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थायराइड: लक्षण, कारण, उपचार इत्यादि थायराइड (Thyroid) वर्तमान समय की आम समस्या है, जो अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही...
25/08/2020

थायराइड: लक्षण, कारण, उपचार इत्यादि

थायराइड (Thyroid) वर्तमान समय की आम समस्या है, जो अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही है।

डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) से 10 में से 1 व्यक्ति पीड़ित है।

ये आकंडे थायराइट की भयावह स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं।
मानवशरीर में थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से पर स्थिति होती है, जो खून में हार्मोन का निर्माण, स्टोर एवं निकालती करती है ताकि वह हार्मोन शरीर की कोशिकाओं तक पहुंच जा सके।

लेकिन जब यह ग्रंथि अपने इस काम को सही से नहीं कर पाती है, तो उस स्थिति को थायराइट की बीमारी कहा जाता है।
इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकांश लोगों को इसकी पूर्ण जानकारी नहीं है। इसी कारण वे आसानी से इसके शिकार बन जाते हैं।
तो आइए, इस प्रस्तुत लेख के माध्यम से इस गले की समस्या की जानकारी पाने की कोशिश करते हैं, ताकि लोग इसके प्रति सर्तक रह सकें और इसका इलाज सही तरीके से करा सकें।

थायराइट से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जिसमें थायराइट ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का निर्माण नहीं कर पाता है।
इसकी वजह से व्यक्ति की शारीरिक क्षमता काफी कम हो जाती है और यह अन्य स्वास्थ परेशानियों का कारण भी बन जाता है।

थायराइड कितने प्रकार का होता है?

थायराइड मुख्य रूप से 4 प्रकार का होता है, जो निम्नलिखित हैं-

हाइपोथायरायडिज्म थायराइड- यह थायराइड का प्रमुख कारण है, जो थायराइट ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन की कमी के कारण होता है।
हाइपोथायरायडिज्म थायराइड मुख्य रूप से छोटे बच्चों में देखने को मिलता है, जिसका इलाज दवाईयों के माध्यम से संभव है।

हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड- यह अन्य थायराइड है, जो थायराइड ग्रंथि में अतिरिक्त टिशू के निर्माण होने के कारण होता है।
हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड में हार्मोन की अधिकता हो जाती है।

गोइटर थायराइड- इसे आम भाषा में घेंघा रोग कहा जाता है, जो मुख्य रूप से शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होता है।
गोइटर से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर आयोडीन की दवाई देते हैं, जिसकी वजह से आयोडीन की मात्रा सामान्य हो जाती है।

थायराइड कैंसर- यह थायराइड का सबसे गंभीर और अंतिम प्रकार है, जिसका इलाज केवल सर्जरी के माध्यम से ही संभव है।थायराइड कैंसर उस स्थिति में होता है, जब थायराइड ग्रंथि गांठ बन जाती है।

थायराइड के लक्षण क्या हैं?

संभवत: कुछ लोगों को यह याद न हो कि उन्हें थायराइड कब हुआ, लेकिन यदि वे इसके लक्षणों पर ध्यान देते, तो शायद वे समय रहते इसका इलाज शुरू करा पातें।

अत: यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण नज़र आते हैं, तो इसे सर्तक हो जाना चाहिए क्योंकि यह गले की समस्या का संकेत हो सकते हैं-

वजन का बढ़ना या कम होना- यह थायराइड का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति के वचन में अचानक से तब्दीली आ जाती है।

इस गले की बीमारी में कुछ लोगों का वजन बढ़ जाता है तो वहीं कुछ लोगों का वजन कम हो जाता है।

गले में सूजन का होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि थायराइड होने पर कुछ लोगों के गले में सूजन हो जाती है।

ऐसा मुख्य रूप से घेंघा रोग का लक्षण हो सकता है और स्थिति में मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।

ह्रदय गति में बदलाव होना- यदि किसी व्यक्ति की ह्रदय गति में बदलाव हो जाता है और वह सामान्य से तेज़ चलने लगती है, तो उसे इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।

ह्रदय गति में बदलाव थायराइड के होने का संकेत हो सकता है।

मूड स्विंग का होना- थायराइड का अन्य लक्षण मूड स्विंग भी होता है।
ऐसा देखा गया है कि इससे पीड़ित लोग कभी खुश तो कभी दुखी हो जाते हैं।

बालों का झड़ना- ऐसा मुख्य रूप से थायराइड होने पर महिलाओं के बाल तेज़ी से झड़ने लगते हैं।

हालांकि, इनका इलाज हेयर ट्रांस्पलांट के द्वारा किया जा सकता है।

थायराइड के कारण क्या हैं?

क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिरकार यह गले की बीमारी किस वजह से होती है? नहीं, शायद इसी कारण लोग इससे अपनी रक्षा नहीं कर पाते हैं।

हमारी दिनचर्या में ऐसे बहुत सारे तत्व होते हैं, जिनकी वजह से थायराइड हो सकता है, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

शरीर में आयोडीन की कमी का होना- थायराइड की समस्या मुख्य रूप से शरीर में आयोडीन (Iodine) की कमी के कारण होती है।
अत: सभी लोगों को अपने भोजन में ऐसे नमक का सेवन करना चाहिए, जो आयोडीन से भरपूर हो।

बच्चे को जन्म देना- कई बार ऐसा देखा गया है कि थायराइड उन महिलाओं को भी हो जाता है, जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो।
हालांकि, यह समस्या कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन यदि थायराइड लंबे समय बनता हो, तो उस स्थिति में उस महिला को अपना सही से इलाज कराना चाहिए।

अत्याधिक तनाव लेना- थायराइड उन लोगों में होने की संभावना अधिक रहती है, जो अत्याधिक तनाव लेते हैं।
इसी कारण सभी लोगों को तनाव प्रबंधन करने की कोशिश करनी चाहिए।

उच्च रक्तचाप का होना- यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो उसे थायराइड होने की संभावना अधिक रहती है।
ऐसे व्यक्ति को अपने रक्तचाप का इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उसे स्वास्थ संबंधी अन्य समस्या न हो।

मधुमेह (डायबिटीज) का होना- अक्सर, थायराइड मधुमेह के कारण भी हो जाता है।
अत: इससे पीड़ित व्यक्ति को अपने डायबिटीज को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए।

थायराइड का इलाज कैसे करें?
यह सवाल हर उस शख्स के लिए मायने रखता है, जो इस गले की बीमारी से पीड़ित होता है।
चूंकि, उसे इस बीमारी के होने पर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसी कारण वह हर समय इससे निजात पाने की कोशिश करता है।
यदि कोई व्यक्ति इस गले की बीमारी से पीड़ित है तो वह इन 5 तरीकों से थायराइड का इलाज करा सकता है-

दवाई लेना- थायराइड का इलाज करने का सबसे आसान तरीका दवाई लेना है।
ये दवाईयां थायराइड को नियंत्रित रखने अथवा उसे जड़ से खत्म करने में सहायक होती हैं।
अत: थायराइड से पीड़ित व्यक्ति दवाई के माध्यम से भी इसका इलाज करा सकता है।

गले की जांच करना- चूंकि, थायराइड गले की एक बीमारी है इसलिए डॉक्टर इसका इलाज करने के लिए व्यक्ति के गले की जांच करते हैं।
वे इसके द्वारा यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि शरीर में थायराइड किस स्तर तक बढ़ गया है।

ब्लड टेस्ट कराना- कई बार, इस गले की बीमारी का इलाज ब्लड टेस्ट के द्वारा भी किया जाता है।
इस टेस्ट के माध्यम से थायराइड की गति को कम करने की कोशिश की जाती है।

सर्जरी को कराना- जब इस गले की बीमारी में किसी भी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब डॉक्टर सर्जरी का सहारा लेते हैं।ऐसी स्थिति में थयरॉइडेक्टोमी (Thyroidectomy) सर्जरी के माध्यम से थायराइड का इलाज किया जाता है।
इस सर्जरी में थायराइड ग्रंथि को सर्जिकल तरीके से निकाला जाता है।

थयरॉइडेक्टमी सर्जरी की कीमत क्या है?

जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि थायराइड के इलाज का सर्वोत्तम तरीका थयरॉइडेक्टमी (Thyriodectomy) सर्जरी है।

लेकिन, जब कोई डॉक्टर किसी व्यक्ति को इस सर्जरी को कराने की सलाह देते हैं, तो उस समय उसकी मन में यह सवाल सबसे पहले आता है कि थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी की कीमत क्या है।

उसके लिए इसका उत्तर काफी मायने रखता है क्योंकि इसका असर उसकी आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है।

संभवत: अधिकांश लोग इसे एक महंगी प्रक्रिया समझते हो और इसी कारण वे इसे न करा पाएं। लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि एक किफायती प्रक्रिया है, जिसकी औसतन लागत मात्र 80 हजार से 1 लाख होती है तो शायद वे इस गले की बीमारी से निजात पा सकते।

थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी के जोखिम क्या हो सकते हैं?

निश्चित रूप से, थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी काफी लाभकारी प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से थायराइड की बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है, लेकिन किसी भी अन्य सर्जरी की भांति थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी के भी जोखिम होते हैं, जिसकी जानकारी उस व्यक्ति को होनी चाहिए, जो थायराइड से पीड़ित है।

यदि किसी व्यक्ति ने हाल ही में थयरॉइडेक्टोमी सर्जरी कराई है, तो निम्नलिखित जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है-

गले में रक्तस्राव का होना- यह थायराइड की सर्जरी का प्रमुख जोखिम है, जिसमें व्यक्ति के गले में रक्तस्राव (Bleeding) होता है।हालांकि, यह समस्या कुछ समय के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन यदि लंबे समय तक रहती है तो उस स्थिति में मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है।

संक्रमण का होना- कई बार, इस सर्जरी की वजह से कुछ लोगों को संक्रमण भी हो सकता है।
हालांकि, इस स्थिति में एंटी बायोटिक दवाई ली जा सकती है।

आवाज़ में बदलाव का होना- चूंकि, थायराइड सर्जरी को थायराइड ग्रंथि पर किया जाता है।
इस कारण इस सर्जरी का इस ग्रंथि पर प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति की आवाज़ में थोड़ा बदलाव हो जाता है।

सांस लेने में तकलीफ होना- थायराइड सर्जरी का असर कई बार व्यक्ति की स्वास नली पर भी पड़ता है।
अत: व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है और इसमें मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।

मांसपेशियों में ऐंठन का होना- यदि किसी व्यक्ति ने थायराइट सर्जरी को कराया है, तो इस वजह से व्यक्ति की मांसपेशियों पर बुरा असर पड़ता है।
इसकी वजह से मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकता है और इसके लिए फेजियोथेरेपी लेने की जरूरत पड़ सकती है।

थायराइड की रोकथाम कैसे करें?

आपको यह जानकर खुशी होगी कि यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो थायराइड की रोकथाम की जा सकती है।
हो सकता है कि आपको इस बात पर विश्वास न हो क्योंकि अधिकांश लोग इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं कि वे थायराइड से कैसे बच सकते हैं।

यदि कोई व्यक्ति इन 5 उपायों को अपनाए, तो वह थायराइड की रोकथाम कर सकता है-

हेल्दी डाइट को अपनाना- कुछ लोगों को थायराइड खराब भोजन करने की वजह से भी हो सकता है।
अत: सभी लोगों को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उसे हेल्दी डाइड को अपनाना चाहिए।

डिबाबंद भोजन से परहेज रखना- हालांकि, आज के दौर में डिबाबंद भोजन काफी प्रचलन में है और अधिकांश लोग भी ऐसे भोजन का सेवन करते हैं, लेकिन डिबाबंद भोजन का सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
इसी कारण हर शख्स को यह कोशिश करनी चाहिए कि जितना हो सके उतना ऐसे भोजन से दूर रहे।

एंटी बायोटिक दवाईयों का सेवन करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि थायराइड संक्रमण के कारण भी होता है।
अत: सभी लोगों को संक्रमण से बचने की कोशिश करनी चाहिए और इसके लिए वे एंटी बायोटिक दवाईयों का सेवन कर सकते हैं।

व्यायाम करना- किसी भी व्यक्ति के लिए व्यायाम करना लाभदायक साबित हो सकता है।
यह उसे सेहतमंद रहने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी साबित हो सकता है।

थायराइड की जांच करना- अंत: सभी लोगों के लिए यह बात सबसे जरूरी है कि वे अपने स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच कराएं, ताकि उन्हें इस बात का पता लग सके कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
यदि अपने स्वास्थ की जांच करने पर किसी व्यक्ति में थायराइड की पुष्टि होती है तो उसे इसका इलाज तुंरत ही शुरू कराना चाहिए।

जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि वर्तमान समय में थायराइड (Thyroid) की बीमारी काफी आम समस्या बन गई है।
इस गले की बीमारी से अधिकांश लोग पीड़ित हैं और वे कई सालों तक दवाईयों का सेवन ही करते हैं, इसके बावजूद उन्हें गले की बीमारी से निजात नहीं मिल पाती है।
इससे एक बात स्पष्ट होती है कि लोगों को थायराइड को ठीक करने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इसमें थायराइड की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
यदि आप या आपकी जान-पहचान में कोई व्यक्ति स्वास्थ संबंधी किसी समस्या और उसके उपचार के संभावित तरीकों की अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह इसके लिए 8002784928...or..7978086302 पर Call करके उसकी मुफ्त सलाह प्राप्त कर सकता है।

सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)

Q1. महिलाओं में थायराइड होने के लक्षण क्या हैं?
Ans- महिलाओं में थायराइड होने के लक्षणों में कमज़ोरी महसूस होना, वजन का बढ़ना, सर्दी लगना, मांसपेशियों और जोड़ों में कमज़ोरी महसूस होना, बालों का झड़ना, डिप्रेशट महसूस करना इत्यादि शामिल हैं।

Q2. क्या थायराइड एक गंभीर समस्या है?

Ans- जी हां, थायराइड काफी गंभीर समस्या है, क्योंकि यह आगे चलकर कैंसर का रूप में ले सकती है।
इसकी वजह से काफी सारे लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

Q3. थायराइड का शरीर पर क्या असर पड़ता है?

Ans- थायराइड का सीधा असर मैटाबॉलिज़्म (metabolism) पर पड़ता है, जिसका मुख्य काम शरीर को क्रियाशील रखना है।
थाराइड की स्थिति में यह कम हो जाता है और इस बीमारी से पीड़ित कमज़ोर महसूस करता है, जिससे उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है।

Q4. क्या थायराइड का इलाज संभव है?

Ans- जी हां, किसी भी अन्य बीमारी की तरह थायराइड का भी इलाज संभव है।
इसके लिए दवाई, सर्जरी इत्यादि तरीके को अपनाया जा सकता है।

Q5. थायराइड होने पर केला खाना लाभकारी होता है?

Ans-थायराइड होने पर केला खाना लाभकारी होता है क्योंकि इससे इस बीमारी में आराम मिलता है।

Q6. थायराइड होने पर किस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए?

Ans- थायराइड होने पर ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, केल, शलजम और बॉक चोय इत्यादि भोजन नहीं करना चाहिए।

Q7. थायराइड से बचाव कैसे किया जा सकता है?

Ans- थायराइड से बचाव काफी आसान है, जिसे हेल्थी डाइट में बदलाव करके, योगा या एक्सराइज़ करके, समय पर हेल्थचेकअप कराके इत्यादि तरीके को अपनाकर संभव है।

कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) - उपचार, प्रक्रिया और साइड इफेक्ट्स कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) का उपचार क्या है?कोलोनोस्कोपी ...
19/08/2020

कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) - उपचार, प्रक्रिया और साइड इफेक्ट्स

कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) का उपचार क्या है?

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) एक परीक्षण है जो आपके डॉक्टर द्वारा बड़ी आंत की आंतरिक अस्तर (inner lining) की निगरानी और जांच करने के लिए किया जाता है; गुदाशय और कोलन (re**um and the colon)। कोलोनोस्कोप (colonoscope) एक लंबी और लचीली ट्यूब (long and flexible tube) है, जिसका टिप (tip) गुदा में डाला जाता है और धीरे-धीरे उन्नत होता है, आपके गुदा (a**s) में और कोलन (colon) के पहले भाग के माध्यम से।

एक आभासी कॉलोनोस्कोपी (virtual colonoscopy) एक्स-रे परीक्षण (X-ray test) की तरह है, जिसे कॉलोनोस्कोप (colonoscope) के सम्मिलन (insertion) की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, यह सभी प्रकार के पॉलीप्स (polyps) का पता लगाने में प्रभावी नहीं है। कॉलोनोस्कोप (colonoscope) के साथ एक कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy ) कॉलन (colon) की विस्तार से जांच करने के लिए एक बेहतर विकल्प है।

एक कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) अल्सर, ट्यूमर, कोलन पॉलीप्स (ulcers, tumours, colon polyps) या सूजन और रक्तस्राव (inflammation and bleeding) से प्रभावित किसी भी क्षेत्र को खोजने में मदद कर सकती है। इसे सटीक विकास, गुदाशय या कोलन में कैंसर (precancerous growth, cancer in the re**um or the colon) की जांच के लिए स्क्रीनिंग परीक्षण (screening test) के रूप में भी किया जा सकता है। एक कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy) के दौरान, असामान्य वृद्धि (abnormal growths) का पता लगाने के लिए आपके ऊतक (tissue) नमूने की जांच की जाएगी।

आपके मल, पुरानी दस्त, अचानक वजन घटाने, एनीमिया, लंबे समय तक पेट में अस्पष्ट दर्द (stool, chronic diarrhea, sudden weight loss, anaemia, unexplained pain in the stomach) या सूजन आंत्र रोग (inflammatory bowel disease) के इलाज के लिए कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) भी की जा सकती है।

परीक्षण से पहले कोलन को साफ करना अनिवार्य है। परीक्षण से दो दिन पहले, आपको ठोस भोजन (solid food) का सेवन करना बंद करना होगा और अपने आंत्र को साफ करने के लिए केवल तरल पदार्थ (fluids) पीना होगा।

कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) का इलाज कैसे किया जाता है?

एक कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) एक प्रशिक्षित विशेषज्ञ (trained specialist) द्वारा या तो बाह्य रोगी केंद्र (outpatient centre) में या अस्पताल में किया जाता है। वह पहले आपकी बांह की नस (vein of your arm) में एक चतुर्थ सुई (IV needle) इंजेक्ट करेगा। सेवेटिव्स, दर्दनाशक या संज्ञाहरण (Sedatives, painkillers or anesthesia) उस चतुर्थ चैनल (IV channel) के माध्यम से दिया जाता है, जिससे आप परीक्षण के दौरान आराम कर सकते हैं। आपके महत्वपूर्ण आंकड़ों की निगरानी (monitored) कर्मचारियों द्वारा की जाएगी।

आपको टेबल पर झूठ बोलना होगा और डॉक्टर गुदा (a**s) में कॉलोनोस्कोप (colonoscope) डालेगा और इसे गुदाशय और कोलन (re**um and the colon) के माध्यम से सावधानी से मार्गदर्शन (guide) करेगा। दायरे बड़े आंत के अंदर हवा पंप (pump air) करेगा जिससे चिकित्सक बेहतर दृश्य प्राप्त कर सके। इस प्रक्रिया के दौरान, आप पेट की ऐंठन या शौचालय (abdominal cramps or the urge) जाने के आग्रह का अनुभव कर सकते हैं। संलग्न कैमरा (attached camera) मॉनिटर (monitor) को आपके आंतों के अस्तर (intestinal lining) की वीडियो छवि (video image) भेजता है, जहां डॉक्टर आंतों के ऊतकों (intestinal tissues) को देख और देख सकता है। आपको कई बार स्थानांतरित (move) करना पड़ सकता है ताकि दायरे को बेहतर दृश्य के लिए समायोजित (adjusted) किया जा सके।

यदि डॉक्टर स्क्रीनिंग (screening) के दौरान किसी भी पॉलीप्स (polyps) में आता है, तो वह उन्हें हटा सकता है और फिर बायोप्सी परीक्षण (biopsy testing) के लिए प्रयोगशाला में भेज सकता है। पूरी परीक्षा पूरी करने में आमतौर पर लगभग 20 मिनट लग सकते हैं। आमतौर पर प्रक्रिया पूरी होने के बाद उपलब्ध होते हैं। जैसे ही शामक और एनेस्थेसिया (sedative and the anesthesia) के प्रभाव के रूप में आपका डॉक्टर इसे आपके साथ साझा करेगा।

कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के इलाज के लिए कौन पात्र (eligible) है? (इलाज कब किया जाता है?)
निम्नलिखित स्थितियों (following conditions) के तहत एक व्यक्ति को कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy) से गुजरने की सिफारिश की जाती है:

मल / रेक्टल रक्तस्राव (stool/rectal bleeding) में रक्त
अंधेरा और कभी-कभी काला मल (black stool)
अस्पष्ट और कठोर वजन घटाने (Unexplained and drastic weight loss)
पुरानी दस्त (Chronic diarrhea)
सूजन आंत्र रोग (inflammatory bowel disease) का इलाज
पेट में गंभीर दर्द (Chronic pain)
कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) की जांच के लिए
यदि एमआरआई, सीटी स्कैन, आभासी कॉलोनोस्कोपी या मल परीक्षण (MRI, CT scan, virtual colonoscopy or a stool test) से कोई असामान्य परिणाम (abnormal results) हैं
50 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए नियमित परीक्षा (routine test) के रूप में
उपचार के लिए कौन पात्र (eligible) नहीं है?

हो सकता है कि आप एक कोलोनोस्कोपी परीक्षण (colonoscopy test) नहीं कर पाएंगे यदि: कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) से सात दिन पहले आप बेरियम एनीमा टेस्ट (barium e***a test) (अपनी बड़ी आंत में असामान्यताओं (abnormalities) को खोजने के लिए परीक्षण किया जाता है), क्योंकि संभावना है कि कोलन (colon) ठीक से दिखाई नहीं दे रहा है

कोलन प्रीपे (colon prep) के बाद भी कोलन (colon) में मल (stool) मौजूद है
अतीत में एक कोलन सर्जरी (colon surgery) हुई थी
आपने लाल या बैंगनी रंगीन भोजन / तरल पदार्थ (red or purple coloured food/fluids) खा लिया है
डायविटिक्युलिटिस (diverticulitis) (पाचन तंत्र (digestive tract) में संक्रमण) और गर्भवती महिलाओं (pregnant women) से पीड़ित लोगों को आम तौर पर एक कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) से गुजरने की सिफारिश नहीं की जाती है

क्या कोई भी साइड इफेक्ट्स (side effects) हैं?

एक कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) से गुजरने के साइड इफेक्ट्स (side effects) हो सकते हैं:

परीक्षण दस्त (diarrhea) का कारण बन सकता है। कुछ लोग भी क्रैम्पिंग (cramping) का अनुभव करते हैं।
परीक्षण पूरा होने के कुछ घंटों के लिए आप बहुत नींद महसूस कर सकते हैं। शामक अक्सर प्रक्रिया की याददाश्त को हटा देता है।
आप सूजन और गैस का अनुभव कर सकते हैं।

यदि कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के दौरान एक पॉलीप (polyp) निकाला गया था, तो आपके मल (stool) में कुछ दिनों तक रक्त का निशान हो सकता है
आप 2 सप्ताह तक किसी एस्पिरिन या नॉनस्टेरॉयड एंटी-इंफ्लैमेटरी ड्रग्स (aspirin or nonsteroidal anti-inflammatory drugs) लेने में सक्षम नहीं हो सकते हैं

कुछ दुर्लभ मामलों में, दायरा आपके कोलन अस्तर (colon lining) को फाड़ सकता है या रक्तस्राव (bleeding) का कारण बन सकता है
उपचार के बाद पोस्ट-ट्रीटमेंट गाइडलाइन्स (post-treatment guidelines) क्या हैं?

एक कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) के बाद पोस्ट उपचार दिशानिर्देशों (guidelines) में निम्न शामिल होंगे:

आपको 1 या 2 घंटे के लिए अस्पताल या क्लिनिक (hospital or the clinic) में रहने की आवश्यकता हो सकती है
परीक्षण के दौरान खो गए तरल पदार्थ (fluids) के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल (liquid) पीएं
परीक्षण के तुरंत बाद शराब (alcohol) न पीएं
यह सलाह दी जाती है कि परीक्षण के एक दिन बाद ड्राइव न करें यदि आपको sedatives दिए गए हैं
आपका डॉक्टर आपको सलाह देगा कि आप अपना सामान्य आहार (normal diet) कब खाएं और अपनी दैनिक गतिविधियों (daily activities) को फिर से शुरू करें। यदि परीक्षण के दौरान एक पॉलीप (polyp) हटा दिया गया था, तो आपको एक
निश्चित समय अवधि के लिए एक विशेष आहार (special diet) खाना पड़ सकता है।

ठीक होने में कितना समय लगता है?

परीक्षण के बाद, प्रशासित (administered) शाही (sedative) से ठीक होने के लिए आपको एक या दो घंटे के लिए क्लिनिक में रहना होगा। आप दिन के बाद से अपनी दैनिक गतिविधियों (daily activities) को फिर से शुरू करने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आपको दस्त होता है, तो आप अतिरिक्त दो या तीन दिनों तक आराम कर सकते हैं।

भारत में इलाज की कीमत क्या है?

भारत में एक कॉलोनोस्कोपी परीक्षण (colonoscopy test) से गुजरने की कीमत रु 9525 से रु 22,225 है।

उपचार के परिणाम स्थायी (permanent) हैं?

यदि आप नियमित कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) से गुजर चुके हैं और साफ आते हैं, तो आप अगले दस वर्षों के बाद चुन सकते हैं। यदि पहली परीक्षा के दौरान कुछ छोटे विकार (disorders) पाए गए थे, तो आपको पांच साल बाद परीक्षण दोहराया जाना चाहिए।

उपचार के विकल्प (alternatives) क्या हैं?

कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) एक परीक्षण है जो कोलन कैंसर (colon cancer) की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है। अन्य वैकल्पिक परीक्षणों में मल परीक्षण, सिग्मोइडोस्कोपी, और गणना टॉमोग्राफिक कॉलोनोग्राफी (stool tests, sigmoidoscopy, and computed tomographic colonography) शामिल हैं।

सुरक्षा: अधिक

साइड इफेक्ट्स: कम

टाइम्लीनस: अधिक

इससे जुड़े जोखिम: कम

ठीक होने में समय: बहुत कम

प्राइज़ रेंज: Rs. 9525 - Rs. 22,225

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोरशरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। कि...
15/08/2020

शरीर की इन जगहों पर हो दर्द तो भूलकर भी न करें इग्नोर

शरीर में अलग-अलग तरह के दर्द होते हैं, जिनके अनेक कारण होते हैं। किसी दर्द का कारण बिल्कुल सामान्य होता है, तो कुछ के कारण गंभीर भी हो सकते हैं। आप किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें, बता रही हैं निधि गोयल

हार्ट अटैक व अन्य कारणों से होने वाले दर्द में फर्क

जब हम अपने बाएं हाथ में दर्द महसूस करते हैं, तो हमें और दूसरी चीजें भी देखनी चाहिए। जैसे पसीने का आना, अचानक ब्लडप्रेशर का कम होना और टहलने पर दर्द का बढ़ जाना। यदि ये सारे लक्षण एक साथ महसूस हो रहे हैं, तो यह हार्ट अटैक हो सकता है। अगर मरीज को डायबिटीज है या उसका कोलेस्ट्रॉल स्तर ठीक नहीं है और तब बाएं हाथ में दर्द महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, यह हार्ट अटैक से संबंधित हो सकता है।

आप गौर करें, तो देखेंगे कि हमारे शरीर में होने वाले कुछ संकेतों की हम अनदेखी कर देते हैं, जिसका कई बार हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसा ही एक संकेत है शरीर में दर्द। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है और वह पेन किलर और किसी भी अन्य उपाय से जा नहीं रहा है, तो उसे मामूली समझकर उसकी अनदेखी न करें।

अगर पीठ, कमर या पैरों में लगातार तेज दर्द रहता हो, तो यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है। अकसर महिलाएं अपनी पीठ, कमर या पैरों के दर्द को थकान की वजह से होने वाली मामूली तकलीफ समझकर उसे नजरअंदाज कर देती हैं, पर ऐसा करना ठीक नहीं। यह सायटिका जैसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। सायटिका पीठ में दर्द की एक ऐसी स्थिति को कहते हैं, जो सियाटिक नर्व के दब जाने से पैदा होती है। यह नर्व पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पैरों के अंगूठे तक पहुंचती है। यह नस हमारी मांसपेशियों को शक्ति देने का काम करती है और इसी की वजह से हमें संवेदना महसूस होती है। अगर किसी वजह से यह नर्व दब जाती है, तो यह दूसरी नसों को भी दबाने लगती है। इससे व्यक्ति को कमर, पीठ और पैरों में दर्द होता है।

पेट दर्द
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पेट दर्द को हम कई बार मामूली समस्या समझ बैठते हैं। कई बार खाने-पीने या गैस की वजह से पेट में दर्द होना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर बिना वजह आपके पेट के किसी विशेष हिस्से में दर्द हो रहा है, तो यह किसी गंभीर बीमारी की तरफ इशारा हो सकता है।

बायीं ओर : अगर पेट में बायीं तरफ दर्द महसूस हो रहा है और यह कभी-कभार नहीं, बल्कि अकसर होता है, तो सतर्क हो जाएं। यह किडनी संबंधी परेशानी या फिर किडनी में पथरी बनने के कारण भी हो सकता है। इस स्थिति में पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं।

दाहिनी ओर : पेट में दाहिनी ओर होने वाला दर्द सेहत से जुड़ी अनेक समस्याओं की ओर इशारा करता है। यह अपेंडिसाइटिस के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं में नीचे की ओर यह दर्द गर्भाशय की समस्या के कारण भी हो सकता है।

बीच में : पेट के बीचोबीच होने वाला दर्द पेट में अल्सर होने की तरफ इशारा कर सकता है। यह गैस व अम्लीयता के कारण भी होता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।

नीचे की ओर : पेट में नीचे की तरफ उठने वाला दर्द मूत्राशय से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। यह मूत्रनली में संक्रमण के कारण भी हो सकता है।

सिरदर्द

सिरदर्द वैसे तो आम बीमारी है, लेकिन इसकी लगातार अनदेखी करने से यह खतरनाक भी हो सकती है। कई बार सिरदर्द ब्रेन ट्यूमर, दिमागी बुखार, स्ट्रोक यानी लकवा, ब्रेन हैमरेज और माइग्रेन का भी संकेत हो सकता है। इसलिए सिरदर्द को नजरअंदाज न करें, बल्कि न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरोफिजिशयन की सलाह अवश्य लें।

ऐसे में डॉक्टरी सलाह है जरूरी

अचानक बहुत तेज सिरदर्द होना।

सिरदर्द के साथ बुखार, देखने में परेशानी, व्यवहार में बदलाव, मिर्गी, दौरा व बेहोश होना।
सुबह-सुबह सिरदर्द होना, सिरदर्द के साथ उल्टी आना।
सिरदर्द के साथ हाथ-पैर या शरीर के किसी भाग में कमजोरी होना।
रात में सोते समय अचानक तेज सिरदर्द होना।
बार-बार लंबे समय तक तेज दर्द होना माइग्रेन भी हो सकता है।

बाएं हाथ में दर्द

बाएं हाथ के कंधों में आथ्र्राइटिस या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की वजह से भी दर्द हो सकता है। जो लोग कंप्यूटर पर अपना सारा काम बाएं हाथ से करते हैं, उन्हें अकसर सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या होती है, जिसकी वजह से बाएं हाथ में दर्द होने लगता है।

अस्थमा (दमा) - लक्षण, कारण, इलाज, दवा और घरेलू उपचार | Asthma के बारे में प्रकार लक्षण कारण निदान इलाज साइड इफेक्ट्स दिश...
13/08/2020

अस्थमा (दमा) - लक्षण, कारण, इलाज, दवा और घरेलू उपचार | Asthma

के बारे में प्रकार लक्षण कारण निदान इलाज साइड इफेक्ट्स दिशानिर्देश रिकवरी लागत परिणाम घरेलू उपचार आहार निवारक उपाय विकल्प
अस्थमा क्या है?
अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जो फेफड़ों में वायुमार्ग की जलन और सूजन का कारण बनती है. इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में मुश्किल होती है. मस्ट सेल्स, ईोसिनोफिल्स और टी-लिम्फोसाइट्स अन्य इंफ्लेमेटरी सेल्स के साथ मिलकर वायुमार्ग की सूजन का कारण बनती हैं. यह एक व्यक्ति को घरघराहट, खांसी और यहां तक कि सांस की तकलीफ के दौर के हमलों का अनुभव करता है.

अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति आमतौर पर सुबह जल्दी या रात के दौरान अनुभव करता है. अस्थमा के दौरे के दौरान, वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां कस जाती हैं जिससे व्यास कम हो जाता है. नतीजतन, हवा का प्रवाह कम हो जाता है और वायुमार्ग की सूजन बढ़ जाती है. वायुमार्ग में बलगम का उत्पादन होता है और यह आगे हवा के प्रवाह को बाधित करता है.

अस्थमा के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

यदि आप अस्थमा के संकेतों से जूझ रहे हैं - साँस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या कोई जकड़न - एक एलर्जी विशेषज्ञ आपको निदान देने और मूल कारणों को अलग करने में सक्षम हो सकता है. अस्थमा के सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त प्रकारों का अध्ययन करें:

एक्सरसाइज-इन्दुसड अस्थमा
नोक्टुर्नल अस्थमा
ऑक्यूपेशनल अस्थमा
स्टेरॉयड रेसिस्टेंट अस्थमा (सीवियर अस्थमा)
एलर्जी अस्थमा
अस्थमा-सीओपीडी ओवरलैप

अस्थमा के लक्षण और संकेत क्या हैं? Asthma Symptoms

अस्थमा के संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं- सांस की तकलीफ, हैक (शाम के समय बार-बार पछताना) और घरघराहट (सीटी बजने की आवाज को हवा के थपेड़ों के माध्यम से हवा के प्रवाह द्वारा, सामान्य रूप से साँस छोड़ते हुए), छाती की सूंघना आदि। ध्यान दें कि ये साइड इफेक्ट्स चिंताजनक हैं और अस्थमा वाले लोग बिना किसी अभिव्यक्तियों के समय के व्यापक हिस्सों में जा सकते हैं.

एलर्जी के लिए एक्सपोजर दमा के संकेतों के लिए नियमित ट्रिगर में से एक है. इसके अलावा यहाँ कुछ और संकेत दिए गए हैं जिनमें पालतू जानवर, डस्ट वर्मिन, कॉकरोच, मोल्ड्स और धूल शामिल हैं. तम्बाकू का उपयोग या उपयोग किए गए धुएँ के संपर्क से अस्थमा प्रबंधन है.

अस्थमा के कुछ लक्षण और लक्षण विशिष्ट नहीं हैं और इन्हें विभिन्न स्थितियों में भी देखा जा सकता है. अस्थमा के अलावा अन्य स्थितियों की सिफारिश करने वाले लक्षणों में वृद्धावस्था में नए इन्फेक्शन की शुरुआत, संबंधित साइड इफेक्ट्स की उपस्थिति, (उदाहरण के लिए, सीने में बेचैनी, प्रकाशस्तंभ, धड़कन और थकान) शामिल हैं, और अस्थमा के लिए उपयुक्त नुस्खे पर प्रतिक्रिया का अभाव है.

क्या अस्थमा ट्रिगर करता है? Asthma Causes

एक व्यक्ति के पर्यावरण और वंशानुगत मेकअप के पहलुओं की एक विस्तृत श्रृंखला अस्थमा के सुधार में जोड़ सकती है. यह बच्चों में सबसे अधिक पहचाना जाने वाला निरंतर इन्फेक्शन है. रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में घरघराहट और मानक रोगों के माध्यम से प्रमुख साइड इफेक्ट्स लगभग 5 साल पुराने हो जाते हैं. अस्थमा के प्राथमिक कारण निम्नलिखित हैं.

एलर्जी
धूम्रपान करने वाला तंबाकू
पर्यावरणीय कारक (प्रदूषण, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन, ठंडे तापमान, उच्च आर्द्रता)
मोटापा
गर्भावस्था
तनाव
जेनेटिक्स
अटोपी
मासिक धर्म चक्र (एस्पिरिन के प्रति संवेदनशीलता)

अस्थमा का निदान कैसे किया जाता है? Diagnosis of Asthma

अस्थमा के निदान के लिए तीन प्राथमिक खंड हैं जो रोगी का मेडिकल हिस्ट्री, एक फिजिकल टेस्ट के दौरान रोगी की टिप्पणियों और श्वास परीक्षणों का परिणाम है. एक महत्वपूर्ण विचार डॉक्टर इन परीक्षणों का अवलोकन करेगा और अस्थमा की गंभीरता को मामूली, अनियमित, मध्यम या गंभीर रूप से उन व्यक्तियों में तय करेगा जो स्थिति के लक्षण दिखाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे कि भेद करते हैं.

विशेषज्ञ बचपन की अन्य स्थितियों के लिए अस्थमा की अभिव्यक्तियों में गलती कर सकते हैं. 5 वर्ष की आयु से पहले अस्थमा के लक्षणों को प्रतिबिंबित करने वाले युवाओं को एक स्पष्ट निदान प्राप्त करना कठिन हो गया. अस्थमा और संवेदनाओं का एक इतिहास वंशावली एक विशेषज्ञ को सटीक निदान करने में सक्षम कर सकता है. इस काम के माहौल में किसी भी संभावित अड़चन के बारे में डेटा सहित, उपचार उपचार में मदद करने के लिए अस्थमा के हर संभावित ट्रिगर पर ध्यान दें.

उदाहरण के लिए अस्थमा प्रबंधन में हस्तक्षेप करने वाली किसी भी स्वास्थ्य स्थिति को पहचानना सुनिश्चित करें:

नाक बहना
साइनस इन्फेक्शन
एसिड रिफ्लक्स
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस
स्लीप एप्निया
अस्थमा का इलाज कैसे किया जाता है? Asthma Treatment in Hindi
साँस की कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, ल्यूकोट्रिएन मोडिफिएर, कॉम्बिनेशन इनहेलर्स, थियोफिलाइन और लंबे समय तक अभिनय करने वाले बीटा-एगोनिस्ट जैसी दीर्घकालिक दवाएं अस्थमा के उपचार के लिए आधारशिला बनाती हैं. इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स सूजन को कम करने में मदद करते हैं और बाहरी ट्रिगर के लिए शरीर की प्रतिक्रिया को भी कम करते हैं.

एक डॉक्टर आमतौर पर एक मरीज को इन दवाओं को नियमित रूप से लेने की सलाह देगा क्योंकि उन्हें काम शुरू करने के लिए बहुत समय की आवश्यकता होती है. राहतकर्ता आमतौर पर ब्रोन्कोडायलेटर्स होते हैं और वे वायुमार्ग को कसना कम करके आराम करने का कारण बनते हैं.

संयोजन इनहेलर्स में प्रचलित और लक्षण नियंत्रक दवाओं दोनों के गुण होते हैं. आमतौर पर, लक्षण नियंत्रकों का उपयोग निवारक के साथ संयोजन में किया जाता है और वे वायुमार्ग की मांसपेशियों को आराम करने में मदद करते हैं। आम तौर से ये दवाएं दिन में दो बार ली जाती हैं.

त्वरित-राहत दवाएं:

इप्रेट्रोपियम का उपयोग ज्यादातर वायुमार्ग को आराम करने के लिए किया जाता है और इस प्रकार व्यक्ति को सांस लेने में आसानी होती है.
लघु-अभिनय बीटा एगोनिस्ट को एक पोर्टेबल और हाथ से पकड़े हुए इनहेलर या एक नेबुलाइज़र का उपयोग करके प्रशासित किया जा सकता है.
मौखिक और अंतःशिरा कॉर्टिकोस्टेरॉइड: गंभीर अस्थमा के साथ वायुमार्ग की सूजन से राहत पाने के लिए, एक हमले के दौरान तत्काल राहत प्रदान करने के लिए मौखिक और अंतःशिरा कॉर्टिकोस्टेरॉइड का उपयोग किया जाता है.
एलर्जी की दवाएँ:

अगर कुछ एलर्जी से अस्थमा शुरू हो जाता है तो एलर्जी शॉट्स और ओमालिज़ुमब औषधि जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है. जब अन्य सभी दवाएं विफल हो जाती हैं, तो ब्रोन्कियल थीमोप्लास्टी का उपयोग गंभीर अस्थमा के इलाज के लिए किया जाता है.

अस्थमा के इलाज का विकल्प कौन चुनेगा?

अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को अत्यधिक खांसी, घरघराहट और उसके सीने में जकड़न और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देंगे. हालांकि, एक व्यक्ति उपचार के लिए योग्य हो जाता है, जब डॉक्टर ने उसे इस स्थिति से पीड़ित होने का निदान किया हो. ऐसे कई परीक्षण हैं जो यह पता लगाने में मदद कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित है या नहीं है. इन परीक्षणों में छाती का एक्स-रे, पीक एक्सफोलिएशन फ्लो, स्पिरोमेट्री, मेथोकोलिन चुनौती, नाइट्रिक ऑक्साइड टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट और एलर्जी टेस्ट शामिल हैं.

अस्थमा के इलाज के लिए कौन पात्र नहीं है?

एक व्यक्ति उपचार के लिए योग्य नहीं है यदि उसे उचित चिकित्सा परीक्षण के बाद डॉक्टर द्वारा निदान नहीं किया गया है. एक व्यक्ति भी इलाज के लिए योग्य नहीं है अगर छाती एक्स-रे, शिखर श्वसन प्रवाह और स्पिरोमेट्री जैसे परीक्षणों ने व्यक्ति को अस्थमा से पीड़ित होने का निदान नहीं किया है. अस्थमा के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाओं के कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं. तो कुछ पुरानी स्थितियों या कुछ अन्य बीमारियों वाले लोग उन दवाओं को लेने के लिए पात्र नहीं हैं.

अस्थमा के उपचार के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

फॉर्मोटेरोल जैसे लक्षण नियंत्रक से जुड़े साइड इफेक्ट्स सीने में दर्द, गले में दर्द, घबराहट, घरघराहट, घुट और अन्य सांस लेने में समस्या पैदा कर सकते हैं. यह अस्थमा के लक्षणों को भी खराब कर सकता है. एक प्रजेंटर, फ्लूटिकैसोन के साइड-इफेक्ट्स में मुंह और गले में घाव और सफेद धब्बे, कमजोरी, जी मचलना, उल्टी, फ्लू के लक्षण, नाक बहना, बुखार, ठंड लगना और शोर-शराबा शामिल हैं.

टेरबुटालीन जैसी रिलीवर दवा से जुड़े साइड-इफेक्ट्स सिरदर्द, चक्कर आना, उनींदापन, धड़कन, घबराहट, सांस की तकलीफ और तेजी से दिल की धड़कन हैं. कॉम्बिनेशन इनहेलर्स के कारण व्यक्ति की आवाज बदल सकती है, जिससे मुंह में इन्फेक्शन हो सकता है और खांसी, गले में दर्द, सिरदर्द और कैविटी भी हो सकती है. ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो सिरदर्द का कारण बन सकती है, शरीर के लैक्टिक एसिड सामग्री में वृद्धि, हाइपरग्लाइसेमिया, स्केलेटल मसल्स का कांपना और पोटेशियम की कमी है.

उपचार के बाद के दिशानिर्देश क्या हैं?

अस्थमा एक लाइलाज बीमारी है. इस प्रकार, इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को हालत बिगड़ने से बचाने के लिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलावों को शामिल करना होगा. उसे पर्यावरण ट्रिगर से दूर रहना चाहिए और ट्रिगर से निपटने के लिए एक पूर्ण योजना तैयार करनी चाहिए। इन्फ्लूएंजा के जोखिम को कम करने के लिए मौसमी इन्फ्लूएंजा वैक्सीन एक लंबा रास्ता तय कर सकता है. धूम्रपान से बचें और धुएं के संपर्क में आने से भी बचें क्योंकि यह अस्थमा के दौरे के हिंसक प्रकरण को ट्रिगर कर सकता है.

ठीक होने में कितना समय लगता है?

चूंकि अस्थमा को स्थायी रूप से ठीक नहीं किया जा सकता है, लक्षणों से निपटने के लिए किसी व्यक्ति को दवाएँ लेने की आवश्यकता हो सकती है. हालत को और अधिक गति से रोकने के लिए उसे कई जीवनशैली में बदलाव करने की भी आवश्यकता होगी.

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और बीटा-एगोनिस्ट जैसी दीर्घकालिक दवाओं को लंबे समय तक सेवन करने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें काम करने के लिए समय की आवश्यकता होती है. आवश्यक समय हमले की गंभीरता और व्यक्ति के निर्वाचन क्षेत्र पर भी निर्भर करता है. ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी जैसे सर्जिकल हस्तक्षेप दमा के हमलों की शुरुआत को कम करने में मदद करते हैं लेकिन स्थिति का स्थायी रूप से इलाज नहीं करते हैं.

भारत में उपचार की कीमत क्या है?

फ्लुतिकासोने, एक साँस कॉर्टिकोस्टेरॉइड, 16 ग्राम के लिए लगभग 1100 रुपये की लागत कर सकता है. 12-15 कैप्सूल के लक्षण नियंत्रकों जैसे फोराडील लागत Rs. 4500 के आसपास है. आपको शॉर्ट-एक्टिंग बीटा एगोनिस्ट खरीदने के लिए 650 रुपये से 4000 रुपये के बीच कुछ भी लेना होगा. ब्रोन्कियल थर्माप्लास्ट एक महंगी प्रक्रिया है और इसकी लागत लगभग 10 लाख रुपये है.

अस्थमा के उपचार के प्रभाव कितने समय तक रहते हैं?

अस्थमा का कोई स्थायी इलाज नहीं है क्योंकि यह एक लाइलाज बीमारी है. जिन दवाओं को हम लक्षणों को कम करने या अस्थमा के हमले की गंभीरता को कम करने में मदद करते हैं. यहां तक कि ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी जैसी सर्जिकल प्रक्रियाएं स्मूथ मसल्स पर कार्य करती हैं और गंभीरता को कम करती हैं. लेकिन परिणाम स्थायी नहीं होते हैं क्योंकि एक व्यक्ति एक और दमा के हमले से पीड़ित हो सकता है जब वह धुएं की तरह कुछ पर्यावरणीय ट्रिगर के साथ आता है.

अस्थमा के घरेलू उपचार क्या हैं? Home Remedies for Asthma
अस्थमा के घरेलू उपचार:

प्राकृतिक ट्रिगर्स को पहचानें जो अस्थमा जैसे सेकेंड हैंड धुएं, पालतू जानवरों के फर और हवा में धूल का कारण बनते हैं और उनसे बचते हैं

सरसों का तेल

कपूर के साथ मिश्रित सरसों का तेल अस्थमा के इलाज के लिए एक शक्तिशाली मिश्रण है. जब तक आपको अस्थमा से मदद नहीं मिल जाती, तब तक पूरे सीने में इस मिश्रण को रगड़ें. तेल को गर्म करने से पहले, यह गारंटी देता है कि आप चमक महसूस करते हैं जो तेजी से मदद करता है.

नीलगिरी का तेल

नीलगिरी के तेल के माध्यम से अस्थमा को कंट्रोल में रखने का एक सुविधाजनक उपाय है. बुदबुदाहट वाले पानी की एक कटोरी में नीलगिरी के आवश्यक तेल की कुछ बूंदें मिलाएं और इसकी भाप लें. यह सरल श्वास को प्रोत्साहित करने के लिए किसी भी नाक की रुकावट को खोलने में सहयोगी है.

अदरक

अपने हाथ और शरीर के लिए कई लाभों को देखते हुए, यह वास्तव में आश्चर्यजनक नहीं है कि अदरक को एक सुपरफूड माना जाता है. यह वैसे ही अस्थमा के खिलाफ व्यवहार्य है. अदरक, अमृत और अनार के बराबर मात्रा के साथ एक औषधि तैयार करें - प्रत्येक दिन 2-3 बार इसका सेवन करें.

कॉफ़ी

कॉफी में मौजूद कैफीन अस्थमा के इलाज में मदद करता है. यह नाक के खंड को साफ कर देता है जिससे आप प्रभावी ढंग से सांस ले सकते हैं. इस घटना में कि आप एस्प्रेसो की ओर झुकाव नहीं करते हैं, अंधेरे चाय के लिए जाते हैं. किसी भी मामले में, प्रति दिन 3 कप का सेवन सीमित करें.

अस्थमा रोगियों के लिए सबसे अच्छा आहार क्या है?

अपने डाइट में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने से आप अस्थमा के लक्षणों से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं. चमकीले रंग के फल या सब्जियों में विटामिन ए होता है जो वायु मार्ग में श्लेष्मा झिल्ली को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं. खट्टे फलों में विटामिन सी होता है जो सूजन को कम करता है, इसलिए अपने दैनिक आहार में नींबू को शामिल करना एक अच्छा विचार है.

ग्लूटेन, सोया, नट और अंडे खाद्य एलर्जी का कारण बन सकते हैं जो अस्थमा के हमलों के लिए ट्रिगर का काम कर सकते हैं. इसलिए आपको पता होना चाहिए कि कौन से खाद्य पदार्थ एलर्जी का कारण बन सकते हैं और उनसे बच सकते हैं.

अस्थमा के लिए निवारक उपाय क्या हैं?

अस्थमा एक अप्रत्याशित बीमारी है. विश्लेषकों का मानना है कि यह वंशानुगत और प्राकृतिक दोनों घटकों के मिश्रण के कारण होता है. वे कई गुणों और पारिस्थितिक चर से जुड़े हैं. पर्यावरण तत्व तीव्रता के प्रभारी के एक बड़े हिस्से में हैं. संभावित कारकों की इतनी बड़ी संख्या के साथ जो एक हमले को रोक सकता है, एक को रोकना परीक्षण हो सकता है. अस्थमा के हमलों से रणनीतिक दूरी बनाए रखने के लिए सबसे कुशल पद्धति पर कुछ संकेत दिए गए हैं

अस्थमा ट्रिगर को पहचानें
एलर्जी से बचें
किसी भी प्रकार के स्मोक से दूर रहें
सर्दी से बचें
अतिसंवेदनशीलता आपका घर
अपने टीकाकरण प्राप्त करें
इम्यूनोथेरेपी एलर्जी शॉट्स पर विचार करें
निर्धारित के रूप में अस्थमा दवाओं को स्वीकार करें
अपने अस्थमा एक्शन प्लान का पालन करें
एक होम पीक फ्लो मीटर का उपयोग करें
उपचार के विकल्प क्या हैं?
स्वयं की देखभाल करने से अस्थमा के लक्षणों से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है. नियमित रूप से व्यायाम अस्थमा के हमलों को रोकने में मदद करता है और लक्षणों को भी नियंत्रित करता है. स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है अन्यथा, अस्थमा के लक्षण बदतर हो सकते हैं.

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