15/08/2025
"पंद्रह अगस्त: नशे से आज़ादी की ओर भारत का संकल्प"
संस्था: आरोग्य सेवा संस्थान
15 अगस्त भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में केवल विदेशी शासन से मिली राजनीतिक आज़ादी का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए सामाजिक, आर्थिक और मानसिक बंधनों से मुक्ति का भी संदेश देता है। आज देश के सामने एक बड़ा सामाजिक संकट नशा है—जो युवाओं की क्षमता, समाज की उत्पादकता और राष्ट्र के भविष्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
इस रिपोर्ट का उद्देश्य है "भारत को नशे से स्वतंत्र कैसे बनाया जा सकता है"—इस दिशा में ठोस उपाय और रणनीतियाँ प्रस्तुत करना।
2. भारत में नशे की वर्तमान स्थिति
अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रिपोर्ट (UNODC, 2024) के अनुसार, भारत में लगभग 3 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में नशे के आदी हैं।
युवाओं (15–35 वर्ष) में नशे की लत का प्रतिशत 60% से अधिक है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब और गांजा का प्रचलन अधिक, जबकि शहरी क्षेत्रों में सिंथेटिक ड्रग्स, कोकीन, हेरोइन की खपत बढ़ रही है।
पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों में नशे का प्रसार गंभीर स्तर पर है।
3. नशे से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक हानि
1. स्वास्थ्य पर प्रभाव: लिवर, किडनी, फेफड़ों की बीमारियां, मानसिक रोग, और मृत्यु दर में वृद्धि।
2. अपराध वृद्धि: चोरी, हिंसा, घरेलू हिंसा और सड़क हादसों में बढ़ोतरी।
3. आर्थिक हानि: कार्यक्षमता में कमी, स्वास्थ्य खर्च में वृद्धि, और उत्पादकता का नुकसान।
4. परिवार विघटन: नशे की लत से घर-परिवार टूटना, बच्चों का भविष्य प्रभावित होना।
4. नशे से आज़ादी का महत्व
स्वतंत्रता दिवस पर "नशामुक्त भारत" का संकल्प केवल स्वास्थ्य का ही नहीं, बल्कि राष्ट्र की असली ताकत—युवा शक्ति—को बचाने का संकल्प है।
नशामुक्ति = स्वस्थ नागरिक + मजबूत अर्थव्यवस्था + अपराध में कमी + सामाजिक एकता
5. नशे से आज़ादी के लिए राष्ट्रीय रणनीति
5.1 जागरूकता अभियान
स्कूल, कॉलेज और गांव-गांव में नशे के नुकसान पर इंटरैक्टिव सेमिनार।
सोशल मीडिया, रेडियो और टीवी पर "नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो" जैसे राष्ट्रीय संदेश।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में "नशामुक्त भारत शपथ" शामिल करना।
5.2 कानूनी सख्ती
अवैध ड्रग माफिया पर कड़ी कार्यवाही, NDPS Act का सख्ती से पालन।
सीमा क्षेत्रों और तटीय इलाकों में ड्रग तस्करी पर विशेष निगरानी।
5.3 नशामुक्ति केंद्रों का विस्तार
हर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त आधुनिक नशामुक्ति केंद्र।
पुनर्वास के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण ताकि व्यक्ति आत्मनिर्भर बने।
5.4 युवा नेतृत्व और वालंटियर नेटवर्क
आरोग्य सेवा संस्थान के अंतर्गत युवा स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर ड्रग-फ्री कम्युनिटी मिशन चलाना।
5.5 परिवार आधारित हस्तक्षेप
नशे के शिकार लोगों के परिवारों के लिए काउंसलिंग और सहयोग समूह।
6. स्वतंत्रता दिवस 2025 की अपील
"जिस तरह 1947 में भारत ने विदेशी शासन से आज़ादी पाई थी, उसी तरह 2025 में हमें नशे के अंधकार से आज़ादी का संकल्प लेना होगा।"
हर नागरिक को व्यक्तिगत जिम्मेदारी लेनी होगी कि वह नशे से दूर रहेगा और दूसरों को भी बचाएगा।
गांव से शहर तक—"नशा छोड़ो, भारत जोड़ो" आंदोलन चलाया जाए।
7. निष्कर्ष
नशामुक्त भारत केवल एक सरकारी नारा नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का संयुक्त संकल्प है।
स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि असली आज़ादी तभी है जब मन, शरीर और समाज—सब स्वस्थ और मुक्त हों।
आरोग्य सेवा संस्थान इस दिशा में देशभर में जागरूकता, पुनर्वास और युवा नेतृत्व को बढ़ावा देकर भारत को नशे की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
✍️
नरपत सिंह चौहान
अध्यक्ष
आरोग्य सेवा संस्थान