Kridha Ability Development Centre

Kridha Ability Development Centre We are providing Speech therapy, physiotherapy, occupational therapy, special education, music Therap

28/11/2025

Action imitation का मतलब है कि बच्चा दूसरों की क्रियाओं को देखकर वैसे ही करने की कोशिश करे—जैसे ताली बजाना, हाथ हिलाना, ब्लॉक रखना, कप उठाना, खिलौना चलाना आदि।

यह स्किल बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी है।

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⭐ Action Imitation क्यों ज़रूरी है?

1. सीखने का पहला तरीका

छोटे बच्चे ज़्यादातर चीज़ें देखकर सीखते हैं।

खाना खाना, कपड़े पहनना, खेलना—सब कुछ imitation से ही शुरू होता है।

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⭐ 2. Communication (संचार) विकास

बच्चे imitation करते-करते gestures सीखते हैं—जैसे bye-bye करना, pointing करना।

बाद में यही चीज़ें बोलना सीखने की नींव बनती हैं।

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⭐ 3. Social Skills (सामाजिक कौशल)

बच्चे जब दूसरों की क्रियाएं कॉपी करते हैं, तो:

attention बढ़ती है

eye contact सुधरता है

turn-taking सीखते हैं

इससे बच्चा दूसरों से जुड़ना सीखता है।

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⭐ 4. Motor Skills का विकास

Fine और Gross motor—दोनों skills पर असर पड़ता है।

जैसे:

ताली बजाना

block stacking

jumping, running

spoon पकड़ना

बच्चा हाथ-पैर का नियंत्रण बेहतर सीखता है।

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⭐ 5. Play Skills में निखार

खिलौनों को कैसे इस्तेमाल करना है—यह बच्चा देखकर ही सीखता है।

imitation से imaginative play भी विकसित होता है।

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⭐ 6. Behaviour सीखने में मदद

बच्चा अच्छे व्यवहार—जैसे साफ-सफाई, sharing, routine—नकल करके सीखता है।

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⭐ 7. Autism और Developmental Delay में और भी महत्वपूर्ण

कई न्यूरोडेवलपमेंटल बच्चों में imitation की कमी होती है।

अगर action imitation को सुधारा जाए तो:

communication

attention

social interaction

self-help skills

play

speech
सब तेज़ी से बेहतर होते हैं।

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✔️ Action Imitation कैसे सिखाएं?

पहले simple actions से शुरू करें: ताली, हाथ हिलाना, knock-knock।

“Do like me” मॉडलिंग: आप करें, बच्चे को दोहराने दें।

बच्चे की पसंद की चीज़ों से शुरुआत करें।

ज्यादा verbal pressure न डालें—ज्यादा model दिखाएं।

हर छोटी सफलता पर तुरंत प्रशंसा करें।

Dyscalculia (डिस्कैल्कुलिया) क्या है?  समझिएडिस्कैल्कुलिया एक सीखने में कठिनाई (Learning Difficulty) है, जिसमें बच्चे को...
27/11/2025

Dyscalculia (डिस्कैल्कुलिया) क्या है? समझिए

डिस्कैल्कुलिया एक सीखने में कठिनाई (Learning Difficulty) है, जिसमें बच्चे को गणित (Maths) से जुड़ी बेसिक चीज़ों को समझने, सीखने और याद रखने में दिक्कत होती है। यह बुद्धि (IQ) कम होने की वजह से नहीं होता—बच्चा बाकी काम सामान्य रूप से कर सकता है, लेकिन गणित में संघर्ष करता है।

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⭐ डिस्कैल्कुलिया के मुख्य लक्षण (Symptoms)

1. नंबर समझने में कठिनाई

1,2,3 जैसे नंबर पहचानने या याद रखने में दिक्कत

नंबर का क्रम (before/after) नहीं समझ पाना

2. गिनती में समस्या

चीजों को गिनते समय गलती करना

10 के बाद कौन सा नंबर आता है, यह याद नहीं रहता

3. बेसिक जोड़–घटाना कठिन

उँगलियाँ ज्यादा इस्तेमाल करना

बहुत देर लगाना

बार-बार भूल जाना

4. टाइम और पैसे की समझ कम

घड़ी देखना मुश्किल

सिक्के/नोट पहचानने या जोड़ने में परेशानी

5. टेबल्स और फार्मूले याद नहीं रहना

रोज़ याद करने पर भी जल्दी भूल जाना

6. दिशा और दूरी समझने में समस्या

लेफ्ट–राइट में भ्रम

दूरी का अंदाज़ा नहीं लग पाना

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⭐ डिस्कैल्कुलिया होने के कारण (Causes)

जेनेटिक/परिवार में इतिहास

दिमाग के उस हिस्से में अंतर जो numbers-process करता है

प्रीमैच्योर जन्म

सीखने में अन्य कठिनाइयाँ (जैसे dyslexia)

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⭐ बच्चे पर प्रभाव

गणित से डर

आत्मविश्वास कम

क्लास में पीछे रहना

exam anxiety

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⭐ डिस्कैल्कुलिया का मैनेजमेंट (Management & Support)

1. मल्टी-सेंसरी मैथ्स सीखाना

चीजों को छूकर सीखना (beads, blocks)

चार्ट, रंग, चित्रों का उपयोग

2. छोटे-छोटे स्टेप्स में सीखना

एक छोटा कौशल सीखने के बाद ही अगला स्टेप देना

3. रोज़ 10–15 मिनट की प्रैक्टिस

गिनती खेल

4. टेक्नोलॉजी का उपयोग

मैथ्स ऐप्स

5. स्कूल में accommodations

टेस्ट में extra time

जटिल सवालों की जगह आसान सवाल

मौखिक परीक्षा विकल्प

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⭐ कैसे पहचानें कि बच्चे को डिस्कैल्कुलिया है?

अगर बच्चा—

बार-बार नंबर भूलता है

गिनती में लगातार गलती करता है

जोड़–घटाना में बहुत संघर्ष करता है

घड़ी पढ़ना नहीं आ रहा

नंबर देखकर घबरा जाता है

तो विशेषज्ञ (special educator/psychologist) से Educational Assessment करवाना चाहिए।

Sensory Seeker (सेंसरी सीकर) क्या होता है?Sensory Seeker वे बच्चे होते हैं जिन्हें अपने शरीर और दिमाग को शांत रखने या ध्...
23/11/2025

Sensory Seeker (सेंसरी सीकर) क्या होता है?

Sensory Seeker वे बच्चे होते हैं जिन्हें अपने शरीर और दिमाग को शांत रखने या ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा सेंसरी इनपुट चाहिए होता है।
मतलब—वे अपने आस-पास के माहौल से ज़्यादा स्पर्श, दबाव, मूवमेंट, आवाज़ या विज़ुअल इनपुट मांगते हैं।

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⭐ Sensory Seeker बच्चे की प्रमुख विशेषताएँ

ऐसे बच्चे अक्सर—

1. ज़्यादा मूवमेंट चाहते हैं

हमेशा दौड़ना, कूदना, चढ़ना-उतरना

कुर्सी पर टिककर नहीं बैठ पाते

घूमना, झूलना पसंद करते हैं

2. ज़्यादा टच (स्पर्श) पसंद करते हैं

चीज़ों को बार-बार छूना

लोगों को ज़ोर से हग/धक्का देना

हाथों से हर चीज़ को महसूस करना

3. तेज आवाज़ें पसंद करना

तेज म्यूज़िक सुनना

शोर वाले खिलौने पसंद करना

4. मुँह से सेंसरी लेना (Oral seeking)

पेंसिल, कपड़ा, खिलौने चबाना

चीज़ों को मुँह में डालना

सख्त खाने पसंद करना

5. विज़ुअल सेंसरी की तलाश

पंखा घूमता देखना

घूमने वाली चीजें देखना

लाइट्स से खेलना

रंगों/पैटर्न को बार-बार देखना

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⭐ Sensory Seeking क्यों होता है?

बच्चे की nervous system को ज्यादा stimulation चाहिए होता है।

दिमाग को sensory information ठीक से process नहीं होती।

Autism, ADHD, Sensory Processing Disorder में आम है।

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⭐ एक Sensory Seeker बच्चे की ज़रूरतें

ये बच्चे खुद को शांत रखने के लिए sensory इनपुट ढूँढते हैं, जैसे—

भारी गतिविधियाँ (Heavy work)

उछल कूद

दबाव

गहरी सांस

स्पर्श

oral input

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⭐ Sensory Seeker बच्चे के लिए Activities

1. Heavy Work Activities

धक्का देना–खींचना

2. गहरा दबाव (Deep Pressure)

3. Oral Input

स्ट्रॉ से मोटे शेक पीना

सख्त फ्रूट्स (गाजर, सेव के टुकड़े)

4. प्रोप्रायोसेप्टिव Activities

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⭐ कैसे पहचानें कि बच्चा Sensory Seeker है?

अगर बच्चा बार-बार:

छूने की कोशिश करे

कूदे, दौड़े

चीज़ें चबाए

तेज आवाज़ें पसंद करे

खुद को शांत करने के लिए लगातार गतिविधियाँ करे

तो संभव है कि वह sensory seeker हो।

आइए dyspraxia को समझते है,🌟 डिस्प्रेक्सिया क्या है? समझें आसान भाषा में 🌟कई बच्चे बहुत समझदार होते हैं, लेकिन👉 रोज़मर्रा...
22/11/2025

आइए dyspraxia को समझते है,

🌟 डिस्प्रेक्सिया क्या है? समझें आसान भाषा में 🌟

कई बच्चे बहुत समझदार होते हैं, लेकिन
👉 रोज़मर्रा के छोटे काम
👉 नए मूवमेंट
👉 लिखावट
👉 संतुलन
👉 खेल
इनमें उन्हें थोड़ी extra मदद की ज़रूरत पड़ती है।

इसे ही कहा जाता है "डिस्प्रेक्सिया (Dyspraxia)" —
एक ऐसी स्थिति जिसमें दिमाग को शरीर की हरकतें प्लान करने और ठीक से करवाने में कठिनाई होती है।

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🧩 ऑटिज़्म वाले बच्चों में डिस्प्रेक्सिया कैसे दिखता है?

✔ नए मूवमेंट सीखने में समय
✔ सीक्वेंस जल्दी भूलना
✔ बॉडी-अवेयरनेस कम
✔ फाइन मोटर में कठिनाई
✔ बार-बार गिरना या बैलेंस खराब

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🌱 सामान्य बच्चों में संकेत

✔ खेल-कूद में कठिनाई
✔ लिखावट कमजोर
✔ कपड़े पहनने में दिक्कत
✔ बार-बार टकराना
✔ मोटर कौशल धीरे सीखना

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🎯 कैसे मदद करें? (Management)

👉 Occupational Therapy
👉 Sensory Integration Activities (swing, trampoline, obstacle course)
👉 Fine Motor Play (playdough, lego, beads)
👉 Bilateral activities (clapping games, ball games)
👉 Step-by-step Visual Support

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💛 याद रखें:

डिस्प्रेक्सिया कोई बीमारी नहीं—
यह एक developmental difference है।
सही थेरेपी और निरंतर अभ्यास से बच्चा बहुत आगे बढ़ सकता है! ✨

आज एक बहुत जरूरी टॉपिक पर बात करेंगे, जो है-🌸✨ शादी में ऑटिस्टिक बच्चों को कैसे Comfortable रखें? ✨🌸शादी का माहौल शोर, भ...
20/11/2025

आज एक बहुत जरूरी टॉपिक पर बात करेंगे, जो है-

🌸✨ शादी में ऑटिस्टिक बच्चों को कैसे Comfortable रखें? ✨🌸

शादी का माहौल शोर, भीड़, तेज रोशनी और नई जगहों से भरा होता है। ऐसे में ऑटिस्टिक बच्चों के लिए यह बहुत ओवरवेल्मिंग हो सकता है।
यहाँ कुछ आसान और असरदार तरीके हैं जो बच्चे को शादी में आरामदायक बनाने में मदद करेंगे:

🌟 1. पहले से तैयारी करें – बच्चे को सरल भाषा में बताएं कि शादी कैसी होगी।
🌟 2. बच्चे की पसंद की चीजें साथ रखें – फिजेट टॉय, स्नैक्स, पानी।
🌟 3. एक शांत कोना चुनें – भीड़ और शोर से दूर।
🌟 4. धीरे-धीरे माहौल से परिचय कराएँ – सीधे हॉल में न ले जाएँ।
🌟 5. छोटे समय के लिए ले जाएँ – ज़रूरी नहीं कि पूरा फंक्शन अटेंड करें।
🌟 6. Sensory breaks देते रहें – थोड़ी वॉक या शांत बैठना।
🌟 7. मजबूर न करें – फोटो, स्टेज या गले मिलने के लिए दबाव न डालें।
🌟 8. आरामदायक कपड़े पहनाएँ – भारी या चुभने वाले कपड़े न हों।
🌟 9. Safety सबसे जरूरी – भीड़ में बच्चे का हाथ पकड़े रखें।

💛 सबसे ज़रूरी बात:
बच्चे की सुविधा समाज से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
अगर बच्चा थोड़ा समय ही बिता पाए, तब भी बिल्कुल ठीक है।

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---🌈 बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌈हमारी ओर से सभी बच्चों को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और हौसला ❤️आज का दिन हमें याद द...
14/11/2025

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🌈 बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌈
हमारी ओर से सभी बच्चों को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और हौसला ❤️

आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हर बच्चा अनोखा है, हर मुस्कान की अपनी चमक है और हर क्षमता की अपनी उड़ान।
हमारे विशेष बच्चों की छोटी–सी प्रगति भी बड़ी जीत होती है, और हम हर कदम पर उनके साथ खड़े हैं। 🌟

✨ हमारा विश्वास:
“हर बच्चा अपने तरीके से सीखता है, समझता है और बढ़ता है… बस हमें उसे सही मार्गदर्शन, अवसर और प्यार देना होता है।”

आज बाल दिवस पर हम अपने सभी बच्चों के साहस, हिम्मत, मेहनत और मुस्कान का सम्मान करते हैं।
आप बच्चे नहीं, हमारी प्रेरणा हो। 💛

🎈 हैप्पी चिल्ड्रेन’स डे!
# hilights

🌼ऑटिज़्म से जुड़े बच्चों में कई सकारात्मक (Positive) और विशेष गुण होते हैं, जिन्हें समझना और प्रोत्साहित करना ज़रूरी है।...
13/11/2025

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ऑटिज़्म से जुड़े बच्चों में कई सकारात्मक (Positive) और विशेष गुण होते हैं, जिन्हें समझना और प्रोत्साहित करना ज़रूरी है। नीचे कुछ मुख्य सकारात्मक बातें दी गई हैं ,आइए समझते हैं-

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🌟 ऑटिस्टिक बच्चों की सकारात्मक विशेषताएँ

1. ईमानदारी और सच्चाई (Honesty and Truthfulness)

ये बच्चे बहुत सीधे और सच्चे होते हैं। जो सोचते हैं वही बोलते हैं, किसी को धोखा नहीं देते।

2. गहरी रुचि और ध्यान (Deep Focus and Interest)

जब उन्हें किसी चीज़ में रुचि होती है, तो वे उसमें बहुत गहराई से ध्यान लगाते हैं और उसमें माहिर बन सकते हैं।
जैसे – गिनती, पज़ल, कंप्यूटर, संगीत, या चित्र बनाना।

3. सृजनशीलता और कल्पनाशक्ति (Creativity and Imagination)

बहुत से ऑटिस्टिक बच्चे ड्रॉइंग, संगीत, डिजाइनिंग या कहानी कहने में बेहद क्रिएटिव होते हैं।

4. ईमानदार और निष्कपट स्वभाव (Pure and Innocent Nature)

वे दिखावा नहीं करते, उनके मन में जो होता है वही बाहर दिखता है। उनका स्वभाव साफ़ और निष्कपट होता है।

5. रूटीन का पालन (Consistency and Discipline)

उन्हें एक तय दिनचर्या पसंद होती है, इसलिए वे अनुशासित और समय के पाबंद बन सकते हैं।

6. तेज़ अवलोकन शक्ति (Strong Observation Skills)

कई बार वे छोटी-छोटी बातों को नोटिस कर लेते हैं, जो सामान्य लोग नहीं देख पाते।

7. भावनात्मक गहराई (Emotional Depth)

भले ही वे अपनी भावनाएँ शब्दों में न कह सकें, लेकिन वे बहुत गहराई से महसूस करते हैं और सच्चे मन से लगाव रखते हैं।

8. अनोखा दृष्टिकोण (Unique Way of Thinking)

वे दुनिया को अलग नज़रिए से देखते हैं, जिससे नए विचार और समाधान निकल सकते हैं।

9. विश्वासपात्र साथी (Loyal Friend)

एक बार किसी से जुड़ जाएँ, तो बहुत वफ़ादार और सच्चे दोस्त साबित होते हैं।

10. संगीत और पैटर्न पहचान में कुशल (Good with Music and Patterns)

कई ऑटिस्टिक बच्चे संगीत, ताल, या पैटर्न पहचानने में बहुत तेज़ होते हैं।

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🌈 निष्कर्ष:
हर ऑटिस्टिक बच्चा अलग होता है, पर उनमें “अलग होने” में ही उनकी “खूबसूरती” और “ताकत” छिपी होती है।
जरूरत है — उन्हें समझने, स्वीकारने और उनके विशेष गुणों को निखारने की।

School readiness in Autistic child:ऑटिज़्म में School Readiness (स्कूल रेडीनेस) का मतलब है — बच्चे का स्कूल जाने और वहाँ...
12/11/2025

School readiness in Autistic child:
ऑटिज़्म में School Readiness (स्कूल रेडीनेस) का मतलब है — बच्चे का स्कूल जाने और वहाँ के माहौल में सीखने, बैठने, समझने और दूसरों के साथ जुड़ने की तैयारी का स्तर।

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🌈 ऑटिज़्म में School Readiness का अर्थ

जब किसी ऑटिस्टिक बच्चे को स्कूल भेजा जाता है, तो यह ज़रूरी होता है कि वह कुछ बुनियादी कौशलों (basic skills) में तैयार हो — ताकि वह शिक्षक की बातें समझ सके, निर्देशों का पालन कर सके और धीरे-धीरे समूह में शामिल हो सके।

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🧩 School Readiness के प्रमुख क्षेत्र (Domains)

1. 🧠 संज्ञानात्मक (Cognitive Readiness)

रंग, आकार, अक्षर, गिनती जैसी बुनियादी चीज़ों की पहचान।

निर्देश समझना – “बैठो”, “लाओ”, “रुको” जैसी एक या दो स्टेप की कमांड्स फॉलो करना।

ध्यान केंद्रित करने और काम पूरा करने की क्षमता।

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2. 👂 सुनने और समझने की तैयारी (Language & Communication)

अपने नाम पर प्रतिक्रिया देना।

ज़रूरतें बताना (जैसे – पानी चाहिए, टॉयलेट जाना)।

सरल प्रश्नों का उत्तर देना।

शिक्षक की बात सुनने की आदत।

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3. 🤝 सामाजिक तैयारी (Social Readiness)

दूसरे बच्चों के साथ बैठना।

खिलौने या सामग्री साझा करना।

बारी का इंतज़ार करना (“turn taking”)।

समूह गतिविधियों में भाग लेना।

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4. 🪑 व्यवहारिक तैयारी (Behavioral Readiness)

लंबे समय तक एक जगह बैठना।

अनुशासन का पालन करना (कक्षा के नियम)।

गुस्सा या रोना कंट्रोल करना सीखना।

रूटीन बदलने पर सहनशीलता विकसित करना।

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5. ✋ मोटर स्किल्स (Motor Readiness)

पेंसिल पकड़ना, रंग भरना, ब्लॉक्स जोड़ना जैसी फाइन मोटर स्किल्स।

चलना, दौड़ना, बैग उठाना जैसी ग्रॉस मोटर स्किल्स।

टॉयलेट ट्रेनिंग और स्वयं खाना खाना जैसी सेल्फ-हेल्प स्किल्स।

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6. ❤️ भावनात्मक तैयारी (Emotional Readiness)

नई जगह और लोगों के साथ सहज महसूस करना।

माता-पिता से अलग होने पर रोना कम होना।

अपनी भावनाएँ (खुशी, गुस्सा, डर) व्यक्त करने की क्षमता।

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🌻 School Readiness के लिए थेरेपी या प्री-स्कूल ट्रेनिंग

ऑटिज़्म वाले बच्चों के लिए “School Readiness Program” या “Pre-Academic Skills Training” में इन सभी क्षेत्रों पर काम किया जाता है —
जैसे:

ऑक्यूपेशनल थेरेपी (बैठने और ध्यान सुधारने के लिए)

स्पीच थेरेपी (बातचीत और कम्युनिकेशन के लिए)

बिहेवियर थेरेपी (रूल फॉलो और कंट्रोल सीखने के लिए)

ग्रुप एक्टिविटीज़ (सामाजिक कौशल के लिए)

ऑटिज़्म में Gestatory Issues (स्वाद एवं खाने से जुड़ी समस्याएँ)Gestatory मतलब स्वाद, खाने की बनावट (Texture), और मुंह मे...
10/11/2025

ऑटिज़्म में Gestatory Issues (स्वाद एवं खाने से जुड़ी समस्याएँ)
Gestatory मतलब स्वाद, खाने की बनावट (Texture), और मुंह में भोजन का अनुभव।
कई बच्चों में ऑटिज़्म के कारण Sensory Processing अलग होता है, इसलिए वे खाने को लेकर बहुत चुनिंदा (picky) या अति-प्रतिक्रिया (oversensitive) दिखा सकते हैं।

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Gestatory Issues कैसे दिखते हैं? (लक्षण)

बच्चा:

कुछ सीमित चीजें ही खाता है (जैसे सिर्फ दाल-चावल या सिर्फ मैगी)

नई चीज़ खाने से डर या घृणा महसूस करता है

ठोस चीज़ों की बजाय Soft या Liquid भोजन को पसंद करता है

खाने को चबाने में कठिनाई (Chewing Difficulty)

खाना मुंह में बहुत देर रखना

Gag reflex (हल्का सा भी सख्त खाना आए तो उल्टी जैसा महसूस होना)

खाने को देखने, सूंघने या छूने पर भी नापसंद

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Gestatory Issues क्यों होती हैं?

कारण विवरण

Sensory Processing Disorder स्वाद, गंध, तापमान और टेक्सचर को दिमाग अलग तरह से महसूस करता है
Oral Motor Weakness होंठ, जीभ और जबड़े की मांसपेशियाँ कमजोर होती हैं
Feeding Skills Delay चबाने, मुंह घुमाने, निगलने जैसी स्किल्स का विकास धीमा होता है
Routine Fixation बच्चा एक ही खाने का पैटर्न अपनाने में सुरक्षित महसूस करता है

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कैसे समझें बच्चा कौन सा Sensory Type है?

बच्चा यदि मतलब

बहुत चुनिंदा है Oversensitive – उसे ज्यादा इनपुट भारी लगता है
हर चीज़ चखता है / मुंह में चीजें डालता है Undersensitive – उसे और Sensory Input चाहिए

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Gestatory Issues को कैसे मैनेज करें?

1. अचानक डाइट बदलने की कोशिश न करें

नए भोजन को धीरे-धीरे परिचय कराएँ
Step-by-step exposure:

1. पहले देखने दें

2. फिर छूने दें

3. फिर मुंह तक ले जाने दें

4. फिर हल्का चाटने दें

5. अंत में चबाना

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2. Food Texture Ladder (सॉफ्ट से सॉलिड तक)

लेवल उदाहरण

Soft दलिया, खिचड़ी, दही, उपमा
Semi-solid मैश किया हुआ चावल/सब्ज़ी

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3. Oral Motor Therapy (दिन में 10–12 मिनट)

बुलबुले (Bubble Blowing)

स्ट्रॉ से जूस पीना

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4. Sensory Diet शामिल करें

Trampoline Jump

Swing (झूला)

Heavy Work (जैसे टॉवेल निचोड़ना, खिलौने उठाना)

ये बच्चे की खाने के समय की संवेदनशीलता कम करते हैं।

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5. बच्चे को खाने में Control दें

छोटे हिस्से परोसें

2 विकल्प दें: “दाल या दही?”

खाने को खेल का रूप दें (Food Play Therapy)

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What Not To Do (क्या नहीं करना है)

✘ जबरदस्ती खिलाना
✘ डाँटना या डराना
✘ तुरंत नया खाना पूरा plate भरकर देना

इससे Fear बढ़ता है।

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कब डॉक्टर/थेरपिस्ट की मदद लें?

बच्चा बहुत कम खा रहा हो

वजन नहीं बढ़ रहा हो

बार-बार Gagging या choking हो
→ तब Occupational Therapist + Speech Therapist (Feeding Specialist) की जरूरत होती है।

ऑटिज़्म में Visual Stimulation (दृष्टि से जुड़ी उत्तेजना) क्या होती है?ऑटिज़्म वाले कई बच्चे और व्यक्ति अपनी आँखों से ची...
08/11/2025

ऑटिज़्म में Visual Stimulation (दृष्टि से जुड़ी उत्तेजना) क्या होती है?
ऑटिज़्म वाले कई बच्चे और व्यक्ति अपनी आँखों से चीज़ों को एक अलग तरीके से देखते और महसूस करते हैं। उनके लिए visual (दृश्य) जानकारी यानी रंग, रोशनी, पैटर्न, मूवमेंट, आकार आदि बहुत अधिक उत्तेजक या बहुत कम आकर्षक हो सकते हैं।
इसी वजह से वे कुछ खास दृश्य गतिविधियों को बार-बार करते हैं या उनसे बहुत प्रभावित होते हैं। इसे Visual Stimming या Visual Stimulation भी कहा जाता है।

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Visual Stimulation के कुछ सामान्य उदाहरण:

ऑटिज़्म वाले बच्चे इन चीज़ों को बार-बार करते देखे जा सकते हैं:

व्यवहार कैसा दिखता है क्यों होता है

हाथों को आँखों के पास हिलाना बच्चे अपने हाथों को आँखों के बहुत पास ले जाकर हिलाते हैं उन्हें अपनी उंगलियों की मूवमेंट का दृश्य अच्छा और soothing लगता है
घूमती हुई चीज़ों को देखना पंखा, पहिया, स्पिनर, चकरी, वॉशिंग मशीन को घूरना repetitive visual pattern उन्हें sensory comfort देता है
बार-बार रोशनी को देखना ट्यूबलाइट, बल्ब, सूरज, चमकती चीज़ों पर नजर टिकाना चमक बच्चों को आकर्षित करती है, sensory craving हो सकता है
चीज़ों को आँखों के बहुत करीब लाना किताब, खिलौना, पेंसिल को आँख के बहुत पास ले जाना visual clarity या focus की अलग processing होती है
एक ही पैटर्न या लाइन को बार-बार देखना tiles, design, dots, shapes पर ध्यान टिकाना pattern-based thinking और sensory regulation

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ऐसा क्यों होता है? (कारण)

ऑटिज़्म में sensory system यानी इंद्रियों की जानकारी को समझने और प्रोसेस करने का तरीका अलग होता है:

1. अधिक Sensory Input की आवश्यकता: कुछ बच्चों को visual input ज़्यादा चाहिए होता है, इसलिए वे बार-बार चमकती या घूमती चीज़ों को देखते हैं।

2. कम Sensory Input की सहनशीलता: कुछ बच्चों को रोशनी और रंग बहुत तेज़ लगते हैं, जिससे वे आँखें ढकते हैं या कमरे में अंधेरे जगह खोजते हैं।

3. Self Regulation: visual stimming उन्हें शांत होने और चिंता कम करने में मदद करती है।

4. Attention और Processing Difference: वे detail पर ज़्यादा ध्यान देते हैं, पूरी तस्वीर को एक साथ नहीं देखते।

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क्या यह नुकसानदायक है?

नुकसानदायक नहीं, जब तक यह:

बच्चा सुरक्षित हो

यह उसे सीखने, खेलने या interaction से नहीं रोक रहा हो

लेकिन यदि बच्चा हमेशा visual stimming में ही फँसा रहे तो यह social interaction, eye contact और सीखने में बाधा डाल सकता है।

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कैसे मदद करें?

1. Controlled Visual Stimulation Activities दें

Light table play

Flashcards with shapes and colors

Bubbles देखकर observe करना

Kaleidoscope or sensory torch

Shadow play (torch + हाथ की परछाईं)

2. Sensory Breaks दें

हर 20-30 मिनट में छोटे-छोटे sensory pauses
यह बच्चा खुद को regulate कर सकेगा।

3. Visual Attention Training

Matching pictures

Sorting shapes

Look-follow games (“देखो मेरी तरफ- देखो खिलौना”)

4. Screen Time सीमित रखें

बहुत ज्यादा mobile से overstimulation और attention control कमजोर होता है।

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घर पर छोटी गतिविधियाँ

गतिविधि कैसे करें लाभ

बुलबुला फोड़ो खेल bubbles उड़ाइए और बच्चा फोड़े joint attention बढ़ाता है
रंग sorting लाल-नीला-पीला खिलौने अलग कराओ visual discrimination
टॉर्च से wall tracing टॉर्च को दीवार पर घुमाएँ और बच्चा follow करे visual tracking
Puzzles शुरू में 2-3 टुकड़ों वाले visual planning

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निष्कर्ष

ऑटिज़्म में visual stimulation स्व-नियमन (self-regulation) का तरीका है। यह बच्चे की sensory need को पूरा करता है। इसे रोकने की बजाय सही दिशा में channelize और balance करना ज़रूरी है।

Verbal Stimming in Autism (वर्बल स्टिमिंग) क्या होता है?ऑटिज़्म में बच्चे अपने सेंसरि सिस्टम को शांत करने या खुद को regu...
07/11/2025

Verbal Stimming in Autism (वर्बल स्टिमिंग) क्या होता है?
ऑटिज़्म में बच्चे अपने सेंसरि सिस्टम को शांत करने या खुद को regulate करने के लिए बार-बार कुछ ध्वनियाँ, शब्द या वाक्य बोलते हैं। इस बार-बार बोले जाने वाले शब्दों या ध्वनियों को वर्बल स्टिमिंग कहते हैं।

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वर्बल स्टिमिंग कैसा दिख सकता है?

बच्चा:

बार-बार एक ही शब्द बोलना (जैसे – “गा-गा-गा”)

कोई गाना या कविता की एक लाइन दोहराना

टीवी के डायलॉग दोहराना (Echolalia)

अनजानी आवाजें निकालना (जैसे humming, humming, clicking, squealing)

बिना मतलब के लगातार बोलना या बड़बड़ाना

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बच्चा ऐसा क्यों करता है?

वर्बल स्टिमिंग के कारण अलग-अलग हो सकते हैं:

कारण समझ

सेंसरि self-regulation बच्चा इससे खुद को शांत करता है।
Excitement या happiness खुश होने पर आवाजें या शब्द निकालता है।
Anxiety या Stress परेशान होने पर बच्चे rhythmic sounds निकालते हैं।
Language सीखने की प्रक्रिया कुछ बच्चे repetition करके भाषा सीखते हैं।

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क्या यह गलत है?

नहीं।
वर्बल स्टिमिंग अपने आप में गलत नहीं है। यह बच्चे के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को संतुलित रखने का तरीका है।
हमें इसे पूरी तरह रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

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कब चिंता करनी चाहिए?

यदि:

बच्चा दिनभर सिर्फ स्टिमिंग कर रहा है

स्टिमिंग की वजह से समझ, सीखना या daily routine प्रभावित हो रहा है

बच्चे में चिंता या चिड़चिड़ापन बहुत बढ़ रहा है

तब इसे guided तरीके से कम किया जा सकता है।

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वर्बल स्टिमिंग को कैसे संभालें? (Strategies)

रणनीति कैसे करें

Replacement Activity बच्चे को गाना गाने, कहानियाँ दोहराने का structured समय दें।
Sensory Diet दिन में 20-25 मिनट sensory activities (swing, jumping, ball play) दें।
Communication Development बच्चे को धीरे-धीरे functional communication सिखाएँ (pictures, gestures, AAC).
Calm Down Space जब बच्चा overload हो, तो एक शांत कोना दें।
Attention Skills Improve छोटे-छोटे table tasks, matching, pointing, imitation games करवाएँ।

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घर पर सिखाने योग्य Simple Activities

“देखो मेरे मुँह” के साथ oral imitation practice

Clapping games – “ताली ताली”

Rhythmic बोल – “ला-ला-ला”, “बा- बा- बा” को गेम बनाकर

Turn Taking Games (बारी-बारी से बोलना/रुकना)

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माता-पिता को ध्यान रखने वाली बातें

बच्चे को डाँटे नहीं।

“चुप रहो” बार-बार न कहें।

बच्चे की भावनाओं को समझें।

स्टिमिंग का एक Safe Space दें।

Crossing Midline क्या है?जब बच्चा अपने एक हाथ या पैर को शरीर के बीच वाले imaginary line (मिडलाइन) को पार करके दूसरी तरफ ...
06/11/2025

Crossing Midline क्या है?

जब बच्चा अपने एक हाथ या पैर को शरीर के बीच वाले imaginary line (मिडलाइन) को पार करके दूसरी तरफ के काम में उपयोग करता है, तो इसे Crossing Midline कहते हैं।

उदाहरण:

दायाँ हाथ उठाकर बाँई तरफ रखी चीज़ उठाना

बाँया पैर उठाकर दायें पैर के ऊपर से ले जाना

हाथ को शरीर के सामने घुमाकर पेट या कंधा छूना

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ASD में मिडलाइन क्यों Important है?

ऑटिज़्म वाले बच्चों में कई बार

दोनों हाथ साथ में काम नहीं करते

पेंसिल पकड़ना, लिखना, कपड़े पहनना, बटन लगाना, खाना खाना मुश्किल हो सकता है

क्योंकि मिडलाइन क्रॉसिंग से

दिमाग के दोनों हिस्से (left-brain & right-brain) आपस में तालमेल बनाते हैं

Coordination + Concentration + Sitting Behaviour बेहतर होता है

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Crossing Midline Activities
1. टच एंड रीच (छूकर बताओ)

बच्चे से कहें:

दायें हाथ से बाएँ कान छूओ

बाएँ हाथ से दायाँ घुटना छूओ

इसे खेल की तरह करें: “कौन जल्दी?”

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2. पासिंग बॉल (क्रॉस पास)

बच्चे को छोटी बॉल दें

निर्देश दें:

बॉल को दाएँ हाथ से पकड़ें और बाएँ तरफ रखें

फिर बाएँ हाथ से उठाकर दाएँ तरफ रखें

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3. रेनबो आर्क (बड़े बड़े हाथ घुमाना)

बच्चे से कहें कि हवा में बड़ा सा रेनबो बनाओ

हाथ को बाएँ से दाएँ ले जाएँ (पूरा हाथ फैलाकर)

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4. क्रॉस मार्चिंग (खड़े होकर)

दायाँ हाथ → बाएँ घुटना

बायाँ हाथ → दाएँ घुटना

धीरे-धीरे 10–12 बार
यह activity sitting behaviour और brain connection के लिए बहुत effective है।

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5. ब्लॉक्स ट्रांसफर गेम

ब्लॉक्स एक तरफ रखें

बच्चे से कहें कि दाएँ हाथ से उन्हें उठा कर बाएँ बास्केट में डालें, फिर उल्टा

खेल जैसा लगेगा।

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6. ड्रॉइंग में Crossing Midline

बच्चे का हाथ फ्री मूवमेंट में बाएँ से दाएँ जाए।

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महत्वपूर्ण टिप्स

✔ बच्चे के शरीर की पोश्चर स्थिर रखें (सही बैठना ज़रूरी)
✔ Activity को मजेदार बनाएं — गुस्सा या दबाव न डालें
✔ पहले धीमी गति, फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएँ
✔ रोज़ 10–15 मिनट काफी है
✔ अच्छे काम पर तुरंत प्रशंसा (high five, clap, smile) दें

"मिडलाइन क्रॉसिंग दिमाग के दोनों हिस्सों को साथ काम करना सिखाती है।
इससे बच्चा लिखने, कपड़े पहनने, खाना खाने और खेल में ज़्यादा independent और coordinated हो पाता है।

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