01/03/2017

राजगीर। निज संवाददाताअ+अ-
Updated: 26-02-17 05:11 PM
होमियापैथिक दवा का लगातार सेवन करने वाले लोग हमेशा निरोग रहते हैं। यह धारणा लोगों में बनानी होगी। इसके लिए हम सबों को लोगों में विश्वास जगाना होगा। लोगों की धारणा को बदलना होगा। होमियोपैथ को खत्म करने की साजिश चल रही है। यह विदेश की साजिश है। इसके लिए हम सबों को आगे आकर मुकाबला करना होगा। होमियोपैथ पर अटैक करने वालों से लड़ाई लड़नी होगी। उक्त बातें बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधायक डॉ. दाउद अली ने रविवार को इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में चल रहे बिहार राज्य होमियोपैथिक संघ के प्रथम तीन दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन कही।डॉ. अली ने कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सकों व दवा दुकानदारों की जांच करने वाले ड्रग इस्पेक्टरों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। होमियोपैथ की जानकारी रखने वाला ही इनकी जांच करे। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि बिना डरे वे आने पर उसका मुकाबला करें। होमियोपैथ के नियमों की जानकारी रखें। डॉ. अली ने कहा कि बिहार होमियोपैथिक चिकित्सा बोर्ड की स्थिति बदहाल हो गयी है। इसका विकास किया जाना चाहिए। राजगीर से ही अनेकों तरह की लड़ाई की शुरूआत हुई है। यहीं से होमियोपैथ को बचाने व इसके विकास की भी लड़ाई शुरू हो रही है जो पूरे देश में चलेगी। मौजूदा समय में होमियोपैथिक चिकित्सा पूरे विश्व में दो नम्बर पर है जो आने वाले दिनों में एक नम्बर पर हो इसके लिए पूरा प्रयास करना है। दूसरे राज्यों में जाकर संघ होमियोपैथ की प्रचार-प्रसार करेगी। बंगाल के चिकित्सक डॉ. देवी प्रसाद पाल ने डायबेटिक मेलिटस के साथ डायबेटिक अलसर एवं डायबेटिक फूट पर लोगों को विस्तार से बताया। उन्होंने यह बताया कि इसमें किस तरह के लक्षण से मरीजों को परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि डायबेटिक फूट के सहारे उन्होंने 70 साल के मरीज के लाइलाज बीमारी को ठीक किया था। डॉ. शांतनु घोष ने पल्मोनरी टयूबरकुलेसिस रोग पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि होमियोपैथिक प्रणाली विश्व में किसी भी चिकित्सा प्रणाली से बेहतर है। लोगों को इसके विकास के लिए आगे आने की जरूरत है। डॉ. सुनील प्रसाद ने कहा कि होमियोपैथिक चिकित्सकों को अपने भीतर डॉक्टर के गुण लाने की जरूरत है। बक्सर के डॉ. बीएल प्रवीण ने कहा कि होमियोपैथिक में छोटी से छोटी लक्षणों को ध्यान में रखकर इलाज की जाती है। यह अन्य किसी प्रणाली में नहीं होती है। यही कारण है कि इससे असाध्य रोगों का इलाज सहज तरीके से होता है। सासाराम के डॉ. शरत चन्द्र संतोष ने कहा कि होमियोपैथिक में जटिल से जटिल बीमारी भी कम खर्च में ठीक होती है। इसके लिए लोगों में जागरुकता फैलाने की जरूरत है। होमियोपैथिक चिकित्सक मरीजों को इलाज के पहले कि स्थिति व उसके बाद इलाज करने से हुए फायदे को जरूर बतायें। इस मौके पर डॉ. बीके भास्कर, संघ के महासचिव अनिल कुमार वर्मा, विनोद कुमार, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. दिनेश प्रसाद, डॉ. एसएन सिंह, डॉ. मो. अनवर, डॉ. संत प्रसाद, डॉ. एचके देव, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. यूपी सिंह, डॉ. रामाकांत सिंह, डॉ. खुर्शीद आलम, डॉ. एमके श्रीवास्तव, डॉ. रामकृष्ण केसरी, डॉ. शरत चन्द्र संतोष, चंदन कुमार, डॉ. अमित कुमार, डॉ. रिंकी कुमारी, अनिल कुमार, डॉ. राजीव कुमार सहित अन्य मौजूद थे।