16/06/2021
पशुओं में किलनियों से बचाव:
किसान भाईयों अपने पशुओं को किलनियों से बचाव करना बहुत जरूरी है। यह पशुओं को काटती है एवं खून चूसती है जिससे पशु बेचैन रहता है और दूधारु पशुओं का दुग्ध उत्पादन घट जाता है। किलनियों से कई रक्त प्रोटोजोआ जनित बीमारियां फैलती है। इसलिए किलनियों का नियन्त्रण अति आवश्यक है।
• किलनियों के लिए कीट नाशक दवा जैसे अमितराज, सायपरमेथरिन, परमेथरिन का उपयोग पानी के साथ घोल बनाकर करते हैं।
• 2 मिली दवा को 1 लिटर पानी मे घोल बनाकर पशु के शरीर पर सप्ताह में एक बार 3 सप्ताह तक लगाना चाहिए।
• इस दवा का उपयोग पशु के मुंह, नाक एवं आंख बचाकर और स्वयं भी हाथ के दस्ताने पहनकर करें।
• पशु को बांधने वाली जगह पर भी इन दवा के घोल (3 लिटर पानी में 6 मिली दवा) का छिडकाव करना चाहिए।
• पशुओं को बांधने वाले स्थान में यदि दरार या छिद्र है तो उन्हें सीमेन्ट से बन्द करा देना चाहिए क्योंकि उसमें किलनियो के अंडे व बच्चे होते हैं।
किसी भी कीट नाशक दवा का उपयोग करने से पहले निर्माता कम्पनी के निर्देशों को भी ध्यान से पढ़े।