02/07/2023
एक मामूली सा डाॅक्टर हूँ, बेशक कोई भगवान नही
डाॅक्टर का डाॅक्टर होना मगर इतना भी आसान नही
इस दर्जे की खातिर मैने बचपन को खोया है
मैं वो हूँ जो स्कूल में 0.5 मार्क्स को रोया है
सुकुन की जिंदगी को कुर्बान करता डाॅक्टर
कभी किताब तो कभी इमरजेंसी टेबल पे सोया है
जाने कब होली बीती, जाने कब दिवाली गई
जाने कितने रक्षाबंधन,मेरी कलाई खाली गई
परीक्षाओं की लड़ी ने साथ नही छोड़ा अब तक
मेरे हज़ारों दिन खा गई,उतनी ही रातें काली गई
फिर भी तुम्हें हर वक्त जो खुश दिखे परेशान नही
उस डाॅक्टर का डाॅक्टर होना इतना भी आसान नहीं।
मैनें क्रिकेट का बैट छोड़ा, टीवी का रिमोट छोड़ा
सफेद एप्रन की खातिर मैने जैकेट-कोट छोड़ा
स्कूल का टाॅपर यहाँ बी एचएम एस में आने पर
फेल होने से डरा है जब भी कोई शाॅर्ट-नोट छोड़ा
मेरा कोई संडे नही, छुट्टी की गुज़ारिश नही
सर्दी का कोहरा या पहली वाली बारिश नही
मेरा परिवार मुझसे बात करने को तरसता है
लेकिन कभी पूरी होती उनकी ख्वाहिश नही
अपने ऊपर गर्व है मुझे,लेकिन कोई गुमान नही
डाॅक्टर का डाॅक्टर होना इतना भी आसान नही
जाने कितने लोग हमने 'नींद' से जगा दिए
जाने कितने मर्ज़ हमने दुनिया से भगा दिए
तुम्हारी उम्मीदों पर खरा उतरने की खातिर
हमने अपनी ज़िंदगी के तीस साल लगा दिए
सन्तुष्ट हूं मैं अब Homoeopathy में ही आते हैं लोग
तारीफें पीठ पीछे करके मेर मान बढ़ाते हैं लोग
हमारी केस टेकिंग को ही वो असली मेहनत समझते हैं
पर फीस के नाम से अब भी ठंडी आहें भरते हैं
तुम भी तो मेरी इस हालत से अनजान नही
डाॅक्टर का डाॅक्टर होना इतना भी आसान नही
*I am Proud to be a Homoeopathy Doctor*
*Good Morning and*
*Happy Doctor’s Day 💐*