22/06/2021
आज प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं । सबको कोई न कोई समाधान की तलाश है । आईये आज हम आपको परिचित कराते हैं एक ऐसे समाधान से जो हाइली एफएक्टिव होने के साथ साथ करने में बिलकुल आसान है । इसमें आपको अधिक खर्च करने की भी जरूरत नहीं पड़ती ।
प्राचीन प्रतीक ज्ञान / Ancient Symbology
प्रतीक वस्तुतः किसी खास अभिव्यक्ति के ऐसे ऊर्जायुक्त संकेत होते हैं जिनका प्रयोग जीवन मे सकारात्मक व दैवीय ऊर्जा का संचार हेतु प्राचीन काल से किया जाता रहा है।
हमारे ऋषियों ने बहुत पहले यह जान लिया था कि कुछ विशेष आकृति और प्रतीकों के द्वारा मनुष्यों के मन मस्तिष्क में ऐसे भाव उत्पन्न किये जा सकते हैं जिससे जो विचार अभी अवास्तविक है वह भी वास्तविकता मे बदल जा सकता है । प्रतीकों में भाव जगाने की शक्ति होती है । सभी प्रतीक हमारे ऋषियों के जागृत्ति अवस्था मे निर्मित हुए हैं उनके उच्च स्तरीय चेतना के प्रमाण हैं ।
प्रतीक में केवल अर्थ की अभिव्यक्ति नहीं होती बल्कि भावनाओं का भी उदबोधन होता है । वास्तव में कुछ विशेष प्रतीक का उपयोग उस अदृश्य से संपर्क हेतु किया जाता है जो उसका सदृश्य है । उस प्रतीक का समरुप है , उसके जैसा है ।
अब आपके दिमाग में यह प्रश्न आ सकता है कि ये प्रतीक कार्य कैसे करतें हैं तो मैं बता दूँ की ये मुख्यतः दो प्रकार से कार्य करते हैं
प्रथम जब हम प्रतीकों को अपने आंख से देखते हैं तो वे हममे उन विचार को जागृत करते हैं जिसका प्रयोजन उस प्रतीक में निहित होता हैं। मैं फिर याद दिला दूँ की प्रत्येक प्रतीक में कोई न कोई प्रयोजन भी निहित होता ही होता हैं। तो हम कह सकते हैं कि प्रतीक पहले वैचारिक स्तर पर जागृत्ति लाता है और फिर हमें उस विचार की पूर्ति हेतु हमारे भावनात्मक स्तर को मजबूत बनाता है । प्रतीक प्रत्येक मनुष्य के अवचेतन में छुपे शक्ति को चेतन में लाता है और ऐसा करके वह हमारी इच्छा, कामना और मनोकामना को सच्चाई में परिवर्तित कर देता है ।
तो आइए इस फेसबुक पेज Symbology पर हमलोग सीखेंगे प्राचीन प्रतीकों का व्यवहारिक जीवन मे उपयोग करना जिससे अपने जीवन में अधिक खुशहाली को आकर्षित कर सकें ।
इसके लिए आपको बस इस पेज को सब्सक्राइब कर लेना है और नोटिफिकेशन बेल को दबा देना है ताकि हमारे सभी पोस्ट / वीडियो का नोटिफिकेशन आपको मिलता रहे ।