25/10/2025
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मसूर दाल के फायदे, उपयोग और औषधीय गुण
हर घर में लोग मसूर की दाल खाते हैं। अनेक लोग मसूर की दाल के पकौड़े बनाकर भी खाते हैं। आपने भी मसूर की दाल से बने व्यंजन जरूर खाएं होंगे। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है। क्या आपको पता है कि रोगों का इलाज करने में भी मसूर की दाल के फायदे मिलते हैं, और आप मसूर की दाल से एक-दो नहीं, बल्कि कई बीमारी की रोकथाम या इलाज कर सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, मसूर की दाल एक उत्तम जड़ी-बूटी भी है। इससे अनेक रोग ठीक होते हैं। आइए जानते हैं।
1 मसूर क्या है?
2 अन्य भाषाओं में मसूर के नाम
3 मसूर के फायदे
3.1 चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए मसूर का उपयोग लाभदायक
3.2 चेहरे की झाई हटाने में मसूर का प्रयोग फायदेमंद
3.3 मुंह के छाले में मसूर के फायदे
3.4 पैरों की जलन में मसूर के फायदे
3.5 त्वचा रोग में मसूर के फायदे
3.6 आंखों की बीमारी में मसूर से लाभ
3.7 दांतों के रोग में मसूर से लाभ
3.8 सांसों की बीमारी में मसूर से लाभ
3.9 साइनस में मसूर के औषधीय गुण से फायदा
3.10 उल्टी रोकने के लिए मसूर का उपयोग फायदेमंद
3.11 घाव भरने में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद
3.12 स्तनों के दर्द में मसूर का गुण लाभदायक
3.13 मसूर दाल से कमर और पीठ दर्द का इलाज
3.14 कब्ज की समस्या में मसूर के औषधीय गुण से फायदा
3.15 कमजोरी दूर करने के लिए मसूर की दाल का सेवन
3.16 दस्त में मसूर दाल के सेवन से फायदा
3.17 पेचिश में मसूर का सेवन फायदेमंद
3.18 आंतों के रोग में मसूर का सेवन लाभदायक
3.19 बवासीर में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद
3.20 गले के रोग में मसूर का औषधीय गुण लाभदायक
3.21 अण्डकोष की सूजन में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल
3.22 चेचक के इलाज में मसूर से फायदा
3.23 हृदय रोग में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल
4 मसूर के उपयोगी भाग
5 मसूर का इस्तेमाल कैसे करें?
6 मसूर कहां पाया या उगाया जाता?
मसूर क्या है?
मसूर को लगभग सभी लोग जानते होंगे। मसूर का प्रयोग दाल के रूप में पूरे भारत में किया जाता है। मसूर का पौधा लगभग 15-75 सेमी ऊंचा होता है। मसूर के लेप का इस्तेमाल रंग को सुंदर करने के लिए, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए और कफ-विकार, रक्त-विकार तथा पित्त-विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके साथ ही मसूर मूत्र रोग, दर्द, पेट की गैस और बुखार में भी उपयोग में लाया जाता है।
अन्य भाषाओं में मसूर के नाम
आमतौर पर मसूर को देश भर में मसूर के नाम से ही जाना जाता है, लेकिन इसके अलावा भी मसूर के कई और नाम भी हैं, जो भारत के साथ-साथ देश-विदेश में जाना जाता है। मसूर का वानस्पतिक नाम लेन्स कुलिनेरिस (Lens culinaris Medik., Syn-Ervum lens Wall.), फैबेसी (Fabaceae)हैं लेकिन इसके अन्य नाम ये भी हैंः-
हिंदी – मसूर, मसूरक, मसूरी
इंग्लिश – लेन्टील (Lentil), स्पलिट पी (Slit pea)
संस्कृत – पित्तभेषज, मङ्गल्यक, मसूर, रागदालि, मङ्गल्य, पृथुबीजक, सूर, कल्याणबीज, गुरुबीज, मसूरक, ताम्बूलराग, मसूरा, माङ्गल्या
Urdu – मसूर (Masur)
Kannada – मसूर (Masur), चनान्गी (Chanangi)
Gujarati – मसूर (Masur), मसूरा (Masura)
Tamil (masoor dal in tamil) – मसूर (Masur), मिसुर (Misur)
Telugu – मसूरालु (Masuralu), मिसूर पप्पु (Misur pappu)
Bengali – बुरो-मुस्सूर (Buro-mussur), मसुरि (Masuri)
Nepali – मुसुर (Musur)
Punjabi – मसूर (Masur), मसारा (Masara)
Marathi – मसूरा (Masura), मसूर (Masur)
Malayalam – चनमपयार (Chanampayar), वट्टूपपरूम (Vattupprum)
Arabic – अदस् (Adas);
Persian – बनो सुर्ख नेव सुर्ख (Bano surkh neiv surkh), विसुक (Visuk)
मसूर के फायदे
अब तक आपने जाना कि मसूर क्या है, और इसके कितने नाम हैं। आइए अब जानते हैं कि मसूर का औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है। इसकी मात्रा एवं विधियां क्या होनी चाहिएः-
चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए मसूर का उपयोग लाभदायक
आप मसूर का प्रयोग कर चेहरे पर निखार ला सकते हैं। मसूर को भूनकर, छिलका हटा लें। इसे दूध के साथ पीस लें। इसमें मधु और घी मिलाकर मुंह में लेप के रूप में लगाएं। इससे चेहरे के दाग-धब्बे खत्म हो जाते हैं, और चेहरे की कांति बढ़ती है।
रक्तचंदन, मंजिष्ठा, कूठ, लोध्र, प्रियंगु, वटांकुर तथा मसूर को पीस लें। इसे चेहरे पर लेप के रूप में लगाएं। इससे चेहरे पर रौनक तो आती ही है, साथ ही चेहरे के दाग-धब्बे ठीक हो जाते हैं।
चेहरे की झाई हटाने में मसूर का प्रयोग फायदेमंद
चेहरे की झाई में मसूर को घी से पीस लें। इसमें दूध मिला लें, या दूध से पीसकर चेहरे पर लेप करें। इससे चेहरे की झाई की समस्या ठीक होती है।
बरगद के पत्ते और मसूर को समान मात्रा में लेकर पीस लें। इससे लेप करने से चेहरे की झाई या दाग-धब्बे ठीक हो जाते हैं।
मुंह के छाले में मसूर के फायदे
मुंह के छाले में मसूर की भस्म के बराबर मात्रा में कत्था मिलाकर पीस लेंं। इसे मुंह के छाले पर लगाएं। इससे मुंह के छाले मिटते हैं।
पैरों की जलन में मसूर के फायदे
कई लोगों को पैरों के तलवों में जलन की परेशानी होती है। ऐसा ऊच्च रक्तचाप के कारण भी हो सकता है। इसमें मसूर को पीसकर पैरों के तलवों पर लगाएं। पैरों की जलन मिट जाती है।
त्वचा रोग में मसूर के फायदे
विसर्ग जैसे त्वचा रोग में चेहरे या त्वचा पर लाल-लाल-सा दाग हो जाता है। रोगग्रस्त अंगों में सूजन के साथ दर्द भी होने लगता है। यह फोड़े के रूप में भी हो सकता है। इसके लिए मसूर को पीस लें। इसमें घी मिलाकर लगाने से लाभ होता है।
आंखों की बीमारी में मसूर से लाभ
आंखों के रोग में मसूर दाल का सेवन फायदा पहुंचाता है। किसी व्यक्ति को आंखों से संबंधित परेशानी है तो उसे मसूर की दाल का सेवन करना चाहिए।
दांतों के रोग में मसूर से लाभ
दांतों के रोग में मसूर की दाल सेवन लाभ पहुंचाता है। मसूर की दाल को जलाकर भस्म बना लें। इस भस्म को दांतों पर रगड़ने से दांतों के विकार का ठीक होता है।
सांसों की बीमारी में मसूर से लाभ
सांसों से संबंधित नलिका (श्वसनतंत्र) से संबंधित परेशानी को ठीक करने के लिए मसूर से बने जूस (दाल का पानी) को 20-40 मिली की मात्रा में सेवन करना चाहिए। इससे श्वसनतंत्र में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
साइनस में मसूर के औषधीय गुण से फायदा
साइनस रोग में मसूर तथा अनार के छिलके को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे साइनस में लाभ मिलता है।
उल्टी रोकने के लिए मसूर का उपयोग फायदेमंद
उल्टी रोकने के लिए मसूर के आटे को 50 ग्राम की मात्रा में लें। इसमें 100 मिलीग्राम अनार का रस मिला लें। इसे मथें। इसे पीने से उल्टी पर रोक लगती है।
घाव भरने में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद
पुराने घाव को भी मसूर के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है। मसूर की भस्म बना लें। भस्म में भैंस का दूध मिलाकर सुबह और शाम घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।
स्तनों के दर्द में मसूर का गुण लाभदायक
अनेक महिलाओं को स्तनों में दर्द की शिकायत रहती है। इस रोग में मसूर का उपयोग फायदेमंद होता है। मसूर को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों का दर्द ठीक हो जाता है।
मसूर दाल से कमर और पीठ दर्द का इलाज
कमर दर्द की परेशानी बहुत लोगों को होती रहती है। इसके लिए मसूर को सिरके के साथ पीस लें। इसे हल्का गुनगुना करके कमर और पीठ पर लगाएं। कमर और पीठ का दर्द ठीक होता है।
कब्ज की समस्या में मसूर के औषधीय गुण से फायदा
कब्ज की समस्या में मसूर के दाल का पानी पिएं। इससे कब्ज की बीमारी ठीक होती है। सेवन की मात्रा 20-40 मिली होनी चाहिए।
कमजोरी दूर करने के लिए मसूर की दाल का सेवन
मसूर शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ खून को बढ़ाने का भी काम करता है। जिस व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी या खून की कमी हो, वह मसूर की दाल का सेवन कर लाभ पा सकते हैं।
दस्त में मसूर दाल के सेवन से फायदा
दस्त रोकने के लिए 5 किग्रा मसूर चूर्ण तथा 12 लीटर को पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उसमें 400 ग्राम बेल फल मज्जा तथा 750 ग्राम घी मिलाकर फिर पकाएं। इसे 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसेस दस्त पर रोक लगती है।
पेचिश में मसूर का सेवन फायदेमंद
पेचिश में भी मसूर के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। बराबर मात्रा में सोंठ तथा बेल मज्जा के पेस्ट को मसूर की दाल के पानी के साथ सेवन करें।
इसी तरह मसूर के 10-20 मिली काढ़ा में 2 ग्राम बेल गिरी चूर्ण मिलाकर पीने से भी पेचिश में लाभ होता है।
आंतों के रोग में मसूर का सेवन लाभदायक
आंतों के रोग को ठीक करने के लिए मसूर का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। आप मसूर की दाल का पानी लें। इसकी मात्रा 20-40 मिली होनी चाहिए। इसका सेवन करें। इससे आंतों की बीमारी ठीक होती है।
मसूर से तैयार जूस (20-40 मिली) का सेवन करने से आंतों के रोग में लाभ होता है।
बवासीर में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद
बवासीर में मसूर का उपयोग करना फायदेमंद होता है। मसूर (masoor daal) की दाल को छाछ के साथ सेवन करें। इससे बवासीर में होने वाले रक्तस्राव पर रोक लगता है।
गले के रोग में मसूर का औषधीय गुण लाभदायक
गले के दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए मसूर के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करें। इससे गले की सूजन तथा गले का दर्द ठीक होता है।
अण्डकोष की सूजन में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल
मसूर की दाल तथा अनार की छाल को पीस लें। दोनों को मिलाकर हल्का गुनगुना करके अण्डकोष पर लगाएं। इससे अण्डकोष की सूजन ठीक हो जाती है।
चेचक के इलाज में मसूर से फायदा
चेचक के इलाज के लिए मसूर की बीज का पेस्ट बना लें। इसे लेप के रूप में लगाएं। इसको लगाने से चेचक की पीड़ा से आराम मिलता है।
हृदय रोग में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल
ह्रदय रोग में मसूर के बीजों का जूस (दाल का पानी) बनाकर पिएं। सेवन 20-40 मिली मात्रा में करना चाहिए।
मसूर के उपयोगी भाग
मसूर का औषधीय इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिएः-
मसूर के पत्ते
मसूर के बीज
मसूर का इस्तेमाल कैसे करें?
मसूर का औषधीय इस्तेमाल इतनी मात्रा में किया जाना चाहिएः-
यूष – 20-40 मिली
काढ़ा – 20 मिली
अगर आप बीमारियों में मसूर का औषधीय इस्तेमाल कर भरपूर लाभ लेना चाहते हैं तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेवन करें।
मसूर कहां पाया या उगाया जाता?
भारत में सभी स्थानों पर मसूर की खेती की जाती है। इसकी खेती मुख्यतः लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई तक की जाती है।