ASTRO SOLUTION

ASTRO SOLUTION आपकी हर समस्या का समाधान

ॐ मित्राय नमः, ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदि...
20/07/2025

ॐ मित्राय नमः, ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः 🕉 *Surya Narayan Bhagwan Namo Namah, Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna*

*ॐ नमो भगवते वासुदेवाय. शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥🕉 Namo Bhagvate Vasud...
10/07/2025

*ॐ नमो भगवते वासुदेवाय. शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥
🕉 Namo Bhagvate Vasudevaye Namah Hari 🕉 Tattsat Sat Narayan Bhagwan ki Jai, Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna, Sat Guru Vishnave Satgurave Nityam, Sarva Dukha Haraya Cha।
Bhakta Rakshaka Dayalu, Moksha Dvara Prakashaka॥*

ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात:वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वका...
09/07/2025

ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात:वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥: *Jai Shree Ganeshay Namah, Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna

*ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय* *रामदूताय स्...
08/07/2025

*ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा: ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय* *रामदूताय स्वाहा Jai Bajrangbali Hanuman Ji ki Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna There is nothing impossible for the one who has true devotion and courage.” Hanuman Ji always protects and destroy the evil

“With unwavering faith and effort, even the oceans can be crossed.”*

“Fear does not exist where Hanuman’s name is chanted with love and trust.

*हनुमान जी और शनिदेव दोनों को प्रसन्न करने के लिए कई शक्तिशाली मंत्र हैं। हनुमान जी के शक्तिशाली मंत्रों में "ॐ हं हनुमत...
05/07/2025

*हनुमान जी और शनिदेव दोनों को प्रसन्न करने के लिए कई शक्तिशाली मंत्र हैं। हनुमान जी के शक्तिशाली मंत्रों में "ॐ हं हनुमते नमः" और "ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा" प्रमुख हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप किया जाता है।* *Jai Baajrangbali Hanuman Ji ki, Jai Shani Dev Ji Ki Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna*

*सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥रिपव: संक्षयम् यान्ति कल्याणम चोपपद...
04/07/2025

*सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥रिपव: संक्षयम् यान्ति कल्याणम चोपपद्यते |
नन्दते च कुलम पुंसाम माहात्म्यम मम श्रृणुयान्मम Jai Mata Rani Jai Durga Mata ki , Mata hum saab aap ke abhaari hai Mata hamesa Nakar Atma se dur karna Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna. Every day is knew day let's thank alimghty God for new thinking and let's be fear of God and Godess by clean heart ❤️*

हर हर महादेव
03/07/2025

हर हर महादेव

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।वन्...
03/07/2025

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्॥
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
➡️ *यह मंत्र विष्णु सहस्त्रनाम के प्रारंभ में आता है, और भगवान विष्णु के दिव्य स्वरूप का ध्यान करने में सहायक है। Hari 🕉 Tattsat, SAT NARAYAN BHAGWAN KI JAI Jai Shree Sita Ram Jai Shree Radhey Krishna*

दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
12/11/2023

दिपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं

हर हर महादेव
01/10/2023

हर हर महादेव

✍️✍️✍️✍️ *सामर्थ्य का अर्थ यह नहीं कि आप दूसरों को कितना झुका सकते हो अपितु यह है, कि आप स्वयं कितना झुक सकते हो। जीवन क...
26/09/2023

✍️✍️✍️✍️

*सामर्थ्य का अर्थ यह नहीं कि आप दूसरों को कितना झुका सकते हो अपितु यह है, कि आप स्वयं कितना झुक सकते हो। जीवन की महानता और कुछ नहीं केवल सामर्थ्य के साथ विनम्रता का आना ही तो है। जहाँ समर्थता होती है, वहाँ कई बार विनम्रता का अभाव ही देखा जाता है।*

*सामर्थ्य आते ही व्यक्ति के अन्दर सम्मान का भाव भी जागृत हो जाता है। सम्मान पाने वाले नहीं देने वाले बनो। बल का उपयोग स्वयं सम्मान प्राप्त करने के लिए नहीं, दूसरों के सम्मान की रक्षा के लिए करो। भगवान श्री कृष्ण बलवान होने के साथ-साथ पूरे जीवन शीलवान बने रहे।*

*भला वह सामर्थ्य भी किस काम का ? जो व्यक्ति की नम्रता का हरण व अहंकार को पुष्ट करता हो। अत: झुक के जीना सीखो ताकि दूसरों के आशीर्वाद भरे हाथ सहजता से आपके सिर तक पहुँच सकें। बिना झुके विवाद मिल जाएगा, आशीर्वाद नहीं।*

*सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा―**हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी...
14/09/2023

*सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा―*
*हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी में अवश्य आना, मैं तुम्हें पुरस्कार दूँगा,*
*लकड़हारे ने कहा―बहुत अच्छा।*
*इस घटना को घटे पर्याप्त समय व्यतीत हो गया, अन्ततः लकड़हारा एक दिन चलता-फिरता राजधानी में जा पहुँचा और राजा के पास जाकर कहने लगा―*
*मैं वही लकड़हारा हूँ, जिसने आपको पानी पिलाया था,*
*राजा ने उसे देखा और अत्यन्त प्रसन्नता से अपने पास बिठाकर सोचने लगा कि- इस निर्धन का दुःख कैसे दूर करुँ ?*
*अन्ततः उसने सोच-विचार के पश्चात् चन्दन का एक विशाल उद्यान (बाग) उसको सौंप दिया।*
*लकड़हारा भी मन में प्रसन्न हो गया। चलो अच्छा हुआ। इस बाग के वृक्षों के कोयले खूब होंगे, जीवन कट जाएगा।*
*यह सोचकर लकड़हारा प्रतिदिन चन्दन काट-काटकर कोयले बनाने लगा और उन्हें बेचकर अपना पेट पालने लगा।*
*थोड़े समय में ही चन्दन का सुन्दर बगीचा एक वीरान बन गया, जिसमें स्थान-स्थान पर कोयले के ढेर लगे थे। इसमें अब केवल कुछ ही वृक्ष रह गये थे, जो लकड़हारे के लिए छाया का काम देते थे।*
*राजा को एक दिन यूँ ही विचार आया। चलो, तनिक लकड़हारे का हाल देख आएँ। चन्दन के उद्यान का भ्रमण भी हो जाएगा। यह सोचकर राजा चन्दन के उद्यान की और जा निकला।*
*उसने दूर से उद्यान से धुआँ उठते देखा। निकट आने पर ज्ञात हुआ कि चन्दन जल रहा है और लकड़हारा पास खड़ा है।*
*दूर से राजा को आते देखकर लकड़हारा उसके स्वागत के लिए आगे बढ़ा।*
*राजा ने आते ही कहा― भाई ! यह तूने क्या किया ?*
*लकड़हारा बोला― आपकी कृपा से इतना समय आराम से कट गया। आपने यह उद्यान देकर मेरा बड़ा कल्याण किया।*
*कोयला बना-बनाकर बेचता रहा हूँ। अब तो कुछ ही वृक्ष रह गये हैं। यदि कोई और उद्यान मिल जाए तो शेष जीवन भी व्यतीत हो जाए।*
*राजा मुस्कुराया और कहा― अच्छा, मैं यहाँ खड़ा होता हूँ। तुम कोयला नहीं, प्रत्युत इस लकड़ी को ले-जाकर बाजार में बेच आओ।*
*लकड़हारे ने दो गज [ लगभग पौने दो मीटर ] की लकड़ी उठाई और बाजार में ले गया।*
*लोग चन्दन देखकर दौड़े और अन्ततः उसे तीन सौ रुपये मिल गये, जो कोयले से कई गुना ज्यादा थे।*
*लकड़हारा मूल्य लेकर रोता हुआ राजा के पास आय और जोर-जोर से रोता हुआ अपनी भाग्यहीनता स्वीकार करने लगा।*
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*इस कथा में चन्दन का बाग मनुष्य का शरीर और हमारा एक-एक स्वास चंदन का वृक्ष और अज्ञानता वस हम इस चंदन के वृक्ष को कोयले में तब्दील कर रहे हैं*

*लोगों के साथ बैर, द्वेष, क्रोध, लालच, ईर्ष्या, मनमुटाव, को लेकर खिंच-तान आदि की अग्नि में हम इस

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