25/08/2020
थायराइड: लक्षण, कारण, उपचार इत्यादि
थायराइड (Thyroid) वर्तमान समय की आम समस्या है, जो अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही है।
डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) से 10 में से 1 व्यक्ति पीड़ित है।
ये आकंडे थायराइट की भयावह स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं।
मानवशरीर में थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से पर स्थिति होती है, जो खून में हार्मोन का निर्माण, स्टोर एवं निकालती करती है ताकि वह हार्मोन शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच जा सके।
लेकिन जब यह ग्रंथि अपने इस काम को सही से नहीं कर पाती है, तो उस स्थिति को थायराइट की बीमारी कहा जाता है।
इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकांश लोगों को इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है। इसी कारण वे आसानी से इसके शिकार बन जाते हैं।
तो आइए, इस प्रस्तुत लेख के माध्यम से इस गले की समस्या की जानकारी पाने की कोशिश करते हैं, ताकि लोग इसके प्रति सर्तक रह सकें और इसका इलाज सही तरीके से करा सकें।
थायराइट से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जिसमें थायराइट ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता है।
इसकी वजह से व्यक्ति की शारीरिक क्षमता काफी कम हो जाती है और यह अन्य स्वास्थ परेशानियों का कारण भी बन जाता है।
थायराइड कितने प्रकार का होता है?
थायराइड मुख्य रूप से 4 प्रकार का होता है, जो निम्नलिखित हैं-
हाइपोथायरायडिज्म थायराइड- यह थायराइड का प्रमुख कारण है, जो थायराइट ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन की कमी के कारण होता है।
हाइपोथायरायडिज्म थायराइड मुख्य रूप से छोटे बच्चों में देखने को मिलता है, जिसका इलाज दवाईयों के माध्यम से संभव है।
हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड- यह अन्य थायराइड है, जो थायराइड ग्रंथि में अतिरिक्त टिशू के निर्माण होने के कारण होता है।
हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड में हार्मोन की अधिकता हो जाती है।
गोइटर थायराइड- इसे आम भाषा में घेंघा रोग कहा जाता है, जो मुख्य रूप से शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होता है।
गोइटर से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर आयोडीन की दवाई देते हैं, जिसकी वजह से आयोडीन की मात्रा सामान्य हो जाती है।
थायराइड कैंसर- यह थायराइड का सबसे गंभीर और अंतिम प्रकार है, जिसका इलाज केवल सर्जरी के माध्यम से ही संभव है।थायराइड कैंसर उस स्थिति में होता है, जब थायराइड ग्रंथि गांठ बन जाती है।
थायराइड के लक्षण क्या हैं?
संभवत: कुछ लोगों को यह याद न हो कि उन्हें थायराइड कब हुआ, लेकिन यदि वे इसके लक्षणों पर ध्यान देते, तो शायद वे समय रहते इसका इलाज शुरू करा पातें।
अत: यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण नज़र आते हैं, तो इसे सर्तक हो जाना चाहिए क्योंकि यह गले की समस्या का संकेत हो सकते हैं-
वजन का बढ़ना या कम होना- यह थायराइड का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति के वचन में अचानक से तब्दीली आ जाती है।
इस गले की बीमारी में कुछ लोगों का वजन बढ़ जाता है तो वहीं कुछ लोगों का वजन कम हो जाता है।
गले में सूजन का होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि थायराइड होने पर कुछ लोगों के गले में सूजन हो जाती है।
ऐसा मुख्य रूप से घेंघा रोग का लक्षण हो सकता है और स्थिति में मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।
ह्रदय गति में बदलाव होना- यदि किसी व्यक्ति की ह्रदय गति में बदलाव हो जाता है और वह सामान्य से तेज़ चलने लगती है, तो उसे इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।
ह्रदय गति में बदलाव थायराइड के होने का संकेत हो सकता है।
मूड स्विंग का होना- थायराइड का अन्य लक्षण मूड स्विंग भी होता है।
ऐसा देखा गया है कि इससे पीड़ित लोग कभी खुश तो कभी दुखी हो जाते हैं।
बालों का झड़ना- ऐसा मुख्य रूप से थायराइड होने पर महिलाओं के बाल तेज़ी से झड़ने लगते हैं।
हालांकि, इनका इलाज हेयर ट्रांस्पलांट के द्वारा किया जा सकता है।
थायराइड के कारण क्या हैं?
क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिरकार यह गले की बीमारी किस वजह से होती है? नहीं, शायद इसी कारण लोग इससे अपनी रक्षा नहीं कर पाते हैं।
हमारी दिनचर्या में ऐसे बहुत सारे तत्व होते हैं, जिनकी वजह से थायराइड हो सकता है, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
शरीर में आयोडीन की कमी का होना- थायराइड की समस्या मुख्य रूप से शरीर में आयोडीन (Iodine) की कमी के कारण होती है।
अत: सभी लोगों को अपने भोजन में ऐसे नमक का सेवन करना चाहिए, जो आयोडीन से भरपूर हो।
बच्चे को जन्म देना- कई बार ऐसा देखा गया है कि थायराइड उन महिलाओं को भी हो जाता है, जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो।
हालांकि, यह समस्या कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन यदि थायराइड लंबे समय बनता हो, तो उस स्थिति में उस महिला को अपना सही से इलाज कराना चाहिए।
अत्याधिक तनाव लेना- थायराइड उन लोगों में होने की संभावना अधिक रहती है, जो अत्याधिक तनाव लेते हैं।
इसी कारण सभी लोगों को तनाव प्रबंधन करने की कोशिश करनी चाहिए।
उच्च रक्तचाप का होना- यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो उसे थायराइड होने की संभावना अधिक रहती है।
ऐसे व्यक्ति को अपने रक्तचाप का इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उसे स्वास्थ संबंधी अन्य समस्या न हो।
मधुमेह (डायबिटीज) का होना- अक्सर, थायराइड मधुमेह के कारण भी हो जाता है।
अत: इससे पीड़ित व्यक्ति को अपने डायबिटीज को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए।
थायराइड का इलाज कैसे करें?
यह सवाल हर उस शख्स के लिए मायने रखता है, जो इस गले की बीमारी से पीड़ित होता है।
चूंकि, उसे इस बीमारी के होने पर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसी कारण वह हर समय इससे निजात पाने की कोशिश करता है।
यदि कोई व्यक्ति इस गले की बीमारी से पीड़ित है तो वह इन 5 तरीकों से थायराइड का इलाज करा सकता है-
दवाई लेना- थायराइड का इलाज करने का सबसे आसान तरीका दवाई लेना है।
ये दवाईयां थायराइड को नियंत्रित रखने अथवा उसे जड़ से खत्म करने में सहायक होती हैं।
अत: थायराइड से पीड़ित व्यक्ति दवाई के माध्यम से भी इसका इलाज करा सकता है।
गले की जांच करना- चूंकि, थायराइड गले की एक बीमारी है इसलिए डॉक्टर इसका इलाज करने के लिए व्यक्ति के गले की जांच करते हैं।
वे इसके द्वारा यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि शरीर में थायराइड किस स्तर तक बढ़ गया है।
ब्लड टेस्ट कराना- कई बार, इस गले की बीमारी का इलाज ब्लड टेस्ट के द्वारा भी किया जाता है।
इस टेस्ट के माध्यम से थायराइड की गति को कम करने की कोशिश की जाती है।
सर्जरी को कराना- जब इस गले की बीमारी में किसी भी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब डॉक्टर सर्जरी का सहारा लेते हैं।ऐसी स्थिति में थयरॉइडेक्टोमी (Thyroidectomy) सर्जरी के माध्यम से थायराइड का इलाज किया जाता है।
इस सर्जरी में थायराइड ग्रंथि को सर्जिकल तरीके से निकाला जाता है।
थयरॉइडेक्टमी सर्जरी की कीमत क्या है?
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि थायराइड के इलाज का सर्वोत्तम तरीका थयरॉइडेक्टमी (Thyriodectomy) सर्जरी है।
लेकिन, जब कोई डॉक्टर किसी व्यक्ति को इस सर्जरी को कराने की सलाह देते हैं, तो उस समय उसकी मन में यह सवाल सबसे पहले आता है कि थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी की कीमत क्या है।
उसके लिए इसका उत्तर काफी मायने रखता है क्योंकि इसका असर उसकी आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है।
संभवत: अधिकांश लोग इसे एक महंगी प्रक्रिया समझते हो और इसी कारण वे इसे न करा पाएं। लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि एक किफायती प्रक्रिया है, जिसकी औसतन लागत मात्र 80 हजार से 1 लाख होती है तो शायद वे इस गले की बीमारी से निजात पा सकते।
थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी के जोखिम क्या हो सकते हैं?
निश्चित रूप से, थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी काफी लाभकारी प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से थायराइड की बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है, लेकिन किसी भी अन्य सर्जरी की भांति थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी के भी जोखिम होते हैं, जिसकी जानकारी उस व्यक्ति को होनी चाहिए, जो थायराइड से पीड़ित है।
यदि किसी व्यक्ति ने हाल ही में थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी कराई है, तो निम्नलिखित जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है-
गले में रक्तस्राव का होना- यह थायराइड की सर्जरी का प्रमुख जोखिम है, जिसमें व्यक्ति के गले में रक्तस्राव (Bleeding) होता है।हालांकि, यह समस्या कुछ समय के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन यदि लंबे समय तक रहती है तो उस स्थिति में मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
संक्रमण का होना- कई बार, इस सर्जरी की वजह से कुछ लोगों को संक्रमण भी हो सकता है।
हालांकि, इस स्थिति में एंटी बायोटिक दवाई ली जा सकती है।
आवाज़ में बदलाव का होना- चूंकि, थायराइड सर्जरी को थायराइड ग्रंथि पर किया जाता है।
इस कारण इस सर्जरी का इस ग्रंथि पर प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति की आवाज़ में थोड़ा बदलाव हो जाता है।
सांस लेने में तकलीफ होना- थायराइड सर्जरी का असर कई बार व्यक्ति की स्वास नली पर भी पड़ता है।
अत: व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और इसमें मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।
मांसपेशियों में ऐंठन का होना- यदि किसी व्यक्ति ने थायराइट सर्जरी को कराया है, तो इस वजह से व्यक्ति की मांसपेशियों पर बुरा असर पड़ता है।
इसकी वजह से मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकता है और इसके लिए फेजियोथेरेपी लेने की जरूरत पड़ सकती है।
थायराइड की रोकथाम कैसे करें?
आपको यह जानकर खुशी होगी कि यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो थायराइड की रोकथाम की जा सकती है।
हो सकता है कि आपको इस बात पर विश्वास न हो क्योंकि अधिकांश लोग इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं कि वे थायराइड से कैसे बच सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति इन 5 उपायों को अपनाए, तो वह थायराइड की रोकथाम कर सकता है-
हेल्दी डाइट को अपनाना- कुछ लोगों को थायराइड खराब भोजन करने की वजह से भी हो सकता है।
अत: सभी लोगों को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उसे हेल्दी डाइड को अपनाना चाहिए।
डिबाबंद भोजन से परहेज रखना- हालांकि, आज के दौर में डिबाबंद भोजन काफी प्रचलन में है और अधिकांश लोग भी ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, लेकिन डिबाबंद भोजन का सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
इसी कारण हर शख्स को यह कोशिश करनी चाहिए कि जितना हो सके उतना ऐसे भोजन से दूर रहे।
एंटी बायोटिक दवाईयों का सेवन करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि थायराइड संक्रमण के कारण भी होता है।
अत: सभी लोगों को संक्रमण से बचने की कोशिश करनी चाहिए और इसके लिए वे एंटी बायोटिक दवाईयों का सेवन कर सकते हैं।
व्यायाम करना- किसी भी व्यक्ति के लिए व्यायाम करना लाभदायक साबित हो सकता है।
यह उसे सेहतमंद रहने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी साबित हो सकता है।
थायराइड की जांच करना- अंत: सभी लोगों के लिए यह बात सबसे जरूरी है कि वे अपने स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच कराएं, ताकि उन्हें इस बात का पता लग सके कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
यदि अपने स्वास्थ की जांच करने पर किसी व्यक्ति में थायराइड की पुष्टि होती है तो उसे इसका इलाज तुंरत ही शुरू कराना चाहिए।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि वर्तमान समय में थायराइड (Thyroid) की बीमारी काफी आम समस्या बन गई है।
इस गले की बीमारी से अधिकांश लोग पीड़ित हैं और वे कई सालों तक दवाईयों का सेवन ही करते हैं, इसके बावजूद उन्हें गले की बीमारी से निजात नहीं मिल पाती है।
इससे एक बात स्पष्ट होती है कि लोगों को थायराइड को ठीक करने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इसमें थायराइड की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
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सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)
Q1. महिलाओं में थायराइड होने के लक्षण क्या हैं?
Ans- महिलाओं में थायराइड होने के लक्षणों में कमज़ोरी महसूस होना, वजन का बढ़ना, सर्दी लगना, मांसपेशियों और जोड़ों में कमज़ोरी महसूस होना, बालों का झड़ना, डिप्रेशट महसूस करना इत्यादि शामिल हैं।
Q2. क्या थायराइड एक गंभीर समस्या है?
Ans- जी हां, थायराइड काफी गंभीर समस्या है, क्योंकि यह आगे चलकर कैंसर का रूप में ले सकती है।
इसकी वजह से काफी सारे लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
Q3. थायराइड का शरीर पर क्या असर पड़ता है?
Ans- थायराइड का सीधा असर मैटाबॉलिज़्म (metabolism) पर पड़ता है, जिसका मुख्य काम शरीर को क्रियाशील रखना है।
थाराइड की स्थिति में यह कम हो जाता है और इस बीमारी से पीड़ित कमज़ोर महसूस करता है, जिससे उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है।
Q4. क्या थायराइड का इलाज संभव है?
Ans- जी हां, किसी भी अन्य बीमारी की तरह थायराइड का भी इलाज संभव है।
इसके लिए दवाई, सर्जरी इत्यादि तरीके को अपनाया जा सकता है।
Q5. थायराइड होने पर केला खाना लाभकारी होता है?
Ans-थायराइड होने पर केला खाना लाभकारी होता है क्योंकि इससे इस बीमारी में आराम मिलता है।
Q6. थायराइड होने पर किस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए?
Ans- थायराइड होने पर ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, केल, शलजम और बॉक चोय इत्यादि भोजन नहीं करना चाहिए।
Q7. थायराइड से बचाव कैसे किया जा सकता है?
Ans- थायराइड से बचाव काफी आसान है, जिसे हेल्थी डाइट में बदलाव करके, योगा या एक्सराइज़ करके, समय पर हेल्थचेकअप कराके इत्यादि तरीके को अपनाकर संभव है।