25/11/2025
**“आज भी दुनिया की लाखों महिलाएँ चुप हैं…
पर उनकी चुप्पी सबसे ज़ोर से चीखती है.
International Day for the Elimination of Violence Against Women हमें याद दिलाता है कि हिंसा सिर्फ़ चोट नहीं होती—
ये डर, शर्म, टूटे सपने और दबा हुआ आत्मविश्वास भी होता है.
We owe every woman a world where she feels safe, respected, valued.
जहाँ ‘ना’ का मतलब ‘ना’ ही माना जाए,
जहाँ आवाज़ उठाने पर उंगली नहीं, सहारा दिया जाए,
जहाँ एक लड़की की आज़ादी किसी की ‘इज़्ज़त’ से कम न आँकी जाए.
Violence isn’t always physical—
कभी-कभी शब्द भी मार देते हैं,
खामोशी भी घोंट देती है,
और “समझ लो” जैसी बातें भी आत्मा पर चोट करती हैं.
आज का दिन सिर्फ़ awareness नहीं—
ये वादा है:
कि हर महिला के लिए ये दुनिया सुरक्षित हो,
कि हर पीड़िता को न्याय मिले,
कि हर आवाज़ को सुना जाए,
और हर ज़िंदगी को बराबरी का हक़ मिले.
Let’s stand together — not for one day, but every day.
Because when women rise, the world rises.”**