20/11/2025
संसार में होने वाले ज्यादातर रोग एलोपैथिक औषधियां के दुष्प्रभाव हैं।
मैंने अपने होम्योपैथिक चिकित्सा में हजारों टाइफाइड बुखार से ग्रस्त रोगियों का इलाज किया। पहले मैं विडाल टेस्ट करवाता था ,लेकिन पिछले 15 वर्षों से मैं रोगियों की जांच नहीं करवाता।
कोई आसानी से पूछ सकता है कि आपको कैसे मालूम कि रोगी को टाइफाइड बुखार है? इसी को अनुभव कहते हैं। मैं बिना जांच के यह समझ सकता हूं कि रोगी को टाइफाइड बुखार है। अथवा मलेरिया बुखार है।
मैं वैज्ञानिकता की के पचरे में नहीं फंसना चाहता। इससे रोगी की धन हानि होती है और हमें कोई विशेष सहायता नहीं मिलती। फायदा नहीं होता। बिना जांच के इलाज करने पर भी रोगी हफ्ते से 10 दिन में ठीक हो जाता है।
मैंने कुछ ऐसे रोगियों का इलाज किया है जिनको वर्षों से असाध्याय बीमारियां थी। जैसे 10 साल का माइग्रेन, पुरुषों या महिलाओं में बांझपन Sterility. मैं यहां रोगों का नाम नहीं लिखना चाहता। लेकिन यह बताना चाहता हूं कि टाइफाइड बुखार के गलत इलाज से या एलोपैथिक इलाज से शरीर में बहुत सारी बीमारियां होती हैं। आप इन्हें एलोपैथिक दवावों का साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव भी कर सकते हैं।
जब माइग्रेन के इलाज के लिए रोगी मेरे पास आया तो लक्षणों के आधार पर इलाज दिया गया, तो रोगी को एक हफ्ते बाद बुखार हो गया। उसके बाद जब रोगी ने बुखार होने की शिकायत की तो पता चला कि उसे 5 साल पहले भयानक टाइफाइड हुआ था। इस प्रकार हर साल उसे टाइफाइड होता है। जब होम्योपैथिक चिकित्सा के द्वारा टाइफाइड ठीक हुआ तो माइग्रेन भी साथ-साथ समाप्त हो गया ।
टाइफाइड बुखार का इलाज केवल होम्योपैथी या आयुर्वेद में ही संभव है। क्योंकि टाइफाइड की बैक्टीरिया आपकी आंतों में लंबे समय के कब्जियत के बाद पनपती है। आप आंतो की बैक्टीरिया को मार नहीं सकते। जब आप इन्हें मारने की कोशिश करते हैं ,तो आंतों के अंदर रहने वाली स्वास्थ्य दायक बैक्टीरिया भी मर जाती है। या जल्दी मर जाती है।
टाइफाइड बुखार में ली जाने वाली एलोपैथिक एंटीबायोटिक आंतों में ज्यादा कब्जियत पैदा करती है। और आंतों की बैक्टीरिया को मारती है। जिसके साथ स्वास्थ्य दायक बैक्टीरिया भी मर जाती है।आपका बुखार ठीक हो जाता है, यह भ्रम है।
वास्तव में बुखार रूपांतरित हो जाता है और किसी दूसरे रोग के रूप में प्रकट होता है।
जैसे माइग्रेन, आंतों में सूजन, बवासीर, गैस एवं एसिडिटी, आंखों की रोशनी में दिक्कत, बालों का गिरना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द। आदि बहुत सारी शारीरिक समस्याएं जन्म लेती हैं।
इस प्रकार आपके आंतों का सुरक्षा कवच समाप्त हो जाता है। और आप सैकड़ो बीमारियों से घिर सकते हैं। असाध्य बीमारियों से बचना है तो आंतों का साफ होना , कब्ज मुक्त होना,और टाइफाइड बुखार होने पर होम्योपैथिक चिकित्सक से इलाज लेना ही समाधान है।