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Wishing you a day of pride, honour, and celebration for our beautiful country.
15/08/2025

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    भारतीय मसालों की रसोई में मौजूद एक छोटा-सा तत्व – लौंग (Laung), आयुर्वेद के अनुसार एक चमत्कारी औषधि है। लौंग केवल स्...
26/07/2025

भारतीय मसालों की रसोई में मौजूद एक छोटा-सा तत्व – लौंग (Laung), आयुर्वेद के अनुसार एक चमत्कारी औषधि है। लौंग केवल स्वादवर्धक नहीं बल्कि औषधीय गुणों की खान है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे वात और कफ दोष नाशक माना गया है। इसकी तीक्ष्ण सुगंध, ऊष्ण प्रभाव और औषधीय तासीर शरीर की कई समस्याओं को मिटाने में सहायक है।

👉 संस्कृत नाम: लवंग
👉 वैज्ञानिक नाम: Syzygium aromaticum
👉 कुल: Myrtaceae
👉 प्रभाव: कफ-वात शामक, अग्निदीपक, शूलहर, मुखशुद्धिकर, ज्वरहर

🔷 लौंग के आयुर्वेदिक गुण (Laung ke Ayurvedic Gun):
रस: कटु (तीखा), तिक्त (कसैला)

गुण: लघु, तीक्ष्ण, रुक्ष

वीर्य: उष्ण (गर्म)

विपाक: कटु (पचने के बाद भी तीखा प्रभाव देता है)

दोष प्रभाव: कफ और वात को शांत करता है, पित्त को बढ़ा सकता है।

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता दोनों में लौंग को वातनाशक और पाचनवर्धक कहा गया है।

🔷 लौंग के रहस्यमयी आयुर्वेदिक नुस्खे (Secret Remedies of Laung in Ayurveda):
1️⃣ गले में खराश और कफ की समस्या
उपाय: एक लौंग को शहद के साथ चूसें।
लाभ: गला साफ होगा, बलगम ढीला पड़ेगा, खांसी में राहत।
🟢 #लौंगसेखांसीकाउपचार

2️⃣ दांत का दर्द और दुर्गंध
उपाय: लौंग के तेल की 2 बूंदें रुई में डालकर दर्द वाले दांत पर रखें।
लाभ: दर्द, सूजन, और सांस की बदबू में राहत।
🟢 #लौंगसेदांतदर्द

3️⃣ पाचन तंत्र को सुधारने वाला चूर्ण
उपाय: भुनी हुई लौंग, काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर चूर्ण बनाएं।
सेवन विधि: भोजन के बाद 1 चुटकी लें।
लाभ: गैस, अपच और भूख की कमी में लाभ।
🟢 #लौंगसेपाचनसुधार

4️⃣ जुकाम और बंद नाक
उपाय: लौंग को तवे पर सेंक कर कपड़े में लपेटकर सूंघें।
लाभ: नाक खुलेगी, सिरदर्द में भी आराम मिलेगा।
🟢 #लौंगसेसर्दीका_इलाज

5️⃣ मुँह के छाले और गंध
उपाय: लौंग को पीसकर मिश्री के साथ मिलाकर छालों पर लगाएं।
लाभ: जलन शांत होती है और मुँह साफ रहता है।
🟢 #लौंगसेछालोंकामुक्ति

6️⃣ स्त्रियों की मासिक समस्याएं
उपाय: लौंग, अदरक, दालचीनी का काढ़ा बनाएं।
सेवन विधि: पीरियड्स के पहले 3 दिन तक दिन में दो बार पिएं।
लाभ: दर्द और ऐंठन में राहत।
🟢 #लौंगसेपीरियड्स_आराम

7️⃣ मानसिक तनाव और नींद न आना
उपाय: रात को दूध में लौंग का पाउडर डालकर पिएं।
लाभ: तनाव कम होगा, नींद अच्छी आएगी।
🟢 #लौंगसेनींदशांति

8️⃣ त्वचा के फोड़े-फुंसियों पर प्रयोग
उपाय: लौंग पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
लाभ: सूजन कम होगी, बैक्टीरिया खत्म होंगे।
🟢 #लौंगसेत्वचासफाई

9️⃣ श्वास रोगों के लिए
उपाय: लौंग, तुलसी, काली मिर्च, शहद मिलाकर सेवन करें।
लाभ: अस्थमा, खांसी, सांस की तकलीफ में राहत।
🟢 #लौंगसेश्वासउपचार

🔷 लौंग का उपयोग कैसे करें? (How to Use Clove?)
समस्या विधि मात्रा समय
खांसी/गला दर्द शहद के साथ चूसें 1-2 लौंग दिन में 3 बार
दांत दर्द लौंग का तेल 1-2 बूंद दर्द होने पर
पाचन चूर्ण के रूप में 1 चुटकी भोजन के बाद
नींद दूध में 1 चुटकी पाउडर रात को

🔷 लौंग से बने आयुर्वेदिक उत्पाद:
लवंगादि वटी: मुख रोगों के लिए

दन्तमंजन चूर्ण: दांत-मसूड़ों की देखभाल

लवंग तेल: दर्द और कीटाणुनाशक

🔷 सावधानियां:
अत्यधिक सेवन से पित्त बढ़ सकता है, सीने में जलन हो सकती है।

गर्भवती महिलाएं या हाई बीपी रोगी डॉक्टरी सलाह के बाद ही लें।

लौंग का तेल हमेशा डायल्यूट करके ही लगाएं।

🔷 निष्कर्ष:
लौंग, एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि है जो आपकी रसोई में पहले से मौजूद है। अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह छोटी-सी कली कई बड़े रोगों को मात दे सकती है। लौंग का महत्व केवल रसोई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली का हिस्सा है।

#लौंगकेफायदे #घरेलूनुस्खे #लवंगचमत्कार #आयुर्वेद_ज्ञान #स्वस्थभारत #प्राकृतिकचिकित्सा #मसालोंकाऔषधियुपयोग #लौंगसेइलाज

🌿 शरीर के हर रोग का जड़ है – वात, पित्त और कफ का असंतुलन!💡 और इसका समाधान है आपके ही रसोई में छिपा हुआ!इसे सेव करके रखें...
25/07/2025

🌿 शरीर के हर रोग का जड़ है – वात, पित्त और कफ का असंतुलन!
💡 और इसका समाधान है आपके ही रसोई में छिपा हुआ!
इसे सेव करके रखें – ऐसी पोस्ट बार-बार नहीं मिलती! ❤️

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🧠 क्या आप जानते हैं?
हमारा पूरा शरीर तीन प्रमुख दोषों से संचालित होता है:

🔹 वात (GAS) – लगभग 80 रोगों का कारण
🔸 पित्त (ACIDITY) – लगभग 40 रोगों की जड़
🔹 कफ (COUGH) – लगभग 28 रोगों की वजह

👉 इन तीनों दोषों का संतुलन ही स्वास्थ्य का मूल मंत्र है!

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🌬 1. वात दोष (GAS) – जब शरीर में हवा रुके, दर्द पैदा हो!

लक्षण:

सिर दर्द, पेट दर्द, कमर दर्द

घुटनों की घिसावट, स्लिप डिस्क

डकारें, चक्कर, हिचकी, घबराहट

कारण:

ज्यादा दालें, बेसन, मैदा

दूध, दही, चिकनाई वाले पदार्थ

व्यायाम की कमी, कमजोर आंतें

उपचार:
🍵 अदरक, लहसुन, मेथी दाना – गैस और ब्लॉकेज खत्म करते हैं
🔥 गर्म-ठंडी सिकाई – दर्द वाले हिस्से पर बारी-बारी से

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💧 2. कफ दोष (COUGH) – बलगम निकले, सर्दी-खाँसी बढ़े!

लक्षण:

बलगम, अस्थमा, सांस की दिक्कत

टीबी, निमोनिया, सर्दी-जुकाम

कारण:

ठंडी चीजें, दूध-दही, तला-भुना

धूल, धुआं, विटामिन C की कमी

उपचार:
🍋 आंवला – विटामिन C का राजा
🧄 लहसुन, अदरक – कफ पिघलाकर बाहर निकालें
🌞 धूप में बैठना, गुनगुने पानी से गरारे करना

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🔥 3. पित्त दोष (ACIDITY) – जब शरीर में जलन ही जलन हो!

लक्षण:

खट्टी डकारें, पेट और मूत्र में जलन

बीपी, शुगर, मोटापा

तनाव, चिड़चिड़ापन, त्वचा में जलन

कारण:

मिर्च-मसाले, चाय-कॉफी, शराब

तले हुए खाद्य पदार्थ, क्रोध और तनाव

दवाइयों का अधिक सेवन

उपचार:
🥛 फटा हुआ दूध का पानी – अमृत समान
🍉 फल और सब्जियों का रस
🧘 योग, प्राणायाम और ठंडी पट्टी रीढ़ पर

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💥 Bonus Tips – स्वास्थ्य की चाबी!

🔑 एनीमा – बड़ी आंत को साफ करता है, हर रोग का मूल समाधान
🔑 वात-पित्त-कफ तीनों पर नियंत्रण = जीवन भर स्वस्थ
🔑 प्राकृतिक उपाय सबसे सुरक्षित, बिना साइड इफेक्ट

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🌟 निष्कर्ष:
"अगर शरीर में संतुलन चाहिए, तो दोषों पर नियंत्रण जरूरी है।
और समाधान है – आपके अपने किचन में!" 🏡🌿

🛑 इसे सेव करें, शेयर करें – क्योंकि स्वास्थ्य ही सच्चा धन है!

  "मुलेठी" – एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही ज़बान पर मिठास सी घुल जाती है। यह केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि अपने शीतल, बलवर्धक...
25/07/2025

"मुलेठी" – एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही ज़बान पर मिठास सी घुल जाती है। यह केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि अपने शीतल, बलवर्धक, रोगनाशक और संजीवनी गुणों के कारण प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में एक प्रतिष्ठित स्थान रखती है।

संस्कृत नाम: यष्टीमधु
बोटैनिकल नाम: Glycyrrhiza glabra
स्वाद: मधुर (मीठा)
गुणधर्म: गुरु, स्निग्ध
वीर्य: शीत
विपाक: मधुर

मुलेठी की जड़ में इतनी औषधीय शक्तियां समाई हुई हैं कि इसे आयुर्वेद में कई उपचारों की मूल औषधि माना गया है। चलिए जानते हैं इस ‘मिठास भरे चमत्कार’ के अनसुने तथ्य और घर में आज़माए जाने वाले आयुर्वेदिक उपाय।

🔍 अज्ञात तथ्य (Unknown Ayurvedic Facts)
1. वात-पित्त का संतुलन बनाए
मुलेठी शीतल होती है और पित्त को शांत करती है, लेकिन विशेष बात यह है कि यह वात को भी नियंत्रित करती है।


2. धूम्रपान छोड़ने में सहायक
मुलेठी की डंडी को चबाने से धूम्र की लत धीरे-धीरे कम होती है। यह तृप्ति देती है और गले को राहत भी।


3. स्त्री रोगों में उपयोगी
मुलेठी को शतावरी व अशोक के साथ लिया जाए तो यह स्त्रीजनित हार्मोनल असंतुलन, मासिक धर्म की अनियमितता और गर्भाशय की दुर्बलता में चमत्कारी है।


4. स्वर (Voice) को सुंदर बनाए
मुलेठी गायक, वक्ता और शिक्षकों के लिए अमृत समान है। स्वर को मधुर, स्पष्ट और ताकतवर बनाती है।


5. शरीर में प्राकृतिक स्टेरॉइड का निर्माण बढ़ाए
मुलेठी की जड़ में उपस्थित ‘ग्लायसिरिज़िन’ (Glycyrrhizin) शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन के समान कार्य करता है, जिससे तनाव में राहत और सूजन में कमी आती है।


6. त्वचा रोगों में उपयोगी
मुलेठी में मेलानिन निर्माण नियंत्रित करने की क्षमता होती है। इसका पाउडर दही या एलोवेरा के साथ चेहरे पर लगाने से झाइयां, मुंहासे, काले धब्बे दूर होते हैं।


🏡 घर में अपनाएं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे (Home Remedies)
✅ 1. गला बैठा है या खांसी है?
उपाय:

1/2 चम्मच मुलेठी चूर्ण + 1 चम्मच शहद

दिन में दो बार सेवन करें।
👉 लाभ: गले को शीतलता, बलगम शमन, स्वर सुधार



✅ 2. गैस्ट्रिक या अल्सर की समस्या
उपाय:

मुलेठी चूर्ण को दूध में मिलाकर उबालें।

रोज़ सुबह खाली पेट पिएं।

👉 लाभ: अम्लपित्त, जलन, गैस व पेट दर्द में लाभ



✅ 3. तनाव या अनिद्रा
उपाय:

मुलेठी + अश्वगंधा + शंखपुष्पी का सम मिश्रण

एक चम्मच रात को सोने से पहले दूध के साथ

👉 लाभ: मानसिक शांति, नींद में सुधार



✅ 4. त्वचा पर दाग या धब्बे
उपाय:

मुलेठी पाउडर + दूध या गुलाबजल

15 मिनट चेहरे पर लगाएं, फिर धो लें

👉 लाभ: साफ, चमकदार और दाग-धब्बों रहित त्वचा



✅ 5. मौसमी सर्दी-जुकाम
उपाय:

मुलेठी + तुलसी + अदरक + शहद की काढ़ा

👉 लाभ: प्रतिरक्षा बढ़े, गला साफ हो, जुकाम नियंत्रित हो



📚 आयुर्वेद में मुलेठी का विशेष उल्लेख
चरक संहिता में मुलेठी को “कंठ्य”, “रसायन” और “वृष्य” कहा गया है। इसका मतलब –

कंठ्य: जो गले के रोगों को ठीक करे

रसायन: जो शरीर में नई ऊर्जा व कोशिकाएं बनाए

वृष्य: जो प्रजनन शक्ति को बढ़ाए

सुश्रुत संहिता में इसे नेत्रज विकार, अग्निमांद्य, हृदय रोग और श्वास रोग में विशेष उपयोगी माना गया है।

⚠️ सावधानियाँ (Precautions)
उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति सीमित मात्रा में लें

लंबे समय तक अत्यधिक सेवन से जलन या BP बढ़ सकता है

गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह पर ही लें



🔚 निष्कर्ष:
मुलेठी एक सरल, सस्ती लेकिन अत्यंत शक्तिशाली औषधि है। चाहे वह गले की खराश हो, तनाव हो या पाचन की समस्या – यह हर घर के आयुर्वेदिक बॉक्स में होनी ही चाहिए।
जिस तरह से शहद में सबको जोड़ने की शक्ति है, वैसे ही मुलेठी भी एक ‘मधुर चमत्कार’ है जो शरीर, मन और त्वचा – तीनों को संवारने में सहायक है।

#मुलेठी_के_फायदे #घरेलूनुस्खे #आयुर्वेदिकउपचार

    आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या ने पेट की समस्याओं को आम बना दिया है। गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी...
24/07/2025

आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या ने पेट की समस्याओं को आम बना दिया है। गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं अब हर घर की परेशानी बन चुकी हैं। ऐसे में आयुर्वेद का एक दिव्य फार्मूला है – #अविपत्तिकर चूर्ण। यह न सिर्फ पेट की बीमारियों से राहत देता है, बल्कि पूरे पाचन तंत्र को संतुलित करके शरीर की अग्नि ( ) को भी सशक्त करता है।

📜 आयुर्वेदिक व्याख्या:
‘अविपत्तिकर’ शब्द का अर्थ है – “जो पित्त को विपत्तिकर (हानिकारक) बनने से रोके”।
यह एक त्रिदोष नाशक चूर्ण है लेकिन विशेषतः पित्त और अम्लपित्त को नियंत्रित करने में श्रेष्ठ माना जाता है।

चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और भावप्रकाश निघण्टु जैसे प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।

🧪 मुख्य घटक:
हर घटक विशेष उद्देश्य से शामिल किया गया है:

हरड़ (हरीतकी) – कब्ज नाशक, शरीर की सफाई करती है

बहेड़ा – पाचन तंत्र को मजबूत करता है

आंवला – अम्लपित्त और जलन को शांत करता है

सौंठ (शुण्ठी) – गैस और अपच के लिए

पिपली – अग्नि को तेज करता है

मरिच (काली मिर्च) – विषहर, शूल निवारक

निशोथ – सौम्य विरेचक

विदांग – कृमिनाशक

इलायची – मुखशुद्धि और स्वादवर्धक

शर्करा – अन्य औषधियों को संतुलित करती है

🩺 औषधीय गुण (Therapeutic Properties):
दीपनीय (Digestive fire enhancing)

पाचन सुधारक

अम्लपित्त शामक

रेचक (Mild laxative)

अग्निवर्धक

पेट की सूजन एवं भारीपन दूर करने वाला

वात-पित्त-कफ संतुलक

⚕️ उपयोग और लाभ:
🔹 1. एसिडिटी और अम्लपित्त में रामबाण:
जो लोग बार-बार सीने में जलन, खट्टी डकारें या मुंह का स्वाद बिगड़ने की शिकायत करते हैं, उनके लिए अविपत्तिकर चूर्ण अमृत समान है।

🔹 2. कब्ज और मलावरोध में लाभकारी:
यह चूर्ण मल को मुलायम बनाता है और नियमितता लाता है।

🔹 3. पेट दर्द, गैस और अपच:
भोजन के बाद पेट फूलना, गैस बनना, डकारें आना – ये सभी लक्षण इस चूर्ण से समाप्त होते हैं।

🔹 4. पाचन तंत्र की संपूर्ण सफाई:
त्रिफला आधारित होने के कारण यह लीवर, आँतों और पेट को गहराई से शुद्ध करता है।

🔹 5. लंबे समय तक एंटासिड लेने वालों के लिए विकल्प:
जो लोग एलोपैथिक एंटासिड से परेशान हैं, उनके लिए यह बिना किसी साइड इफेक्ट के स्थायी समाधान है।

🕰️ सेवन विधि (Usage):
मात्रा: 3 से 6 ग्राम (आधा से एक चम्मच)

समय: भोजन के बाद गुनगुने पानी या शहद के साथ

विशेष: सुबह खाली पेट कब्ज की समस्या के लिए भी लिया जा सकता है।

⚠️ सावधानियाँ:
गर्भवती महिलाएं वैद्य की सलाह से लें

अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त हो स

    🌙 रात का भोजन: केवल पेट नहीं, तन-मन को भी देना चाहिए विश्राम!“जैसा खाए अन्न, वैसा होए मन।”यह कहावत आयुर्वेद में केवल...
24/07/2025

🌙 रात का भोजन: केवल पेट नहीं, तन-मन को भी देना चाहिए विश्राम!
“जैसा खाए अन्न, वैसा होए मन।”
यह कहावत आयुर्वेद में केवल दिन के खाने पर नहीं, बल्कि रात्रि के आहार पर भी लागू होती है। रात का भोजन हल्का, सुपाच्य और शरीर को शांति देने वाला होना चाहिए, क्योंकि यह शरीर की मरम्मत, नींद की गुणवत्ता और अगले दिन की ऊर्जा को प्रभावित करता है।

आयुर्वेद कहता है — “रात्रौ भोजनं लघु भूयात्” अर्थात् रात को भोजन हमेशा हल्का होना चाहिए।

तो आइए जानते हैं वो 10 श्रेष्ठ आयुर्वेदिक आहार, जिन्हें रात में लेने से पाचन तंत्र ठीक रहता है, नींद बेहतर होती है और जीवनशैली रोगों से दूर रहती है।

🥗 1. मूंग की दाल – सुपाच्य और शांति देने वाली
मूंग की दाल आयुर्वेद में त्रिदोष नाशक मानी जाती है। यह हल्की, सुपाच्य और शाम के भोजन के लिए आदर्श होती है।
गुण: वात-पित्त-कफ संतुलित करती है, नींद को बढ़ावा देती है, पेट साफ रखती है।

👉 घरेलू सुझाव: मूंग की पतली खिचड़ी में देसी घी डालें और सेंधा नमक के साथ सेवन करें।

🍚 2. सादी खिचड़ी – रात्रि की उत्तम थाली
मूंग दाल और चावल की सादी खिचड़ी को आयुर्वेद रात्रि भोज में सर्वश्रेष्ठ मानता है। यह पचने में आसान होती है और अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) को शांत करती है।

गुण: बुखार, अपच, कब्ज, तनाव और अनिद्रा में फायदेमंद।

🥛 3. गुनगुना दूध – निद्रा और शक्ति का सूत्र
आयुर्वेदिक ग्रंथों में गुनगुने दूध में केसर, हल्दी या जायफल मिलाकर सेवन करने की सलाह दी गई है।
गुण: वात और पित्त को शांत करता है, नींद गहरी करता है, मांसपेशियों की मरम्मत में सहायक।

👉 सावधानी: जिनको लैक्टोज इन्टॉलरेंस है, वे गाय का दूध या बकरी का दूध ले सकते हैं।

🍌 4. पकी हुई केले की सब्जी या उबला केला
कच्चा केला भारी होता है, लेकिन पका हुआ केला आयुर्वेदिक दृष्टि से वात नाशक और सुपाच्य होता है।
गुण: पाचन ठीक करता है, ऊर्जा देता है, नींद बढ़ाता है।

🥥 5. नारियल पानी या नारियल की गिरी
रात्रि भोजन के बाद थोड़ा-सा कच्चा नारियल या उसका पानी शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देता है।
गुण: पित्त को शांत करता है, त्वचा को साफ रखता है, अनिद्रा में लाभदायक।

🍠 6. उबली हुई शकरकंद
यह ऊर्जा देने वाला खाद्य है, जो गैस और अपच नहीं करता। इसमें फाइबर भरपूर होता है।
गुण: वात दोष शांत करता है, नींद में सहायक, पेट साफ करता है।

🍲 7. लौकी की सब्ज़ी – सबसे हल्की और शांतिदायक
लौकी को आयुर्वेद में “शीतल प्रकृति” का माना गया है, जो पेट को ठंडक देती है।
गुण: नींद को उत्तम बनाती है, पाचन सुधारती है, पे

बवासीर को भगाए जड़ से .. वो भी सिर्फ 15 दिनो मे..
19/06/2025

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10/06/2025

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5 foods that detox your kidneysOur kidneys perform one of the most important functions of the body, that is filtering wa...
31/05/2025

5 foods that detox your kidneys

Our kidneys perform one of the most important functions of the body, that is filtering waste and toxins from the blood, balancing fluids, and maintaining overall health. It is extremely important to keep your kidneys healthy, as long term kidney abuse can even lead to a complete and irreversible kidney failure. While eating healthy food, drinking a lot of water, and avoiding alcohol are key to filtering your kidneys, do you know that there are some foods too, that can naturally detox your kidneys? Here they are...



Lemon juice is a powerful natural cleanser for the kidneys. It contains citric acid, which increases citrate levels in urine. This helps prevent the formation of kidney stones by stopping crystals from sticking together. Lemon juice also helps flush out waste and toxins from the body.

Drinking diluted lemon juice daily can reduce the chance of kidney stones and support kidney health. For those who already have kidney stones, combining lemon juice with olive oil may help stones pass more smoothly.



Watermelon is not only delicious but also excellent for kidney health. It acts as a mild diuretic, meaning it helps increase urine production, which flushes out toxins from the kidneys. Watermelon is rich in lycopene, an antioxidant that supports heart and kidney function.

It also contains potassium salts that help regulate the acidity of urine, preventing kidney stone formation. Eating watermelon regularly keeps you hydrated and supports the natural cleansing process of your kidneys.


Rajma are named after their shape, which resembles the kidneys, and they are great for kidney health too. They are rich in fiber, vitamin B, and minerals that help remove waste and toxins from the kidneys. Rajma also help flush out kidney stones and improve the function of the urinary tract.

Including Rajma in your diet can support your kidneys’ natural cleaning process and boost overall urinary health.



Pomegranate juice and seeds are packed with potassium, which helps reduce the acidity of urine and prevent kidney stone formation. Its astringent properties stop minerals from crystallizing and forming stones. Pomegranate also flushes out toxins and waste from the kidneys, improving their function.

Regular consumption of pomegranate supports kidney health and can protect against infections and inflammation.


mushrooms contain vitamin B and D which helps in regulating the kidney and its functions and even prevent kidney related diseases. Crimini, Enoki, Oyster, Portobello, Shiitake or White button - all mushrooms are full with essential nutrients. It supports our immune system and prevents any harm done to the cells or tissues. These must be included in the diet as part of foods for kidney health.

Source Internet

19/05/2025

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05/05/2025

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03/05/2025


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7 Tulsi Drops:

A dietary supplement derived from extracts of seven different varieties of tulsi (Holy Basil), like Shyam Tulsi, Rama Tulsi, and others.

Potential Health Benefits:

Supposedly provides benefits such as:

Immunity Boost: Tulsi is believed to strengthen the immune system.

Cough and Cold Relief: May help alleviate respiratory symptoms.

Antioxidant Properties: Tulsi is a source of antioxidants that may combat free radical damage.

Other Potential Benefits: Some manufacturers claim additional benefits like improved skin health, liver health, and reduced stress.

How to use it:

Dosage: Typically, 3-5 drops are added to water, tea, or another warm beverage 2-3 times a day.

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Tezpur
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