30/12/2019
Alakh Niranjan Om Shiva Gorakh - Adesh
Nath Yog Viddya - Meditation Sadhana
गोरक्ष पद्धति के अनुसार;- 1-तैलमिले सिन्दूर के द्रव (रस) के समान रज सूर्य स्थान नाभि मण्डल में रहता है तथा बिन्दु (वीर्य) चन्द्रमा के स्थान कण्ठ देश षोडशाधर चक्र में स्थिर रहता है। इन दोनों का ऐक्य अत्यन्त दुर्लभ है। 2-विन्दु शिव रज शक्ति है। इनके एक होने से योग सिद्ध एवं परम पद प्राप्त होता है। चन्द्रमा सूर्य का ऐक्य करना ही योग है। 3-शक्ति चालीनी विधि से वायु द्वारा जब रज-बिन्दु के साथ ऐक्य को प्राप्त होता है तब शरीर दिव्य हो जाता