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02/11/2025

🌞 सुबह की चाय का सच! ☕

सुबह उठते ही खाली पेट चाय पीते हैं? 🤔
⚠️ इससे पेट में एसिडिटी, गैस और जलन बढ़ सकती है।
क्योंकि चाय में मौजूद कैफीन और थियोफिलीन आपके पेट को इरिटेट करते हैं।

✅ हेल्दी टिप:
पहले गुनगुना पानी 🥤 या भीगे बादाम/खजूर खाएँ 🍇, फिर मज़े से चाय का आनंद लें।

👉 आप सुबह सबसे पहले क्या पीते हैं – चाय, पानी या कुछ और?

31/10/2025
07/10/2025

1-"फैटी लीवर (fatty liver)एक ऐसी बीमारी है जो लीवर में बहुत अधिक वसा (fat) के बनने की वजह से होती है। आमतौर पर एक इंसान के लिवर में, फैट की मात्रा बिल्कुल न के बराबर होती है। लेकिन जब लिवर की कोशिकाओं (cells) में फैट जमने लगता है, तो धीरे-धीरे इससे लिवर में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से फैटी लिवर की समस्या पैदा होती है। इस समस्या की वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा फैट में तब्दील होने लगती है और लिवर की कोशिकाओं में जमने लगती है। इससे लिवर में सूजन और भी बढ़ने लगती है। और ऐसे में समय रहते ही इसका न इलाज किया जाए, तो लिवर डैमेज होने का खतरा बना रहता है।

2-"फैटी लीवर के लक्षण- (Fatty Live Symptoms)
फैटी लिवर की बीमारी से ग्रस्त होने वाले व्यक्तियों में शुरुआत में तो कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। लेकिन अगर आपको शरीर में यह लक्षण दिखे तो इसे बिलकुल नजरंदाज न करें। जैसे-

पैरों में सूजन (swollen feet)
थकान और कमजोरी महसूस करना ( tiredness and weakness)
भूख कम लगना (loss of appetite)
पेट में दर्द होना (abdominal pain)
आंखों में पीलापन और त्वचा भी पीली पड़ना (yellowing of eyes and skin)
वजन घटना (weight loss)
त्वचा में एलर्जी और खुजली होना "

3- फैटी लिवर के प्रकार-(Types of Fatty Liver)
फैटी लिवर की बीमारी के दो मुख्य रूप होते हैं :

एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (Alcoholic fatty liver)
एल्कोहॉलिक फैटी लिवर, अल्कोहल यानी कि शराब ज्यादा मात्रा में पीने की वजह से होता है। इससे लिवर में फैट जमने लगता है और लिवर में सूजन आने लगती है।

नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर (Non-alcoholic fatty liver)
नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर ज्यादातर सही खान-पान न होने की वजह से होता है। ज्यादा ऑयली खाना या फिर ज्यादा बाहर का खाना खाने का सीधा असर शरीर के वजन पर पड़ता है।

4- फैटी लिवर की बीमारी के कारण (Causes of Fatty Liver)
फैटी लीवर का सबसे आम कारण है, शराब ज्यादा पीना। लेकिन शराब के अलावा, फैटी लीवर के अन्य सामान्य कारणों में इस प्रकार हैं –

ज्यादा मात्रा में मिर्च-मसाला खाना
टाइप-2 डायबिटीज होना
ज्यादा मोटापा होना
खून में फैट का बढ़ना
कोलेस्ट्रॉल हाई होना
मेटाबॉलिज्म कम होना
एस्पिरिन, स्टेरॉयड जैसी कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट होना

5- क्यों है फैटी लीवर खतरनाक? (Why Fatty Liver is Dangerous?)
फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जिसके जल्दी कोई लक्षण नहीं दिखते हैं । सही समय पर इस बीमारी का इलाज न करवाने के कारण से लिवर का पूरी तरह से डैमेज होने का खतरा बना रहता है, जिसे लिवर सिरोसिस (liver Cirrhosis) के नाम से भी जाना जाता है। आगे चलकर यह स्थिति कैंसर का कारण बन जाती है। इसलिए शुरुआती चरण में इस बीमारी का पता लगाना बहुत जरूरी है।

क्योंकि शुरुआती चरण में जब लिवर में फैट जमा होता है, तो इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है, और इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। यह बीमारी अगर 80 प्रतिशत भी ठीक हो जाती है, तो लिवर में बचे हुए फैट का कोई बुरा प्रभाव नहीं होता है। शरीर में फैटी लिवर के इन लक्षणों से, जैसे- पैरों में सूजन, पीलिया, पेट में पानी भरना जैसी परेशानियां होने लगती हैं।

ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें । और समय-समय पर रूटीन चेकअप कराएं । आमतौर पर जब डॉक्टर को बढ़े हुए लिवर का पता चलता है, तो वह फाइब्रोस्कैन (fibroscan)और फाइब्रोटेस्ट (fibrotest) करने की सलाह देते हैं । क्योंकि इस स्कैन में फैटी लिवर का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

6- फैटी लिवर की बीमारी का इलाज? (Treatment of Fatty Liver)
फैटी लिवर की परेशानी जीवन शैली में बदलाव लाकर और हेल्दी डाइट के जरिये ही कंट्रोल की जा सकती है। उचित खान-पान से और अपनी डाइट में कुछ चीजें शामिल करने से फैटी लीवर की बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इस बीमारी को रोकने या फिर ठीक करने के लिए चीनी या नमक का खाना, तला-भुना खाना, शराब पीना, चिकनी चीजें जैसे बटर, रिफाइंड अनाज, और मैदा खाने से बचें।
बीफ और पोर्क जैसे रेड मीट खाने से हमेशा बचें क्योंकि इनमें टॉक्सिन्स होते हैं, जो सही तरीके से न पचने पर लिवर में सूजन पैदा करके स्वास्थ्य को और खराब कर सकते हैं।
जितना हो सके उतना फल और सब्जियों का सेवन करें। क्योंकि वो एंटीऑक्सीडेंट से भरे हुए होते हैं, और इनमें कैलोरी और फैट भी कम होता है।
अपने खाने में लहसुन को शामिल करें। क्योंकि यह शरीर में फैट जमा होने से रोकता है।
राजमा, चना, काली दाल इन सब का सेवन बहुत कम करें और हरी मूंग दाल और मसूर दाल का सेवन करें।
ब्रोकली और पालक जैसी हरी सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें क्योंकि यह लिवर में फैट को बनने से रोकती हैं।
अपनी डाइट में चिकन और अंडे का इस्तेमाल भी शुरू कर दें, क्योंकि यह बढ़िया प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं।
आप डाइट में लो कैलोरी फूड्स शामिल करें। ब्राउन शुगर और साबुत अनाज के आहार में काफी फाइबर होता है, जो लिवर में कम फैट जमा करने में मदद करता है।
इसके अलावा कॉफी पीने से लिवर में जमी फैट भी कम होने लगती है। यह शरीर को एनर्जी भी देता है। कॉफी के अलावा ग्रीन टी का सेवन भी किया जा सकता है।
अगर वजन ज्यादा हो, तो फिजिकल एक्टिविटी या फिर नियमित रूप से योग करने से भी फैटी लिवर की समस्या से निजात मिलता है।

Take care yourself
16/09/2025

Take care yourself

Congratulations India
29/06/2024

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