27/09/2025
🌹🌹जय श्री बालाजी🌹🌹
*ज्योतिषी की दर्द भरी दास्तान.....................*
हम ज्योतिषी जो प्रोफेशनल होते हैं और अपने फील्ड के मास्टरपीस होते हैं ,, इस जगह पर पहुँचने के लिए वर्षों की मेहनत करते हैं || यह कोई एक दिन का खेल नहीं होता || हजारों किताबें पढ़नी पड़ती हैं ,, गुरूजी के पूज्य चरणों का आशीर्वाद मिलता है ,, हजारों कुंडलियाँ देखनी पड़ती हैं | घर का समाज का विरोध , उपहास झेलना पड़ता है || कतिपय लोग निन्दा भी करते हैं ,, जैसे हमें ठग , धूर्त , तांत्रिक ( पैसा तानने वाला ) आदि भी कहा जाता है ||
परंतु हम ज्योतिषी सब जहर पी कर भी महादेव की तरह अपने काम में लगे रहते हैं || संसार को खुशियाँ बाँटते हैं , लोगों के आँसू पोंछते हैं ,, यथाबुद्धि यथाशक्ति हमलोग जी जान से मदद करते हैं ||
मत भूलिए एमबीबीएस की फिजियोलॉजी फर्स्ट ईयर की किताब का पहला पन्ना " ज्योतिषी भी प्रकृति के पहले चिकित्सकों में से एक हैं "||
तो इस तरह वर्षों की अटूट तपस्या के बाद एक सिद्धहस्त ज्योतिषी का जन्म होता है ,, जैसे मध्याह्न का सूरज ||
हजारों लोग प्रतिवर्ष लाभान्वित होते हैं ||
परंतु आयु के एक मुकाम पर पहुँचने के बाद भी अपमान के घूँट अक्सर पीने पड़ते हैं ,, रोज परीक्षा देनी पड़ती है ||
कोई हमें मैसेज या व्हाट्सएप करता है कि उसको संतान नहीं है ,, और उसे मेरी सहायता चाहिए ,, गौर कीजिए , उसने फोन करने की जहमत नहीं उठाई है || अब मैं अपनी फीस उससे माँगता हूँ तो वह मैसेज करता है कि ,, एक ही तो प्रश्न है || जब दुबारा मैं मैसेज करता हूँ कि प्लीज दक्षिणा भेजें तभी काम कर पाउँगा ,, तब मैसेज आता है कि मेरे बारे में कुछ और बताएँ तो मुझे विश्वास हो जाएगा तब फीस भेजूँगा ||
मतलब चित्त भी मेरी पट भी मेरी || मतलब ये है कि ये मेरी परीक्षा लेंगे पहले तब मुझे फीस देंगे || मैं सीधा इन्कार कर देता हूँ || वैसे भी वराहमिहिर ने मना किया है परीक्षा लेने वालों का काम करने के लिए ||
सवाल यहाँ फीस का नहीं है ,, दर्द इस बात का है कि हम परीक्षा कब तक और कितनी बार दें ??
आप कहते हैं .. एक ही तो सवाल है || भाई मेरे .. अगर एक ही टांग आपकी टूटी है तो क्यों जा रहे हो डाक्टर के पास ,, दोनों टूटने दो , तब जाना || आपके घर संतान नहीं हो रही , एक ही सवाल है , ठीक ,, क्यों मरे जा रहे हो संतान प्राप्ति के लिए || जीवन में तुम्हारे एक ही चीज नहीं रहेगी तो क्या फर्क पड़ता है ||
अज्ञेय जी ने लिखा है .. कितनी नावों में कितनी बार ||
कब सीखेंगे आप एक ज्योतिषी का सम्मान करना , कब सीखेंगे किसी विद्या का सम्मान करना ||
आपको पता नहीं ,, एक सुविज्ञ ज्योतिषी के मोबाईल फोन में कौन कौन लोग हैं ,, सैकड़ों डाक्टर डाक्टरनी ,, जज , मैजिस्ट्रेट , उच्च अधिकारी , बड़े राजनेता , दुर्दांत अपराधी भी , साधु संत भी ,, बड़े वकील , बड़े बड़े व्यापारी अन्य भी काफी लोग हमसे जुड़े होते हैं ,, और यह नियमित सम्पर्क में होते हैं ||
लेकिन दर्द वहीं का वहीं है .. जिसे फीस नहीं देनी है , वह परीक्षक है हमारा ||
ओशो रजनीश ने ठीक ही लिखा है .. ज्योतिष विश्व का सबसे पुराना विज्ञान है , पर सबसे तिरस्कृत ||
आपने कभी सोचा ? 🌿💫
(लगभग प्रत्येक ज्योतिषी की हार्दिक व्यथा )