Pupri polly clinic&Trauma center

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ट्यूबरक्लोसिस जिसे टीबी या क्षय रोग के नाम से जानते हैं, एक खतरनाक बीमारी है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से न...
01/09/2020

ट्यूबरक्लोसिस जिसे टीबी या क्षय रोग के नाम से जानते हैं, एक खतरनाक बीमारी है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती इसलिए इसके लक्षणों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। दुनिया में छह-सात करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं और प्रत्येक वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। देश में हर तीन मनट में दो मरीज क्षयरोग के कारण दम तोड़ देते हैं। हर दिन चालीस हजार लोगों को इसका संक्रमण हो जाता है।

ये बीमारी दरअसल माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस से फैलती है जो हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ये बीमारी फेफड़ों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है, जैसे हड्डी, हड्डियों के जोड़, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, मूत्र व प्रजनन तंत्र के अंग, त्वचा और मस्तिष्क के ऊपर की झिल्ली आदि। येजीवाणु दूषित पानी या मिट्टी में पाए जाते हैं।

ये हवा के जरिए एक इंसान से दूसरे में फैलती है। टी.बी. के बैक्टीरिया सांस से शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, छींकने, बात करने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें मौजूद बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रहते हैं और दूसरे के शरीर में पहुंचकर रोग पैदा करते हैं।

क्षय रोग का लक्षण - Symptoms of Tuberculosis in Hindi
टीबी आनुवांशिक नहीं बल्किे एक संक्रामक रोग है। इसकी चपेट में आने वाला व्यक्तिा धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है। सबसे कॉमन फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।
टीबी का सबसे आम लक्षण है, दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होना और तेज बुखार आना।
खांसी बलगम के साथ आती है और कभी-कभार साथ में खून भी आ सकता है। इसके अलावा भूख कम लगना, लगातार वजन कम होना, शाम या रात के वक्त बुखार आना, सर्दी में भी पसीना आना, सांस उखड़ना या सांस लेते हुए सीने में दर्द होना वगैरह लक्षण हो सकते हैं और कई बार इसके लक्षण साइलेंट भी होते हैं। टीबी के लक्षण पहचान में आते ही तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और जांचें करवाएं। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि टीबी की दवाओं का कोर्स होता है उसे पूरा करें। बीच में दवा छोड़ना नुकसानदायक हो सकता है।
टीबी के कई लक्षण कैंसर और ब्रॉन्काइटिस के लक्षणों से भी मेल खाते हैं। तीनों बीमारियों में फर्क बताने वाले प्रमुख लक्षण हैं:

कैंसर में मुंह से ज्यादा खून आता है। वजन कम हो जाता है लेकिन बुखार ज्यादातर देखने को नहीं मिालता।
ब्रॉन्काइटिस में सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस लेते वक्त सीटी जैसी आवाज आती है।
टीबी में सांस की दिक्कत नहीं होती, खांसी आती है और बुखार आता है।
क्षय रोग की वजह - Reasons For Tuberculosis in Hindi
अच्छा खान-पान न करने वालों को टीबी ज्यादा होती है क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी से उनका शरीर बैक्टीरिया का वार नहीं झेल पाता। जब कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं तब इन्फेक्शन तेजी से फैलता है। अंधेरी और सीलन भरी जगहों पर भी टीबी का इन्फैक्शन फैलता है क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया अंधेरे में पनपता है। यह किसी को भी हो सकता है क्योंकि यह एक से दूसरे में संक्रमण से फैलता है। स्मोकिंग करने वालों को भी टीबी का खतरा ज्यादा होता है। डायबीटीज के मरीजों, स्टेरॉयड लेने वालों और एचआईवी मरीज भी टीबी की चपेट में जल्दी आते हैं।

टीबी से राहत के लिए कुछ घरेलू उपाय - Home Remedies For Tuberculosis in Hindi
200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री, 100 ग्राम गाय का घी, तीनों को मिला लें। रोगी को 6-6 ग्राम दवा दिन में कई बार चटाएं। साथ में गाय या बकरी का दूध पिलाएं ।
रोज़ सुबह और शाम को जब पेट खाली हो, आधा कप प्याज का रस एक चुटकी हींग डाल कर पिएं।
केला इम्यूनिटी मजबूत करता है। एक पका कला लें। मसलकर इसमें एक कप नारियल पानी, आधा कप दही और एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे दिन में दो बार लें।
ताजा संतरे के रस में थोड़ा सा नमक और शहद मिलाकर रोजाना सुबह शाम पीएं। संतरा इम्यूनिटी मजबूत करता है साथ ही फेफड़े से कफ साफ करने में मदद करता है।
टीबी के उपचार के लिए शरीफा भी बेहद फायदेमंद है। शरीफे का गूदा निकालकर इसे खाना चाहिए।
अखरोट टीबी के मरीजों को ताकत देता है, उनकी इम्यूनिटी बढ़ाता है और जल्दी ठीक होने में भी मदद करता है।

सिरोसिस यकृत की कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का इलाज लीवर प्रत्यारोपण के अलावा और कोई नहीं है। इस रोग मे...
01/09/2020

सिरोसिस यकृत की कैंसर के बाद सबसे गंभीर बीमारी है, इस बीमारी का इलाज लीवर प्रत्यारोपण के अलावा और कोई नहीं है। इस रोग में यकृत कोशिकाएं बडे पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइबर तंतुओं का निर्माण हो जाता है। यकृत की बनावट भी असामान्य हो जाती है, जिससे पोर्टल हाइपरटैंशन की स्थिति बन जाती है।

सिरोसिस
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन

सिरोसिस रुग्णावस्था में एक व्यक्ति का उदर भारी जलोदर और कैपट मैडयूसा के साथ।
आईसीडी-१०
K70.3, K71.7, K74.
आईसीडी-९
571
डिज़ीज़-डीबी
2729
मेडलाइन प्लस
000255
ईमेडिसिन
med/3183 radio/175
एम.ईएसएच
D008103
रोग के लक्षण संपादित करें
लीवर सिरोसिस होने पर व्यक्ति स्वयं को बीमार महसूस करता है, शुरूआती चरण में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जैसे ही बीमारी बढ़ती है लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार है. भूख कम लगना और ऊर्जा का कम होना ( थकान),वजन में कमी या फिर अचानक वजन का बढ़ जाना,चोट के निशान की तरह शरीर पर लाल-लाल चकते आना,त्वचा व आंखों का रंग पीलापनयुक्त होना,त्वचा में खुजलाहट,एड़ी के जोड़ पर एडिमा होना, सुजन होना तथा पैर और पेट में भी सुजन के लक्षण दिख सकते है,मूत्र का रग भूरां या संतरे के रंग का होना,मल का रंग बदल जाना भ्रम, अनिर्णय, स्थितिभ्रांति जैसी स्थिति का होना या फिर व्यक्तित्व में अन्य कई तरह के बदलाव आना,मल में रक्त आना, बुखार होना इत्यादी लीवर सिरोसिस की पहचान कैसे होगी? लीवर रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक इस बीमारी का बड़ी आसानी से पहचान कर लेते हैं. बस उन्हें कुछ शारीरिक जांच या बहुत हुआ तो कुछ रक्त जांच कराने की जरुरत होती है, इस जांच लीवर फंक्शन टेस्ट औक कंप्यूट टोमोग्राफी ( सीटी स्कैन), अल्ट्रासाउंड या फिर एक विशेष जांच फाइब्रोस्कैन से आसानी से इस बीमारी की डायग्नोसिस किया जा सकता है.

कारण संपादित करें
शराब का अत्यधिक मात्र में सेवन
हेपेटाइटिस बी और वायरल सी का संक्रमण
रक्तवर्णकता (इसमें रुधिर में लौह तत्व की मात्रा बढ़ जाती है।)
गैर मादक स्टीटोहेपेटाइटिस (लीवर में वसा का जमाव हो जाने से लीवर धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है। मोटापा, डायबिटीज लीवर सिरोसिस का प्रमुख कारण है।)[4]
निदान संपादित करें
लीवर सिरोसिस के लिए अब तक कोई शर्तिया इलाज नहीं है, दवाओं से इसके बढ़ने की प्रक्रिया की रोकथाम की जा सकती है, लीवर की कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है और इस बीमारी से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है. लीवर सिरोसिस का इलाज उसके कारणों पर निर्भर होता है: – शराब पीने से सिरोसिस होता है, तो पहले शराब पीना छोड़े, इससे बीमारी बढ़ने की रफ्तार धीमी हो जाएगी. हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित सिरोसिस के मरीजों को डाक्टर पहले एंटीवायरल दवाए दे कर लीवर कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाए. अगर कोई मरीज आॅटोइम्युन बीमारी के कारण से या फिर विल्सन डिजिज, या हेमोक्रोमैटोसिस से सिरोसिस से पीड़ित है तो उसके इलाज अलग-अलग होंगे. दवा के जरिये सिरोसिस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है. एडिमा या जलोदर का इलाज आहार में नमक को नियंत्रित कर किया जा सकता है. इस दवा को ड्यूराइटिस के नाम से जाना जाता है इसका इस्तेमाल एडिमा के दौरान अतिरिक्त फ्लूड जमा होने पर उसे निकालने के लिए किया जाता है. दवा और आहार की सहायता से इस बीमारी की वजह से मानसिक कार्य प्रभावित होने वाले मरीजों का आरंभिक इलाज किया जाता है. जुलाब जिसे कि लैक्टूलोज कहते हैं इसके उपयोग करने से आंतों से टाक्सिन का तेजी से अवशोषण होता है

23/08/2020

पीलिया होने का कारण बिलीरुबिन नामक पदार्थ है जिसका निर्माण शरीर के ऊतकों और रक्त में होता है। जब लिवर में लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं, तब पीले रंग का बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता है। जब किसी परिस्तिथि के कारण यह पदार्थ रक्त से लिवर की ओर और लिवर द्वारा फिल्टर कर शरीर से बाहर नहीं जा पाता है, तो पीलिया होता है।

पीलिया एक ऐसा रोग है जिसमें टोटल सीरम बिलीरूबिन का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) से ऊपर बढ़ जाता है।

इसके मुख्य लक्षणों में आंखों के सफेद हिस्सा, म्यूकस मेम्बरेन (अंदरुनी नरम ऊतकों की परत) और त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। पीलिया आमतौर पर नवजात शिशुओं को होता है, लेकिन यह कुछ मामलों में यह वयस्कों को भी हो जाता है। पीलिया कई बार कुछ अन्य लक्षण भी महसूस होने लग जाते हैं, जैसे पेट में दर्द, भूख ना लगना और वजन घटना आदि।

बच्चों में पीलिया का इलाज करने के लिए फोटोथेरेपी की जाती है और खून चढ़ाया जाता है। वयस्कों में इस स्थिति का इलाज करने के लिए पीलिया का कारण बनने वाली स्थिति का इलाज करना, दवाएं व कुछ मामलों में ऑपरेशन आदि किया जा सकता है।

23/08/2020

टाइफाइड बुखार के लक्षण
Date posted: 23 Aug2020

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है, यह साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होता है! यह साल्मोनेला पैराटाइफी बैक्टीरियम से भी फैलता है! यह बैक्टीरिया पानी और खाने के जरिए लोगों के अन्दर जाता है और इसके द्वारा बहुत से लोगों में यह फ़ैल जाता है!

टाइफाइड को दूषित पानी या भोजन को जीतने वाले बैक्टीरिया को पीने या खाने से अनुबंधित किया जाता है। तीव्र बीमारी वाले लोग मल के माध्यम से आसपास के पानी की आपूर्ति को संभावित रूप से दूषित कर सकते हैं, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया की उच्च एकाग्रता होती है। बैक्टीरिया पानी या सूखे सीवेज में हफ्तों तक जीवित रह सकते हैं।

टाइफाइड के लिए ऊष्मायन अवधि लगभग 1-2 सप्ताह है और बीमारी लगभग 3-4 सप्ताह तक रहती है। टाइफाइड के लक्षणों में शामिल हैं:

सरदर्द
१०४ डिग्री तक बुखार
शरीर में दर्द
बिगड़ी हुयी भूख
जी मिचलाना
दस्त और कब्ज
पेट दर्द
कफ
अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण ३ से ५ दिन में ठीक किये जा सकते हैं, हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है, और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है। जटिलताओं के बिना मामलों में तीसरे और चौथे सप्ताह में सुधार देखा जा सकता है। लगभग 10% लोगों में एक से दो सप्ताह तक बेहतर महसूस करने के बाद भी बार-बार लक्षण होते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किए गए लोगों में रिलैप्स अधिक आम हैं।

टाइफाइड यदि समय पर पता न चले तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और इसलिए जैसा कि वे कहते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है ’टाइफाइड फैलाने वाले वायरस से अप्रभावित रहने के लिए आदिम उपायों से सुरक्षित रहना बेहतर है।पहले स्थान पर टाइफाइड को रोकने के लिए, आपको निम्नलिखित कार्य करने होंगे:

·टीकाकरण: दो टीकाकरण उपलब्ध हैं जो टाइफाइड से सुरक्षा प्रदान करते हैं। टीकाकरण के सही पाठ्यक्रम के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

·खाद्य सुरक्षा: उबला हुआ, बोतलबंद या रासायनिक रूप से कीटाणुरहित पानी पीना: जब तक इसे पहले उबाला नहीं गया है, पीने से बचें, भोजन को धोने या नल के पानी से अपने दाँत ब्रश करने से बचें। जहां संभव हो या रासायनिक रूप से कीटाणुरहित किया गया बोतलबंद पानी पिएं। बिना पके भोजन से बचें। सुनिश्चित करें कि जो भी भोजन आप खाते हैं, वह किसी भी हानिकारक कीटाणुओं को नष्ट करने के लिए अच्छी तरह से पकाया जाता है।

21/08/2020

पुपरी पोली क्लिनिक ऐण्ड ट्रौमा सेंटर्स अस्पताल आपके स्वास्थ्य से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेगा, #कृपया आधिकारिक पेज से जुड़ें! #हमारे हॉस्पिटल का मतलब है कि सेहत की जानकारी जयादा से जयादा दी जाए जिनका फायदा गरीब को हो लोग इसका फायदा सोसाइटी को हो, पैसा कमाना हमारा मक्शद नहीं है।

#एक पाचन रोग जिसमें पेट का एसिड या पित्त भोजन नली के अस्तर को परेशान करता है

जीईआरडी के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं:
# बिस्तर के सिर को 6-8 इंच ऊंचा करें
#वजन कम करना
#धूम्रपान बंद करो
# शराब का सेवन कम करें
# भोजन का आकार कम करें और शाम के भारी भोजन से बचें
# खाने के दो से तीन घंटे के भीतर लेट न करें
# कैफीन का सेवन कम करें
# वायवीय थियोफिलाइन (यदि संभव हो तो)
आपका चिकित्सक भी भाटा का इलाज करने या लक्षणों को दूर करने के लिए दवाओं की सिफारिश कर सकता है। ओवर-द-काउंटर एंटासिड और एच 2 ब्लॉकर्स पेट के एसिड के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्रोटॉन पंप अवरोधक एसिड उत्पादन को रोकते हैं और प्रभावकारी भी हो सकते हैं

Hospital will provide all information related to your health, please join the office page.

A digestive disease in which stomach acid or bile irritates the food pipe lining

Lifestyle changes to treat GERD include:
the head of the bed 6-8 inches
weight
smoking
alcohol intake
meal size and avoid heavy evening meals
not lie down within two to three hours of eating
caffeine intake
theophylline (if possible)
Your physician may also recommend medications to treat reflux or relieve symptoms. Over-the-counter antacids and H2 blockers may help decrease the effects of stomach acid. Proton pump inhibitors block acid production and also may be effective.

20/08/2020
20/08/2020

Female nurse

Address

Near Lohiya Bhawan, Patna Janch Ghar K Bhal Mai, Club Road Pupri
Pupri
843320

Telephone

+919973610236

Website

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