Kridha Ability Development Centre

Kridha Ability Development Centre We are providing Speech therapy, physiotherapy, occupational therapy, special education, music Therap

06/12/2025

Hair cutting session at our centre
ऑटिज़्म वाले बच्चों के लिए हेयर कटिंग सेशन (बाल कटवाने का सत्र) एक साधारण ग्रूमिंग गतिविधि नहीं होता—यह एक महत्वपूर्ण थेरेप्यूटिक इंटरवेंशन भी है। जब यह काम रीहेबिलिटेशन एक्सपर्ट्स (OT/PT/Special Educator/Behaviour Therapist) के साथ किया जाता है, तो यह बच्चे के कई कौशलों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
⭐ ऑटिज़्म वाले बच्चों के लिए हेयर कटिंग सेशन क्यों ज़रूरी है?

1️⃣ संवेदी (Sensory) समस्याओं को कम करने में मदद

अक्सर ऑटिज़्म वाले बच्चों को

आवाज़,

कैंची का स्पर्श,

बालों का चेहरे पर गिरना,

पानी या हेयर ड्रायर की संवेदना

बहुत तीव्र लगती है (sensory hypersensitivity)।
रीहेबिलिटेशन एक्सपर्ट इन संवेदनाओं को धीरे-धीरे सहन करना सिखाते हैं, जिससे बच्चे की डर और असहजता कम होती है।

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2️⃣ सहयोग (Cooperation) और बैठने की सहनशीलता (Sitting Tolerance) बढ़ती है

बाल कटवाते समय बच्चे को

शांत बैठना,

कुछ मिनटों तक प्रतीक्षा करना
सीखना होता है।

OT/Behaviour therapist इसे एक structured activity की तरह सिखाते हैं, जिससे बच्चे की sitting tolerance और अनुशासन में सुधार होता है।

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3️⃣ ADL (Activities of Daily Living) कौशल का हिस्सा

बाल कटवाना self-care का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रीहेबिलिटेशन सेंटर में बच्चे को सिखाया जाता है कि

बाल कटवाना नियमित प्रक्रिया है

डरने या भागने की ज़रूरत नहीं

यह शरीर की सफ़ाई और सुंदरता का हिस्सा है

यह independence बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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4️⃣ Behaviour Modification में सहायक

बहुत से बच्चों को

छूने का डर

नए स्थानों का डर

unfamiliar व्यक्ति (बर्बर) का डर

होता है।
रीहेबिलिटेशन एक्सपर्ट systematic desensitization, social stories और वीडियो मॉडलिंग के ज़रिये डर कम करते हैं।

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5️⃣ सामाजिक कौशल (Social Skills) मजबूत होते हैं

बाल कटवाते समय बच्चा

निर्देश सुनना

छोटी-छोटी बातें समझना

“रुको”, “झुको”, “आँखें बंद करो” जैसे कमांड follow करना
सीखता है।

यह सामाजिक संचार को बेहतर बनाता है।

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6️⃣ हाइजीन और हेल्थ के लिए ज़रूरी

नियमित बाल कटवाने से
✔ सिर में पसीना कम जमा होता है
✔ डैंड्रफ/फंगल प्रॉब्लम कम होती है
✔ आँख और चेहरे पर बाल आने से जलन नहीं होती
✔ बच्चा साफ-सुथरा और आरामदायक महसूस करता है

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7️⃣ और भी थेरेपी गोल्स अचीव होते हैं

बाल कटिंग सेशन में बहुत से थेरेप्यूटिक गोल्स छुपे होते हैं:

टच टॉलरेंस

प्रॉप्रीयोसेप्टिव इनपुट

ऑडिटरी टॉलरेंस

attention बढ़ाना

coping strategy सिखाना

यह एक holistic therapy बन जाती है।

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⭐ रीहेबिलिटेशन सेंटर में हेयर कटिंग क्यों करवाना चाहिए?

✔ बच्चे को trained experts संभालते हैं

जो बच्चे के sensory profile, behaviour और needs को समझते हैं।

✔ controlled environment होता है

कम आवाज़, soft lighting, slow pace — जो sensory overload से बचाता है।

✔ step-by-step desensitization मिलता है

पहले combing, फिर spray, फिर scissor sound… धीरे-धीरे पूरा हेयरकट।

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⭐ निष्कर्ष

हेयर कटिंग सेशन सिर्फ ग्रूमिंग नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण थेरेपी गतिविधि है,
जो ऑटिज़्म वाले बच्चे के

sensory regulation,

behaviour,

sitting tolerance,

social skills,

self-care skills
सब को बेहतर करती है।

इसीलिए इसे रीहेबिलिटेशन सेंटर में प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स के साथ करवाना बेहद फायदेमंद होता है।

05/12/2025

⭐ ऑटिज़्म में आँख-हाथ समन्वय (Eye-Hand Coordination), ध्यान (Attention) और बैठकर काम करने की क्षमता (Sitting Activity) का महत्व

🟦 1. Eye-Hand Coordination (आँख-हाथ समन्वय) का महत्व

आँख-हाथ समन्वय का मतलब है—बच्चा जो देख रहा है, वही उसके हाथ सही तरह से करते हैं।

क्यों ज़रूरी है?

✏️ लिखाई सुधारने में मदद (पेंसिल पकड़ना, लाइन पर लिखना, कॉपी में काम करना)

🎨 ड्राइंग, कलरिंग, पज़ल्स करने में आसान

🍽️ खाने के दौरान spoon-fork का उपयोग

🧩 खेले में भाग लेना (बॉल पकड़ना, बिल्डिंग ब्लॉक्स)

👕 ADL Activities में मदद (बटन लगाना, जिप बंद करना)

ऑटिज़्म में कई बच्चे visual learners होते हैं, पर हाथ का control कम होता है, इसलिए यह skill और भी ज़रूरी हो जाती है।

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🟦 2. Attention (ध्यान/एकाग्रता) का महत्व

ऑटिस्टिक बच्चों में joint attention, sustained attention और shifting attention की दिक्कत आम होती है।

क्यों ज़रूरी है?

📚 सीखने की क्षमता बढ़ती है (रंग, आकार, संख्याएँ, लेखन)

🗣️ रिक्त निर्देश समझना (teacher-parent instruction follow करना)

🤝 social interaction में सुधार (आँख मिलाकर बात करना, खेल में turn-taking)

🧠 problem solving skills बढ़ती हैं

🎯 task completion (शुरू किए काम को पूरा करना)

ध्यान अच्छे से लगेगा तो therapy के परिणाम जल्दी दिखते हैं।

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🟦 3. Sitting Activity (बैठकर काम करने की क्षमता) का महत्व

बहुत से ऑटिस्टिक बच्चों को hyperactivity, sensory needs या impulsive behavior की वजह से एक जगह बैठने में कठिनाई होती है।

क्यों ज़रूरी है?

🎓 स्कूल readiness का मुख्य भाग
(क्लास में बैठकर सुनना और काम करना)

🧩 Table-top activities (पज़ल, sorting, worksheets, matching)

✍️ Pre-writing और writing skills विकसित होना

🧘‍♂️ Self-regulation बढ़ती है
(body control, calm sitting)

🧺 ADL Routine सीखने में सुविधा

अगर बच्चा 5–10 मिनट भी शान्त होकर बैठ सके तो learning बहुत बेहतर हो जाती है।

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🔶 आपस में रिश्ता (How these 3 skills support each other)

Skill आगे कैसे मदद करता है

Eye-Hand Coordination Table activities में बच्चा engage रहता है → sitting time बढ़ता है
Attention Sitting tolerance बढ़ती है → आँख-हाथ समन्वय वाली गतिविधियाँ अच्छे से होती हैं
Sitting Activity ध्यान और handwriting दोनों पर प्रभाव डालता है

ये तीनों स्किल एक-दूसरे से जुड़े हैं, इसलिए therapy में हमेशा साथ-साथ develop करवाए जाते हैं।

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⭐ संक्षेप में (Conclusion)

ऑटिज़्म में eye-hand coordination, attention और sitting ability मूलभूत स्किल हैं जो
✔️ academics
✔️ communication
✔️ social behavior
✔️ daily living
सब कुछ सुधारती हैं।

नियमित Occupational Therapy + Sensory Integration से इन तीनों में बहुत अच्छा सुधार आता है।

शुभकामनाएं।।।आज एक और मोती समाज की मुख्य धारा की माला में पिरोया गया। अभिभावकों की कोशिश और विश्वास की वजह से आज बच्चा थ...
04/12/2025

शुभकामनाएं।।।
आज एक और मोती समाज की मुख्य धारा की माला में पिरोया गया। अभिभावकों की कोशिश और विश्वास की वजह से आज बच्चा थेरेपी सेंटर से स्कूल जाने के लिए तैयार है।
बहुत बहुत शुभकामनाएं और आशीर्वाद।
टीम kadc को बहुत बहुत बधाई।
Hip hip hurray....

🌍✨ विश्व दिव्यांगता जागरूकता दिवस ✨🌍3 दिसम्बर आज हम यह संदेश फैलाते हैं कि —“दिव्यांगता कोई कमी नहीं, एक विशेष क्षमता है...
03/12/2025

🌍✨ विश्व दिव्यांगता जागरूकता दिवस ✨🌍

3 दिसम्बर
आज हम यह संदेश फैलाते हैं कि —
“दिव्यांगता कोई कमी नहीं, एक विशेष क्षमता है।”
हर व्यक्ति अपने भीतर एक ऐसी अनोखी प्रतिभा लेकर आता है जिसे हमें पहचानने और सशक्त बनाने की आवश्यकता है।

🙏 आइए वचन लें कि—
✔ हम सम्मान और समान अवसर देंगे
✔ हम समावेशी सोच अपनाएंगे
✔ हम दिव्यांग व्यक्तियों की क्षमताओं को आगे बढ़ाएंगे
✔ और समाज में एक ऐसा वातावरण बनाएंगे जहाँ सभी को बराबरी का हक मिले

हमारा लक्ष्य है—
एक समावेशी, संवेदनशील और सक्षम समाज,

28/11/2025

Action imitation का मतलब है कि बच्चा दूसरों की क्रियाओं को देखकर वैसे ही करने की कोशिश करे—जैसे ताली बजाना, हाथ हिलाना, ब्लॉक रखना, कप उठाना, खिलौना चलाना आदि।

यह स्किल बच्चे के सम्पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी है।

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⭐ Action Imitation क्यों ज़रूरी है?

1. सीखने का पहला तरीका

छोटे बच्चे ज़्यादातर चीज़ें देखकर सीखते हैं।

खाना खाना, कपड़े पहनना, खेलना—सब कुछ imitation से ही शुरू होता है।

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⭐ 2. Communication (संचार) विकास

बच्चे imitation करते-करते gestures सीखते हैं—जैसे bye-bye करना, pointing करना।

बाद में यही चीज़ें बोलना सीखने की नींव बनती हैं।

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⭐ 3. Social Skills (सामाजिक कौशल)

बच्चे जब दूसरों की क्रियाएं कॉपी करते हैं, तो:

attention बढ़ती है

eye contact सुधरता है

turn-taking सीखते हैं

इससे बच्चा दूसरों से जुड़ना सीखता है।

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⭐ 4. Motor Skills का विकास

Fine और Gross motor—दोनों skills पर असर पड़ता है।

जैसे:

ताली बजाना

block stacking

jumping, running

spoon पकड़ना

बच्चा हाथ-पैर का नियंत्रण बेहतर सीखता है।

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⭐ 5. Play Skills में निखार

खिलौनों को कैसे इस्तेमाल करना है—यह बच्चा देखकर ही सीखता है।

imitation से imaginative play भी विकसित होता है।

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⭐ 6. Behaviour सीखने में मदद

बच्चा अच्छे व्यवहार—जैसे साफ-सफाई, sharing, routine—नकल करके सीखता है।

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⭐ 7. Autism और Developmental Delay में और भी महत्वपूर्ण

कई न्यूरोडेवलपमेंटल बच्चों में imitation की कमी होती है।

अगर action imitation को सुधारा जाए तो:

communication

attention

social interaction

self-help skills

play

speech
सब तेज़ी से बेहतर होते हैं।

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✔️ Action Imitation कैसे सिखाएं?

पहले simple actions से शुरू करें: ताली, हाथ हिलाना, knock-knock।

“Do like me” मॉडलिंग: आप करें, बच्चे को दोहराने दें।

बच्चे की पसंद की चीज़ों से शुरुआत करें।

ज्यादा verbal pressure न डालें—ज्यादा model दिखाएं।

हर छोटी सफलता पर तुरंत प्रशंसा करें।

Dyscalculia (डिस्कैल्कुलिया) क्या है?  समझिएडिस्कैल्कुलिया एक सीखने में कठिनाई (Learning Difficulty) है, जिसमें बच्चे को...
27/11/2025

Dyscalculia (डिस्कैल्कुलिया) क्या है? समझिए

डिस्कैल्कुलिया एक सीखने में कठिनाई (Learning Difficulty) है, जिसमें बच्चे को गणित (Maths) से जुड़ी बेसिक चीज़ों को समझने, सीखने और याद रखने में दिक्कत होती है। यह बुद्धि (IQ) कम होने की वजह से नहीं होता—बच्चा बाकी काम सामान्य रूप से कर सकता है, लेकिन गणित में संघर्ष करता है।

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⭐ डिस्कैल्कुलिया के मुख्य लक्षण (Symptoms)

1. नंबर समझने में कठिनाई

1,2,3 जैसे नंबर पहचानने या याद रखने में दिक्कत

नंबर का क्रम (before/after) नहीं समझ पाना

2. गिनती में समस्या

चीजों को गिनते समय गलती करना

10 के बाद कौन सा नंबर आता है, यह याद नहीं रहता

3. बेसिक जोड़–घटाना कठिन

उँगलियाँ ज्यादा इस्तेमाल करना

बहुत देर लगाना

बार-बार भूल जाना

4. टाइम और पैसे की समझ कम

घड़ी देखना मुश्किल

सिक्के/नोट पहचानने या जोड़ने में परेशानी

5. टेबल्स और फार्मूले याद नहीं रहना

रोज़ याद करने पर भी जल्दी भूल जाना

6. दिशा और दूरी समझने में समस्या

लेफ्ट–राइट में भ्रम

दूरी का अंदाज़ा नहीं लग पाना

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⭐ डिस्कैल्कुलिया होने के कारण (Causes)

जेनेटिक/परिवार में इतिहास

दिमाग के उस हिस्से में अंतर जो numbers-process करता है

प्रीमैच्योर जन्म

सीखने में अन्य कठिनाइयाँ (जैसे dyslexia)

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⭐ बच्चे पर प्रभाव

गणित से डर

आत्मविश्वास कम

क्लास में पीछे रहना

exam anxiety

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⭐ डिस्कैल्कुलिया का मैनेजमेंट (Management & Support)

1. मल्टी-सेंसरी मैथ्स सीखाना

चीजों को छूकर सीखना (beads, blocks)

चार्ट, रंग, चित्रों का उपयोग

2. छोटे-छोटे स्टेप्स में सीखना

एक छोटा कौशल सीखने के बाद ही अगला स्टेप देना

3. रोज़ 10–15 मिनट की प्रैक्टिस

गिनती खेल

4. टेक्नोलॉजी का उपयोग

मैथ्स ऐप्स

5. स्कूल में accommodations

टेस्ट में extra time

जटिल सवालों की जगह आसान सवाल

मौखिक परीक्षा विकल्प

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⭐ कैसे पहचानें कि बच्चे को डिस्कैल्कुलिया है?

अगर बच्चा—

बार-बार नंबर भूलता है

गिनती में लगातार गलती करता है

जोड़–घटाना में बहुत संघर्ष करता है

घड़ी पढ़ना नहीं आ रहा

नंबर देखकर घबरा जाता है

तो विशेषज्ञ (special educator/psychologist) से Educational Assessment करवाना चाहिए।

Sensory Seeker (सेंसरी सीकर) क्या होता है?Sensory Seeker वे बच्चे होते हैं जिन्हें अपने शरीर और दिमाग को शांत रखने या ध्...
23/11/2025

Sensory Seeker (सेंसरी सीकर) क्या होता है?

Sensory Seeker वे बच्चे होते हैं जिन्हें अपने शरीर और दिमाग को शांत रखने या ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा सेंसरी इनपुट चाहिए होता है।
मतलब—वे अपने आस-पास के माहौल से ज़्यादा स्पर्श, दबाव, मूवमेंट, आवाज़ या विज़ुअल इनपुट मांगते हैं।

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⭐ Sensory Seeker बच्चे की प्रमुख विशेषताएँ

ऐसे बच्चे अक्सर—

1. ज़्यादा मूवमेंट चाहते हैं

हमेशा दौड़ना, कूदना, चढ़ना-उतरना

कुर्सी पर टिककर नहीं बैठ पाते

घूमना, झूलना पसंद करते हैं

2. ज़्यादा टच (स्पर्श) पसंद करते हैं

चीज़ों को बार-बार छूना

लोगों को ज़ोर से हग/धक्का देना

हाथों से हर चीज़ को महसूस करना

3. तेज आवाज़ें पसंद करना

तेज म्यूज़िक सुनना

शोर वाले खिलौने पसंद करना

4. मुँह से सेंसरी लेना (Oral seeking)

पेंसिल, कपड़ा, खिलौने चबाना

चीज़ों को मुँह में डालना

सख्त खाने पसंद करना

5. विज़ुअल सेंसरी की तलाश

पंखा घूमता देखना

घूमने वाली चीजें देखना

लाइट्स से खेलना

रंगों/पैटर्न को बार-बार देखना

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⭐ Sensory Seeking क्यों होता है?

बच्चे की nervous system को ज्यादा stimulation चाहिए होता है।

दिमाग को sensory information ठीक से process नहीं होती।

Autism, ADHD, Sensory Processing Disorder में आम है।

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⭐ एक Sensory Seeker बच्चे की ज़रूरतें

ये बच्चे खुद को शांत रखने के लिए sensory इनपुट ढूँढते हैं, जैसे—

भारी गतिविधियाँ (Heavy work)

उछल कूद

दबाव

गहरी सांस

स्पर्श

oral input

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⭐ Sensory Seeker बच्चे के लिए Activities

1. Heavy Work Activities

धक्का देना–खींचना

2. गहरा दबाव (Deep Pressure)

3. Oral Input

स्ट्रॉ से मोटे शेक पीना

सख्त फ्रूट्स (गाजर, सेव के टुकड़े)

4. प्रोप्रायोसेप्टिव Activities

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⭐ कैसे पहचानें कि बच्चा Sensory Seeker है?

अगर बच्चा बार-बार:

छूने की कोशिश करे

कूदे, दौड़े

चीज़ें चबाए

तेज आवाज़ें पसंद करे

खुद को शांत करने के लिए लगातार गतिविधियाँ करे

तो संभव है कि वह sensory seeker हो।

आइए dyspraxia को समझते है,🌟 डिस्प्रेक्सिया क्या है? समझें आसान भाषा में 🌟कई बच्चे बहुत समझदार होते हैं, लेकिन👉 रोज़मर्रा...
22/11/2025

आइए dyspraxia को समझते है,

🌟 डिस्प्रेक्सिया क्या है? समझें आसान भाषा में 🌟

कई बच्चे बहुत समझदार होते हैं, लेकिन
👉 रोज़मर्रा के छोटे काम
👉 नए मूवमेंट
👉 लिखावट
👉 संतुलन
👉 खेल
इनमें उन्हें थोड़ी extra मदद की ज़रूरत पड़ती है।

इसे ही कहा जाता है "डिस्प्रेक्सिया (Dyspraxia)" —
एक ऐसी स्थिति जिसमें दिमाग को शरीर की हरकतें प्लान करने और ठीक से करवाने में कठिनाई होती है।

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🧩 ऑटिज़्म वाले बच्चों में डिस्प्रेक्सिया कैसे दिखता है?

✔ नए मूवमेंट सीखने में समय
✔ सीक्वेंस जल्दी भूलना
✔ बॉडी-अवेयरनेस कम
✔ फाइन मोटर में कठिनाई
✔ बार-बार गिरना या बैलेंस खराब

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🌱 सामान्य बच्चों में संकेत

✔ खेल-कूद में कठिनाई
✔ लिखावट कमजोर
✔ कपड़े पहनने में दिक्कत
✔ बार-बार टकराना
✔ मोटर कौशल धीरे सीखना

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🎯 कैसे मदद करें? (Management)

👉 Occupational Therapy
👉 Sensory Integration Activities (swing, trampoline, obstacle course)
👉 Fine Motor Play (playdough, lego, beads)
👉 Bilateral activities (clapping games, ball games)
👉 Step-by-step Visual Support

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💛 याद रखें:

डिस्प्रेक्सिया कोई बीमारी नहीं—
यह एक developmental difference है।
सही थेरेपी और निरंतर अभ्यास से बच्चा बहुत आगे बढ़ सकता है! ✨

आज एक बहुत जरूरी टॉपिक पर बात करेंगे, जो है-🌸✨ शादी में ऑटिस्टिक बच्चों को कैसे Comfortable रखें? ✨🌸शादी का माहौल शोर, भ...
20/11/2025

आज एक बहुत जरूरी टॉपिक पर बात करेंगे, जो है-

🌸✨ शादी में ऑटिस्टिक बच्चों को कैसे Comfortable रखें? ✨🌸

शादी का माहौल शोर, भीड़, तेज रोशनी और नई जगहों से भरा होता है। ऐसे में ऑटिस्टिक बच्चों के लिए यह बहुत ओवरवेल्मिंग हो सकता है।
यहाँ कुछ आसान और असरदार तरीके हैं जो बच्चे को शादी में आरामदायक बनाने में मदद करेंगे:

🌟 1. पहले से तैयारी करें – बच्चे को सरल भाषा में बताएं कि शादी कैसी होगी।
🌟 2. बच्चे की पसंद की चीजें साथ रखें – फिजेट टॉय, स्नैक्स, पानी।
🌟 3. एक शांत कोना चुनें – भीड़ और शोर से दूर।
🌟 4. धीरे-धीरे माहौल से परिचय कराएँ – सीधे हॉल में न ले जाएँ।
🌟 5. छोटे समय के लिए ले जाएँ – ज़रूरी नहीं कि पूरा फंक्शन अटेंड करें।
🌟 6. Sensory breaks देते रहें – थोड़ी वॉक या शांत बैठना।
🌟 7. मजबूर न करें – फोटो, स्टेज या गले मिलने के लिए दबाव न डालें।
🌟 8. आरामदायक कपड़े पहनाएँ – भारी या चुभने वाले कपड़े न हों।
🌟 9. Safety सबसे जरूरी – भीड़ में बच्चे का हाथ पकड़े रखें।

💛 सबसे ज़रूरी बात:
बच्चे की सुविधा समाज से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
अगर बच्चा थोड़ा समय ही बिता पाए, तब भी बिल्कुल ठीक है।

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---🌈 बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌈हमारी ओर से सभी बच्चों को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और हौसला ❤️आज का दिन हमें याद द...
14/11/2025

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🌈 बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌈
हमारी ओर से सभी बच्चों को ढेर सारा प्यार, आशीर्वाद और हौसला ❤️

आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हर बच्चा अनोखा है, हर मुस्कान की अपनी चमक है और हर क्षमता की अपनी उड़ान।
हमारे विशेष बच्चों की छोटी–सी प्रगति भी बड़ी जीत होती है, और हम हर कदम पर उनके साथ खड़े हैं। 🌟

✨ हमारा विश्वास:
“हर बच्चा अपने तरीके से सीखता है, समझता है और बढ़ता है… बस हमें उसे सही मार्गदर्शन, अवसर और प्यार देना होता है।”

आज बाल दिवस पर हम अपने सभी बच्चों के साहस, हिम्मत, मेहनत और मुस्कान का सम्मान करते हैं।
आप बच्चे नहीं, हमारी प्रेरणा हो। 💛

🎈 हैप्पी चिल्ड्रेन’स डे!
# hilights

🌼ऑटिज़्म से जुड़े बच्चों में कई सकारात्मक (Positive) और विशेष गुण होते हैं, जिन्हें समझना और प्रोत्साहित करना ज़रूरी है।...
13/11/2025

🌼
ऑटिज़्म से जुड़े बच्चों में कई सकारात्मक (Positive) और विशेष गुण होते हैं, जिन्हें समझना और प्रोत्साहित करना ज़रूरी है। नीचे कुछ मुख्य सकारात्मक बातें दी गई हैं ,आइए समझते हैं-

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🌟 ऑटिस्टिक बच्चों की सकारात्मक विशेषताएँ

1. ईमानदारी और सच्चाई (Honesty and Truthfulness)

ये बच्चे बहुत सीधे और सच्चे होते हैं। जो सोचते हैं वही बोलते हैं, किसी को धोखा नहीं देते।

2. गहरी रुचि और ध्यान (Deep Focus and Interest)

जब उन्हें किसी चीज़ में रुचि होती है, तो वे उसमें बहुत गहराई से ध्यान लगाते हैं और उसमें माहिर बन सकते हैं।
जैसे – गिनती, पज़ल, कंप्यूटर, संगीत, या चित्र बनाना।

3. सृजनशीलता और कल्पनाशक्ति (Creativity and Imagination)

बहुत से ऑटिस्टिक बच्चे ड्रॉइंग, संगीत, डिजाइनिंग या कहानी कहने में बेहद क्रिएटिव होते हैं।

4. ईमानदार और निष्कपट स्वभाव (Pure and Innocent Nature)

वे दिखावा नहीं करते, उनके मन में जो होता है वही बाहर दिखता है। उनका स्वभाव साफ़ और निष्कपट होता है।

5. रूटीन का पालन (Consistency and Discipline)

उन्हें एक तय दिनचर्या पसंद होती है, इसलिए वे अनुशासित और समय के पाबंद बन सकते हैं।

6. तेज़ अवलोकन शक्ति (Strong Observation Skills)

कई बार वे छोटी-छोटी बातों को नोटिस कर लेते हैं, जो सामान्य लोग नहीं देख पाते।

7. भावनात्मक गहराई (Emotional Depth)

भले ही वे अपनी भावनाएँ शब्दों में न कह सकें, लेकिन वे बहुत गहराई से महसूस करते हैं और सच्चे मन से लगाव रखते हैं।

8. अनोखा दृष्टिकोण (Unique Way of Thinking)

वे दुनिया को अलग नज़रिए से देखते हैं, जिससे नए विचार और समाधान निकल सकते हैं।

9. विश्वासपात्र साथी (Loyal Friend)

एक बार किसी से जुड़ जाएँ, तो बहुत वफ़ादार और सच्चे दोस्त साबित होते हैं।

10. संगीत और पैटर्न पहचान में कुशल (Good with Music and Patterns)

कई ऑटिस्टिक बच्चे संगीत, ताल, या पैटर्न पहचानने में बहुत तेज़ होते हैं।

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🌈 निष्कर्ष:
हर ऑटिस्टिक बच्चा अलग होता है, पर उनमें “अलग होने” में ही उनकी “खूबसूरती” और “ताकत” छिपी होती है।
जरूरत है — उन्हें समझने, स्वीकारने और उनके विशेष गुणों को निखारने की।

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