16/10/2024
राधे राधे 🌹
एक द्वार बंद होता है , तो दूसरा खुलता है, सांझ होती है , एक नए सवेरे के लिए , दुःख और सुख जीवन का हिस्सा है,दुःख ही आभास कराता है सुख का सही आनन्द ,वक्त तय करता है हमारी राह ,और यह हमारे कर्मों पर निर्भर रहता है !
अत्यधिक चाह हमको कमजोर बनाती है , कर्म कर फल की इच्छा न रख , इस भाव से जीवन पथ पर चलने का प्रयास कर रहा हूं ।
प्रकृति के संग रह सिर्फ फूलों की सेवा का ज्ञान ही नहीं मिला , प्रकृति ने बहुत कुछ सिखाया , आशा न करना , क्रोध , ईर्षा से दूर रहना, प्रेम से मिलना और सदा अत्यधिक लदे फूलों,फलों की डाली की तरह झुके रहना।
अच्छे कर्म कर, फल की इच्छा न रख , ठाकुर जी के आशीर्वाद से यह मार्ग अब सुलभ लगने लगा है।
स्नेह , प्रेम बांटने से जीवन रूपी सागर में नैया सदा सहज रहेगी इस अनुभव की अनुभति आपके द्वारा व्यक्त चिंतित भावों में अनुभव कर रहा हूं।
जिस सुदामा के कृष्ण जैसे हजारों मित्र हों ,उसकी झोली उनके प्यार और स्नेह से सदा भरी रहेगी , यह निश्चित है।
व्यर्थ चिंता मैं करता नहीं। जो होना है , वह सब तय है , मेरे आपके सोचने से भाग्य नहीं बदलेगा , हमारे द्वारा किए अच्छे कर्म ही हमारी भाग्य रेखा बनाते हैं।
ठाकुर जी भाव के भूखे हैं, इस बात की गांठ अगर बांध लें , उनके द्वार सुदामा के लिए सदा खुले रहते हैं।
, संदेह रखना चिंता करना मूर्खता है। सहज और सरल जीवन ही मुस्कराहट की कुंजी है।
अब सौंप दिया इस जीवन का ,
सब भार तुम्हारे हाथों में,
है जीत तुम्हारे हाथों में,
और हार तुम्हारे हाथों में,
और हाथ तुम्हारे हाथों में।
मेरा निश्चय अब एक यही ,
एक बार तुम्हें पा जाऊं मैं,
एक बार तुम्हें पा जाऊं मैं!
! जयश्री कृष्णा