18/08/2016
आपकी जानकारी के लिए मे यह बता दू कि मे पेशे में एक इंजीनियर हू। लगभग छब्बीस बरस से एक मल्टीनेशनल के कितने ही विभागो में काम कर चुका ऒर कर रहा हू।
इन सब के बावजुद मेरी जनसेवा की अन्दरुनी भावना को नही रोकपाया और आम सामाजिक पीड़ा को हर सभंव कम करने का संकल्प किया जो मेरे आराध्य अरिहन्त और सिद्ध प्रभु, महाकाल और महाकाली की कृपा से आखिरी सास तक करने की भावना ररवता हू।
कुछ परिस्थितियॉ जो आपको कुछ करने को प्रेरित करे और कुदरत भी साथ दे तो नई राह का निर्माण होता है और जीवन में नये अनुभव जुड़ते है और जन कल्याण मे भागीदार बनने का अवसर प्राप्त होता है।
ऐसा ही वाक्या लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व मेने अपने ऊपर ही पाया कि लगभग हर पॉचवे सातवे दिन मेरी र्गदन में तकलीफ हो जाती, में अपनी गर्दन गुमा नही पाता और काम को करने मे बहूत दिक्कत होती, और ये सिलसिला साल भर चलता रहा। साथ ही परिवार के अन्य बड़े बुर्जगो के साथ भी नाना प्रकार की शारीरिक कुछ न कुछ समस्या का सामना भी होता रहता।
विचार आया बीस वर्ष की उम्र मे ये हाल तो आगे क्या होने वाला है। इस विचार के साथ ही समस्या का समाधान मिला, एक नई शुरूआत हूई।
न्युरोलोजी फिजीशियन और सर्जन के चक्कर काटते काटते थक गया, आखिर में एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया जो पेशे में किसान थे, पर कर्म वेद्य के भी थे। किन्तु उन पर परमात्मा की असीम कृपा थी। उनको शरीर विज्ञान के बारे मे बहूत सुक्ष्म जानकारी थी, विशेष रूप से मनुष्य के शरीर की हड्डीया, नाड़ी ओर नस अपनी जगह से हिल जाना परिणाम स्वरूप उसकी भयंकर पीड़ा का उपचार वो कुछ ही समय मे कर देते है।
मेने कितनी ही बार बड़े बड़े होस्पीटल से मरीजो को वहाँ आकर उपचार कराते देखा। जो लारवो खर्च कर भी आराम नही मिला, वो सिर्फ अनुभवी वेद्य जी के हाथ लगाने से ठीक होता गया। कितने ही डाक्टर के प्लास्टर बाधे काटकर मरीज को आराम पंहूचाया।
किसी बड़े होस्पीटल मे मरीज को लारवो देने के बाद भी हर बार अपोइन्टमेन्ट लेकर डाक्टर को दिखाने तक में पसीने आ जाते, वहा वेद्य जी ने किसी भी मरीज का दौ मिनीट से ज्यादा समय नही लिया।
ये सब में देखकर में चकित रह जाता, क्यो कि उस समय में भी वहा एक मरीज की स्थिति में ही उपस्थित था।
और सोचता था एंक डाक्टर पाच छ: साल पढ़ाई करता है उसके बाद वो किसी मरीज को देखता है।इलाज शुरु करने से पहले कितनी ही जाचे करवा देते। फिर कहते आपकी रीड की हड्डी मे गेप आ गया है और गद्दी खिसक गई, और आपको ये ये सावधानिया ररवनी है, नही तो ओपरेशन करने पड़ेगा और फिजियोथेरेपी करवानी है, और जब तक पेन किलर खाने है।
इधर वेद्य जी कहते की कुछ नही हुआ सिर्फ नस खिच गई थी या खिसकी हड्डी अपनी जगह बिढा दी है।अब नमक को गर्म कर, पोटली बांधकर पिड़ीत स्थान पर सेक कर देना, दो तीन दिन मे आराम आ जाएग़ा।
उनकी फीस क्या थी पता है आपको? सिर्फ उनके कमरे में पहूचना जहा जमीन पर बैढकर अपनी बारी आने पर उनसे बात कर इलाज लेना। सारी प्रकीया दो से तीन मीनीट।
मेने उन्है कितनी बार निवेदन किया कि आपकी इस कला से आने वाली पिढ़ी केसे परिचित होगी और लाभ का मार्ग आम जन तक कैसे पहूचेगा तो हमेशा एक ही जबाब देते थे कि योग्य व्यक्ति का योग होगा तो आ जाएगा।
उनकी इस बात ने मूझे बहूत प्रभावित किया, क्यो कि एक करोड़ोपति किसान जनकल्याण में कितनी निष्ठाभाव से काम कर रहे है।
मेरी विनती को उन्होने स्विकार किया ओर मुझसे अनुभव साज्ञा किये, क्यो कि में भी एक मरीज था, वहाँ जाने आने का होता रहता था, मेरे इलाज के साथ विभिन्न प्रकार की तकलीफो का समाधान कैसे होता है वो जानकारी निरन्तर हासील करता रहा।
उन्ही अनुभवो के आधार पर इन पच्चीस बरस मे कितने लोगो का सफलता पुर्वक उनकी भयंकर पीड़ा से निजात दिला चुका हू।
एक ओर बीमारी, मेने इस संसार मे देखी की मनुष्य को बाहरी हवा लगना , (गन्दी हवा) या किसी ने किसी पर कुछ करवाया और उसकी तबीयत खराब हो गई, इलाज पर इलाज चल रह है पर आराम नही। इस तरह की घटना ने मूझे बहुत विचलित किया और यह क्या है इसके रहस्य को जानने की जिज्ञासा जागी। इस बारे मे जैनाचार्यों से और प्रखडं विद्धानो, भोपाओ से, जिनको देवी देवता आते है सम्पर्क किया, और अपनो जिज्ञासाओ से कई सवाल खड़े किये ओर समाधान के तोर तरीको पर विचार विमर्स किया, जिससे मन में भयंकर तुफान चल गया। कितने ही शास्त्र पढ़ ढाले, पर मन शांत होने का नाम ही नही ले रहा था।
किन्तु वो दिन भी आ ही गया जिसका इन्तजार था, और एक केन्द्र सरकार के अधिकारी के सम्पर्क में आया जिनको इस तरह के कामो में पचास वर्ष से ज्यादा अनुभव था।ओर बिना किसी शुल्क के निरन्तर जनसेवा कर रहे थे। उनसे मिलकर ऐसे ऐसे सत्य घटनाओ पर चर्चा हूई कि सुनकर रोगटे खड़े हो गये।और महसुस हो रहा था कि कलयुग कितनो सालो पहले ही शुरू हो चूका था।
दोस्तो अगर आप ओर आपके दोस्तो को मेरी ऊपर लिखी किसी समस्या से ग्रसीत पाये तो सम्पर्क कर शिघ्र समाधान प्राप्त कर सकते है।
! सेवा सत् प्रतिशत निशुल्क है !