Jaslok Hospital

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02/12/2025

🌿 पैरों और तलवों की सूजन 🌿

पैरों और तलवों की सूजन कई कारणों से होता है।बीपी की दवाएं एमलोडिपीन और निफीडिपीन पैरों की नसों को फैला देती हैं, जिससे खून नीचे इकट्ठा होकर सूजन बनाता है और तलवे में सूजन आ जाते हैं। पायोग्लिटाजोन, पेन-किलर और स्टेरॉयड भी इसी तरह सूजन बढ़ाते हैं और दवा रोकने के बाद यह समस्या कम हो जाती है।

किडनी की बीमारी, हार्ट फेल्योर और लिवर की बिमारी में पैरों में सूजन आ जाती है। गठिया, सेल्युलाइटिस और नसों में इन्फेक्शन भी टखनों में सूजन के आम कारण हैं। डायबिटीज नियंत्रित न होने पर पैरों की नसों में थक्का (डीबीटी) बनने लगता है जो दर्द और सूजन दोनों पैदा करता है।

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलाव और गर्भाशय के दबाव से भी नसों पर बोझ बढ़ जाता है, जिससे पैरों में सूजन दिख सकती है। इसके अलावा, पैर की हड्डी के ऑपरेशन के बाद ऊतक क्षतिग्रस्त होने पर कुछ महीनों तक हल्की सूजन बने रहना सामान्य है।

लंबे समय तक खड़े रहने या एक ही मुद्रा में बैठने से भी खून ऊपर की ओर वापस नहीं जा पाता और तलवों में जमा होकर सूजन का कारण बनता है। ज्यादा नमक, मोटापा और पानी कम पीना भी इस समस्या को बढ़ाता है। ऐसे में जीवनशैली सुधारना और रोज थोड़ी देर चलना महत्वपूर्ण है।

सूजन कम करने के चार मानक उपाय हैं—पैरों को आराम देना, तकिए पर पैर ऊपर उठाकर रखना, बर्फ से सिकाई करना और टाइट मोजे/स्टॉकिंग पहनना। गर्म पानी से पैर सेकने से बचें क्योंकि इससे नसें और फैलकर सूजन बढ़ा देती हैं। अचानक तेज सूजन, लालिमा, दर्द या सांस फूलने के साथ सूजन हो तो डीवीटी, हार्ट या किडनी की जांच करानी चाहिए

30/11/2025

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🌸🌸 आउटडोर में सामान्य दाँतों की बीमारियो का इलाज 🌸🌸
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दाँतों और मसूड़ों की कई समस्याएँ आउटडोर में दवाओं व साधारण इलाज से ठीक हो सकती हैं। लक्षणों के मिलान कर बिमारियों की पहचान की जा सकती है।

❶ पायोरिया
लक्षण: मसूड़ों में सूजन, खून आना, बदबू, दाँत हिलना।

दवा: हेक्सिडिन/रेक्सिडिन माउथवॉश, मेट्रोजिल-400, मेगापेन-500।

डेंटिस्ट: स्केलिंग + एंटीसेप्टिक कुल्ला।

❷ जिंजिवाइटिस (मसूड़ों की सूजन)
लक्षण: मसूड़े लाल, ब्रश करते खून, हल्का दर्द।

दवा: हेक्सिडिन, लिम्सी, सिलिन।

डेंटिस्ट: स्केलिंग + गुनगुने नमक पानी से कुल्ला।

❸ कैविटी / दाँत सड़ना
लक्षण: काला छेद, मीठा खाते ही झनझनाहट।
दवा: फलैक्सोन, मेगापेन।
डेंटिस्ट: दाँत की भराई या RCT + नमक पानी से कुल्ला।

❹ एक्यूट दाँत दर्द
लक्षण: अचानक तेज दर्द, दबाने पर बढ़ना।
दवा: फलैक्सोन, कॉम्बिफ्लेम।

❺ दाँतों में संवेदनशीलता
लक्षण: गरम-ठंडा लगते ही करंट जैसा दर्द।
दवा: सेंसोडाइन, कोलगेट सेंसिटिव, फ्लोरिटॉप जेल।
डेंटिस्ट: डी-सेंसिटाइजिंग जेल + फ्लोराइड ट्रीटमेंट।

❻ अकल दाढ़ का संक्रमण
लक्षण: दाढ़ के पास सूजन, मुँह न खुलना, चबाने में दर्द।
दवा: मेगापेन-500, मेट्रोजील, ब्रूफेन।
डेंटिस्ट: जरूरत पड़ने पर दाढ़ निकालना।

❼ मुँह के छाले / अल्सर
लक्षण: सफेद छोटे घाव, जलन, खाने-बोलने में दर्द।
दवा: केनाकॉर्ट, म्यूकोपेन, न्यूरोबायन/बिकोसुल्स।
डेंटिस्ट: अल्सर जेल + बी-कॉम्प्लेक्स।

❽ ओरल थ्रश / मुँह की बदबू
लक्षण: सफेद परत, दुर्गंध, मुँह का सूखना।
दवा: हेक्सिडिन या रेक्सिडिन।
डेंटिस्ट: जीभ की सफाई + एंटीसेप्टिक माउथवॉश।

❾ गम रिसेशन (मसूड़े का नीचे जाना)
लक्षण: दाँत लम्बे दिखना, संवेदनशीलता बढ़ना।
डेंटिस्ट: नियमित स्केलिंग + गम ट्रीटमेंट।

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09/11/2025
03/11/2025

खून की कमी सबसे अधिक पाई जाने वाली बिमारी है.झारखंड में ८०% महिलाएं और ७०% बच्चे एनीमिया से पीड़ित होते हैं. आयरन देने के बावजूद हीमोग्लोबिन तेजी से क्यों नहीं बढ़ते है.

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1️⃣ दवा कितना शक्तिशाली है उसका मूल्यांकन उसमे स्थित एलिमेटल आयरन से होता है. न्यूनतम १०० मिलग्राम एलिमेंटल आयरन देने की जरूरत होती है. इसके लिए एक टैबलेट में ५०० मिलीग्राम आयरन होनी चाहिए. अधिकतर ब्रांड में १०० मिलीग्राम हीआयरन होते हैं. दवा का डोज बढ़ाने से खून तेजी से बढ़ता है.

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2️⃣ आयरन के इंजेक्शन में १०० मिलीग्राम एलिमेंटल आयरन होते है.
👉 ५ दिनों के अविधि में १००० मिलीग्राम और ३ दिन में ६०० मिलीग्राम तक इंजेक्शन दिया जा सकता है.
👉 इंजेक्शन से प्रति सप्ताह १.५ ग्राम हेमोग्मेलोबिन बढ़ता है. ब्लडप्रेशर के तेजी से घटने से रोकने के लिए इसे सलाइन में ३० मिनट में धीरे-धीरे देना चाहिए

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3️⃣ यदि बवासीर, अल्सर या माहवारी में अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा हो तो गोली लेने पर भी खून नहीं बढ़ता।

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4️⃣ अगर CBC रिपोर्ट में MCV बढ़ा हुआ आए तो यह विटामिन B₁₂ की कमी है. ऐसे में मिथाइलकोबालामिन भी देना चाहिए.

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5️⃣ किडनी, टी.बी., कैंसर, आर्थराइटिस और थायरॉइड जैसी बीमारियों में भी खून कम बनता है.मूल बीमारी का इलाज जरूरी है, तभी हीमोग्लोबिन सुधरता है.

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6️⃣ थैलेसीमिया एक आनुवंशिक रोग है जिसमें शरीर खुद पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएँ नहीं बना पाता.

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7️⃣ बच्चों में पेट के कीड़ों के कारण आयरन का अवशोषण नहीं होता. १५ दिन के अंतर पर एल्बेन्डाजोल की दो खुराक जरूरी है .

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8️⃣ कैल्शियम और आयरन एक साथ लेने से खून बनना धीमा पड़ जाता है।
👉 आयरन की गोली के साथ गैस की दवा और एंटासिड लेने से आयरन का अवशोषण नहीं होता है.

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पंचायत तक पकड़: ट्यूलिप हासपिटल रिंग रोड, दलादिली, रांची
31/07/2025

पंचायत तक पकड़: ट्यूलिप हासपिटल रिंग रोड, दलादिली, रांची

....Not More than A courtesy call....
28/07/2025

....Not More than A courtesy call....

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