17/09/2025
भगवान गणेश: विघ्नहर्ता और शुभारंभ के देवता
भगवान गणेश जी को “विघ्नहर्ता” और “सिद्धिदाता” कहा जाता है। वे हर शुभ कार्य के प्रारंभ में पूजित होते हैं। गणपति बप्पा केवल बाधाओं को दूर करने वाले ही नहीं, बल्कि बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि के अधिपति भी हैं।
गणेश जी का महत्व
विघ्नहर्ता: हर कार्य की बाधा दूर करने वाले।
बुद्धि और विवेक के देवता: वे गजमुखधारी हैं, जो विवेक और शक्ति का प्रतीक है।
शुभारंभ के अधिष्ठाता: विवाह, गृह प्रवेश, पूजा या किसी भी नए कार्य में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है।
शास्त्रों में गणेश जी
गणेश पुराण और शिव पुराण में गणेश जी की महिमा का वर्णन मिलता है। उन्हें “गणों के ईश्वर” कहा गया है। उनकी सवारी मूषक है, जो विनम्रता और आत्म-नियंत्रण का प्रतीक है।
गणेश उपासना के लाभ
1. बाधाओं का नाश
2. ज्ञान, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति
3. धन और समृद्धि का आशीर्वाद
4. जीवन में शुभ फल और सफलता
गणेश साधना कैसे करें?
बुधवार और चतुर्थी को गणेश जी का विशेष पूजन करें।
दूर्वा घास, मोदक और सिंदूर अर्पित करें।
“ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
गणेश चतुर्थी पर विशेष व्रत और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
निष्कर्ष
भगवान गणेश केवल बाधा नाशक ही नहीं, बल्कि ज्ञान, सुख और समृद्धि के दाता भी हैं। उनकी भक्ति से जीवन में शुभता और सफलता का मार्ग खुलता है।
✨ इसलिए हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी का स्मरण अवश्य करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
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