20/11/2025
“जाँच में खुलेंगे नशे के नये पड़ते — SIT खंगालेगी सीरप माफिया की 10 साल की कुंडली!”
वाराणसी के बहुचर्चित प्रतिबंधित कफ सीरप तस्करी प्रकरण में अब कमिश्नरेट पुलिस एक्शन मोड में आ गई है। करोड़ों की तस्करी में नेताओं और पुलिस की भूमिका पर उठते सवालों के बीच पुलिस कमिश्नर ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है, जो माफिया शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल और पूरे नेटवर्क की कुंडली खंगालेगी। एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी. SIT के अध्यक्ष होंगे, जबकि एसीपी कोतवाली अतुल अंजन त्रिपाठी सदस्य और SHO कोतवाली दयाशंकर सिंह विवेचक नियुक्त किए गए हैं। पूरी जांच की साप्ताहिक समीक्षा DCP काशी करेंगे।
SIT शुभम जायसवाल के पिछले 10 वर्षों के अवैध कारोबार, उससे खरीदे गए मकान, कॉम्पलेक्स, होटल और मार्केट तक की जांच करेगी। शुभम के संपर्कों, परिजनों, दोस्तों और सहयोगियों सहित 100 से अधिक दवा व्यवसायियों और उनकी फर्मों की भूमिका भी जांच के दायरे में रहेगी। SIT की रडार पर ऐबोट हेल्थकेयर के सुपर स्टॉकिस्ट *शैली ट्रेडर्स* भी शामिल है, जिसे रांची से फर्जी नाम और पते के आधार पर काशी में पंजीकृत कर अवैध कारोबार चलाया जा रहा था।
औषधि विभाग की जांच में सामने आया कि शुभम जायसवाल और उसके नेटवर्क ने 100 करोड़ की कीमत की 89 लाख शीशी प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप की खरीद–फरोख्त की। 93 मेडिकल स्टोरों के नाम पर 84 लाख शीशियों की खरीद-बिक्री दिखाई गई, जिनमें से अधिकांश दुकानें मौके पर मौजूद ही नहीं थीं। नौ बंद फर्मों—जैसे सृष्टि फार्मा, जीटी इंटरप्राइजेज, शिवम फार्मा, हर्ष फार्मा, डीएसए फार्मा, महाकाल मेडिकल स्टोर, निशांत फार्मा, वीपीएम मेडिकल एजेंसी और श्री बालाजी मेडिकल—का इस्तेमाल फर्जी बिलिंग और नशा सप्लाई के लिए किया गया।
DCP की निगरानी में SIT की जांच अब संपत्तियों की खरीद, फर्जी लाइसेंसिंग, नकली बिलिंग और बंगाल–बांग्लादेश तक फैले नेटवर्क की असल जड़ तक जाएगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार सप्तसागर दवा मंडी के 150 स्टॉकिस्टों पर दबाव डालकर बिलिंग कराई जाती थी और गोदाम में पहुंचने से पहले माल सीधे शुभम के गोदाम में भेज दिया जाता था।
औषधि आयुक्त रोशन जैकब के निर्देशन में हुई जांच में पता चला कि शुभम एक ही समय में रांची स्थित शैली ट्रेडर्स और वाराणसी स्थित न्यू वृद्धि फार्मा में कार्यरत मिला, जो लाइसेंसिंग नियमों का गंभीर उल्लंघन है। शुभम और उसके पिता भोला जायसवाल सहित 28 दवा कारोबारियों के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज किया जा चुका है। शुभम विदेश भाग चुका है और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस की तैयारी चल रही है।
SIT की जांच में नाम आने वाले प्रमुख दवा कारोबारियों में तुषार अग्रवाल, नीरज सेठ, महेश कुमार लालवानी, मनोज यादव, रिषभ यादव, राजीव यादव, प्रतीक कुमार, धर्मेंद्र अग्रवाल, विवेक खन्ना, अल्पेश पटेल, मुकेश यादव, योगेंद्र श्रीवास्तव, बीरेंद्र वर्मा, दिलीप कुमार, महेश खेतान, दीवेश जायसवाल, विकास सिंह, विनोद केसरवानी, अंकुश सिंह, प्रतीक मिश्रा, विशाल जायसवाल, नीरज सिंह, अशोक सिंह, राहुल यादव, आदर्श पांडेय और आनंद जायसवाल जैसे नाम शामिल हैं। औषधि विभाग की टीमें 76 फर्मों की जांच कर रही हैं और जिन 26 फर्मों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, उनके लाइसेंस निरस्त किए जा रहे हैं।
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