Rishikul Yogpeeth

Rishikul Yogpeeth ऋषिकुल योगपीठ राष्ट्रीय स्तर पर योग क?

*विश्व योग दिवस-2025: विशेष महासत्र**ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से आज दिनांक 21 जून 2025 11वें विश्व योग दिवस - 2025 की ...
21/06/2025

*विश्व योग दिवस-2025: विशेष महासत्र*

*ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से आज दिनांक 21 जून 2025 11वें विश्व योग दिवस - 2025 की सभी देशवासियों को बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं ...💐💐💐💐💐।*

*आज विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में विशेष वार्ता ऋषिकुल योगपीठ फेसबुक लाइव शाम 6 बजे*

*आज की मुख्य वक्ता*
डॉ. ममता द्विवेदी जी
Ph.D. in Yoga
Counsellor
NET, QCI , DNYS
कानपुर (उत्तरप्रदेश)

इसलिए सभी लोग ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।

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ऋषिकुल योगपीठ(भारत)
Mob. 8318753365
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*योग एवं मानसिक स्वास्थ्य आधारित राष्ट्रीय सेमिनार:YOGACON-2025 कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ सम्पन्न:* दिनांक 18 मई 2025 दि...
19/05/2025

*योग एवं मानसिक स्वास्थ्य आधारित राष्ट्रीय सेमिनार:YOGACON-2025 कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ सम्पन्न:* दिनांक 18 मई 2025 दिन रविवार को उत्तरप्रदेश राजधानी लखनऊ के गांधी भवन ऑडिटोरियम, कैसरबाग में ऋषिकुल योगपीठ के तत्वाधान में योग एवं मानसिक स्वास्थ्य आधारित राष्ट्रीय महासम्मेलन:YOGACON-2025 का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के योग चिकित्सको ,योग प्रशिक्षकों, योगासन खिलाड़ियों व योग साधकों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में योग एवं मानसिक स्वास्थ्य आधारित विषय पर डॉ. ममता द्विवेदी जी ने वैज्ञानिक आधार के साथ व्याख्यान किया तथा डॉ. शिखा गुप्ता जी ने योग निद्रा के माध्यम से मेडिटेशन कराया साथ ही योग गुरु कृष्ण दत्त मिश्रा जी ने भी योग विषय पर संबोधित किया।

कार्यक्रम में आये हुए विभिन्न राज्यों से योग चिकित्सको, योग प्रशिक्षकों व योगासन खिलाड़ियों को पुरष्कार देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष व संस्थापक ऋषिकुल योगपीठ : डॉ. देवनाथ शुक्ल , डॉ. विजाता आर्या जी,डॉ. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा जी, डॉ. शिखा गुप्ता, श्री संजय गुप्ता जी : अध्यक्ष आदर्श व्यापार मंडल ,योग गुरु के. डी. मिश्रा जी, श्री अजय कुमार सिंह व डॉ भगवान दास जी ने श्रद्धा सुमन के साथ दीप प्रज्वलन कर किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री माननीय श्री दिनेश दुबे जी व गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. विजाता आर्या जी, डॉ. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा जी, डॉ शिखा गुप्ता जी, योग गुरु के. डी. मिश्रा जी, श्री संजय गुप्ता जी, श्री आनंद पांडेय जी, योग गुरु नविता सिंह जी, योग गुरु सुमन लता जी , योग गुरु अर्चना वर्मा जी, योग गुरु प्रशांत शुक्ला जी रहे साथ ही विशिष्ट अतिथि श्री ओंकार नाथ शुक्ला जी, डॉ. भगवान दास जी,श्री प्रदीप मिश्रा जी, श्री अनिल शर्मा जी, डॉ. हरीश गुप्ता जी,डॉ. अंजलि सिंह जी, श्रीमती कालिंदी पाल जी, श्री हर्षित जी, श्री राम प्रसाद जी, श्री संजय पाण्डेय जी, श्री पंकज कुमार जी, श्री पंकज कुमार सिंह जी, श्री क्षितिज कुमार वर्मा जी रहे जिनका स्वागत अभिनंदन व सम्मान कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. देवनाथ शुक्ल जी ने अपने सहयोगी श्री अजय कुमार सिंह जी के साथ मिलकर किया।

कार्यक्रम में आये हुए योग चिकित्सको, योग प्रशिक्षकों व योगासन खिलाड़ियों योगा एक्सीलेंस सम्मान, योग शिरोमणि सम्मान व योग रत्न सम्मान व योगासन खेल रत्न सम्मान मुख्य अतिथि के द्वारा प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री अजीत कुमार, श्री नवीन गौड़, श्री सुरेश कुमार वर्मा,श्री सोनू कुमार रावत, श्री राम प्रसाद, श्री कमल नयन तिवारी,श्री वैभव तिवारी,श्री नीरज चौधरी, श्री अमित कुमार, श्री विशाल कुमार, श्रीमती विमलेश, सुश्री कमल दीप कौर, श्री लोकनाथ शुक्ल जी ने कार्यक्रम संचालन में सहयोग किया।

कार्यक्रम का मंच संचालन श्री राजेन्द्र विश्वकर्मा जी व डॉ. धर्मेंद्र कुमार मिश्रा जी ने किया।

*ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक मह...
10/04/2025

*ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक महाआयोजन राष्ट्रीय सम्मेलन-2025 राजधानी लखनऊ के गांधी भवन ऑडिटोरियम में आयोजित करने जा रहा है।*

अतः आप सभी को ऋषिकुल योगपीठ परिवार आमंत्रित करने का आह्वान करता है।

*NATIONAL SEMINAR: (YOGA and MENTAL HEALTH)*

*"मुख्य विषय: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य"*

*AWARD FUNCTION: *YOGACON-2025*

*.........Awards........*
1. योगासन खेल रत्न सम्मान
2. योग रत्न सम्मान
3. योग शिरोमणि सम्मान
4. योगा एक्सीलेंस सम्मान

*18 मई 2025, दिन रविवार समय प्रातः 9:00 बजे*
*गांधी भवन ऑडिटोरियम-लखनऊ (उ0 प्र0)*

रजिस्ट्रेशन करने हेतु लिंक https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdpID21SodHRhB_u6dnRZtXGNfb5dVUI9JS0I6M9XWnRe6Z9Q/viewform?usp=pp_url

व्हाट्सएप्प ग्रुप में जुड़ने का लिंक https://chat.whatsapp.com/CW9lNMhHrZHCRmF3hwjtxG

टिकट बुक करने हेतु लिंक https://allevents.in/lucknow/80007746427964

धन्यवाद।
योग शिक्षा विभाग
ऋषिकुल योगपीठ(भारत)
Mob. 8318753365
www.rishikulyogpeeth.in

ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक महा...
08/04/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक महाआयोजन राष्ट्रीय सम्मेलन-2025 राजधानी लखनऊ के गांधी भवन ऑडिटोरियम में आयोजित करने जा रहा है।

अतः आप सभी को ऋषिकुल योगपीठ परिवार आमंत्रित करने का आह्वान करता है।

NATIONAL SEMINAR
YOGA & MENTAL HEALTH
AWARD FUNCTION:YOGACON-2025

"विषय विशेष: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य"

18 मई 2025, समय प्रातः 9:00 बजे

गांधी भवन ऑडिटोरियम-लखनऊ उ0प्र0

Topic Series

1. योग एवं मानसिक स्वास्थ्य क्या है?
2. योग द्वारा तनाव प्रबंधन।
3. योग मुद्रा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन।
4. ऊँकार एवं ध्यान।
5. क्रिया योग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य लाभ।
6. योग निद्रा द्वारा मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन।

धन्यवाद।

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ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से .....आज श्री रामनवमी के पावन-पुनीत अवसर पर समस्त देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं। त्याग,...
06/04/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से .....आज श्री रामनवमी के पावन-पुनीत अवसर पर समस्त देशवासियों को अनेकानेक शुभकामनाएं। त्याग, तपस्या, संयम और संकल्प पर आधारित मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी का जीवन हर युग में मानवता की प्रेरणाशक्ति बना रहेगा।

धन्यवाद।

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*ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक मह...
03/04/2025

*ऋषिकुल योगपीठ परिवार इस बार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दिनांक 18 मई 2025, प्रातः 9 बजे: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक महाआयोजन राष्ट्रीय सम्मेलन-2025 राजधानी लखनऊ के गांधी भवन ऑडिटोरियम में आयोजित करने जा रहा है।*

अतः आप सभी को ऋषिकुल योगपीठ परिवार आमंत्रित करने का आह्वान करता है।

*NATIONAL SEMINAR- YOGA and MENTAL HEALTH & AWARD FUNCTION: *YOGACON-2025*

*"मुख्य विषय: योग एवं मानसिक स्वास्थ्य"*

*18 मई 2025, दिन रविवार समय प्रातः 9:00 बजे*
*गांधी भवन ऑडिटोरियम-लखनऊ (उ0 प्र0)*

धन्यवाद।
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ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व की महिलाओं को आज 8 मार्च 2025 , अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई व ...
08/03/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सम्पूर्ण विश्व की महिलाओं को आज 8 मार्च 2025 , अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं तथा नारी शक्ति को नमन.......💐💐💐💐💐

1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी.अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस या महिला दिवस, कामगारों के आंदोलन से निकला था, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी.

इस दिन को ख़ास बनाने की शुरुआत आज से 115 बरस पहले यानी 1908 में तब हुई, जब क़रीब पंद्रह हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली. उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों. तनख़्वाह अच्छी मिले और महिलाओं को वोट डालने का हक़ भी मिले.

एक साल बाद अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एलान किया. इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का ख़याल सबसे पहले क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला के ज़हन में आया था.

क्लारा एक वामपंथी कार्यकर्ता थीं. वो महिलाओं के हक़ के लिए आवाज़ उठाती थीं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव, 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था.

उस सम्मेलन में 17 देशों से आई 100 महिलाएं शामिल थीं और वो एकमत से क्लारा के इस सुझाव पर सहमत हो गईं. पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया. इसका शताब्दी समारोह 2011 में मनाया गया. तो, तकनीकी रूप से इस साल हम 112वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने जा रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में उस वक़्त मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने भी ये जश्न मनाना शुरू कर दिया. संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए पहली थीम 1996 में चुनी थी, जिसका नाम 'गुज़रे हुए वक़्त का जश्न और भविष्य की योजना बनाना' था.

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, समाज में, सियासत में, और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की तरक़्क़ी का जश्न मनाने का दिन बन चुका है. जबकि इसके पीछे की सियासत की जो जड़ें हैं, उनका मतलब ये है कि हड़तालें और विरोध प्रदर्शन आयोजित करके औरतों और मर्दों के बीच उस असमानता के प्रति जागरूकता फैलाना है, जो आज भी बनी हुई है।

धन्यवाद।

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ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों को आज पावन महापर्व महाशिवरात्रि की बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं........
26/02/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों को आज पावन महापर्व महाशिवरात्रि की बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं.....💐💐💐💐💐

महाशिवरात्रि को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसे सबसे बड़ी शिवरात्रि माना जाता है. जानिए इसके महत्व और महाशिवरात्रि से जुड़ी तमाम पौराणिक कथाओं के बारे में।

महाशिवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद खास होता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ लोग व्रत भी रखते हैं. ये त्योहार शिवजी और माता पार्वती को समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा की जाती है. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास होता है।

हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. महाशिवरात्रि मासिक शिवरात्रि से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसे सबसे बड़ी शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस त्योहार को पूरे देश में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं. इस साल महाशिवरात्रि आज 26 फरवरी को पड़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं और इसे मनाने के पीछे क्या पौराणिक कथा है।

महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव और पार्वती विवाह संपन्न हुआ था. यह त्योहार उनकी वैवाहिक वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. शादीशुदा व्यक्तियों के लिए महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. कुछ लोग महाशिवरात्रि को भगवान शिव की शादी की सालगिरह के रूप में मनाते हैं, तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन शिव ने अपने सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त की थी. कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था. वहीं कुछ कथाओं में यह उल्लेख है कि फाल्गुन मास की चतुर्दशी को शिव दिव्य ज्योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. यहां जानें महाशिवरात्रि से जुड़ी कुछ पौराणिक कथाओं के बारे में।

महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा
शिव पुराण के अनुसार, एक बार सृष्टि के आरंभ में ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया. इस विवाद के दौरान एक अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और आकाशवाणी हुई कि जो भी इस स्तंभ के आदि और अंत को जान लेगा, वही ही श्रेष्ठ कहा जाएगा. ब्रह्मा और जगत के पालनहार विष्णु, दोनों ने युगों तक इस स्तंभ के आदि और अंत को जानने की कोशिश की, लेकिन वे इसे नहीं जान सके. तब भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने अपनी हार स्वीकार करते हुए अग्नि स्तंभ से रहस्य बताने की विनती की।

तब भगवान शिव ने कहा कि श्रेष्ठ तो आप दोनों ही हैं, लेकिन मैं आदि और अंत से परे हूं. इसके बाद विष्णु भगवान और ब्रह्मा जी ने उस अग्नि स्तंभ की पूजा अर्चना की और वो स्तंभ एक दिव्य ज्योतिर्लिंग में बदल गया. जिस दिन ये घटना घटी, उस दिन फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि थी. तब शिव ने कहा कि इस दिन जो भी व्यक्ति मेरा व्रत व पूजन करेगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे और सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. तब से इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाने लगा।

धन्यवाद।

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ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों  को आज दिनांक 26 जनवरी 2025 , 76वें गणतन्त्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाई...
26/01/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों को आज दिनांक 26 जनवरी 2025 , 76वें गणतन्त्र दिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं..💐💐💐

26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत का संविधान स्वीकार किया था. इसके बाद 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया. यही वजह है कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. ..

जय हिन्द जय भारत

धन्यवाद

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ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों को आज दिनांक 12 जनवरी 2025 , राष्ट्रीय युवा दिवस -2025 व स्वामी विवेकानंद ज...
12/01/2025

ऋषिकुल योगपीठ परिवार की ओर से सभी देशवासियों को आज दिनांक 12 जनवरी 2025 , राष्ट्रीय युवा दिवस -2025 व स्वामी विवेकानंद जयंती की बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं....💐💐💐💐💐

हिंदू धर्म प्रवर्तक, वेदों के ज्ञाता,आध्यात्मिकता से परिपूर्ण स्वामी विवेकानंद ने अपने महान व अनमोल विचारों और आध्यात्मिक ज्ञान से समस्त मानव और खासकर युवाओं को नई राय दिखाई है. यही कारण है कि उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत कहा जाता है और प्रत्येक वर्ष विवेकानंद जी की जयंती यानी 12 जनवरी के दिन को 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
स्वामी विवेकानंद को ऐसे महान पथ प्रदर्शक के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने भारत की सभ्यता, धर्म और संस्कृति को पूरे विश्व से रूबरू कराया. आज भी उनके महान विचार और मूल मंत्र युवाओं को देश औऱ समाज की स्थिति सुधारने और बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर जानते हैं उनके संपूर्ण जीवन दर्शन और आधारभूत सिद्धांतों के बारे में.

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में कलकत्ता शहर में हुआ था. कहा जाता है कि उनके बचपन का और पहला नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और प्रतिभाशाली थे. कम उम्र में ही उनकी रुचि आध्यात्म की ओर हुई. वे 25 साल की उम्र में संयासी बन गए और गेरुआ वस्त्र धारण कर लिया.

विवेकानंद जब ईश्वर की खोज में थे, तब उनकी मुलाकात भारत के महान संत, आध्यात्मिक गुरु और विचारक स्वामी रामकृष्ण परमहंस से हुई. वे रामकृष्ण परमहंस के सबसे सुयोग्य शिष्य थे. उन्होंने पूर्ण समर्पण भाव से अपने गुरु की सेवा की और उनके कर्म पथपर चलते हुए प्रसिद्ध भी हुए.

1886 में जब रामकृष्ण परमहंस का निधन हो गया तब विवेकानंद ने अपने गुरु की स्मृति में 1889 में रामकृष्ण मिशन स्थापित की और उनके द्वारा दिए गए वेदांत के उद्देश्यों का आजीवन प्रचार किया. उन्होंने वेदांत के प्रचार से हिंदू धर्म की महानता को विश्वभर में फैलाया.

स्वामी विवेकानंद की मृत्यु बहुत कम उम्र में ही हो गई. उन्होंने 4 जुलाई 1902 में अंतिम सांस ली, तब वे केवल 39 वर्ष के थे. कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. लेकिन इसके बावजूद वे अपने शरीर को स्वस्थ रखने और जीवनशैली में कोई कोताही नहीं करते थे. जीवन के आखिरी समय में बेलूर में अपने शिष्यों के साथ थे. उनके शिष्यों अनुसार, जीवन के अंतिम दिन यानी 4 जुलाई को सुबह उन्होंने दो-तीन घंटे ध्यान किय और इसके उन्होंने ब्रह्मरन्ध्र को भेदकर महासमाधि ले ली. बेलूर के गंगाघाट पर चंदन की चिता पर स्वामी विवेकानंद की अंतेष्ठी की गई थी.

स्वामी विवेकानंद के आधारभूत सिद्धांत

ज्ञान व्यक्ति के मन में विद्यमान है और वह स्वयं ही सीखता है.

मन, वचन और कर्म की शुद्ध आत्मा नियंत्रण है.

शिक्षा से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास होता है.

लड़के और लड़कियां दोनों को समान शिक्षा मिलने का अधिकार होना चाहिए.

स्त्रियों को विशेष रूप से धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए.

जनसाधारण में शिक्षा का प्रचार किया जाना चाहिए.

धन्यवाद।

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