को कंट्रोल कर टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन को दोबारा पटरी पर लाने मादा रखती है !

नोट -- हमारे पास किसी भी प्रकार का डोक्टरी एक्सपीरियंस या डिग्री नहीं है,ये आर्टिकल केवल मनोरंजन व मोजूदा बॉडी बिल्डिंग समस्या पर चर्चा मात्र है !

बॉडीबिल्डिंग डाइट चार्ट कैसे बनाये -------जैसा की हम सभी जानते है एक बड़ी काया बनाने के लिए आपको "अच्छा पोषक" और सधा हुआ ...
13/04/2016

बॉडीबिल्डिंग डाइट चार्ट कैसे बनाये -------

जैसा की हम सभी जानते है एक बड़ी काया बनाने के लिए आपको "अच्छा पोषक" और सधा हुआ भोजन खाना होगा ! लेकिन हम शंका में रहते है की कहाँ से शुरुवात की जाये और कब,कितना व कोन सा भोजन लिया जाये ! आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको खुद अपना बॉडीबिल्डिंग डाइट चार्ट बनाने में मदद करेंगे !

1........सबसे पहले पता लगाये की आपको रोजाना कितनी क्लोरी चाहिये---
.......... यह सबसे पहला और जरूरी कदम है डाइट चार्ट बनाने के लिए ये पता लगाना की आपको रोजाना कितनी क्लोरी चाहिये ! इसके दो तरीके है पहला थोडा पेचीदा है, जबकि दूसरा बेहद आसन और मेरा मनपसन्द है !
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फार्मूला नंबर एक ===>
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गूगल पर B.M.R कैलकुलेटर से आपना B.M.R (basal metabolic rate) निकाले और जब एक दफा जब BMR निकल आये तो इसमें आपकी रोजाना की गतिविधियों या कहे की एक्सरसाइज में खर्च होने वाली क्लोरी जोड़ दे ! इसके लिए आप निचे दिए गए फार्मूले की मदद ले सकते है !

BMR x 1.2 यदि आप की जॉब साधारण है और आप कोई खास व्यायाम नहीं करते है !

BMR x 1.3 यदि आप हफ्ते में 3 से 4 दिन साधारण वाल्किंग,योग करते है,गोफ खेलते है !

BMR x 1.5 यदि आप मध्य श्रेणी का व्यायाम हफ्ते में 5 दिन रोजाना 30 से 45 मिनट के लिए करते है !

BMR x 1.7 यदि आप उच्च तीव्रता वाले व्यायाम हफ्ते में 6 से 7 दिन 45 से 60 मिनट के लिए करते है !

BMR x 1.9 यदि आप बेहद सक्रिय व्यक्तियों में से है , एथलीट है , और रोजाना 90 मिनट गहन एक्सरसाइज करते है,,दिन में काफी समय भारी कार्य करते है !

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फार्मूला नंबर दो ====>
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यदि आप ऊपर दिए गए फार्मूले से उलझन में पड गए है तो ये आपके लिए है ,बेहद आसान

आपका बॉडी वेट x 25 यदि आप की जॉब साधारण है और आप कोई खास व्यायाम नहीं करते है !

आपका बॉडी वेट x 28 यदि आप हफ्ते में 3 से 4 दिन साधारण वाल्किंग या योगा करते है,गोफ खेलते है !

आपका बॉडी वेट x 35 यदि आप मध्य श्रेणी का व्यायाम,वेट ट्रेनिंग हफ्ते में 5 दिन रोजाना 30 से 45 मिनट के लिए करते है !

आपका बॉडी वेट x 40 यदि आप बेहद सक्रिय व्यक्तियों में से है , एथलीट है , और रोजाना 90 मिनट गहन एक्सरसाइज करते है,,दिन में काफी समय भारी कार्य करते है !
..........उदहारण के तोर पर यदि आपका बॉडी वेट 80 किलो ग्राम है और आप मध्य श्रेणी का व्यायाम ,वेट ट्रेनिंग हफ्ते में 5 दिन के लिए रोजाना 30 से 45 मिनट के लिए करते है ! तो आपकी रोजाना कैलोरी की जरूरत 80 x 35 = 2800 क्लोरी है !

नोट -- इस पुरे लेख में हम इस 80 किलो को ही .उदहारण के तोर पर इस्तेमाल करेंगे ताकि आपको समझने में आसानी हो
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2......मसल मास और वजन बढ़ाने के लिए कितनी क्लोरी ----
बॉडी बिल्डरो को मसल मास गेन करने के लिए 250 से 500 क्लोरी अपनी रोजाना की क्लोरी जरूरत से बढ़ा कर लेनी चाहिए ! और जब तक आपको परिणाम मिलते रहे या कहे की मसल और वेट गेन होता रहे , तब तक इतनी ही क्लोरी पर रहे ! और जब आपका मसल गेन रुक जाये तो एक बार फिर से इसमें 250 से 500 क्लोरी और जोड़ दे ! साथ ही बॉडी बिल्डरो को आपनी डाइट में सम्पूर्ण macros का उचित अनुपात लना नहीं भूलना चाहिए ! यहाँ macros से मतलब प्रोटीन ,कार्बोहाइड्रेट,और फैट के अनुपात से है !

अब वही उदहारण 80 किलो के बॉडी बिल्डर को मसल गेनिंग के लिए 2800 +250 = 3150 क्लोरी लेनी होगी !

3......वजन घटने के लिए क्लोरी -------
जी हाँ जिस तरह से वजन बढ़ाने के लिए हमने 250 से 500 क्लोरी हमरी रोजाना जरूरत की क्लोरी में जोड़ी थी उशी तरह से वजन घटाने के लिए 250 से 500 क्लोरी कम लेनी चाहिए यदि आप रोजाना 500 क्लोरी कम लेते है तो आपका एक हफ्ते में 450 ग्राम वजन घट जायेगा ! साथ ही एक्स्ट्रा एरोबिक एक्सरसाइज कर यदि 500 क्लोरी बर्न कर के आप एक हफ्ते में 900 ग्राम तक वजन घटा सकते है !

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अपना माक्रोस का चुनाव करे -----------
MACROS का अर्थ है मैक्रो न्यूट्रीएन्ट का अनुपात यानि प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट,और फैट अनुपात ! तो यहाँ आपको ये चुनाव करना है के आपकी कुल क्लोरी का कितना हिस्सा आपको प्रोटीन से कितना कार्बोहायड्रेट से और कितना फैट से लेना है ! यहाँ हम कुछ कॉमन macros पर नजर डालते है --
1...35% protein/ 40% carb/ 25% fat (लीन मसल गेन के लिए )

2...30% protein/ 50% carb/ 20% fat ( हाई कार्बोहायड्रेट और माध्यम प्रोटीन लो फैट मेंटेनेंस के लिए )

3.....20 %protein/ 5%carb/ 75% fat (मुख्य रूप से फैट लोस के लिए आनुभवी बॉडी बिल्डर यूज़ करते है काफी पेचीदा है,कीटो डाइट के नाम से जाना जाता है)

4......30%प्रोटीन +40% कार्बोहाइड्रेट्स +30फैट (काफी आसानी से फोलो किया जा सकता है और बेहतर परिणाम मिलते है साथ ही ज्यादा फैट की वजह से आपका टेस्टोस्टेरोन बूस्ट रहेगा) !

मेरे विचार में प्रोटीन को % से निकालने की बजाय यदि बॉडी वेट से निकाला जाये तो ज्यादा बेहतर है ! वेट ट्रेनिंग करने वाले जिनका टारगेट मसल गेन करना है उनके लिए सिंपल है ,

उदहारण के तोर पर यदि आपका बॉडी वेट 80 किलो ग्राम है तो
आपका बॉडी वेट x 2.5 = रोजाना की प्रोटीन ग्राम में ,
80kg x 2.5 = 200 gm प्रोटीन (रोजाना)........जबकि कई अनुभवी बॉडी बिल्डर 3 ग्राम प्रति किलो ग्राम तक भी जाते है ! जबकि कुछ का मानना है की ये पैसे की बर्बादी के साथ साथ अपने बॉडी ओर्गंस पर अनचाहा दबाव डालना है ! चाहे जो भी हो 2.5 ग्राम प्रति किलो ग्राम भी काफी है !
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80 किलो के बॉडी बिल्डर के लिए अब हमने दो चीजे प्राप्त कर ली है
पहली क्लोरिस =3150 रोजाना
दूसरी प्रोटीन =200 gm. रोजाना
..........इसके बाद बात करते है कार्बोहाइड्रेट्स की हम 35 /40/25 वाले मक्रोस के हिसाब से चलते है तो हमे टोटल 3150 क्लोरिस का 40% कार्बोहाइड्रेट्स से चाहिए यानि 3150 x .40 = 1260 क्लोरी ,अब जैसा की हम जानते है एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स में 4 क्लोरी होती है तो अब इशे कार्बोहाइड्रेट्स में बदलने के लिए 4 से भाग कर दे यानि 1260/4 = 315 ग्राम (कुल कार्बोहाइड्रेट्स रोजाना)
.........अब बात करते है फैट की और हम वही 35/40/25 वाले मक्रोस के हिसाब से चलते है तो हमे टोटल 3150 क्लोरिस का 25% फैट से चाहिए और इसका 25% निकलने के लिए 3150x.25=787 क्लोरिस हमे फैट से चाहिए अब इन क्लोरिस को फैट में बदलले ! इसके लिए जैसा की हम सब जानते है 1gm फैट = 9 क्लोरी होता है तो 787/9=87gm (कुल फैट रोजाना)

अब हमारे पास सभी चीजे है =
1. क्लोरिस =3150 रोजाना
2.प्रोटीन =200 gm. रोजाना
3. कार्बोहाइड्रेट्स = 315 ग्राम रोजाना
4.फैट =87gm फैट रोजाना

तो अब हम 80 kg बॉडी बिल्डर के लिए डाइट चार्ट बना सकते है तो आइये देखते है कैसे ---

foods......protien.....fat......carb...calories
tond milk..........38..........31..........44......607
1 kg

3eggs.......18........15.........1.8.........234
boiled

protein
33gm.....50..........1...........9........266
two serving
total
66 gm

chicken......62......7.2..........0.......330
breast
200gm

almonds
50 gm.....10.62.....25.63....9.87....289

oats
50 gm.......8.5.......3.5.......33.........179

100gm.....2.6........0.9..........23......111
brown
rice

wheat
flour.........10..........1..........76.......364
chapati

300gm
orange.....2.4........0.3.........27........120
juice

bananas
4 piece........4.4......1.2..........92......360
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total..........206.......86.5......315....2860
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........लगभग 290 क्लोरि कम रह गई है ये आपकी चाय, कॉफ़ी,सलाद ,सब्जी ,आदि के लिए दिया गया गैप है !

इन सब गुना भाग के बावजूद हर व्यक्ति की क्लोरी की जरूरत अलग अलग हो सकती है ! इसके लिए अपना अपने बॉडी वेट,मसल,फैट की घटत बढ़त को नोटीस कर के अपनी डाइट में जरूरी बदलाव ला सकते है और आप खुद के डाइटिंसियन बन सकते है और हाँ यकीन मानिये ये काम आप से ज्यादा अच्छे तरीके से कोई दूसरा नहीं कर सकता !

कुदरती तोर पर टेस्टोंस्टोरोंन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ, सप्लेमेंट्स और जडीबुटीयां --टेस्टोस्टेरोन एक पुरुष सेक्स हार्म...
03/04/2016

कुदरती तोर पर टेस्टोंस्टोरोंन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ, सप्लेमेंट्स और जडीबुटीयां --

टेस्टोस्टेरोन एक पुरुष सेक्स हार्मोन है यदि हम बात करे बॉडीबिल्डिंग में इसके रोल की की तो मसल बनाने के लिए बॉडी में इसका एक जरुरी स्तर तक होना नित्यांत आवश्यक है ,निचे दी गई जडी बुटी व सुप्प्लेमेंट्स आपके टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करने की अनोखी छमता रखते है !
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1.सफ़ेद मुसली ---
सफ़ेद मुस्ली एक बहतरीन पॉवर बूस्टर है इसमें सपोनीन होता है जो की टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करता है !यह मस्तिष्क की ताकत को भी बढ़ाता है ,मेंटल स्ट्रेस को कम करता है ! जबकि स्ट्रेस बहुत बड़ा कारण है, टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने का !
बॉडीबिल्डिंग में डोज ---
600 mg दिन में दो बार ले सकते है !
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2.अश्वगंधा ---अश्वगंधा भारतीय जिनसेंग के रूप में जाना जाता है।
फ्लेवोनॉइड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई लाभकारी तत्व है,यह मन को शांत करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देते है,मात्र 5 ग्राम रोजाना की खुराख आपके टेस्टोस्टेरोन को उच्च लेवल तक ले जाने का मादा रखती है !
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3.गोक्सुरा ---
इस के इस्तेमाल से शरीर में हार्मोन एलएच (ल्यूटिनकारी हार्मोन) का निर्माण बढ़ जाता है, जो की शारीर को टेस्टोस्टेरोन निर्माण के लिए बूस्ट करता है ! बहुत से बॉडी बिल्डर इसका इस्तेमाल स्टेरॉयड साइकिल के बाद शरीर के नेचुरल टेस्टोस्टेरोन निर्माण को दुबारा पटरी पर लाने के लिए करते है !
बॉडीबिल्डिंग में डोज ---
बहतरीन रिजल्ट के लिए1000 mg से 2000 mg तक की डोज रोजाना लेना बताया जाता है !
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4. ZMA ----

ZMA फ़ूड सप्लीमेंट जिंक ,विटामिन B6, और मग्निशियम का मिश्रण है ! ZMA बॉडी बिल्डरो के बीच अच्छी नींद लेने व टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने के लिए लोकप्रिय है !

जिंक = जिंक का टेस्टोस्टेरोन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है,जिंक हमारे शारीर की बहुत सी रसायनिक प्रक्रियाओं के लिए अत्याधिक आवश्क है ! जिंक हमारे शारीर में प्रोटीन संश्लेषण, और ऊर्जा संचार करता है ,प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है ,लीवर को महत्वपूर्ण संरक्षण देता है ! साथ ही यह बहुत ही पावर फुल एंटीओक्सिडेंट है !.......... जिंक का लेवल बॉडी में कम होने से एस्ट्रोजन लेवल बढ़ता है अन्ड्रोजन लेवल कम होता जिसका सीधा मतलब है के टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी ! एक और मुख्य बात के हमारी बॉडी जिंक स्टोर नहीं करती और यही कारण है की हमारे शारीर को जिंक की सप्लाई रोजाना चाहिए !

मग्निशियम = शारीर के हर अंग के लिए मग्निशियम एक जरूरी मिनरल है ,विशेष रूप से किडनी,लीवर और हार्ट के लिए ! जबकि मग्निशियम कुदरती तोर पर कई खाद्य पदार्थों में मोजूद है फिर भी ज्यादातर लोगो में इसकी कमी पाई जाती है ! बहुत से शोधों के अनुसार मग्निशियम को सप्लीमेंट के तोर पर लेने से टेस्टोस्टेरोन के लेवल में काफी बढ़त लायी जा सकती है !
यहाँ विटामिन B6 और मग्निसियम शारीर की मदद करते है, जिंक को ग्रहण करने और फ्री क्लस्ट्रोल को टेस्टोस्टेरोन में बदलने में !
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5.विटामीन D3 --
विटामिन D3 का भी टेस्टोस्टेरोन लेवल से सीधा सम्बन्ध है ! एक शोध के अनुसार जिन लोगो में D3 निम्न स्तर पर होती है, उनमे टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम और एस्ट्रोजन का लेवल हाई पाया जाता है ! और उन लोगो में हाई D3 लेवल वाले लोगो की तुलना में ,हाई फैट ,लो मसल,डिप्रेशन ,कार्डियोवैस्कुलर बीमारियाँ,लो फर्टिलिटी, होने के खतरे ज्यादा होते है ! तो यदि आपका D3 लेवल कम है तो आप विटामिन D3 को बतौर सप्लीमेंट ले सकते है ! लेकिन इसके लिए D3 का टेस्ट करवाना जरूरी है ! क्यों की इसकी जरूरत से ज्यादा रेंज भी टॉक्सिक होती है !
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6. भरपूर नींद --
ज्यादा तर कोच और ट्रेनर जानते है की नींद ग्रोथ हारमोंस व टेस्टोस्टेरोन के निर्माण व रिकवरी के लिए बेहद जरूरी है ! आप का शरीर जितना टेस्टोस्टेरोन पुरे दिन में बनता है उसका 75% निर्माण शरीर सोते समय या कहे की अच्छी नीद के दोरान करता है तो कम से कम 8 से 10 घण्टे की नींद बहुत जरूरी है !

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ट्रिबुल्स टेरेस्ट्रिस ====---------------------------  यह भारत और अफ्रीका में पाया जाता है ।गोखरू ऊसर जमीन पर अपने आप उग...
20/03/2016

ट्रिबुल्स टेरेस्ट्रिस ====
--------------------------- यह भारत और अफ्रीका में पाया जाता है ।गोखरू ऊसर जमीन पर अपने आप उगने वाला पौधा है ।गोखरू को संस्कृत में - गोक्षुर , हिंदी में - गोखरू ,लैटिन में - ट्रिबुल्स टेरेस्ट्रिस कहते है । भारत के आयुर्वेद विज्ञान की पुस्तको में हजारों सालो से इसका जिक्र है ! गोखरू के पौधे चने के पौधे की तरह दिखाई देते है ।भारत में पंसारियो की दुकान पर गोखरू के फूल नाम से खुला मिलता है ! बॉडीबिल्डिंग जगत का जाना माना सप्लीमेंट है ! बुल्गारिया की मेडिकल लैब में हुए अध्यन में पाया गया की यह के स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हार्मोन एलएच (ल्यूटिनकारी हार्मोन) का स्तर 72 % तक और टेस्टास्टेरोंन मेल सेक्स हार्मोन को 41% तक बढ़ा देता है वो भी मात्र पांच से सात दिनों में !Tribulus बॉडी बिल्डरों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो गया क्योंकि यह कथित रूप से ताकत और मसल और स्टेमिना बढ़ाने का मादा रखता है ! यह दोनों पुरुषों और महिलाओं में कामेच्छा और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में खासा लोकप्रिय है !

(Tribulus) ट्रिबुल्स के फायदे ---

1.केवल पांच दिनों में टेस्टोस्टेरोन स्तर 41% तक और LH स्तर 72% तक बढ़ जाता है।
2.शारीरिक ताकत ,मांसपेशियों और स्टेमिना में वृद्धि !
3. शुक्राणु की संख्या और गतिशीलता बढ़ाने के लिए !
4. कोई प्रतिकूल प्रभाव (साइड इफेक्ट) नहीं !
5.पूरी तरह सेफ
6.मूत्रवध॔क औषधी
7.नकसीर के ईलाज में इस्तेमाल
8.आंत-संबंधी बीमारियों में कारगर
9.आर्थ्राइटिस में फायदेमंद
...और हाँ स्टेरॉयड साइकिल के बाद इसका इस्तेमाल आपके शरीर के नेचुरल टेस्टोस्टेरोन निर्माण को दुबारा पटरी पर लाने में बेहद मदद करता है !

बॉडीबिल्डिंग में डोज ---
बहतरीन रिजल्ट के लिए 2000 mg की डोज रोजाना लेना बताया जाता है !

ब्राण्ड नाम --
हिमालय गोक्सुरा के नाम से मार्केट में मेडिकल स्टोर्स पर मात्र 150 Rs में उपलब्ध है!

अल्फ़ा लिपोइक एसिड ------================== ज्यादा तर बॉडी बिल्डरों ने इसका नाम सुना होगा, जी हा बॉडीबिल्डिंग जगत का जाना...
04/03/2016

अल्फ़ा लिपोइक एसिड ------
================== ज्यादा तर बॉडी बिल्डरों ने इसका नाम सुना होगा, जी हा बॉडीबिल्डिंग जगत का जाना माना शक्तिशाली एंटी ओक्सिडेंट ! लेकिन अब भी बहुत से नए जिमर्स है जिन्हें इसके बारे में मालूम नहीं है ! एक शब्द में इसके बारे में बतना पड़े तो निश्चित तोर पर कहा जायेगा .......... गजब .......

अब बात करते है बॉडीबिल्डिंग जगत में इसके रोल के बारे में----

इसे यो समझे .........सधारणतय जब हम भोजन करते है तो हमारा शरीर का सिस्टम उससे ग्लूकोस ग्रहण कर उसे ब्लड में पहुचा देता है,जैसे ही ब्लड में ग्लूकोस बढ़ता है तो हमारे शारीर में मोजूद पेनकिर्याज इन्सुलिन का निर्माण करता है और इन्सुलिन ही वो ट्रांसपोर्टर है जो ग्लूकोस और प्रोटीन को मसल टिस्यु में भेजता है और जब मसल टिस्यूं भर जाते है,इसके बाद बचे हुए ग्लूकोस को इन्सुलिन फैट के रूप में फैट सेल्स में जमा कर देता है !ताकि हमारा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहे !
लेकिन जब आप ALA बतौर सप्लीमेंट ले रहे होते है तो यह हमारे मसल टिसू की ग्लूकोस,प्रोटीन और अन्य जरूरी पोषक तत्व ग्रहण करने की क्षमता को 60% तक बढ़ा देता है जिससे आपके भोजन का बड़ा हिस्सा फैट में तब्दील होने की बजाये आपके मसल द्वारा एनर्जी के रूप में इस्तेमाल कर लिया जाता है ताकि वो अपना साइज़ बढ़ा सके और व्यायाम के दोरान ज्यादा ताकत के साथ व ज्यादा देर तक व्यायाम कर सके ! जिसका अर्थ है बेहतर स्ट्मिना,जोरदार व्यायाम करने की शक्ति ,बड़ी मसल वो भी कम फैट के साथ !

अन्य स्वास्थ्य लाभ -----

साथ ही साथ ये हमारे शारीर से फ्री रेडिकल्स को बहार निकलता है जो की मसल रिकवरी में बाधा पहुचाते है साथ ही कई तरह की बीमारियाँ भी इन फ्री रेडिकल से हो सकती है !इसमें सुगर कंट्रोल करने की की भी खूबी है ,यह बॉडी की इन्सुलिन के प्रति सन्सटेविटी बढ़ा देता है इस ही कारण से यह यह ड़ायबीटीज के मरीजो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है !सबसे बड़ी खासियत जो की ALA में है वो है की ये शारीर के दोनों वाटर और फैट कम्पार्ट्मन्ट में सक्रिय है ,जबकि अन्य एंटी ओक्सिडेंट जैसे विटामिन C सिर्फ शारीर के वाटर कम्पार्ट्मन्ट में,और विटामिन E सिर्फ शारीर के फैट कम्पार्ट्मन्ट में ही सक्रीय रहते है !साथ ही यह दिमाग तक सफर करता है और फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से दिमाग को बचाता है !

कोन इस्तेमाल कर सकता है ----

वो बॉडी बिल्डर जिनका मकसद चाहे मसल बढ़ाना है या फैट घटना दोनों ही के बीच ALA लोकप्रिय है क्यों की इसमें दोनों ही गुण मोजूद है !
1.जो लोग फैट घटना चहाते है वो भी मसल लोस किये बिना
2.दूसरा वो बॉडी बिल्डर जो मसल मास बढ़ाना चाहते है बिना फैट बढाये
3.बॉडीबिल्डिंग कॉम्पीटिशन से पहले कटिंग या कहे की मसल डेफिनेशन के लिए

इस्तेमाल कैसे और कितना किया जाता है -----

बॉडीबिल्डिंग जगत में मसल ग्रोथ के लिए 200 मिलीग्राम एक्सरसाइज से पहले और कुल 600 मिलीग्राम रोजाना या इसे यो समझ सकते है 200 मिलीग्राम की कुल तीन खुराख पुरे दिन में !

साइड इफ़ेक्ट ---------

वैसे मोटे तोर पर खा जाए तो कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं ,और बारीकी में जाये तो बहुत ज्यादा डोज लेने से लो शुगर लेवल ,और हाजमा में गडबडी हो सकती है ! और अगर इसका अच्छा पक्ष देखे तो कई दफा आप आराम दायक खुशमिजाज, अच्छी अनुभूति का अहसास हो सकता है !
जबकि मेडिकल स्टोर से लेने के लिए आपको डोक्टर स्लिप की आवस्यकता नहीं है !और यह आसानी से हर मेडिकल स्टोर और फ़ूड सप्लीमेंट स्टोर पर उपलब्द है ! फिर भी डोक्टर की सलाह लेने में हर्ज नहीं है !

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