10/10/2025
करवा चौथ की कहानी
बहुत समय पहले एक साहूकार के सात बेटे और एक बेटी थी, जिसका नाम करवा था। करवा अपने भाइयों की बहुत प्यारी थी। जब करवा चौथ का व्रत आया, तो उसने भी अपने सौभाग्य की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा।
शाम को जब चाँद नहीं निकला था, तो करवा बहुत भूख और प्यास से परेशान थी। यह देखकर उसके भाइयों ने उसे छल से व्रत तुड़वाने की योजना बनाई। उन्होंने गाँव के बाहर एक पेड़ पर दीपक जलाकर छलनी के पीछे रख दिया और करवा से कहा — “देखो बहन, चाँद निकल आया है, अब तुम अपना व्रत तोड़ दो।”
करवा ने भाइयों की बात मानकर जल पी लिया और व्रत तोड़ दिया। जैसे ही उसने ऐसा किया, उसे अपने पति की मृत्यु का समाचार मिला। करवा को बहुत दुःख हुआ और वह रोने लगी। उसकी सच्ची श्रद्धा और भक्ति देखकर माता पार्वती उसके सामने प्रकट हुईं और बोलीं — “बेटी, तुम्हारे भाइयों ने छल किया था, इसलिए ऐसा हुआ। अब तुम पूरे नियम और श्रद्धा से करवा चौथ का व्रत रखो, तुम्हारा पति पुनः जीवित हो जाएगा।”
करवा ने पूरे विधि-विधान से व्रत रखा, जिससे उसका पति जीवित हो गया। तभी से करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए करने लगीं।
शुभकामनाएँ:
🌙✨
करवा चौथ के इस पावन अवसर पर,
आपका दांपत्य जीवन सुखमय और मंगलमय रहे।
माँ पार्वती और भगवान शिव से यही प्रार्थना है कि
आपका सुहाग अमर रहे और जीवन में खुशियाँ बनी रहें।
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💫❤️