13/05/2020
कल 14 मई 2020 को बृहस्पति ग्रह वक्री होने जा रहा हैं। यह गुरु 13 सितंबर 2020 तक यही रहेंगे।देवगुरु बृहस्पति 14 मई की की शाम 07 बजकर 56 मिनट पर 4 माह के लिए वक्री हो रहे हैं
गुरु को सृष्टि का आध्यात्मिक ज्ञान प्रदाता कहा गया है।34 दिनों तक गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु ये 5 ग्रह वक्री रहेंगे।
इस ग्रह की दो राशियां हैं- पहली धनु और दूसरी मीन। यह ग्रह कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। जब बृहस्पति ग्रह वक्री होता है तो स्वाभाविक रूप से कर्क राशि वालों के लिए सका -रात्मक और मकर राशि वालों के लिए नकारात्मक असर देता है। लेकिन बृहस्पति जब अन्य राशियों में भ्रमण करता है तो उसका इस राशि वालों लोगों के लिए फल अलग होता है।जब कि शुक्र ग्रह के लिए पहली वृषभ और दूसरी तुला है। यह ग्रह मीन राशि में में उच्च और कन्या राशि में नीच का होता है। जब यह ग्रह वक्री होता है तो स्वाभाविक रूप से मीन राशि वालों के लिए सकारात्मक और कन्या राशि वालों के लिए नकारात्मक असर देता है। लेकिन शुक्र जब अन्य राशियों में भ्रमण करता है तो उसका इस राशि वालों लोगों के लिए फल अलग होता है
यह आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं, आंधी तूफानों के अधिक से अधिक आने के संकेत है।और किसी भी तरह की बीमारी से निजाद मिलने के असार बनते है। लेकिन अर्थ व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ता है। उसके लिए बचाव जरूरी है।
गुरु के लिए तांत्रोक्त मंत्र 108 बार करना चाहिए।
"ऊँ ऎं क्रीं बृहस्पतये नम:"
"ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:"
"ऊँ श्रीं श्रीं गुरवे नम:"
"घर रहे, सुरक्षित रहे🙏🏻🙏🏻
डॉ ब्रह्म भाटिया- 9414220573(पामिस्ट)