Doing over 1,45,000 eye surgeries annually, Akhand Jyoti stands as the largest super speciality eye hospital in eastern India.
Doing over 1,45,000 eye surgeries annually, with 5 eye hospitals and 44+ eye clinics in Bihar, Uttar Pradesh and Uttarakhand, Akhand Jyoti Eye Hospital stands as the largest super speciality eye hospital network in Eastern India. Akhand Jyoti has been providing comprehensive, high-quality, affordable eye care services and treatment to the community for last 19+ years and is considered to be the most trusted and preferred eye hospital in the region. Akhand Jyoti Eye Hospital is working towards eliminating curable blindness. Akhand Jyoti is a charitable eye hospital. 80% of its services are free to the poor. The hospital provides free-of-cost eye surgeries to the poor and needy patients to give back sight and restore their dignity, hope and livelihood. Through its unique and signature programme, 'Football to Eyeball', Akhand Jyoti Eye Hospital educates and train underprivileged girls from rural Bihar, provide opportunities, and help them become highly skilled optometrists at the hospital. The education programme is completely free-of-cost and emply these girls at the hopsital after the completion of their formal optometry course. The goal is to developing these girls into role models and help them become change agents in the society. OUR VISION is to help eliminate curable blindness and visual impairment by providing affordable and accessible eye health services in low-income regions while empowering women to achieve this. OUR MISSION is to provide 2 million sight restoring eye surgeries and primary care to 12 million of the poorest sections; and engage and empower 1500 girls from these regions by 2030. STRATEGIC OBJECTIVES (TILL 2030)
We aim to :
• Make Bihar blind-free by 2030
• Eliminate curable blindness & visual impairment from 40 low-income districts by completing 2 million surgeries & 12 million screenings
• Empower 1500 young girls through eye health services
• To sustain, become the first choice in affordable eye health for rural communities
01/12/2025
मोतियाबिंद सर्जरी टाल रहे हैं? अगर हाँ, तो आप अपनी आँख को ख़तरे में डाल रहे हैं!
बीतते वक़्त के साथ मोतियाबिंद बढ़ता जाता है और इसकी सर्जरी को नज़र-अंदाज़ करना आपके जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित हो सकती है। सर्जरी को टालने से आँखों को स्थायी नुक़सान पहुँच सकता है, साथ ही कई और तकलीफ़ों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि:
• दृष्टि का गंभीर रूप से ख़राब होना
• धुँधला दिखने की वजह से गिरना या चोट लगना
• दूसरों पर आश्रित होने के कारण जीवन की गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ना
• ग्लूकोमा या पूर्ण रूप से अंधा होना
मोतियाबिंद खाने वाली दवाओं या आई ड्रॉप्स से ख़त्म नहीं होता। इससे राहत पाने का एकमात्र और सबसे आसान उपाय सिर्फ़ सर्जरी ही है।
अब देर क्यूँ करना? अगर आपको मोतियाबिंद है तो आज ही हमारे अनुभवी नेत्र सर्जन से परामर्श लें!
डायबेटिक रेटिनोपैथी की संपूर्ण जानकारी से ही हारेगी ये बीमारी!
'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’ हम सबके लिए साल का वह अहम पड़ाव है जब हम छिपकर बढ़ने वाली नेत्र समस्याओं के प्रति जागरूकता फैला सकते हैं, साथ ही हम ख़ुद को और अपने परिजनों को इनका शिकार बनने से बचा सकते हैं।
डायबेटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी नेत्र समस्या है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों की आँखों के पर्दे (रेटिना) को प्रभावित कर दृष्टि को नुक़सान पहुँचाती है, जिसे कभी ठीक नहीं किया जा सकता। शुरुआती दौर में इस बीमारी के लक्षण नज़र नहीं आते, और यही बात इसे सबसे ज़्यादा ख़तरनाक बनाती है।
जैसे-जैसे डायबेटिक रेटिनोपैथी की स्थिति बढ़ती है, वैसे-वैसे रोगियों में दृष्टि संबंधी गंभीर समस्याएँ विकसित हो सकती हैं, जैसे कि:
▪️ दूर की चीज़ें देखने में परेशानी होना
▪️ धुँधला दिखाई देना
▪️ आँखों के सामने फ़्लोटर या मकड़ी के जाले जैसी आकृतियाँ दिखाई पड़ना
▪️ देखने की क्षमता में अचानक बदलाव आना
▪️ रात में या अंधेरे में देखने में परेशानी होना
यदि आपको मधुमेह है, तो अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए अखण्ड ज्योति 'सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस' के विश्वस्तरीय रेटिना क्लिनिक में जाँच कराना न भूलें।
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह', अच्छी आदतों से आँखों को आफ़तों से बचाएँ!
बदलती हुई जीवनशैली, तनाव और अनियमित खान-पान जैसी वजहों के कारण मधुमेह रोगियों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है, और इसी के साथ बढ़ रही है मधुमेह संबंधी नेत्र रोग से पीड़ित मरीज़ों की तादाद भी।
अधिकांश मामलों में, मधुमेह रोगियों को पता ही नहीं चलता कि उनकी आँखों पर मधुमेह का प्रभाव पड़ रहा है। नेत्र जाँच न कराने की वजह से मधुमेह संबंधी नेत्र रोग बिना लक्षण दिखाए आँखों को स्थायी नुक़सान पहुँचाते रहते हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करने और अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए आप नीचे दिए गए उपायों को अपना सकते हैं:
✅ अपने रक्त शर्करा के स्तर, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को प्रबंधित करें
✅ रोज़ाना टहलने की आदत विकसित करें
✅ प्रतिदिन योग/व्यायाम करें
✅ धूम्रपान, शराब और नशीली चीज़ों का सेवन न करें
✅ नियमित नेत्र जाँच कराएँ
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह', पूर्वी भारत के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल, अखण्ड ज्योति में अपनी आँखों की जाँच कराएँ और निरोगी जीवन की ओर क़दम बढ़ाएँ!
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’, मानें नेत्र विशेषज्ञों की सलाह!
तमाम शोध और दुनिया भर के नेत्र विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि मधुमेह रोगियों को गंभीर नेत्र रोग होने का अधिक ख़तरा होता है। इसके बावजूद, ऐसा देखा गया है कि मधुमेह रोगी लापरवाही करते हैं और नियमित रूप से नेत्र जाँच नहीं कराते।
परिणाम स्वरूप, डायबेटिक रेटिनोपैथी जैसे गंभीर नेत्र रोग से पीड़ित लोगों को संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आम तौर पर, मधुमेह के कारण होने वाले नेत्र रोग शुरुआती चरण में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाते, पर जब तक उनका पता लगता है, दृष्टि स्थायी रूप से ख़राब हो चुकी होती है।
यदि आप मधुमेह रोगी हैं, तो आपके पास अपनी आँखों को बचाने के लिए बहुत ही आसान विकल्प मौजूद है। आज ही पूर्वी भारत के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल, अखण्ड ज्योति, की नज़दीकी शाखा में नेत्र जाँच कराएँ और नेत्र स्वास्थ्य के प्रति निश्चिंत हो जाएँ!
डायबिटीज़ है तो नेत्र जाँच कराने में हरगिज़ लापरवाही न करें!
क्या आपको पता है? हर मधुमेह रोगी की आँखों पर एक अदृश्य ख़तरा मंडरा रहा है - डायबेटिक रेटिनोपैथी जैसे गंभीर नेत्र रोग होने का ख़तरा!
डायबेटिक रेटिनोपैथी एक ऐसा नेत्र रोग है जो मधुमेह के कारण होता है। ज़्यादातर मामलों में यह रोग शुरुआती दौर में लक्षण नहीं दिखाता, मगर अंदर ही अंदर यह आँखों को कुछ इस तरह नुक़सान पहुँचाता है, जिसे फिर कभी ठीक नहीं किया जा सकता।
अगर मधुमेह का उचित प्रबंधन करें और नियमित नेत्र जाँच कराएँ तो डायबेटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर मधुमेह संबंधी नेत्र बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है।
इस ‘मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’, अखण्ड ज्योति सभी मधुमेह मरीज़ों से यह गुज़ारिश करता है कि वे अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए बिना देर किए नेत्र जाँच अवश्य कराएँ!
इस ‘विश्व बाल दिवस’, नन्हीं आँखों को बड़े सपने साफ़-साफ़ देखने दें!
सोचिए, अगर दुनियाभर की ख़ुशियों के हक़दार ये मासूम बच्चे, सिर्फ़ इस वजह से ज़िंदगी में पिछड़ जाएँ कि वे ठीक से देख नहीं पाते या कोई नेत्र समस्या उनके उज्जवल भविष्य पर ग्रहण लगा रही हो तो?
अपना हर सपना पूरा करने के लिए इन्हें चाहिए बस अपने परिवार का साथ और नियमित रूप से सेहत व आँखों की देख-भाल!
इस बाल दिवस पर, आइए हम मिलकर अपने बच्चों की आँखों की देख-भाल का वादा करें:
▪️ नियमित नेत्र जाँच करवाएँ
▪️ स्क्रीन टाइम ज़्यादा न होने दें
▪️ बच्चों को नुकीले खिलौने न दें
▪️ बाच्चों को तेज़ धूप व धूल भरी जगहों में न जाने दें
▪️ विटामिन्स व मिनरल्स से भरपूर आहार दें
अखण्ड ज्योति ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ में है क्षेत्र का सबसे बड़ा बाल नेत्र चिकित्सा विभाग, ताकि नेत्र समस्याएँ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के आड़े ना आएँ। जब बात हो बच्चों की आँखों की तो कोई समझौता क्यूँ करें? विश्वस्तरीय नेत्र देख-भाल के लिए हम हैं ना!
हमारे बाल नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए, हमें व्हाट्सऐप करें: 09262971777
17/11/2025
इस ‘मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’, सुनिश्चित करें स्वस्थ निगाह!
इस नवंबर, रखें अपनी आँखों पर ख़ास नज़र! मधुमेह से जुड़ी बीमारियाँ चुपचाप आपकी दृष्टि छीन सकती हैं, इसलिए दृष्टि में किसी भी तरह का बदलाव महसूस होने पर ज़रा भी लापरवाही न करें!
तुरंत नेत्र जाँच कराएँ, क्यूँकि डायबेटिक रेटिनोपैथी जैसे नेत्र रोग शुरुआती दौर में तो कोई भी लक्षण नहीं दिखाते, मगर धीरे-धीरे आँखों की रोशनी को स्थायी नुक़सान पहुँचाते रहते हैं, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता।
पूर्वी भारत के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल, अखण्ड ज्योति ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’, में पाएँ मधुमेह संबंधी नेत्र रोगों का विश्वस्तरीय उपचार, हर बार!
अखण्ड ज्योति ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ की विशेषताएँ:
✅ 2,07,000 वर्ग फ़ीट में फैला नेत्र अस्पताल
✅ प्रतिदिन 1,000 मरीज़ों की नेत्र जाँच करने की क्षमता
✅ सभी स्पेशलिटी नेत्र देख-भाल सेवाएँ मौजूद
✅ 500 बिस्तरों की उपलब्धता
✅ 10+ स्पेशलिटी नेत्र क्लिनिक
✅ 11 अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर
✅ अनुभवी डॉक्टरों द्वारा विश्वस्तरीय उपचार
आइए 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह' को सार्थक बनाएँ, अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए हर साल जाँच कराएँ!
इस विश्व मधुमेह दिवस, करें नेत्र समस्याओं को हारने के लिए विवश!
मधुमेह, यानी एक ऐसी जटिल बीमारी जो शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, वो भी बिना लक्षण दिखाए! अधिकांश मधुमेह रोगियों को यह बात नहीं मालूम होती कि यह रोग धीरे-धीरे उनकी दृष्टि भी छीन सकता है।
यदि इलाज न किया जाए तो यह स्थायी अंधेपन का कारण भी बन सकता है, इसलिए कोई जोखिम न लें। आज विश्व मधुमेह दिवस पर ख़ुद से यह वादा करें कि आप नियमित तौर पर प्रतिवर्ष आँखों की जाँच कराएँगे, भले ही आपको दृष्टि संबंधी कोई समस्या हो या न हो।
अगर आप मधुमेह के मरीज़ हैं तो आपको यह लेख ज़रूर पढ़ना चाहिए। लेख पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://bit.ly/3OVyyDG
आपकी आँखों को मधुमेह एवं अन्य सभी समस्याओं से बचाने के लिए पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल नेटवर्क, अखण्ड ज्योति, की शाखाएँ बिहार के चप्पे-चप्पे पर मौजूद हैं।
'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह' के इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर अखण्ड ज्योति तमाम मधुमेह रोगियों की आँखों को स्वस्थ रखने के लिए एक ख़ास संदेश लेकर आया है।
मधुमेह एक ऐसी जटिल बीमारी है जो शरीर के विभिन्न अंगों को नुक़सान पहुँचा सकती है, आँखों को भी। मधुमेह के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती दौर में ज़रूरी नहीं कि कोई लक्षण दिखे, मगर ये धीरे-धीरे दृष्टि को हानि पहुँचाता रहता है।
इस रोग में अगर एक बार आँख की रोशनी ख़राब हो जाए तो उसको ठीक करना मुमकिन नहीं। मगर अच्छी बात यह है कि मधुमेह संबंधी नेत्र रोगों से बचने का एक आसान रास्ता भी है – नियमित रूप से नेत्र जाँच कराना! नेत्र जाँच कराने से छिपी हुई समस्याओं को भी पता लगाया जा सकता है और सही उपचार की मदद से आँखों को आजीवन स्वस्थ रखा जा सकता है।
पूर्वी भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल, अखण्ड ज्योति, आपकी आँखों की विश्वस्तरीय देख-भाल के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह', अपनी आँखों की जाँच कराएँ और ख़ुशहाल ज़िंदगी की ओर क़दम बढ़ाएँ!
मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह: आँखों को स्वस्थ रखने का एक सुनहरा अवसर
आपकी आँखें अनमोल हैं, तभी तो अखण्ड ज्योति समय-समय पर नेत्र देख-भाल से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी आप तक पहुँचाता रहता है।
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो व्यक्ति के जीवन और स्वास्थ्य को धीरे-धीरे, मगर गंभीर रूप से हानि पहुँचाने की क्षमता रखता है। ऐसा देखा गया है कि सामान्य लोगों की तुलना में मधुमेह रोगियों को नेत्र संबंधी रोगों का ख़तरा अधिक रहता है।
डायबेटिक रेटिनोपैथी जैसे मधुमेह संबंधी नेत्र रोग अक्सर शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं दिखाते, मगर ये आँखों को गंभीर नुक़सान पहुँचाते रहते हैं, जिसे कभी पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता।
अगर आपको मधुमेह है तो घबराएँ नहीं! नियमित नेत्र जाँच कराने से आँखों की छिपी हुई समस्याओं को भी बढ़ने से रोका जा सकता है।
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह', पूर्वी भारत के सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल में अपनी आँखों की जाँच कराएँ और वक़्त रहते आँखों की रोशनी बचाएँ!
आप दिए गए नंबर पर भी हमें व्हाट्सऐप कर सकते हैं: 9262971777
06/11/2025
इस ‘मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’, कराएँ नेत्र जाँच ताकि दृष्टि पर न आए कोई आँच!
दुनिया भर के नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, मधुमेह आँखों की रोशनी को प्रभावित करने वाली सबसे आम वजहों में से एक है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यूँ है? क्यूँकि ‘डायबेटिक रेटिनोपैथी’ जैसे मधुमेह संबंधी नेत्र रोग शुरूआती दौर में कोई भी लक्षण नहीं दिखाते, जिससे ठीक समय पर उनका इलाज ही नहीं हो पाता।
सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि मधुमेह के कारण होने वाली दृष्टि हानि को ठीक नहीं किया जा सकता। इलाज में लापरवाही करने से मधुमेह स्थायी और पूर्ण अंधेपन का कारण भी बन सकता है।
मधुमेह से होने वाली नेत्र समस्याओं से बचने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि चाहे आँखों में समस्या लगे या न लगे, साल में कम से कम एक बार आँखों की जाँच ज़रूर कराई जाए।
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह' पर अखण्ड ज्योति आपसे निवेदन करता है कि आप अपनी और अपने परिजनों की आँखों की जाँच कराना न भूलें।
मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह’ पर जानें नेत्र देख-भाल के 8 कारगर टिप्स!
पूर्वी भारत का सबसे बड़ा सुपर स्पेशलिटी नेत्र अस्पताल नेटवर्क, अखण्ड ज्योति, आपके लिए कुछ ऐसे कारगर उपाय लेकर आया है जिनसे आप अपनी आँखों को मधुमेह के कारण होने वाली समस्याओं से काफ़ी हद तक बचा सकते हैं। बस नीचे बताई गई बातों का पालन करें और स्वस्थ दृष्टि के साथ हर पल का आनंद लें!
✅ अपने ब्लड शुगर स्तर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित रखें
✅ नियमित रूप से आँखों की जाँच करवाएँ, भले ही कोई लक्षण न हों
✅ धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
✅ जंक फूड से दूर रहें और पौष्टिक आहार लें
✅ सक्रिय रहें व व्यायाम करें, ताकि आँखों तक अच्छा रक्त प्रवाह बना रहे
✅ दृष्टि में कोई भी बदलाव महसूस हो तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें
अगर आपको मधुमेह है तो घबराएँ नहीं! अखण्ड ज्योति आपकी आँखों की विश्वस्तरीय देख-भाल करने के लिए हमेशा आपके साथ है!
इस 'मधुमेह संबंधी नेत्र रोग जागरूकता माह', अपनी आँखों की जाँच कराएँ और छिपकर बढ़ने वाली नेत्र समस्याओं से आज़ादी पाएँ!
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Akhand Jyoti reaches out to the remotest communities in India’s poorest states to eradicate blindness, and although village based, has become one of the top 5 hospitals in India. Akhand Jyoti not only restores sight (and therefore income and dignity) to the most deprived sections of society but also incorporates an active gender equality programme aimed at empowering women & girls in strong patriarchies. Did you know that 1 out of 3 blind people in the world live in India, and Bihar shares a significant burden of this population. Akhand Jyoti Eye Hospital aims to at least double it’s operational capacity so that it spearheads the efforts to make Bihar blind free by 2022. We also intend to establish the world’s first Centre of Excellence in eye care in a rural area (in Bihar of course), thereby bringing speciality world-class treatment to the doorsteps of the most deprived sections of our population. In summary:
AJEH is currently doing 65,000 eyes (cataract) surgeries each year. 80% of these are provided free of charge to people who cannot afford the treatment cost.
AJEH started in 2006 and is now one of the top five eye hospitals of India.
AJEH has a unique “Football to Eyeball” programme. Under this, village girls are encouraged to play football and trained to qualify as an Optometrist professionally. This empowers local girls to cure blindness and to make a broader societal impact in a very patriarchal society.
As there is an enormous number (approximately 650,000) of blind people in Bihar, who can easily be given sight, AJEH plans to at least double its surgical capacity over the next five years.
AJEH is predominantly reliant on donations for its funding, while it focuses on eradicating blindness over the next five years in Bihar.
After this period, AJEH expects to expand its operations in other poor states of India while becoming financially self-sustainable.